19-05-2019, 01:16 AM
सहाय और जोर से ठोकर मरता हुआ - झड साली रंडी की औलाद आज तुझे रात पर बरसाऊंगा, रात पर ऐसे ही टप टप कर तेरी चूत बहेगी और तू ऐसे ही कांप काँप कर झाड़ेगी | सहाय ने फिर करार झटका मारा | मिली कांप कांप कर शांत हो गयी | लेकिन न उसकी चूत की चुदाई रुकी न सहाय ने ऐसी कोई कोशिश की | मिली को पाने हाथ पाँव में कमजोरी महसूस होने लगी थी, लेकिन नीचे उसकी चूत में आते जाते सटासट लंड की वजह से उसके बदन की गरमी बरकरार थी | कुछ देर बाद जब उसका शरीर पर नियंत्रण लौटा तो वो भी बीच बीच में अपनी कमर उठकर धक्के लगाकर अपनी चूत में लंड लेने लगती |
जब मिली कमर हिलाने लगती तो सहाय थम जाता | मिली में अब उतना दम नहीं बचा था वो दस बीस झटके लगाकर शांत हो जाती और सहाय की कमर फिर हिलने लगती और सहाय का लंड मिली की चूत को फिर चीरने लगता चोदने लगता | सटासट मिली की मखमली नरम चूत में जाता लंड दोनों को उत्तेजना के चरम की ओर ले जा रहा था | दोनों के तपते बदन एक दुसरे के अन्दर लगी हवस की आग को शांत करने की पुरजोर कोशिश कर रहे थे, इसी लिए दोनों अपने अपने जिस्म को जमकर निचोड़ने में लगे थे, जिससे दोनों के जिस्मो के सावनी फुहारों के फव्वारे फूटे और उनके बदन में लगी हवस की आग शांत हो सके | सहाय बिना रुके मिली की चूत को लगातार चोद रहा था और ऐसा बहुत कम होता है जब मर्द बिना ब्रेक लिए ऐसा कर पाए, तो मिली के लिए ये किसी जैकपोट से कम नहीं था | एक दो उसे इतना दमदार चोदने वाला मिला और उसे इसके पैसे भी मिलेगें | मिली के तो दोनों हाथो में लड्डू थे | उसे बस चुदते रहना था | यहाँ उसकी मर्जी चलने की गुंजाईश कम थी वैसे भी एक बार चुदाई शुरू होने के बाद औरतो की कहाँ चलती है | फिर तो जब तक पिचकारी न छुट जाये मर्द अपने हिसाब से ही औरत को चोदते है | फिर औरत चाहे टांग पटके या सर | जब तक आदमी झड़ नहीं जाता, चूत का रौदना रुकता नहीं | यहाँ तो मिली को तीन बार तो अपने होशो हवास में झड़ी बाकि भीषण चुदाई की ठोकरों के बीच उसके ओर्गास्म के कितने राउंड हुए उसे खुद ही नहीं पता | सहाय की भीषण चुदाई की ठोकरों में मिली बदहवास सी हो जाती और फिर उसे भी अपने ओर्गास्म नहीं पता चलते | उसे बस इतना पता होता उसे कई बार झाड़ कर झड़ने वालो में था सहाय | सहाय के इतनी देर तक चोदने के पीछे का राज शायद मिली ही थी जो उसे खाने में और नाश्ते में ताकत के सुप्प्लिमेंट्स देती रहती थी, जो मर्द की ताकत तीन से चार गुना बढ़ा देते थे | फिलहाल न तो इन सब बातो कि न तो मिली को परवाह थी , न सहाय को | सहाय धकाधक मिली की चूत में लंड पेले जा रहा था | उसकी चूत का गीलापन सुख गया था लेकिन उसकी चूत की नरम दीवारों के कारन सहाय का पूरा का पूरा लंड मिली की चूत में समाये जा रहा था | जब चूत गरम होती है तो उसकी दीवारे फ़ैल जाती है और बड़े से बड़ा या यूं कहे अपने साइज़ का चार गुना लंड तक ले सकती है | चूत २ से चार या 6 इंच तक गहरी होती है | सबका अलग अलग साइज़ होता है | अब ४ इंच की चूत अपने अधिकतम फैलाव में १६ इंच का लंड ले सटी है फिर यहाँ तो मिली 9 इंच लम्बा लंड ही अपनी चूत मे ले रही थी | मिली बस आहे कराहे भर रही थी और नज़रे नीची करके अपनी चूत में गायब होते लंड को देख रही थी | पीछे बुरी तरह हांफता सहाय थोड़ा थमकर अपने लंड को ठीक करता है और फिर चूत में घुसेड देता है और मिली के चूत दाने को रगड़ने लगता है | अपनी घनघोर चुदाई में मंत्रमुग्ध मिली और ज्यादा आनंदित हो जाती है | चूत दाने को मसलने के कारन उठने वाली वासना की तरंगो के कारन अपनी जांघे सिकोड़कर लंड को कसने की कोशिश करने लगती है, सहाय उसकी जांघे फैलाता है लेकिन् मिली फिर से जांघे सिकोड़ लेती है | जिससे लंड नरम जांघो की एक्स्ट्रा रगड़न खाने लगता है | सहाय फिर से मिली की जांघे फैलाता है और उसके चूत दाने को रगड़ने की बजाय उसके दोनों स्तन हथेलियों में भरकर मसलने लगता है | मिली के चेहरे पर स्तनों के बुरी तरह मसलने के कारन कामुक दर्द की लकीरे तैर जाती है | सहाय और ज्यादा गहरे धक्के मिली की चूत में लगाने लगता है |
मिली के मुहँ की सिसकारियां और तेज हो जाती है | कमरे में बस फच फच चट चट की आवाजे ही गूँज रही थी | फच फच चट चट की आवाजो के बीच मिली की कराहे तब तेज हो जाती जब सहाय मिली के दोनों निप्पल चुटकी से कसकर पकड़कर मसलने लगता है और भीचने लगता है | मिली के मुहँ से बस यही निकलता - ओह्ह्ह्ह्ह्ह मा्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह ईईईईईर्र्ररररर | वो दर्द भरी मादकता से कराहकर रह जाती है लेकिन उसका उत्तेजना से भरा गरम शरीर ये बर्दाश्त कर ले जाता है | उसकी चूत में सहाय गहरे गहरे धक्के लगा रहा था | हर लगते धक्के का एक्सप्रेशन मिली के चेहरे पर दिख रहा था | सहाय के मिली के जिस्म को लगते धक्को के कारन शरीर में कराह पैदा कर दी थी | हर धक्के पर उसका कराहना बता रहा था अब वो अपनी शरीर की शक्ति से निढाल हो बस सहाय के झड़ने की आस में टिकी है और सहाय का मोटा लंड सटासटअपनी चूत मे ले रही है | सहाय ने भी पिछले आधे घंटे में उसकी चूत का कोना कोना बजा डाला था और उसके जिस्म का पुर्जा पुर्जा हिला डाला था | कोई इस तरह से एक औरत को चोद दे तो उसकी चूत में कम से कम तीन महीने तक खुजली नहीं मचेगी और न ही उसके जिस्म में हवस की भूख जगेगी | मिली को इस चुदाई की आदत हो गयी थी, उसके लिए हर हफ्ते के अंत में या कई बार हफ्ते में दो बार यही होना था, कभी लम्बा तो कभी शार्ट | सहाय को भी मिली कोक चोदकर बहुत मजा आता था| अब मिली को चोद पाना सामान्य लंड के बस का नहीं था | उसे सहाय जैसा ही कोई तगड़ा लंड चोद सकता था | सहाय मिली की चूत में लंड पेले जा रहा था | मिली को भी अपनी चूत के सूखे पन का अहसास हुआ | उसने मुहँ से ढेर सारी लार निकाली और अपनी चूत के मुहाने पर मल दी | सहाय ने दो चार करारे धक्के लगाये, जिससे मिली का पुर्जा पुर्जा हिल गया|
वो कराह पड़ी - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ सर थोड़ा धीईरीईईईई रीईईईईए ,
आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मममममर्र्र्र्र्र्र गय्य्य्यी्ई्ई्ई्ई्ई रे ऊऊऊऊऊउ ईईईईईईईईईइ फ्फ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ प्लीजजजजजजजजजज सससससरररर रररररररररररर आआआआराआम्म्म्म स्स्स्से ओओओओओओफ्फ्फ्फ, आह ओओओओओओफ्फ्फ्फ, आह |
सहाय ने लंड बाहर निकल लिया और मिली को आराम के लिए पीठ के बल लिया दिया | उसके पेट पर आकर बैठ गया, उसने घुटनों को बिस्तर पर टिका दिया और अपने खड़े लंड को मिली के खरबूजे जैसे बड़े बड़े मुलायम उरोजो के बीच में रख दिया | मिली ने अपने मुहँ से ढेर सारी लार निकली और सहाय के गरम सख्त लंड पर मल दी | फिर उसने अपनी दोनों उरोजो को हथेली में भरकर आपस में सटा दिया ताकि सहाय उसके स्तनों को चोद सके | सहाय ने अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी और मिली के रुई की तरह नरम नरम उराजो के बीच गरम तगड़ा लंड फिसलने लगा | सहाय मिली के स्पंज की तरह नरम स्तनों के बीच अपना कड़क गरम लंड मसल रहा था और मिली अपने दोनों उरोजो को थामे उसके लंड के चारो तरफ लपेटे हुई थी | मिली की चूंची चुदाई चल रही थी | उसकी नजरे सहाय की तरफ थी और सहाय की नजरे मिली के थके हुए कामुक चेहरे की तरफ | मिली को देखकर ही लग रहा था वो चुदाई से बुरी तरह थक गयी है | फिर भी वो सहाय का पूरा साथ दे रही थी, उसके जिस्म में जीतनी भी ताकत थी सब समेट के वो भी सहाय के साथ हवस का ये नंगा नाच बराबर खेल रही थी | सहाय ने लंड मसलते मसलते मिली को गोद में उठाया और एक टेबल पर आकर बैठ गया |
उसने अपना लंड मिली की चूत में घुसेड दिया और हलके हलके चोदने लगा | सहाय भी उत्तेजना के चरम पर पंहुचने के करीब था वो चाहता तो अगले कुछ मिनट मिली को जमकर चोदकर उसकी चूत में अपनी गरम सफ़ेद मलाई भर देता, लेकिन वो यहाँ जल्दी से फारिग होने नहीं आया था | वो तो यहाँ जितना ज्यादा हो सके चुदाई के मजे लेने आया था| उसने मिली को हौले हौले चोदना शुरू किया, उसके हाथ मिली के हाहाकारी मांसल चुदे चुताड़ो पर जमे थे और वो उन्ही के सहारे मिली को ऊपर उछाल उछालकर मिली की चूत में लंड पेल रहा था | मिली और सहाय के ओंठ आपस में सटे हुए थे दोनों एक दुसरे के अन्दर की सारी लार पी जाने पर उतारू थे | कभी सहाय मिली के ओंठ कचोटने लगता, तो कभी मिली अपनी जीभ सहाय के मुहँ में भरकर उसके ओंठो की प्यास बुझाने लगाती | सहाय का लंड बस आधा ही मिली की चूत में अन्दर बाहर हो रहा था | उस पर भी इतनी देर से एक्सप्रेस स्पीड से मारते तेज धक्को का असर दिखने लगा था | ऊपर से अब वो मिली का और कचूमर नहीं निकालना चाहता था | वो आराम आराम से चोदकर इस पल को जितना लम्बा खीच सके खीचना चाहता था | मिली भी आराम से चुद रही थी, उसे भी अपने बॉस से कोई शिकायत नहीं थी | मिली के मुहँ से धीमी मादक सिसकारियां फूट रही थी - आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह, ओ्ओ्ओह्ह्ह् माई स्वीट बॉस बस मुझे ऐसे ही ययस्स्स्सस्स्सस यस्स्स्स्, प्यार करो, करते रहो |
मिली - आ्आआ््आआ््हह्ह, ओ्ओ्ओह्ह्ह् मेरी जा्आ्आ्आ्आन, इस्स्स्स्स ओ्ओ्ओह्ह्ह् माई स्वीट बॉस बस ऐसे ही मुझे चोदते रहो | ऐसे ही चोचोदचोचोचोद कररररर ल्ल्लंड अंदर घुस्स्स्स्आ्आ्आ्आ्ह्ह तेतेतेतेतेते रहोहोहोहो |
सहाय का चरम भी नजदीक ही आ रहा था उसका भी मूड बन चूका था - ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान हां मेरी रानी, चोद रहा हूँ, तुझे |
मिली की कामुक बाते सुनकर सहाय से झटको की स्पीड बढ़ा दी - आह्ह् ओह्ह्ह्ह्ह्ह मार ही डालोगे क्या अपनी रानी को, उफ्फ्फ जालिम, ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान | आह मेरे रज्ज्ज्ज्ज्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह मेरे बॉस बना दो मुझे पूरी की पूरी रंडी |
सहाय - हहन्हान्हान्हन मेरी गुलाबी चूत, तुझे अपनी रानी बना लूंगा, तुझे पूरी की पूरी रंडी बना दूगा, ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान, बस ऐसे ही चुदती रह तू |
सहाय के शरीर में उत्तेजना की तरंगे अब उफान पर थी, उसके दिली दिमाग में एक तूफ़ान उमड़ रहा था, उसके बदन में भरी हवस के दावानल की आग अब सफ़ेद पिचकारी के रूप में उसके जिस्म से बाहर आने को बेताब थी | उसके अन्दर के आवेग अब अपनी मंजिल की तरफ बढ़ने का इशारा कर रहे थे, लेकिन उनकी गति इतनी धीमी थी अगर सहाय ने जोर नहीं लगाया जो उसके सफ़ेद गरम लावे की झील कभी नहीं टूटेगी | सहाय अपनी ही गति से मिली को चोदता हुआ उसके गोरे गोरे नरम मांसल सुडौल सामने को तने हुए स्तनों में खोया था, उसका मुहँ मिली की छाती की पहाड़ियों की ओंट में गायब हो गया था | मिली के मुहँ से मादकता से भरी सिसकारियां फुट रही थी | सहाय उसके निप्पलो और स्तनों की चूम चाट रहा था उन्ही में मुहँ छिपा कर, मिली के चूतड़ पर हाथ जमाये उसे चोद रहा था | मिली भी सहाय को अपनी नरम छाती की जन्नत की सैर कराने को उसके गले में बाँहे डाले उससे चिपकी हुई थी | सहाय हौले हौले उसको चोद रहा था | अब सहाय के अन्दर की तरंगे बेकाबू होने लगी थी, अब उसका संयम भी जवाब दे रहा था | उसे भी लगने लगा था अपने अन्दर के गरम लावे को बाहर बाहर निकालने का वक्त आ गया है वरना उसी की हवस की आग उसे झुलसा डालेगी |
उसने मिली को चुमते हुए अपनी गोद से उतारा और बेड पर ले आया | मिली भी सहाय की आँखों में देख समझ गयी अब बॉस के चरम सुख पर पहुँचने की बेला निकट आ गयी है |
मिली ने उसका लंड मुहँ में ले चुसना शुरू कर दिया और जानना चाहा की कौन सी पोजीशन में अब उसे चोदेगा - बॉस अब इस इस अपनी जान को................ इस रंडी की चूत को कैसे चोदकर झड़ना चाहोगे ??
सहाय - हरामजादी कुतिया, साली अभी नहीं झड़ने वाला हूँ रंडी की चूत, मां की लौड़ी, ले ले ले ले और ले आह्ह, अभी तो मुहँ मे ले लंडखोर बुरचोदी, कुतिया बनाकर चोदूगा साली रंडी की चूत |
मिली समझ गयी अब सहाय बॉस ज्यादा देर के मालिक नहीं है, उसने अच्छे से चूस चूस कर उनके लंड को अपनी लार से गीला किया और बेड पर कुतिया की पोजीशन में आ गयी | उसने अपनी दोनों कोहनी और दोनों घुटने बेड पर टिका दिए | पीछे से सहाय ने आकर उसके चुताड़ो को हल्का सा ऊपर उठाया और अपने कड़क लंड को, जो अपने अन्दर से गरम लावा उड़ेलने को बेताब था, मिली की भाप छोड़ती गरम चूत पर लगा दिया |
कमरे में फच की आवाज आई और फिर फच फच फच फच फच फच फच फच फच फच फच जैसे कोई इंजन स्टार्ट कर दिया गया हो |
मिली के मुहँ से चुदाई की तेज आहे कराहे सिसकारियां सब शुरू हो गयी - उफ्फ्फ्फ्फ्फ, आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ्फ ओह्ह्ह्ह्ह मां्आं्आं्आं, उफ्फ्फ्फ्फ्फ, ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ मां्आं्आं्आं मां्आं्आं्आं |
सहाय ने और टेक लंड पेलना शुरू कर दिया - हरामजादी कुतिया, रंडी की चूत, मां की लौड़ी, ले ले ले ले और ले आह्ह, ओह्ह्ह्ह्ह, लंडखोर बुरचोदी……
मिली को भी अब लंड लेने में मजा आ रहा था - ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह, चोद चूत खोर और जोर से चोद चोओ्ओ्ओ्ओ्ओदों, चोद चोद, की ओह्ह्ह्ह्ह, ओह्ह्ह्ह्ह, आह्ह आह्ह, उम्म्म्म्मा्आ्आ उम्म्म्म्मा्आ्आ, इस्स्स्स्स्स्स्स इस्स्स्स्स्स्स्स, उफ्फ्फ्फ्फ्फ चोद, उफ्फ्फ्फ्फ्फ मजा आ रहा है साले सहाय के लौंडे , उफ्फ्फ्फ्फ्फ |
मिली की चूत की गर्मी भी बढ़ गयी थी, उसका बदन भी गरम हो तप रहा था | उसकी सांसे भी तेज हो गईथी | उसने चुदाई की ठोकर खा खा कर लाल हो चुके चूत दाने को रगड़ना शुरू कर दिया | उसका शरीर हिलकोरे लेने लगा, उसने और तेज स्पीड से चूत दाने को रगड़ना शुरू कर दिया | सहाय भी अपने चरम को पाने के लिए बुरी तरह से मिली की चूत में लंड पेल कर उसका कचूमर बनाये दे रहा था | मिली चूत दाने को बुरी तरह मसल रही थी और सहाय का मुसल लंड उसकी चूत को बुरी तरह मसल रहा था, दोनों तरफ से उसकी चूत की शामत आई पड़ी थी | उसकी चूत की सब्र का बांध टूट गया, उसकी चूत से तेज पानी की धार बह चली थी | सहाय भी मिली की हालत देख हल्का सा थम गया | आखिर मिली का शरीर अकड़ने लगा, जांघे अपने आप हिलने लगी | उसके चूतड़ थरथराने लगे | कमर में अपने आप झटके लगने लगे | चूत की दीवारों में हो रही सनसनाहट अब फडफडाहट में बदल गयी | उसकी चूत झरने लगी | उसका सारा शरीर कांपने लगा | वो खुद को संभाल नहीं पायी और उसकी कोहनियाँ मुड़ गयी वो बिस्तर पर धड़ाम हो गयी,उसके शरीर का सारा नियंत्रण ख़त्म हो गया | उसका शरीर जोर से कांपा और थम गया | मिली चरम सुख की गहरी लहरों में गोते लगाते लगाते वासना के चरमसुख के आनंद के गहरे सागर में डुबकी लगाने लगी | मिली झर झर के थमने लगी, उसने अपना चरम सुख हासिल कर दिया | शुरू से अब तक न जाने कितनी बार कांपी, कितनी बार झरी लेकिन ये ओरागास्म सबसे लम्बा था, सबसे प्रचंड था, सबसे सुखदायी था | उसके चूतड़ हवा में थे, सर बिस्तर में घुसा था और वो किसी त्रिकोण की तरफ बेड पर टिकी हुई थी | उसके हाथ पाँव सब शिथिल हो चुके थे | सहाय ने उसके बालों को पकड़ कर पीछे को खीचा | बालो के खीचने से होने वाले दर्द के कारन वो फिर से कुतिया बन गयी | सहाय ने दे दना दनादन बस चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया | आखिर वो भी हांड मांस का इंसान था और चुदाई करने पर उसका भी अंत आना था | दवा के असर से वैसे भी उसने तीन गुना देर तक चुदाई करी, वरना अब तक तीन बार झड चूका होता | उसने एक करारा झटका मारा और उसके चुदाई की आग में जलते लंड के सुपाडे की दुआ उसकी गोलियों तक पहुँच गयी जो इतनी देर से किये जा रहे चुदाई के मंथन का सारा रस अपने में समेटे हुए थी | सहाय की गोलियों से गरम सफ़ेद रस का तेज आवेग ऊपर को लंड के सुपाडे की तरफ बढ़ चला | सहाय झट से मिली की चूत से लंड निकाल कर उसके मुहँ के पास आ गया | मिली ने भी अपना पूरा मुहँ खोल दिया | सहाय मिली के मुहँ पर झड़ने लगा |
सहाय के मुहँ से झड़ने की कराह निकलने लगी - आह्ह्ह्ह्ह मेरी रानी, ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह आआआआअ
आआआआआआआआआआआअ, ...............आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह |
इतनी देर से मिली की चूत जमकर मथने से ढेर सारी क्रीम सहाय की गोलियों में इकठ्ठा हो गयी थी, उसने सारी की सारी मिली के मुहँ पर उड़ेल दी | एक के बाद एक दे दनादन सहाय की पिचकारियाँ थमने का नाम ही नहीं ले रही थी | उसने मिली का पूरा चेहरा सफ़ेद गरम लंड रस से पाट दिया | जब तक एक एक बूंद उसके गोलियों से निचुड़ कर बाहर नहीं आ गयी वो अपने लंड को मिली के मुहँ पर झाड़ता रहा | मिली उसकी गोलियों में बची इक एक बूँद निचोड़ने को उसका लंड को हाथ में थाम उसे मथने लगी | हर तीन चार स्ट्रोक के बाद उसमे से दो चार बूँद रिस कर बाहर आ जाता जिसे मिली अपनी जीभ से चाट लेती | सहाय के लंड को मिली तब तक चाटती रही और मसलती रही जब तक उसमे से उसने एक एक बूँद निचोड़ नहीं ली |
उसके बाद सहाय का लंड मुरझाने लगा | मिली अपने मुहँ पर फैले सहाय के गाढे सफ़ेद लंड रस का कुछ हिस्सा चाट गयी और कुछ उसके चेहरे से रिसता हुआ, उसकी सुराही जैसी गर्दन में लिपट गया कुछ और नीचे उसके उरोजो को भीगोने लगा | मिली सहाय की तरफ देखती और फिर उंगली से अपने बदन में लगे लंड रस को चाट कर सहाय को आंख मार देती | सहाय से उसके बालो सहित पकड़कर उसको ऊपर उठा लिया और उसके मुहँ में अपनी जुबान घुसाकर उसको किस करने लगा | दुसरे हाथ से उसके चौड़े चूतड़ मसलने लगा | कुछ देर बाद उसके चुताड़ो पर जोरदार चमाट मारते हुए - आज तो मेरी रंडी रानी तूने निचोड़ ही लिया कसकर लंड को | साला कितना भी हचक कर चोदो साली, ऊन्ह आंह करेगी और चुदती रहेगी, कभी मना नहीं करेगी | कितनी मजबूत है तेरी चूत जो मेरे मुसल लंड से भी नहीं फटती |
मिली खिलखिलाती हुई - आप ही के लौंड़े ने चोद चोदकर मेरी चूत मजबूत कर दी है, वरना मै तो पहली बार बेहोश हो गयी थी | आप ने बहुत कसकर रगड़ रगड़ चोद चोद कर इसे मजबूत बना दिया है |
सहाय - वो तो है, तेरी चूत कभी चुदने से मना नहीं करती चाहे दिनभर चोदते रहो |
मिली अदा से अपने दूध दबाती हुई - तो चोदिये न सर इस रंडी चूत को |
सहाय - चुप कर हरामजादी कुतिया, साली अभी अभी तो झड़ा हूँ लंद्खोर बुरचोदी, रंडी की चूत, कितनी चुदास भरी है तेरे अन्दर, कितनी खुजली है तेरी चूत में माँ की लौंडी, अभी अभी तो तेरा मुहँ और चूत फाड़ी है लंड खोर बुर चोदी | साली चुदते चुदते पस्त हो गयी है , सीधे खड़े होकर अपने पैरो पर चलने को जांघो में जान नहीं बची होगी, फिर से चुदने को बोल रही है | अब मेरे भी जवानी के दिन नहीं है साली, वरना पूरी रात तुझे चोद चोद कर तेरी चीखे निकलवाता, सुबह एक कदम चलते ही तेरी चूत की चिटकी खुनी दरारे और उनका दर्द एक साथ बाहर आ जाते, तो एक कदम भी बिना नहीं चल पाती, जब तेरा सुजा हुआ चूत दाना जांघो से रगड़ता और तेरे कदमो में लडखडाहट पैदा करता तब तुझे अहसास होता किस लंड से पाला पड़ा था, तब पता चलता असली मर्द के असली लंड की चुदाई क्या होती है |
इतना कहकर वो मिली को बांहों में भरकर बिस्तर पर पसर गया | मिली उसकी बांहों में खिलखिलाते हुए अपनी गोरी जांघ सहाय के लंड के बीच जांघो में फंसाकर उसके आगोश में समां गयी |
जब मिली कमर हिलाने लगती तो सहाय थम जाता | मिली में अब उतना दम नहीं बचा था वो दस बीस झटके लगाकर शांत हो जाती और सहाय की कमर फिर हिलने लगती और सहाय का लंड मिली की चूत को फिर चीरने लगता चोदने लगता | सटासट मिली की मखमली नरम चूत में जाता लंड दोनों को उत्तेजना के चरम की ओर ले जा रहा था | दोनों के तपते बदन एक दुसरे के अन्दर लगी हवस की आग को शांत करने की पुरजोर कोशिश कर रहे थे, इसी लिए दोनों अपने अपने जिस्म को जमकर निचोड़ने में लगे थे, जिससे दोनों के जिस्मो के सावनी फुहारों के फव्वारे फूटे और उनके बदन में लगी हवस की आग शांत हो सके | सहाय बिना रुके मिली की चूत को लगातार चोद रहा था और ऐसा बहुत कम होता है जब मर्द बिना ब्रेक लिए ऐसा कर पाए, तो मिली के लिए ये किसी जैकपोट से कम नहीं था | एक दो उसे इतना दमदार चोदने वाला मिला और उसे इसके पैसे भी मिलेगें | मिली के तो दोनों हाथो में लड्डू थे | उसे बस चुदते रहना था | यहाँ उसकी मर्जी चलने की गुंजाईश कम थी वैसे भी एक बार चुदाई शुरू होने के बाद औरतो की कहाँ चलती है | फिर तो जब तक पिचकारी न छुट जाये मर्द अपने हिसाब से ही औरत को चोदते है | फिर औरत चाहे टांग पटके या सर | जब तक आदमी झड़ नहीं जाता, चूत का रौदना रुकता नहीं | यहाँ तो मिली को तीन बार तो अपने होशो हवास में झड़ी बाकि भीषण चुदाई की ठोकरों के बीच उसके ओर्गास्म के कितने राउंड हुए उसे खुद ही नहीं पता | सहाय की भीषण चुदाई की ठोकरों में मिली बदहवास सी हो जाती और फिर उसे भी अपने ओर्गास्म नहीं पता चलते | उसे बस इतना पता होता उसे कई बार झाड़ कर झड़ने वालो में था सहाय | सहाय के इतनी देर तक चोदने के पीछे का राज शायद मिली ही थी जो उसे खाने में और नाश्ते में ताकत के सुप्प्लिमेंट्स देती रहती थी, जो मर्द की ताकत तीन से चार गुना बढ़ा देते थे | फिलहाल न तो इन सब बातो कि न तो मिली को परवाह थी , न सहाय को | सहाय धकाधक मिली की चूत में लंड पेले जा रहा था | उसकी चूत का गीलापन सुख गया था लेकिन उसकी चूत की नरम दीवारों के कारन सहाय का पूरा का पूरा लंड मिली की चूत में समाये जा रहा था | जब चूत गरम होती है तो उसकी दीवारे फ़ैल जाती है और बड़े से बड़ा या यूं कहे अपने साइज़ का चार गुना लंड तक ले सकती है | चूत २ से चार या 6 इंच तक गहरी होती है | सबका अलग अलग साइज़ होता है | अब ४ इंच की चूत अपने अधिकतम फैलाव में १६ इंच का लंड ले सटी है फिर यहाँ तो मिली 9 इंच लम्बा लंड ही अपनी चूत मे ले रही थी | मिली बस आहे कराहे भर रही थी और नज़रे नीची करके अपनी चूत में गायब होते लंड को देख रही थी | पीछे बुरी तरह हांफता सहाय थोड़ा थमकर अपने लंड को ठीक करता है और फिर चूत में घुसेड देता है और मिली के चूत दाने को रगड़ने लगता है | अपनी घनघोर चुदाई में मंत्रमुग्ध मिली और ज्यादा आनंदित हो जाती है | चूत दाने को मसलने के कारन उठने वाली वासना की तरंगो के कारन अपनी जांघे सिकोड़कर लंड को कसने की कोशिश करने लगती है, सहाय उसकी जांघे फैलाता है लेकिन् मिली फिर से जांघे सिकोड़ लेती है | जिससे लंड नरम जांघो की एक्स्ट्रा रगड़न खाने लगता है | सहाय फिर से मिली की जांघे फैलाता है और उसके चूत दाने को रगड़ने की बजाय उसके दोनों स्तन हथेलियों में भरकर मसलने लगता है | मिली के चेहरे पर स्तनों के बुरी तरह मसलने के कारन कामुक दर्द की लकीरे तैर जाती है | सहाय और ज्यादा गहरे धक्के मिली की चूत में लगाने लगता है |
मिली के मुहँ की सिसकारियां और तेज हो जाती है | कमरे में बस फच फच चट चट की आवाजे ही गूँज रही थी | फच फच चट चट की आवाजो के बीच मिली की कराहे तब तेज हो जाती जब सहाय मिली के दोनों निप्पल चुटकी से कसकर पकड़कर मसलने लगता है और भीचने लगता है | मिली के मुहँ से बस यही निकलता - ओह्ह्ह्ह्ह्ह मा्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह ईईईईईर्र्ररररर | वो दर्द भरी मादकता से कराहकर रह जाती है लेकिन उसका उत्तेजना से भरा गरम शरीर ये बर्दाश्त कर ले जाता है | उसकी चूत में सहाय गहरे गहरे धक्के लगा रहा था | हर लगते धक्के का एक्सप्रेशन मिली के चेहरे पर दिख रहा था | सहाय के मिली के जिस्म को लगते धक्को के कारन शरीर में कराह पैदा कर दी थी | हर धक्के पर उसका कराहना बता रहा था अब वो अपनी शरीर की शक्ति से निढाल हो बस सहाय के झड़ने की आस में टिकी है और सहाय का मोटा लंड सटासटअपनी चूत मे ले रही है | सहाय ने भी पिछले आधे घंटे में उसकी चूत का कोना कोना बजा डाला था और उसके जिस्म का पुर्जा पुर्जा हिला डाला था | कोई इस तरह से एक औरत को चोद दे तो उसकी चूत में कम से कम तीन महीने तक खुजली नहीं मचेगी और न ही उसके जिस्म में हवस की भूख जगेगी | मिली को इस चुदाई की आदत हो गयी थी, उसके लिए हर हफ्ते के अंत में या कई बार हफ्ते में दो बार यही होना था, कभी लम्बा तो कभी शार्ट | सहाय को भी मिली कोक चोदकर बहुत मजा आता था| अब मिली को चोद पाना सामान्य लंड के बस का नहीं था | उसे सहाय जैसा ही कोई तगड़ा लंड चोद सकता था | सहाय मिली की चूत में लंड पेले जा रहा था | मिली को भी अपनी चूत के सूखे पन का अहसास हुआ | उसने मुहँ से ढेर सारी लार निकाली और अपनी चूत के मुहाने पर मल दी | सहाय ने दो चार करारे धक्के लगाये, जिससे मिली का पुर्जा पुर्जा हिल गया|
वो कराह पड़ी - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ सर थोड़ा धीईरीईईईई रीईईईईए ,
आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मममममर्र्र्र्र्र्र गय्य्य्यी्ई्ई्ई्ई्ई रे ऊऊऊऊऊउ ईईईईईईईईईइ फ्फ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ प्लीजजजजजजजजजज सससससरररर रररररररररररर आआआआराआम्म्म्म स्स्स्से ओओओओओओफ्फ्फ्फ, आह ओओओओओओफ्फ्फ्फ, आह |
सहाय ने लंड बाहर निकल लिया और मिली को आराम के लिए पीठ के बल लिया दिया | उसके पेट पर आकर बैठ गया, उसने घुटनों को बिस्तर पर टिका दिया और अपने खड़े लंड को मिली के खरबूजे जैसे बड़े बड़े मुलायम उरोजो के बीच में रख दिया | मिली ने अपने मुहँ से ढेर सारी लार निकली और सहाय के गरम सख्त लंड पर मल दी | फिर उसने अपनी दोनों उरोजो को हथेली में भरकर आपस में सटा दिया ताकि सहाय उसके स्तनों को चोद सके | सहाय ने अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी और मिली के रुई की तरह नरम नरम उराजो के बीच गरम तगड़ा लंड फिसलने लगा | सहाय मिली के स्पंज की तरह नरम स्तनों के बीच अपना कड़क गरम लंड मसल रहा था और मिली अपने दोनों उरोजो को थामे उसके लंड के चारो तरफ लपेटे हुई थी | मिली की चूंची चुदाई चल रही थी | उसकी नजरे सहाय की तरफ थी और सहाय की नजरे मिली के थके हुए कामुक चेहरे की तरफ | मिली को देखकर ही लग रहा था वो चुदाई से बुरी तरह थक गयी है | फिर भी वो सहाय का पूरा साथ दे रही थी, उसके जिस्म में जीतनी भी ताकत थी सब समेट के वो भी सहाय के साथ हवस का ये नंगा नाच बराबर खेल रही थी | सहाय ने लंड मसलते मसलते मिली को गोद में उठाया और एक टेबल पर आकर बैठ गया |
उसने अपना लंड मिली की चूत में घुसेड दिया और हलके हलके चोदने लगा | सहाय भी उत्तेजना के चरम पर पंहुचने के करीब था वो चाहता तो अगले कुछ मिनट मिली को जमकर चोदकर उसकी चूत में अपनी गरम सफ़ेद मलाई भर देता, लेकिन वो यहाँ जल्दी से फारिग होने नहीं आया था | वो तो यहाँ जितना ज्यादा हो सके चुदाई के मजे लेने आया था| उसने मिली को हौले हौले चोदना शुरू किया, उसके हाथ मिली के हाहाकारी मांसल चुदे चुताड़ो पर जमे थे और वो उन्ही के सहारे मिली को ऊपर उछाल उछालकर मिली की चूत में लंड पेल रहा था | मिली और सहाय के ओंठ आपस में सटे हुए थे दोनों एक दुसरे के अन्दर की सारी लार पी जाने पर उतारू थे | कभी सहाय मिली के ओंठ कचोटने लगता, तो कभी मिली अपनी जीभ सहाय के मुहँ में भरकर उसके ओंठो की प्यास बुझाने लगाती | सहाय का लंड बस आधा ही मिली की चूत में अन्दर बाहर हो रहा था | उस पर भी इतनी देर से एक्सप्रेस स्पीड से मारते तेज धक्को का असर दिखने लगा था | ऊपर से अब वो मिली का और कचूमर नहीं निकालना चाहता था | वो आराम आराम से चोदकर इस पल को जितना लम्बा खीच सके खीचना चाहता था | मिली भी आराम से चुद रही थी, उसे भी अपने बॉस से कोई शिकायत नहीं थी | मिली के मुहँ से धीमी मादक सिसकारियां फूट रही थी - आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह, ओ्ओ्ओह्ह्ह् माई स्वीट बॉस बस मुझे ऐसे ही ययस्स्स्सस्स्सस यस्स्स्स्, प्यार करो, करते रहो |
मिली - आ्आआ््आआ््हह्ह, ओ्ओ्ओह्ह्ह् मेरी जा्आ्आ्आ्आन, इस्स्स्स्स ओ्ओ्ओह्ह्ह् माई स्वीट बॉस बस ऐसे ही मुझे चोदते रहो | ऐसे ही चोचोदचोचोचोद कररररर ल्ल्लंड अंदर घुस्स्स्स्आ्आ्आ्आ्ह्ह तेतेतेतेतेते रहोहोहोहो |
सहाय का चरम भी नजदीक ही आ रहा था उसका भी मूड बन चूका था - ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान हां मेरी रानी, चोद रहा हूँ, तुझे |
मिली की कामुक बाते सुनकर सहाय से झटको की स्पीड बढ़ा दी - आह्ह् ओह्ह्ह्ह्ह्ह मार ही डालोगे क्या अपनी रानी को, उफ्फ्फ जालिम, ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान | आह मेरे रज्ज्ज्ज्ज्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह मेरे बॉस बना दो मुझे पूरी की पूरी रंडी |
सहाय - हहन्हान्हान्हन मेरी गुलाबी चूत, तुझे अपनी रानी बना लूंगा, तुझे पूरी की पूरी रंडी बना दूगा, ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान, बस ऐसे ही चुदती रह तू |
सहाय के शरीर में उत्तेजना की तरंगे अब उफान पर थी, उसके दिली दिमाग में एक तूफ़ान उमड़ रहा था, उसके बदन में भरी हवस के दावानल की आग अब सफ़ेद पिचकारी के रूप में उसके जिस्म से बाहर आने को बेताब थी | उसके अन्दर के आवेग अब अपनी मंजिल की तरफ बढ़ने का इशारा कर रहे थे, लेकिन उनकी गति इतनी धीमी थी अगर सहाय ने जोर नहीं लगाया जो उसके सफ़ेद गरम लावे की झील कभी नहीं टूटेगी | सहाय अपनी ही गति से मिली को चोदता हुआ उसके गोरे गोरे नरम मांसल सुडौल सामने को तने हुए स्तनों में खोया था, उसका मुहँ मिली की छाती की पहाड़ियों की ओंट में गायब हो गया था | मिली के मुहँ से मादकता से भरी सिसकारियां फुट रही थी | सहाय उसके निप्पलो और स्तनों की चूम चाट रहा था उन्ही में मुहँ छिपा कर, मिली के चूतड़ पर हाथ जमाये उसे चोद रहा था | मिली भी सहाय को अपनी नरम छाती की जन्नत की सैर कराने को उसके गले में बाँहे डाले उससे चिपकी हुई थी | सहाय हौले हौले उसको चोद रहा था | अब सहाय के अन्दर की तरंगे बेकाबू होने लगी थी, अब उसका संयम भी जवाब दे रहा था | उसे भी लगने लगा था अपने अन्दर के गरम लावे को बाहर बाहर निकालने का वक्त आ गया है वरना उसी की हवस की आग उसे झुलसा डालेगी |
उसने मिली को चुमते हुए अपनी गोद से उतारा और बेड पर ले आया | मिली भी सहाय की आँखों में देख समझ गयी अब बॉस के चरम सुख पर पहुँचने की बेला निकट आ गयी है |
मिली ने उसका लंड मुहँ में ले चुसना शुरू कर दिया और जानना चाहा की कौन सी पोजीशन में अब उसे चोदेगा - बॉस अब इस इस अपनी जान को................ इस रंडी की चूत को कैसे चोदकर झड़ना चाहोगे ??
सहाय - हरामजादी कुतिया, साली अभी नहीं झड़ने वाला हूँ रंडी की चूत, मां की लौड़ी, ले ले ले ले और ले आह्ह, अभी तो मुहँ मे ले लंडखोर बुरचोदी, कुतिया बनाकर चोदूगा साली रंडी की चूत |
मिली समझ गयी अब सहाय बॉस ज्यादा देर के मालिक नहीं है, उसने अच्छे से चूस चूस कर उनके लंड को अपनी लार से गीला किया और बेड पर कुतिया की पोजीशन में आ गयी | उसने अपनी दोनों कोहनी और दोनों घुटने बेड पर टिका दिए | पीछे से सहाय ने आकर उसके चुताड़ो को हल्का सा ऊपर उठाया और अपने कड़क लंड को, जो अपने अन्दर से गरम लावा उड़ेलने को बेताब था, मिली की भाप छोड़ती गरम चूत पर लगा दिया |
कमरे में फच की आवाज आई और फिर फच फच फच फच फच फच फच फच फच फच फच जैसे कोई इंजन स्टार्ट कर दिया गया हो |
मिली के मुहँ से चुदाई की तेज आहे कराहे सिसकारियां सब शुरू हो गयी - उफ्फ्फ्फ्फ्फ, आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ्फ ओह्ह्ह्ह्ह मां्आं्आं्आं, उफ्फ्फ्फ्फ्फ, ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ मां्आं्आं्आं मां्आं्आं्आं |
सहाय ने और टेक लंड पेलना शुरू कर दिया - हरामजादी कुतिया, रंडी की चूत, मां की लौड़ी, ले ले ले ले और ले आह्ह, ओह्ह्ह्ह्ह, लंडखोर बुरचोदी……
मिली को भी अब लंड लेने में मजा आ रहा था - ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह, चोद चूत खोर और जोर से चोद चोओ्ओ्ओ्ओ्ओदों, चोद चोद, की ओह्ह्ह्ह्ह, ओह्ह्ह्ह्ह, आह्ह आह्ह, उम्म्म्म्मा्आ्आ उम्म्म्म्मा्आ्आ, इस्स्स्स्स्स्स्स इस्स्स्स्स्स्स्स, उफ्फ्फ्फ्फ्फ चोद, उफ्फ्फ्फ्फ्फ मजा आ रहा है साले सहाय के लौंडे , उफ्फ्फ्फ्फ्फ |
मिली की चूत की गर्मी भी बढ़ गयी थी, उसका बदन भी गरम हो तप रहा था | उसकी सांसे भी तेज हो गईथी | उसने चुदाई की ठोकर खा खा कर लाल हो चुके चूत दाने को रगड़ना शुरू कर दिया | उसका शरीर हिलकोरे लेने लगा, उसने और तेज स्पीड से चूत दाने को रगड़ना शुरू कर दिया | सहाय भी अपने चरम को पाने के लिए बुरी तरह से मिली की चूत में लंड पेल कर उसका कचूमर बनाये दे रहा था | मिली चूत दाने को बुरी तरह मसल रही थी और सहाय का मुसल लंड उसकी चूत को बुरी तरह मसल रहा था, दोनों तरफ से उसकी चूत की शामत आई पड़ी थी | उसकी चूत की सब्र का बांध टूट गया, उसकी चूत से तेज पानी की धार बह चली थी | सहाय भी मिली की हालत देख हल्का सा थम गया | आखिर मिली का शरीर अकड़ने लगा, जांघे अपने आप हिलने लगी | उसके चूतड़ थरथराने लगे | कमर में अपने आप झटके लगने लगे | चूत की दीवारों में हो रही सनसनाहट अब फडफडाहट में बदल गयी | उसकी चूत झरने लगी | उसका सारा शरीर कांपने लगा | वो खुद को संभाल नहीं पायी और उसकी कोहनियाँ मुड़ गयी वो बिस्तर पर धड़ाम हो गयी,उसके शरीर का सारा नियंत्रण ख़त्म हो गया | उसका शरीर जोर से कांपा और थम गया | मिली चरम सुख की गहरी लहरों में गोते लगाते लगाते वासना के चरमसुख के आनंद के गहरे सागर में डुबकी लगाने लगी | मिली झर झर के थमने लगी, उसने अपना चरम सुख हासिल कर दिया | शुरू से अब तक न जाने कितनी बार कांपी, कितनी बार झरी लेकिन ये ओरागास्म सबसे लम्बा था, सबसे प्रचंड था, सबसे सुखदायी था | उसके चूतड़ हवा में थे, सर बिस्तर में घुसा था और वो किसी त्रिकोण की तरफ बेड पर टिकी हुई थी | उसके हाथ पाँव सब शिथिल हो चुके थे | सहाय ने उसके बालों को पकड़ कर पीछे को खीचा | बालो के खीचने से होने वाले दर्द के कारन वो फिर से कुतिया बन गयी | सहाय ने दे दना दनादन बस चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया | आखिर वो भी हांड मांस का इंसान था और चुदाई करने पर उसका भी अंत आना था | दवा के असर से वैसे भी उसने तीन गुना देर तक चुदाई करी, वरना अब तक तीन बार झड चूका होता | उसने एक करारा झटका मारा और उसके चुदाई की आग में जलते लंड के सुपाडे की दुआ उसकी गोलियों तक पहुँच गयी जो इतनी देर से किये जा रहे चुदाई के मंथन का सारा रस अपने में समेटे हुए थी | सहाय की गोलियों से गरम सफ़ेद रस का तेज आवेग ऊपर को लंड के सुपाडे की तरफ बढ़ चला | सहाय झट से मिली की चूत से लंड निकाल कर उसके मुहँ के पास आ गया | मिली ने भी अपना पूरा मुहँ खोल दिया | सहाय मिली के मुहँ पर झड़ने लगा |
सहाय के मुहँ से झड़ने की कराह निकलने लगी - आह्ह्ह्ह्ह मेरी रानी, ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह आआआआअ
आआआआआआआआआआआअ, ...............आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह |
इतनी देर से मिली की चूत जमकर मथने से ढेर सारी क्रीम सहाय की गोलियों में इकठ्ठा हो गयी थी, उसने सारी की सारी मिली के मुहँ पर उड़ेल दी | एक के बाद एक दे दनादन सहाय की पिचकारियाँ थमने का नाम ही नहीं ले रही थी | उसने मिली का पूरा चेहरा सफ़ेद गरम लंड रस से पाट दिया | जब तक एक एक बूंद उसके गोलियों से निचुड़ कर बाहर नहीं आ गयी वो अपने लंड को मिली के मुहँ पर झाड़ता रहा | मिली उसकी गोलियों में बची इक एक बूँद निचोड़ने को उसका लंड को हाथ में थाम उसे मथने लगी | हर तीन चार स्ट्रोक के बाद उसमे से दो चार बूँद रिस कर बाहर आ जाता जिसे मिली अपनी जीभ से चाट लेती | सहाय के लंड को मिली तब तक चाटती रही और मसलती रही जब तक उसमे से उसने एक एक बूँद निचोड़ नहीं ली |
उसके बाद सहाय का लंड मुरझाने लगा | मिली अपने मुहँ पर फैले सहाय के गाढे सफ़ेद लंड रस का कुछ हिस्सा चाट गयी और कुछ उसके चेहरे से रिसता हुआ, उसकी सुराही जैसी गर्दन में लिपट गया कुछ और नीचे उसके उरोजो को भीगोने लगा | मिली सहाय की तरफ देखती और फिर उंगली से अपने बदन में लगे लंड रस को चाट कर सहाय को आंख मार देती | सहाय से उसके बालो सहित पकड़कर उसको ऊपर उठा लिया और उसके मुहँ में अपनी जुबान घुसाकर उसको किस करने लगा | दुसरे हाथ से उसके चौड़े चूतड़ मसलने लगा | कुछ देर बाद उसके चुताड़ो पर जोरदार चमाट मारते हुए - आज तो मेरी रंडी रानी तूने निचोड़ ही लिया कसकर लंड को | साला कितना भी हचक कर चोदो साली, ऊन्ह आंह करेगी और चुदती रहेगी, कभी मना नहीं करेगी | कितनी मजबूत है तेरी चूत जो मेरे मुसल लंड से भी नहीं फटती |
मिली खिलखिलाती हुई - आप ही के लौंड़े ने चोद चोदकर मेरी चूत मजबूत कर दी है, वरना मै तो पहली बार बेहोश हो गयी थी | आप ने बहुत कसकर रगड़ रगड़ चोद चोद कर इसे मजबूत बना दिया है |
सहाय - वो तो है, तेरी चूत कभी चुदने से मना नहीं करती चाहे दिनभर चोदते रहो |
मिली अदा से अपने दूध दबाती हुई - तो चोदिये न सर इस रंडी चूत को |
सहाय - चुप कर हरामजादी कुतिया, साली अभी अभी तो झड़ा हूँ लंद्खोर बुरचोदी, रंडी की चूत, कितनी चुदास भरी है तेरे अन्दर, कितनी खुजली है तेरी चूत में माँ की लौंडी, अभी अभी तो तेरा मुहँ और चूत फाड़ी है लंड खोर बुर चोदी | साली चुदते चुदते पस्त हो गयी है , सीधे खड़े होकर अपने पैरो पर चलने को जांघो में जान नहीं बची होगी, फिर से चुदने को बोल रही है | अब मेरे भी जवानी के दिन नहीं है साली, वरना पूरी रात तुझे चोद चोद कर तेरी चीखे निकलवाता, सुबह एक कदम चलते ही तेरी चूत की चिटकी खुनी दरारे और उनका दर्द एक साथ बाहर आ जाते, तो एक कदम भी बिना नहीं चल पाती, जब तेरा सुजा हुआ चूत दाना जांघो से रगड़ता और तेरे कदमो में लडखडाहट पैदा करता तब तुझे अहसास होता किस लंड से पाला पड़ा था, तब पता चलता असली मर्द के असली लंड की चुदाई क्या होती है |
इतना कहकर वो मिली को बांहों में भरकर बिस्तर पर पसर गया | मिली उसकी बांहों में खिलखिलाते हुए अपनी गोरी जांघ सहाय के लंड के बीच जांघो में फंसाकर उसके आगोश में समां गयी |