19-05-2019, 12:45 AM
अचानक मेरे फोन की घंटी बजी थी.... मेरे जीजू का फोन था... मैं सकपका गया... मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं... एक तरफ असलम मेरी रूपाली दीदी की गांड का चबूतरा बना रखा था... और मेरी दीदी दर्द के मारे चीख रही थी... दूसरी तरफ जीतू का फोन.. मैं असमंजस में पड़ा हुआ ही था कि जुनैद पूछा .....किसका फोन आ रहा है मेरी रूपाली रंडी के भाई....
मेरे जीजू फोन कर रहे हैं.... मैंने जवाब दिया...
चल फोन उठा ले बहन के लोड़े ..... अपने जीजू को बता कि तू किसी ट्रैफिक में फंसा हुआ है... अपने जीजू को यह मत बता देना कि तेरी बहन की गांड में असलम भाई का लौड़ा घुसा हुआ है.... साले... जुनैद ने अपना लौड़ा पकड़ कर हिलाते हुए मुझसे कहा....
मैं भला क्या करता.... मैंने जीतू का फोन रिसीव कर लिया.....
कहां है साले... तेरा फोन भी नहीं लग रहा है... तेरी दीदी कैसी है... जो तुम लोग कहां फंस गए हो..... जीजू ने कहा लाउड स्पीकर ऑन था... सभी सुन रहे थे....
मैं ठीक हूं ... हम लोग बस पहुंचने ही वाले है... ट्रैफिक में अटके हुए हैं... आपको तो पता ही है यहां की सड़के कैसी है..... मैंने बहुत सहज हो उनको जवाब दीया.... जबकि दूसरी तरफ असलम मेरे रूपाली दीदी की गांड में अपना लौड़ा डाल के हचका के पेल रहा था... और मेरी दीदी चिल्ला रही थी... बड़ी बेरहमी से मेरी दीदी की गांड मार रहा था वह कमीना... मेरी दीदी की चीख-पुकार जीजू को भी सुनाई दे गई थी फोन पर शायद......... क्या हुआ साले साहब... तुम्हारी दीदी तो बड़ी चीख रही है.... मेरी बात कराओ अपनी दीदी से.... जीजू ने कहा....
उनकी बात सुनकर मैं असलम और जुनैद की तरफ देखने लगा.... असलम तो अभी भी हुंकार भर भर के मेरी दीदी की गांड में अपना लौड़ा अंदर बाहर कर रहा था.... उसे तो परवाह नहीं थी... जुनैद ने मामला संभाल लिया...... उसके कहने पर मैंने फोन अपनी रूपाली दीदी को दे दिया.... दीदी ने फोन को लेकर एक हाथ से अपने कान में सटा लिया.... उनका दूसरा जमीन पर टिका हुआ था... क्योंकि असलम ने मेरी दीदी को कुत्तिया बना रखा था....
हेलो जी हां ओह्ह… आह्ह… कैसे हो आप.... रूपाली दीदी के मुंह से बस इतना ही निकला फोन पर....
इतनी देर में असलम ने मेरी रूपाली दीदी को कुत्तिया से घोड़ी बना लिया...... एक हाथ से उसने मेरी दीदी के बाल पकड़ लिय और दूसरे हाथ से उसने मेरी दीदी की दूसरी कलाई.... वह मेरी दीदी की गांड में झटके पूरी स्पीड से दिया जा रहा था..... दीदी के मुंह से अजीबोगरीब आवाज निकलने लगी थी..... मेरे जीजू को शंका होने लगी थी....
क्या हुआ मेरी जान...ओह्ह… आह्ह… क्यों कर रही हो डार्लिंग... तकलीफ हो रही है क्या मेरी जान...... मेरे जीजू पूरे रोमांटिक मूड में थे... उन्हें क्या पता कि फोन लाउडस्पीकर पर है और सभी सुन रहे हैं... असलम को तो बड़ा मजा आ रहा था मेरी दीदी की गांड मारते हुए और जीजू की बात सुन के...
हां बहुत ट्रैफिक होने लगी ना हमारे शहर में....उह्ह… उह्ह… उह्ह्ह… मेरी रूपाली दीदी ने बात संभालने की कोशिश की.. पर असलम के तेज तेज झटकों के आगे मेरी दीदी की एक ना चली...... मेरी दीदी बड़बड़आने लगी.... दर्द से.....
असलम के धक्कों की रफ्तार भी धीरे-धीरे बढ़ रही थी, और थोड़ी ही देर में धका पेल चुदाई चालू हो गयी। ओह्ह… आह्ह… उफ्फ सटासट सटासट कभी वह जोर-जोर से आल्मोस्ट बाहर तक निकाल के पूरा एक झटके में अन्दर डाल देता और कभी पूरा अंदर घुसेड़कर वह सिर्फ धक्के देते कभी थोड़ा लण्ड बाहर निकालकर, मुठठी में पकड़कर कसकर मेरी रूपाली दीदी की गांड में गोल गोल घुमा देता..
ओह्ह… ओह्ह…उय्यी उय्यी...... कच्ची सड़क है ना.... बहुत दर्द होता है जी मेरा कचुंबर निकल गया है जी... भाई ड्राइव तो ऐसे ही करता है.........." उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह , .उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह..हाँ....
मेरे जीजू फोन कर रहे हैं.... मैंने जवाब दिया...
चल फोन उठा ले बहन के लोड़े ..... अपने जीजू को बता कि तू किसी ट्रैफिक में फंसा हुआ है... अपने जीजू को यह मत बता देना कि तेरी बहन की गांड में असलम भाई का लौड़ा घुसा हुआ है.... साले... जुनैद ने अपना लौड़ा पकड़ कर हिलाते हुए मुझसे कहा....
मैं भला क्या करता.... मैंने जीतू का फोन रिसीव कर लिया.....
कहां है साले... तेरा फोन भी नहीं लग रहा है... तेरी दीदी कैसी है... जो तुम लोग कहां फंस गए हो..... जीजू ने कहा लाउड स्पीकर ऑन था... सभी सुन रहे थे....
मैं ठीक हूं ... हम लोग बस पहुंचने ही वाले है... ट्रैफिक में अटके हुए हैं... आपको तो पता ही है यहां की सड़के कैसी है..... मैंने बहुत सहज हो उनको जवाब दीया.... जबकि दूसरी तरफ असलम मेरे रूपाली दीदी की गांड में अपना लौड़ा डाल के हचका के पेल रहा था... और मेरी दीदी चिल्ला रही थी... बड़ी बेरहमी से मेरी दीदी की गांड मार रहा था वह कमीना... मेरी दीदी की चीख-पुकार जीजू को भी सुनाई दे गई थी फोन पर शायद......... क्या हुआ साले साहब... तुम्हारी दीदी तो बड़ी चीख रही है.... मेरी बात कराओ अपनी दीदी से.... जीजू ने कहा....
उनकी बात सुनकर मैं असलम और जुनैद की तरफ देखने लगा.... असलम तो अभी भी हुंकार भर भर के मेरी दीदी की गांड में अपना लौड़ा अंदर बाहर कर रहा था.... उसे तो परवाह नहीं थी... जुनैद ने मामला संभाल लिया...... उसके कहने पर मैंने फोन अपनी रूपाली दीदी को दे दिया.... दीदी ने फोन को लेकर एक हाथ से अपने कान में सटा लिया.... उनका दूसरा जमीन पर टिका हुआ था... क्योंकि असलम ने मेरी दीदी को कुत्तिया बना रखा था....
हेलो जी हां ओह्ह… आह्ह… कैसे हो आप.... रूपाली दीदी के मुंह से बस इतना ही निकला फोन पर....
इतनी देर में असलम ने मेरी रूपाली दीदी को कुत्तिया से घोड़ी बना लिया...... एक हाथ से उसने मेरी दीदी के बाल पकड़ लिय और दूसरे हाथ से उसने मेरी दीदी की दूसरी कलाई.... वह मेरी दीदी की गांड में झटके पूरी स्पीड से दिया जा रहा था..... दीदी के मुंह से अजीबोगरीब आवाज निकलने लगी थी..... मेरे जीजू को शंका होने लगी थी....
क्या हुआ मेरी जान...ओह्ह… आह्ह… क्यों कर रही हो डार्लिंग... तकलीफ हो रही है क्या मेरी जान...... मेरे जीजू पूरे रोमांटिक मूड में थे... उन्हें क्या पता कि फोन लाउडस्पीकर पर है और सभी सुन रहे हैं... असलम को तो बड़ा मजा आ रहा था मेरी दीदी की गांड मारते हुए और जीजू की बात सुन के...
हां बहुत ट्रैफिक होने लगी ना हमारे शहर में....उह्ह… उह्ह… उह्ह्ह… मेरी रूपाली दीदी ने बात संभालने की कोशिश की.. पर असलम के तेज तेज झटकों के आगे मेरी दीदी की एक ना चली...... मेरी दीदी बड़बड़आने लगी.... दर्द से.....
असलम के धक्कों की रफ्तार भी धीरे-धीरे बढ़ रही थी, और थोड़ी ही देर में धका पेल चुदाई चालू हो गयी। ओह्ह… आह्ह… उफ्फ सटासट सटासट कभी वह जोर-जोर से आल्मोस्ट बाहर तक निकाल के पूरा एक झटके में अन्दर डाल देता और कभी पूरा अंदर घुसेड़कर वह सिर्फ धक्के देते कभी थोड़ा लण्ड बाहर निकालकर, मुठठी में पकड़कर कसकर मेरी रूपाली दीदी की गांड में गोल गोल घुमा देता..
ओह्ह… ओह्ह…उय्यी उय्यी...... कच्ची सड़क है ना.... बहुत दर्द होता है जी मेरा कचुंबर निकल गया है जी... भाई ड्राइव तो ऐसे ही करता है.........." उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह , .उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह..हाँ....