19-05-2019, 12:11 AM
उसने मिली की गर्दन थाम उसे उठाया और उसके लार से सने ओंठो को बुरी तरह चूमने लगा | वो भी सहाय का पूरा साथ देने लगी | सहाय ने उसके उरोजो को कसकर मसल दिया , जिससे वो चिहुंक उठी लेकिन उसकी आवाज उसके मुहँ में ही घुट गयी क्योंकि सहाय उसके ओंठो को बुरी तरह चूम रहा था | उसने एक हाथ से उसके चूत दाने को बुरी तरह से रगड़ने लगा, ताकि ठन्डे हो गए उसके शरीर में थोड़ी गर्मी आ जाये और उसकी चूत में गीली हो जाये | सहाय बिना रुके कुछ देर तक उसके चूत दाने को बेदर्दी से मसलता रहा और उसके रसीले ओंठो का रसपान करता रहा | चूत दाने पर हो रहे भीषण मर्दन से मिली फद्फड़ाने लगी | सहाय के ओंठो से अपने ओंठ अलग करते हुए - आआआह अब सर मुझसे रहा नहीं जा रहा है, अपना मुसल लंड घुसा ही दीजिये मेरी गीली चूत में, जमकर चोद दीजिये, चूत में बहुत पनिया रही है |
सहाय - हाँ साली रंडी की जनी, तुझे ही चोदने जा रहा हूँ, साली तूने भी तो चूस चूस के मेरी गांड फाड़ रखी थी, अब इस लंड को लोहे की राड की सख्त बना दिया है अब इसे तेरी चूत की भठ्ठी की आग ही पिघला कर नरम करेगी | जब तक तक ये लोगे जैसा सख्त लंड नरम नहीं होता तेरी चूत में की भट्ठी को चोद चोदकर उसमे हवा भरता रहूँगा और तेरी गुलाबी गरम चूत की भट्ठी की आग बढाता रहूँगा |
मिली कामवासना की उत्तेजना से बडबडाती - ओह्ह्ह्ह्ह्ह सरररर अब लंड घुस ही दो इस मुई चूत में, देखो कैसे फड़क रही है लंड लेने को |
सहाय - हाँ साली कुतिया, पता है तू बहुत गरम हो चुकी है इस वक्त, बस तेरी ही चूत फाड़ने जा रहा हूँ |
मिली - सर थोड़ा आराम से करना, आप एक बार चूत में लंड घुसाने के बाद कोई रहम नहीं दिखाते हो |
सहाय - साली चूत भी चुदवायेगी रंडियों की तरह और कहती है आराम से करना, एक बार चूत में घुसने तो दे फिर देख तेरी कैसी चीखे निकलता हूँ | साला लंड चूस चूस के मेरी गांड ही फाड़ दी | बिलकुल रंडियों की तरह चूसा है लंड तूने , तो अब रंडियों से भी बुरी तरह से चोदुंगा तुझे हरामजादी | तेरी चूत के चीथड़े न उड़ा दिए तो मै भी तेरा चूत खोर बॉस नहीं | साला कह रही है बहुत फड़क रही है, अभी फाड़ता हो तेरी फडकती चूत |
मिली - हाँ सर बहुत फड़क रही है |
सहाय - साली कुतिया, उसके चुताड़ो पर एक जोरदार चमाट मारते हुए, साली अभी देख कसी तेरी नाजुक चूत को चीर के भोसड़ा बनाता हूँ |
सहाय ने मिली को मेज पर पीठ के बल लिटा दिया, उसकी दोनों टांगे हवा में उठा दी , फिर उसे थोडा सा आगे की तरफ मेज के किनारे पर खीचकर उसकी जांघे अपने कंधो पर टिका दी | अब मिली की गुलाबी मखमली चूत बिलकुल सहाय के भूखे तड़पते, हवस की आग में भट्ठी बने लंड की सामने थी | अपने सामने गुलानी चिकनी साफ़ सुथरी चूत देख सहाय का लंड और पगला गया,उसमे खून का दौरान और तेज हो गया और वो वासना की आग में तपता जोर जोर से कांपने लगा | सहाय ने भी देर नहीं करी | उसने मिली को गोरी मांसल जांघे पकड़ कर उसे थोड़ा और अपनी तरफ खिसकाया, अब मिली के एक तिहाई चूतड़ मेज से बाहर लटक रहे थे | सहाय ने अपने लड़ का गरम सुपाडा मिली की गीली गरम चूत पर रखा और कमर में जोर लगाकर हचक के धक्का दे मारा |
सहाय का आग की तरह तपता मोटा लंड लंड मिली की भट्ठी बनी गुलाबी चूत को चीरता हुआ अन्दर तक जाकर धंस गया | मिली की तो चीखे उबल पड़ी |
मिली - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ मरररररररररर ररररररररररर ममामामामामामाम्मा
ईईईईईईईईईई गगागागाआआआआ आआआईईईईईईई ईईईईईईईईईइ |
एक ही झटके में लंड मिली की चूत की गुलाबी सुरंग की आधी से ज्यादा दूरी तय कर चूका था | इससे पहले मिली अपनी पहली चीख ख़त्म कर पाती, सहाय ने लंड को बाहर खीचा और फिर से और जोर से कमर को झटका दिया | सहाय का मोटा लंड मिली की चूत की चिपकी गुलाबी दीवारों को चीरता हुआ और अन्दर तक धंस गया |
मिली - मरररररर रररररररररर गाआआआआआआआ ईईईईईईईईई ईईईईईईईइ मरररररररररररररररर गाआआआआआआ आईईईईईईईई ईईईईईईईईइ, मार डाला बॉस आपने ने, आहआह्ह, ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊओफ़्फ़फ़्फ़, आऐईईईईई माआआआअ, मरररर गाईईईइ | ऊऊऊऊऊ आआऐईईईईईईईईईई आआआईईईईइऊऊऊऊऊऊऊउ |
सहाय अभिमान से हुंकारता हुआ - साली कुतिया फट गयी न गांड |
मिली - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ बाआह्ह्हूऊऊत्त्त दर्र्रर्रर्रर्ररद होहोहोहोहोहोहो र्र्रर्र्हहहहाहा है | आईईईईईईईई ईईईईईईईईइ माँआआआआअईईईईईईईईई |
सहाय फिर हुंकारा - साली अम्मा याद आ गयी अब, कैसे उछल उछल कर कह रही दी चोदो मुझे |ले अभी तो पूरा लंड खाया ही कहा है तेरी चूत ने |
सहाय ने फिर से सटक से लंड बाहर खीचा और फिर से करारा झटका दिया - सहाय का आग की तरह तपता लंड मिली की हवस की आग की गुलाबी भट्ठी में, उसकी चूत की गुलाबी दीवारों की हर अड़चन को चीरता हुआ चूत के अंतिम छोर तक जाकर धंस गया | सहाय ने एक हुंकार भरी और अपनी कमर को जोरो से हिलाने लगा |
मिली की चूत की दीवारे फट के दो फाड़ हो गयी, उसके बीच में सहाय के मोटे लंड ने अपना मुसल ठूंस दिया था , मिली की चीखे निकल आई और इस दर्द भरे झटको से भरी लंड पेलाई से मिली का कलेजा तो मुहँ को आ गया - हाय्य्य्य्य हाय्य्य्य्य साआअ ररर माआआआआआआ रररररर गाआई, फट्ट्ट्ट्ट गय्य्य्य्ई्ई्ई्ई मेरी चूत, ओह्ह्ह्ह्ह्ह जालिम लाआआआआड ने , मार्रर ही डाला रेएएएएएए | आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ रीईईईईए |
मिली खुद को संभाल नहीं आई इस भीषण दर्द में भी उसको ओर्गास्म हो गया |
मिली - आअहाआअहाआह्ह सर्र्र्रर्र्र मीईईरीईइ गाआईईईईईईईइ | आः आःह हाहाह आआह | मिली कांपने लगी |
![[Image: 20633727.gif]](https://3.bp.blogspot.com/-P06bzLTSoRc/XNr9qMxx2tI/AAAAAAAABNc/LLOvNpb0z1Yh59e7jo-3OT8FxdqU2QEdwCLcBGAs/s640/20633727.gif)
सहाय मिली के कांपने तक थम गया, मिली का कांपना कुछ देर में ही रुक गया और सहाय ने फिर से एक भीषण ठोकर मरी और पूरा का पूरा लंड मिली की नाजुक गुलाबी दीवारों को चीरता हुआ उसकी मखमली गरम चूत सुरंग में घुस गया | झाड़ने से मिली की काम वासना की उत्तेजना कम हो चुकी थी, हालाँकि उसका बदन अभी भी गरम था फिर भी मिली दर्द से बिलबिला गयी, उसकी आँखों में आंसू छलछला आये | उसकी चूत पर हुए सहाय के लंड के इतने भीषण हमले से उसकी चूत में उठने वाला भीषण दर्द उसकी कमर चूतड़ जांघो तक फ़ैल गया | उसने सहाय के हाथो को कसकर थाम लिया क्योंकि चूत की दीवारे चीरने के बाद अब तो वो बेतहाशा जोरदार धक्के मार मार कर उसकी कमर तोड़ देगा | मिली जानती थी सहाय कैसी चुदाई करता है और अब तो बस लंड घुसाने तक ही दर्द होता है लेकिन पहली बार जब नौकरी के तीसरे महीने उसे सात दिन की छुट्टी चाहिए थी तब वो पहली बार बॉस के आगे गिदगिड़ाई थी और सहाय ने उसे गिव नाद टेक की पालिसी समझाई थी | फिर उस रात वो सहाय के घर गयी और रात में जो भीषण तरीके से उसकी चूत को रौंदा था सहाय ने | वो रात आज तक नहीं भूली, जब सुबह उसके बदन का पुर्जा पुर्जा दर्द से चीख चीख रहा था | सहाय ने उसे उस रात तीन बार चोदा था, रात के १० बजे से रात के एक बजे तक तीन बार बीस बीस मिनट तक उसे चोदा था | वो उससे पहले ऐसे कभी नहीं चुदी थी | पहली बार उसकी चूत कमर और चूतड़ पर इतने करारे झटके पड़े थे सहाय ने इतने करारे करारे झटके मार मार कर मिली को चोदा कि उसकी चूत, कमर, पिंडलिया, चूतड़, जांघे, पीठ, गर्दन सब सुबह बुरी तरह से दुःख रही थी | हालाँकि सुबह वो ही मिली को क्लिनिक इस डर से लेकर गया कही उसने रात में चुदाई के जोश में कही मिली को चोट तो नहीं पंहुचाइ | मिली चौड़े मजबूत जिस्म की मालकिन थी, इसलिए उसका शरीर सहाय की ठोकरों से चूत चूर तो हो गया लेकिन वो टूटी नहीं | तब से लेकर आज तक वो मिली को ऐसे ही चोदता था, उसे फर्क नहीं पड़ता था की मिली के किस अंग में दर्द है, वो कराह रही है चीख रही है | जब तक उसका लंड मिली की चूत में रहता था उसे बस दनादन चुदाई याद रहती, जोरदार धक्के याद रहते थे, पूरी ताकत से लगाने वाले करारे धक्के, जिससे मिली का रोम रोम, पुर्जा पुर्जा हिल जाता था | मिली के बड़े बड़े चूतड़ और बड़े बड़े उरोर्जो का भी यही राज है | सहाय ने उन्हें कसकर इतना मसला है इतना मसला है की मिली के शरीर पर भी वो दोनों अलग चमकते है | उसकी उठी हुए भारी भरकम गांड और छाती के बड़े बड़े उरोज सहाय की मिली के जिस्म पर की गयी बेदर्दी भरी बेशुमार मालिश का ही नतीजा है | उसने मिली के खूब चूतड़ मसले है, खूब उरोजो को दबाया है | इसलिए आज मिली की छाती और चूतड़ दोनों कुछ ज्यादा ही उठे हुए बड़े बड़े नजर आते है | बदले में मिली ने भी सहाय से खूब पैसे कमाए है और सुविधाए ली है | मिली अपनी सैलरी से 6 गुना से ज्यादा कमा रही है, इसके अलावा सहाय से मिलने वाले गिफ्ट अलग | तो इस चुदाई के दर्द की उसने भी पूरी कीमत वसूली है |
![[Image: download%2B%25287%2529.gif]](https://1.bp.blogspot.com/-O78l-7qC9xY/XNsOnXEus6I/AAAAAAAABNo/aC_cm6O0lxUHeQLQU-_wdUNncgKRussLQCLcBGAs/s640/download%2B%25287%2529.gif)
सहाय जोरदार तरीके से मिली को ठोकर मार रहा था, अचानक चूत के चिरने से उसकी कमर चुताड़ो जांघो में घर कर गया दर्द अब गायब होने लगा था | उसके जिस्म में वासना की चिंगारियां फिर भरने लगी | उसका तपता बदन फिर से वासना की आग में झुलसने लगा | किसी चलते इंजन के पिस्टन की तरह सहाय का लंड मिली की गिलबी चिकनी चूत को रम रहा था | सहाय को लगा कही इस तरह से भीषण ठोकर मारते मारते मिली की पिंडली में दर्द न हो जाये | उसने मिली की चूत में लंड डाले डाले उसे गहरे से चूमने लगा | एक हाथ में ढेर सारी लार उधेली और मिली की चूत पर लंड निकालकर मलने लगा | मिली की चूत शुरूआत में लगे लंड के झटको के दर्द से उबर रही थी | सहाय ने इस समय धक्के रोककर उसे बड़ी राहत दी | चूत को चीरते लंड की ठोकरों से मिली के मुहँ से बड़ी दर्द भरी चीखे ही निकल रही थी | सहाय की भीषण चुदाई से आग की तरह तपती गुलाबी चिकनी चूत पर सहाय की गीली लार बारिश जैसी फुहार की तरह लगने लगी | मिली की चीखे सिसकारियो में बदल गयी | इससे पहले मिली कुछ सोच पाती तभी सहाय ने मिली को पलट कर उल्टा मेज पर टिका दिया, मिली भी फुर्ती से पलट गयी | अब मिली की पीठ सहाय के सामने थी और उसके भारी भरकम मांसल चौड़े चुतड सहाय के लंड पर नरम गुदगुदी कर रहे थे | उसका भट्ठी की आग की तरह तपता लंड मिली के पसीने से नम नरम नरम चुताड़ो पर गुनगुना लग रहा था | मिली ने अपने दोनों हाथ मेज पर टिका दिए और पीछे को गर्दन घुमाकर देखने लगी | सहाय ने उसकी कमर पर हाथ रखकर थोड़ी से कमर हिलाई, फिर उसके मांसल चुताड़ो को कसकर मसलने लगा, उसके चुताड़ो पर एक एक थपाक मारी और अपना लंड उसकी गरम चूत के गुलाबी मुहाने में सटा दिया और जोर से धक्का देकर सटाक से अन्दर पेल दिया | मिली की चिकनी गीली गरम आग में धधकती चूत की गुलाबी दीवारों को चीरता हुआ लंड पूरी तरह से समां गया | सहाय ने जोर जोर से कमर हिलानी शुरू कर दी | मिली के लिए इसमें कुछ भी अजीब नहीं था | वही बॉस, वही उसका मोटा लम्बा लंड, वही चुदाई का वहसी भीषण अंदाज, ऐसे धक्को की तो अब मिली को आदत पड़ गयी थी | अब तो उसे हर तीसरे दिन चुदना ही था फिर क्यों न इन धक्को को बर्दास्त करना सीख ले | उसका गोरा मांसल बदन भी ऐसे धक्को का अभयस्त हो चूका था लेकिन कमोवेश पहली चुदाई के बाद हर तीसरे दिन अपनी चूत सहाय का लंड लेकर उससे ऐसे ही बुरी तरह चुदने के बावजूद सहाय उसकी चीखे निकाल ही देता था | अगर दो चार दिन तक उसकी चूत में सहाय का लंड न जाये तो मिली की चुदाई की भूख अपने आप ही उसके जिस्म को कचोटने लगाती | उसके लिए खुद की चुदाई की ललक को छिपाना मुश्किल हो जाता | वो अलग बात है सहाय ने ऐसे मौके बहुत कम ही आने दिए | दो ही बार ऐसा हुआ जब सहाय ने मिली को हफ्ते भर तक ना चोदा हो | एक जब वो विदेश गया था और दूसरा जब वो हॉस्पिटल में एडमिट हो गया था | बाकि उसकी मिली की चुदाई की कहानी हर बार सेम रहती जब भी वो मिली की गुलाबी चूत में पहली बार लंड पेलता, मिली की चीखे उबल पड़ती थी, जबकि सहाय ने उसकी चूत को चोद चोदकर चुदाई के लिए मजबूत बना दिया था सोचो अगर मिली की जगह किसी घरेलु औरत की चूत होती तो सहाय तो उसकी चीखे निकाल निकाल कर उसे बेहोश कर देता | मिली को करारे झटके लग रहे थे | मिली की चूत में सटासट एक बार में लंड पूरा सफ़र तय करके अपने अंतिम स्टेशन पहुँच जा रहा था और बिना रुके फिर वापस लौट लेता | ये सिलसिला इतनी तेज हो रहा था की लग था जैसे इंजन के बोर में पिस्टन आ जा रहा हो | मिली दनादन धक्को के बीच में ही अपना काबू खो बैठी, भीषण झटको से हिलती उसकी कमर में कम्पन होने लगा, जांघे कांपने लगी, उसके हाथो पर से उसका नियंत्रण छुटने लगा | उसके दिलो दिमाग में थरथराहट होने लगी, उसके अन्दर उमड़ रहा वासना का तूफ़ान उसे अपने साथ उड़ा कर ले जाने लगा | वो फिर से कांपने लगी, वो फिर से झड़ने लगी लेकिन इस बार सहाय न रुका न थमा | उसके धक्के बदस्तूर जारी रहे | इतना तेज घर्षण, इतना घनघोर चूत की मखमली दीवारों का मर्दन, इतनी तेज मिली के चुताड़ो पर थप थप कर लगते झटके, उसका पूरा शरीर उन झटको से हिल रहा था और उसके बड़े बड़े सुडौल गोरे उरोज तो जैसे किसी मेले में झुला झूलने आये हो | हर धक्के के साथ उनका झूलना बदस्तूर जारी था | मिली कांप कर थम गयी और उसके चुताड़ो पर सहाय के धक्के बदस्तूर जारी रहे, सहाय उसे अपनी ही स्पेद्द से चोदता रहा | मिली के आह आह की कराहे और सहाय के मिली के चुताड़ो पर टकराती टांगो की थप थप की आवाजे कमरे में गूज रही थी | सहाय के धक्को से मिली का पूरा शरीर हिल रह रहा था | पंजो से लेकर सर तक कुछ भी स्थिर नहीं था |उसके चूतड़ सहाय की जांघो से चोट खाकर थलर थलर कर रहे थे | उसके स्तन, उसके बदन की तरह आगे पीछे झूला झूल रहे थे | वो बार बार अपनी रेशमी जुल्फे सँभालने की कोशिश करती लेकिन जब वो खुद ही अपने काबू में नहीं थी तो भला उसकी लटे कैसे काबू आती | उसके बदन पर फिर से वासना की तरंग चढ़ने लगी, उसके झड़ने की मिनट के अन्दर फिर से मिली अपनी चुदाई की तरंग में लौट आई | उसकी उत्तेजना फिर से उसके दिलो दिमाग पर छाने लगी | उसके बदन पर फिर से हवस का बुखार चढ़ गया और उस बुखार में उसका बदन का रोम रोम तपने लगा | सहाय के मोटे लंड की की भीषण चुदाई से उसके अन्दर कही हवस का एक दावानल उबलने लगा, जिसकी आग से उसका पूरा बदन तप रहा था और उस आग को बुझाने की प्यास में उसके बदन का रोम रोम प्यासा हो गया था, उसे अपने जलते बदन की आग बुझाने को उसे सावन की बारिश की ठंडी ठंडी फुहारे चाहिए थी जो सिर्फ उसकी चूत की भीषण चुदाई से निकलेगी |
![[Image: 08%2B%25282%2529.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-aH6HH0A3EiU/XNfDuZhZh5I/AAAAAAAABIg/rZyaUeGoZy8Pcd76mJQox4DZLWoU-BYHQCLcBGAs/s640/08%2B%25282%2529.jpg)
इसलिए सहाय के हाहाकारी झटके और उसकी कोमल गुलाबी चूत को चीरता मोटे लंड का दर्द भी उसे मीठा मीठा गुनगुना लग रहा था | ये झटके ही अपनी बारिश की फुहारों से उस दावानल की आग को शांत करेगें | सहाय को सिर्फ मिली की चूत को चोदने से मतलब था लेकिन इसी हाहाकारी चुदाई में मिली अपने जिस्म की प्यास बुझा लेती थी | उसको मिलने वाला दर्द उसके लिए अमृत बन जाता | वो इसी दर्द में झटको से मिले कम्पन में अपनी उत्तेजना की तरंगे महसूस कर लेती | हर ठोकर से कांपते उसके बदन को एक अजीब सी संतुष्टि मिलती | मेज पर हाथ टिकाये सहारा लिए खड़ी मिली को सहाय पीछे से जबदस्त तरीके से चोद रहा था | मिली भी उतनी ही लगन से चुद रही थी | जब आदमी और औरत दोनों को चुदाई में दिलचस्पी हो और दोनों के बदन में हवस की आग बराबर लगी हो तो ऐसे ही औरत के चूतड़ कुचल कुचल के, उसके सुडौल स्तनों को मसल मसल के चुदाई होती है और औरत भी इस दर्द में बराबर मजा लूटती है, न कोई शिकवा न कोई शिकायत,बल्कि खुद ही गपागप चूत में अन्दर तक लंड लेती है | जिससे मर्फ को भी पूरा मजा आये और औरत को भी | सहाय का मिली से भावनात्मक लगाव नहीं था और मिली को ऐसे किसी चीज की उम्मीद नहीं थी | उसे इस चुदाई के बदले बहुत कुछ मिलता था इसलिए यहाँ सेंटीमेंटल बकवास के लिए कोई जगह नहीं थी | सहाय को पता था वो यहाँ क्यों आया है और क्या करना है और मिली को भी अच्छे से पता था कि उसे बॉस यहाँ क्यों लता है और उसे क्या करना होता है | एक चोदने आया था और दूसरी चुदने आई थी, दोनों के जिस्म में बराबर आग लगी थी, दोनों ही यहाँ अपने जिस्मो की आग बुझाने आये थे | एक चोदकर तो दूसरी चुदवाकर | तो जब दोनों एक ही काम के लिए आये थे और दूसरा कोई काम नहीं था तो दोनों दिल, आत्मा, मन ,तन ,बदन सब लगाकर वो एक काम क्यों न करते |
![[Image: 07%2B%25282%2529.jpg]](https://2.bp.blogspot.com/-1Fn223w8-qw/XNfDvvweBsI/AAAAAAAABIo/2f5aKGXMEhk-fP_hdcXEUkmxPsNAk-MWgCLcBGAs/s640/07%2B%25282%2529.jpg)
सहाय की बेदर्द ताड़बतोड़, टॉप गियर में बुलेट ट्रेन की स्पीड से की गयी चुदाई से हांफती मिली ने कमरे में उठ रही चुदाई की कराहे और ठोकरों की थाप के शोर को तोड़ते हुए सहाय से गन्दी गन्दी बाते शुरू कर दी - बॉस अपनी इस गुलाम को रंडियों की तरह चोदने में मजा आ रहा है | आपने तो शुरुआत में जान ही निकाल दी |
सहाय भी हांफता हुआ - हाँ मेरी चुदैल रंडी, तुझे चोदने में ......... बेबी तुझे चोदने में बहुत मजा आ रहा है, साला कितना भी चोदो, तुमारी चूत हमेशा उतनी ही टाइट रही है |
मिली - सच्ची बॉस,मेरी चूत टाइट है |
सहाय - साली कुतिया कौन सी क्रीम लगाती है जो हर बार ये इतनी टाइट हो जाती है, हर अपने लंड से चोद चोद कर इसको फैलाता हो, इसके छेद को खोलता हूँ, इसको भोशड़ा बनाता हूँ | तू हर बार इसे कच्ची काली जैसी चूत बनाकर ले आती है |
मिली - आपको मेरी कसी चूत चोदने में मजा तो आ रहा है न बॉस |
सहाय - हाँ बहुत मजा आ रहा है तेरी कसी चूत में पूरा लंड पेलने में | साला तेरी चूत चोदने के चक्कर में गांड में पसीना आ गया है | आआह्ह्ह्ह्ह्ह् क्या मख्खन मलाई जैसी चूत है, जैसे ही लंड डालो, कसकर जकड़ लेती है |
मिली - तो चोदो न बॉस, जमकर चोदो,जैसे मर्जी हो वैसे चोदो, जब तक मर्जी हो तब तक चोदो | ये चुदने के लिए ही तो है बॉस | हर रात इसे आपके लिए ही तो तैयार करती हूँ. ताकि अगले दिन आप इसमें अपना मुसल लंड डाल इसकी कुटाई कर सके |
सहाय - हाँ बेबी तुम बस ऐसे ही कसी कसी चूत लेकर आया करो और मै इसे चोद चोद कर भोसड़ा बनाता रहूँ |
तुमारी इस गुलाबी मांस की ओखली को कूट कूट कर मेरा मुसल भी कभी थकता नहीं है |
मिली - इतना कुटी जाती है बॉस फिर भी नहीं सुधरती ये मुई चूत |
सहाय कुछ देर मिली को धीमे चोदता, फिर एक दम से स्पीड बढ़ा देता और कुछ देर तक उसी भयानक स्पीड से मिली की चूत में लंड पेलता और तब तक पेलता रहता जब तक मिली की कराहे चीखों में नहीं बदल जाती या उसकी सांसे नहीं उखड़ने लगती | जब मिली के लिए चुदाई बर्दास्त से बाहर हो जाती तो सहाय फिर से अपना गियर बदल देता और धीमे धीमे चोदने लगता | जब फिर से मिली की सांसे काबू में आ जाती, सहाय फिर टॉप गियर डाल देता और दे दनादन दे दनादन धक्के पर धक्के धक्के पर धक्के मर मार कर मिली की चूत के रेल बना देता | इस हाहाकारी लंड पेलाई से मिली का कलेजा तो मुहँ को आ गया - हाय्य्य्य्य हाय्य्य्य्य साआअ ररर माआआआआआआ रररररर गाआई,मार्रर ही डाला आआआआआआआह्हीईईईईई ईईईईइ रीरीरीरीरीरीईईईईए |
![[Image: 500.gif]](https://2.bp.blogspot.com/-MUIAfjUNjCY/XNxQb8i8bEI/AAAAAAAABOY/cp2Cjqdna089QvZPr8HXElXQSlh-u-CKgCLcBGAs/s640/500.gif)
लगातर लगते झटके से उसका शरीर हिल हिलकर चूर हो जाता, उसकी चूत और कमर में दर्द पैठ जाता और उसके मुहँ से निकलने वाली मादक कराहे आह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह करते करते आआआआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हा आआआआआआआह्हीईईईईई ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओओ सस्सस्सस्सआआहह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह तक और फिर दर्द भरी आआआआआआआआआआआआह्हह्हह्हह्हआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह की कराह तक पंहुच जाती | एक समय आता जब उसका मुहँ उसकी चूत में लग रहे लगातार लग रहे झटको के आघात से बंद ही नहीं होता और एक लम्बी न टूटने वाली रिदम में उसके मुहँ से आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह की कराह बस निकलती ही रहती | उसके चेहरे पर पीड़ा के भाव आ जाते | वो बार बार सहाय की तरफ देखती, जो मशीन की तरह अपनी कमर हिला हिलाकर मिली की चूत का कचूमर निकालने पर आमादा है | मिली की आँखों में याचना का स्वर होता है और मुहँ में दरद भरी लम्बी चुदाई की कराह लेकिन सहाय को फुर्सत कहाँ मिली की कराह सुनने की, उसे कहाँ फुर्सत मिली की आँखों में चुदाई का दर्द देखने की जो वो झटके धीमे कर दे | दर्द और भीषण झटको से बेहाल मिली आपने हाथ पाँव ढीले छोड़ मेज पर पसर गयी| उसका बदन नॉन स्टॉप इतनी स्पीड की चुदाई के बाद अपने आप ही निढाल होने लगा, तब जाकर सहाय ने मिली के बाल पकड़कर उसे चोदना शुरू कर दिया | बाल खीचे जाने से उसके चूतड़ फिर से सहाय की जांघो से सात गए | वो आगे की तरफ झुककर मिली को चूमने लगा तब उसे अहसास हुआ की उसने तो मिली को चोद चोदकर चूर कर दिया है, उसने आपने धक्के धीमे कर दिए और उसे गहरा चुम्बन करने लगा | मिली की जान में जान आई, उसका चेहरा दर्द से भर गया था, उसकी आँखों में वो पीड़ादायक झटकों और चुदाई का असर साफ़ दिख रहा था | सहाय ऐसे ही चोद चोद कर मिली का कचूमर निकाल देता था | कभी कभी मिली चुदते चुदते ही पूरी तरह पस्त हो जाती, न जांघो में जान बचती न हाथो में दम, बस सहाय की गिरफ्त में चुदती रहती, जमकर चुदती रहती, चाहे जितना भी दर्द हो थकान हो लेकिन मजाल है जो कभी सहाय को चुदाई के बीचो बीच चोदने से रोका हो |
![[Image: 16651976.gif]](https://1.bp.blogspot.com/-7Jzrkp45RZM/XNxO_2gDmdI/AAAAAAAABOM/Q3vBc055KzUi-shTp6Foszb8Qm4BMt4tgCLcBGAs/s640/16651976.gif)
सहाय मिली की चूत में आइस्ते आइस्ते लंड ठेलने में लगा था | उसने उसकी चूत को इतनी भीषण नॉन स्टॉप चुदाई के बाद भी आराम करने का कोई मौका नहीं दिया | उसमे आइस्ते आइस्ते लंड उसका रमता रहा | उसको मिली की चूत को चोदते चोदते काफी टाइम हो गया था, उसे लगा पोजीशन बदलनी चाहिए नहीं तो मिली को कही कोई दिक्कत हो गयी तो उसे प्रॉब्लम हो जाएगी | वैसे भी उसने लगातार दनादन धक्के मार मार के मिली का दम तो निकाल ही दिया था | मिली को वापस उसी तरह चुदने के लिए कुछ वक्त तो चाहिए होगा ताकि वो खुद को समेट सके, अपनी सांसे व्यवस्थित कर सके, अपने सरीर में फिर से उर्जा भर सके | सहाय को भी एक ब्रेक की जरुरत महसूस हुई | उसने कमर हिलाना बंद कर दिया और अपना लोहे की रोड जैसा मोटा सख्त गरम लंड मिली की चूत से निकाल लिया | लंड पूरी तरह से मिली की चूत के रस से गीला था | लंड को देखते ही मिली ने उसे अपने मुहँ में भर लिया |
![[Image: 07%2B%25281%2529.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-rWvhgWRrr4w/XNfDTAu1GdI/AAAAAAAABH4/SxXc9TYJE1MOZoDRdAiYXLL8WqvsVKCJACLcBGAs/s640/07%2B%25281%2529.jpg)
आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऐसा लग रहा था जैसे धूप में पड़ा गुनगुना केला मुहँ में डाल दिया हो | सहाय के तपते लंड को मिली के गीले मुहँ में बड़ी राहत मिली | सहाय तो आनंद से भर गया | मिली ने उसके लंड को चुसना शुरू कर दिया | अपनी गीली जीभ और लिसलिसे ओठो से अपने लंड चुदने के जादू का वो तिलिस्म बांधा कि सहाय के मुहँ से आहे निकलने लगी , वो एक झटके में इतनी देर तक मिली की चूत मारे में करारे झटको की सारी थकान भूल गया | उसका लंड एक दम तरो ताजा हो गया | मिली ने उठकर एक बोतल से एनर्जी ड्रिंक पी, जो की वो अक्सर चुदाई के वक्त साथ ही रखती थी | उसे पता था उसे इसकी जरुरत पड़ती है | बॉस से चुदवाना इतना आसन नहीं होता, जरा सी गलती और वो सारे ऐसो आराम, एक्स्ट्रा पैसे और नौकरी सबसे हाथ धो बैठेगी | वो इस बात का खास ख्याल रखती की बॉस को हर बार उसे चोदते वक्त कुछ स्पेशल फील हो | आखिर दुनिया में इतनी चूत है जो उसके अमीर बॉस से चुदने को राजी है, फिर जब तक वो कुछ स्पेशल नहीं देगी बॉस को, बॉस क्यों भाग भाग कर उसके पास आएगा | बॉस को जब मिली की चूत से वो स्पेशल मिलेगा जो और किसी चूत के बस का नहीं है तभी बॉस उस पर बेहिसाब पैसा खर्च करेगा |
सहाय - हाँ साली रंडी की जनी, तुझे ही चोदने जा रहा हूँ, साली तूने भी तो चूस चूस के मेरी गांड फाड़ रखी थी, अब इस लंड को लोहे की राड की सख्त बना दिया है अब इसे तेरी चूत की भठ्ठी की आग ही पिघला कर नरम करेगी | जब तक तक ये लोगे जैसा सख्त लंड नरम नहीं होता तेरी चूत में की भट्ठी को चोद चोदकर उसमे हवा भरता रहूँगा और तेरी गुलाबी गरम चूत की भट्ठी की आग बढाता रहूँगा |
मिली कामवासना की उत्तेजना से बडबडाती - ओह्ह्ह्ह्ह्ह सरररर अब लंड घुस ही दो इस मुई चूत में, देखो कैसे फड़क रही है लंड लेने को |
सहाय - हाँ साली कुतिया, पता है तू बहुत गरम हो चुकी है इस वक्त, बस तेरी ही चूत फाड़ने जा रहा हूँ |
मिली - सर थोड़ा आराम से करना, आप एक बार चूत में लंड घुसाने के बाद कोई रहम नहीं दिखाते हो |
सहाय - साली चूत भी चुदवायेगी रंडियों की तरह और कहती है आराम से करना, एक बार चूत में घुसने तो दे फिर देख तेरी कैसी चीखे निकलता हूँ | साला लंड चूस चूस के मेरी गांड ही फाड़ दी | बिलकुल रंडियों की तरह चूसा है लंड तूने , तो अब रंडियों से भी बुरी तरह से चोदुंगा तुझे हरामजादी | तेरी चूत के चीथड़े न उड़ा दिए तो मै भी तेरा चूत खोर बॉस नहीं | साला कह रही है बहुत फड़क रही है, अभी फाड़ता हो तेरी फडकती चूत |
मिली - हाँ सर बहुत फड़क रही है |
सहाय - साली कुतिया, उसके चुताड़ो पर एक जोरदार चमाट मारते हुए, साली अभी देख कसी तेरी नाजुक चूत को चीर के भोसड़ा बनाता हूँ |
सहाय ने मिली को मेज पर पीठ के बल लिटा दिया, उसकी दोनों टांगे हवा में उठा दी , फिर उसे थोडा सा आगे की तरफ मेज के किनारे पर खीचकर उसकी जांघे अपने कंधो पर टिका दी | अब मिली की गुलाबी मखमली चूत बिलकुल सहाय के भूखे तड़पते, हवस की आग में भट्ठी बने लंड की सामने थी | अपने सामने गुलानी चिकनी साफ़ सुथरी चूत देख सहाय का लंड और पगला गया,उसमे खून का दौरान और तेज हो गया और वो वासना की आग में तपता जोर जोर से कांपने लगा | सहाय ने भी देर नहीं करी | उसने मिली को गोरी मांसल जांघे पकड़ कर उसे थोड़ा और अपनी तरफ खिसकाया, अब मिली के एक तिहाई चूतड़ मेज से बाहर लटक रहे थे | सहाय ने अपने लड़ का गरम सुपाडा मिली की गीली गरम चूत पर रखा और कमर में जोर लगाकर हचक के धक्का दे मारा |
सहाय का आग की तरह तपता मोटा लंड लंड मिली की भट्ठी बनी गुलाबी चूत को चीरता हुआ अन्दर तक जाकर धंस गया | मिली की तो चीखे उबल पड़ी |
मिली - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ मरररररररररर ररररररररररर ममामामामामामाम्मा
ईईईईईईईईईई गगागागाआआआआ आआआईईईईईईई ईईईईईईईईईइ |
एक ही झटके में लंड मिली की चूत की गुलाबी सुरंग की आधी से ज्यादा दूरी तय कर चूका था | इससे पहले मिली अपनी पहली चीख ख़त्म कर पाती, सहाय ने लंड को बाहर खीचा और फिर से और जोर से कमर को झटका दिया | सहाय का मोटा लंड मिली की चूत की चिपकी गुलाबी दीवारों को चीरता हुआ और अन्दर तक धंस गया |
मिली - मरररररर रररररररररर गाआआआआआआआ ईईईईईईईईई ईईईईईईईइ मरररररररररररररररर गाआआआआआआ आईईईईईईईई ईईईईईईईईइ, मार डाला बॉस आपने ने, आहआह्ह, ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊओफ़्फ़फ़्फ़, आऐईईईईई माआआआअ, मरररर गाईईईइ | ऊऊऊऊऊ आआऐईईईईईईईईईई आआआईईईईइऊऊऊऊऊऊऊउ |
सहाय अभिमान से हुंकारता हुआ - साली कुतिया फट गयी न गांड |
मिली - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ बाआह्ह्हूऊऊत्त्त दर्र्रर्रर्रर्ररद होहोहोहोहोहोहो र्र्रर्र्हहहहाहा है | आईईईईईईईई ईईईईईईईईइ माँआआआआअईईईईईईईईई |
सहाय फिर हुंकारा - साली अम्मा याद आ गयी अब, कैसे उछल उछल कर कह रही दी चोदो मुझे |ले अभी तो पूरा लंड खाया ही कहा है तेरी चूत ने |
सहाय ने फिर से सटक से लंड बाहर खीचा और फिर से करारा झटका दिया - सहाय का आग की तरह तपता लंड मिली की हवस की आग की गुलाबी भट्ठी में, उसकी चूत की गुलाबी दीवारों की हर अड़चन को चीरता हुआ चूत के अंतिम छोर तक जाकर धंस गया | सहाय ने एक हुंकार भरी और अपनी कमर को जोरो से हिलाने लगा |
मिली की चूत की दीवारे फट के दो फाड़ हो गयी, उसके बीच में सहाय के मोटे लंड ने अपना मुसल ठूंस दिया था , मिली की चीखे निकल आई और इस दर्द भरे झटको से भरी लंड पेलाई से मिली का कलेजा तो मुहँ को आ गया - हाय्य्य्य्य हाय्य्य्य्य साआअ ररर माआआआआआआ रररररर गाआई, फट्ट्ट्ट्ट गय्य्य्य्ई्ई्ई्ई मेरी चूत, ओह्ह्ह्ह्ह्ह जालिम लाआआआआड ने , मार्रर ही डाला रेएएएएएए | आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ रीईईईईए |
मिली खुद को संभाल नहीं आई इस भीषण दर्द में भी उसको ओर्गास्म हो गया |
मिली - आअहाआअहाआह्ह सर्र्र्रर्र्र मीईईरीईइ गाआईईईईईईईइ | आः आःह हाहाह आआह | मिली कांपने लगी |
![[Image: 20633727.gif]](https://3.bp.blogspot.com/-P06bzLTSoRc/XNr9qMxx2tI/AAAAAAAABNc/LLOvNpb0z1Yh59e7jo-3OT8FxdqU2QEdwCLcBGAs/s640/20633727.gif)
सहाय मिली के कांपने तक थम गया, मिली का कांपना कुछ देर में ही रुक गया और सहाय ने फिर से एक भीषण ठोकर मरी और पूरा का पूरा लंड मिली की नाजुक गुलाबी दीवारों को चीरता हुआ उसकी मखमली गरम चूत सुरंग में घुस गया | झाड़ने से मिली की काम वासना की उत्तेजना कम हो चुकी थी, हालाँकि उसका बदन अभी भी गरम था फिर भी मिली दर्द से बिलबिला गयी, उसकी आँखों में आंसू छलछला आये | उसकी चूत पर हुए सहाय के लंड के इतने भीषण हमले से उसकी चूत में उठने वाला भीषण दर्द उसकी कमर चूतड़ जांघो तक फ़ैल गया | उसने सहाय के हाथो को कसकर थाम लिया क्योंकि चूत की दीवारे चीरने के बाद अब तो वो बेतहाशा जोरदार धक्के मार मार कर उसकी कमर तोड़ देगा | मिली जानती थी सहाय कैसी चुदाई करता है और अब तो बस लंड घुसाने तक ही दर्द होता है लेकिन पहली बार जब नौकरी के तीसरे महीने उसे सात दिन की छुट्टी चाहिए थी तब वो पहली बार बॉस के आगे गिदगिड़ाई थी और सहाय ने उसे गिव नाद टेक की पालिसी समझाई थी | फिर उस रात वो सहाय के घर गयी और रात में जो भीषण तरीके से उसकी चूत को रौंदा था सहाय ने | वो रात आज तक नहीं भूली, जब सुबह उसके बदन का पुर्जा पुर्जा दर्द से चीख चीख रहा था | सहाय ने उसे उस रात तीन बार चोदा था, रात के १० बजे से रात के एक बजे तक तीन बार बीस बीस मिनट तक उसे चोदा था | वो उससे पहले ऐसे कभी नहीं चुदी थी | पहली बार उसकी चूत कमर और चूतड़ पर इतने करारे झटके पड़े थे सहाय ने इतने करारे करारे झटके मार मार कर मिली को चोदा कि उसकी चूत, कमर, पिंडलिया, चूतड़, जांघे, पीठ, गर्दन सब सुबह बुरी तरह से दुःख रही थी | हालाँकि सुबह वो ही मिली को क्लिनिक इस डर से लेकर गया कही उसने रात में चुदाई के जोश में कही मिली को चोट तो नहीं पंहुचाइ | मिली चौड़े मजबूत जिस्म की मालकिन थी, इसलिए उसका शरीर सहाय की ठोकरों से चूत चूर तो हो गया लेकिन वो टूटी नहीं | तब से लेकर आज तक वो मिली को ऐसे ही चोदता था, उसे फर्क नहीं पड़ता था की मिली के किस अंग में दर्द है, वो कराह रही है चीख रही है | जब तक उसका लंड मिली की चूत में रहता था उसे बस दनादन चुदाई याद रहती, जोरदार धक्के याद रहते थे, पूरी ताकत से लगाने वाले करारे धक्के, जिससे मिली का रोम रोम, पुर्जा पुर्जा हिल जाता था | मिली के बड़े बड़े चूतड़ और बड़े बड़े उरोर्जो का भी यही राज है | सहाय ने उन्हें कसकर इतना मसला है इतना मसला है की मिली के शरीर पर भी वो दोनों अलग चमकते है | उसकी उठी हुए भारी भरकम गांड और छाती के बड़े बड़े उरोज सहाय की मिली के जिस्म पर की गयी बेदर्दी भरी बेशुमार मालिश का ही नतीजा है | उसने मिली के खूब चूतड़ मसले है, खूब उरोजो को दबाया है | इसलिए आज मिली की छाती और चूतड़ दोनों कुछ ज्यादा ही उठे हुए बड़े बड़े नजर आते है | बदले में मिली ने भी सहाय से खूब पैसे कमाए है और सुविधाए ली है | मिली अपनी सैलरी से 6 गुना से ज्यादा कमा रही है, इसके अलावा सहाय से मिलने वाले गिफ्ट अलग | तो इस चुदाई के दर्द की उसने भी पूरी कीमत वसूली है |
![[Image: download%2B%25287%2529.gif]](https://1.bp.blogspot.com/-O78l-7qC9xY/XNsOnXEus6I/AAAAAAAABNo/aC_cm6O0lxUHeQLQU-_wdUNncgKRussLQCLcBGAs/s640/download%2B%25287%2529.gif)
सहाय जोरदार तरीके से मिली को ठोकर मार रहा था, अचानक चूत के चिरने से उसकी कमर चुताड़ो जांघो में घर कर गया दर्द अब गायब होने लगा था | उसके जिस्म में वासना की चिंगारियां फिर भरने लगी | उसका तपता बदन फिर से वासना की आग में झुलसने लगा | किसी चलते इंजन के पिस्टन की तरह सहाय का लंड मिली की गिलबी चिकनी चूत को रम रहा था | सहाय को लगा कही इस तरह से भीषण ठोकर मारते मारते मिली की पिंडली में दर्द न हो जाये | उसने मिली की चूत में लंड डाले डाले उसे गहरे से चूमने लगा | एक हाथ में ढेर सारी लार उधेली और मिली की चूत पर लंड निकालकर मलने लगा | मिली की चूत शुरूआत में लगे लंड के झटको के दर्द से उबर रही थी | सहाय ने इस समय धक्के रोककर उसे बड़ी राहत दी | चूत को चीरते लंड की ठोकरों से मिली के मुहँ से बड़ी दर्द भरी चीखे ही निकल रही थी | सहाय की भीषण चुदाई से आग की तरह तपती गुलाबी चिकनी चूत पर सहाय की गीली लार बारिश जैसी फुहार की तरह लगने लगी | मिली की चीखे सिसकारियो में बदल गयी | इससे पहले मिली कुछ सोच पाती तभी सहाय ने मिली को पलट कर उल्टा मेज पर टिका दिया, मिली भी फुर्ती से पलट गयी | अब मिली की पीठ सहाय के सामने थी और उसके भारी भरकम मांसल चौड़े चुतड सहाय के लंड पर नरम गुदगुदी कर रहे थे | उसका भट्ठी की आग की तरह तपता लंड मिली के पसीने से नम नरम नरम चुताड़ो पर गुनगुना लग रहा था | मिली ने अपने दोनों हाथ मेज पर टिका दिए और पीछे को गर्दन घुमाकर देखने लगी | सहाय ने उसकी कमर पर हाथ रखकर थोड़ी से कमर हिलाई, फिर उसके मांसल चुताड़ो को कसकर मसलने लगा, उसके चुताड़ो पर एक एक थपाक मारी और अपना लंड उसकी गरम चूत के गुलाबी मुहाने में सटा दिया और जोर से धक्का देकर सटाक से अन्दर पेल दिया | मिली की चिकनी गीली गरम आग में धधकती चूत की गुलाबी दीवारों को चीरता हुआ लंड पूरी तरह से समां गया | सहाय ने जोर जोर से कमर हिलानी शुरू कर दी | मिली के लिए इसमें कुछ भी अजीब नहीं था | वही बॉस, वही उसका मोटा लम्बा लंड, वही चुदाई का वहसी भीषण अंदाज, ऐसे धक्को की तो अब मिली को आदत पड़ गयी थी | अब तो उसे हर तीसरे दिन चुदना ही था फिर क्यों न इन धक्को को बर्दास्त करना सीख ले | उसका गोरा मांसल बदन भी ऐसे धक्को का अभयस्त हो चूका था लेकिन कमोवेश पहली चुदाई के बाद हर तीसरे दिन अपनी चूत सहाय का लंड लेकर उससे ऐसे ही बुरी तरह चुदने के बावजूद सहाय उसकी चीखे निकाल ही देता था | अगर दो चार दिन तक उसकी चूत में सहाय का लंड न जाये तो मिली की चुदाई की भूख अपने आप ही उसके जिस्म को कचोटने लगाती | उसके लिए खुद की चुदाई की ललक को छिपाना मुश्किल हो जाता | वो अलग बात है सहाय ने ऐसे मौके बहुत कम ही आने दिए | दो ही बार ऐसा हुआ जब सहाय ने मिली को हफ्ते भर तक ना चोदा हो | एक जब वो विदेश गया था और दूसरा जब वो हॉस्पिटल में एडमिट हो गया था | बाकि उसकी मिली की चुदाई की कहानी हर बार सेम रहती जब भी वो मिली की गुलाबी चूत में पहली बार लंड पेलता, मिली की चीखे उबल पड़ती थी, जबकि सहाय ने उसकी चूत को चोद चोदकर चुदाई के लिए मजबूत बना दिया था सोचो अगर मिली की जगह किसी घरेलु औरत की चूत होती तो सहाय तो उसकी चीखे निकाल निकाल कर उसे बेहोश कर देता | मिली को करारे झटके लग रहे थे | मिली की चूत में सटासट एक बार में लंड पूरा सफ़र तय करके अपने अंतिम स्टेशन पहुँच जा रहा था और बिना रुके फिर वापस लौट लेता | ये सिलसिला इतनी तेज हो रहा था की लग था जैसे इंजन के बोर में पिस्टन आ जा रहा हो | मिली दनादन धक्को के बीच में ही अपना काबू खो बैठी, भीषण झटको से हिलती उसकी कमर में कम्पन होने लगा, जांघे कांपने लगी, उसके हाथो पर से उसका नियंत्रण छुटने लगा | उसके दिलो दिमाग में थरथराहट होने लगी, उसके अन्दर उमड़ रहा वासना का तूफ़ान उसे अपने साथ उड़ा कर ले जाने लगा | वो फिर से कांपने लगी, वो फिर से झड़ने लगी लेकिन इस बार सहाय न रुका न थमा | उसके धक्के बदस्तूर जारी रहे | इतना तेज घर्षण, इतना घनघोर चूत की मखमली दीवारों का मर्दन, इतनी तेज मिली के चुताड़ो पर थप थप कर लगते झटके, उसका पूरा शरीर उन झटको से हिल रहा था और उसके बड़े बड़े सुडौल गोरे उरोज तो जैसे किसी मेले में झुला झूलने आये हो | हर धक्के के साथ उनका झूलना बदस्तूर जारी था | मिली कांप कर थम गयी और उसके चुताड़ो पर सहाय के धक्के बदस्तूर जारी रहे, सहाय उसे अपनी ही स्पेद्द से चोदता रहा | मिली के आह आह की कराहे और सहाय के मिली के चुताड़ो पर टकराती टांगो की थप थप की आवाजे कमरे में गूज रही थी | सहाय के धक्को से मिली का पूरा शरीर हिल रह रहा था | पंजो से लेकर सर तक कुछ भी स्थिर नहीं था |उसके चूतड़ सहाय की जांघो से चोट खाकर थलर थलर कर रहे थे | उसके स्तन, उसके बदन की तरह आगे पीछे झूला झूल रहे थे | वो बार बार अपनी रेशमी जुल्फे सँभालने की कोशिश करती लेकिन जब वो खुद ही अपने काबू में नहीं थी तो भला उसकी लटे कैसे काबू आती | उसके बदन पर फिर से वासना की तरंग चढ़ने लगी, उसके झड़ने की मिनट के अन्दर फिर से मिली अपनी चुदाई की तरंग में लौट आई | उसकी उत्तेजना फिर से उसके दिलो दिमाग पर छाने लगी | उसके बदन पर फिर से हवस का बुखार चढ़ गया और उस बुखार में उसका बदन का रोम रोम तपने लगा | सहाय के मोटे लंड की की भीषण चुदाई से उसके अन्दर कही हवस का एक दावानल उबलने लगा, जिसकी आग से उसका पूरा बदन तप रहा था और उस आग को बुझाने की प्यास में उसके बदन का रोम रोम प्यासा हो गया था, उसे अपने जलते बदन की आग बुझाने को उसे सावन की बारिश की ठंडी ठंडी फुहारे चाहिए थी जो सिर्फ उसकी चूत की भीषण चुदाई से निकलेगी |
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इसलिए सहाय के हाहाकारी झटके और उसकी कोमल गुलाबी चूत को चीरता मोटे लंड का दर्द भी उसे मीठा मीठा गुनगुना लग रहा था | ये झटके ही अपनी बारिश की फुहारों से उस दावानल की आग को शांत करेगें | सहाय को सिर्फ मिली की चूत को चोदने से मतलब था लेकिन इसी हाहाकारी चुदाई में मिली अपने जिस्म की प्यास बुझा लेती थी | उसको मिलने वाला दर्द उसके लिए अमृत बन जाता | वो इसी दर्द में झटको से मिले कम्पन में अपनी उत्तेजना की तरंगे महसूस कर लेती | हर ठोकर से कांपते उसके बदन को एक अजीब सी संतुष्टि मिलती | मेज पर हाथ टिकाये सहारा लिए खड़ी मिली को सहाय पीछे से जबदस्त तरीके से चोद रहा था | मिली भी उतनी ही लगन से चुद रही थी | जब आदमी और औरत दोनों को चुदाई में दिलचस्पी हो और दोनों के बदन में हवस की आग बराबर लगी हो तो ऐसे ही औरत के चूतड़ कुचल कुचल के, उसके सुडौल स्तनों को मसल मसल के चुदाई होती है और औरत भी इस दर्द में बराबर मजा लूटती है, न कोई शिकवा न कोई शिकायत,बल्कि खुद ही गपागप चूत में अन्दर तक लंड लेती है | जिससे मर्फ को भी पूरा मजा आये और औरत को भी | सहाय का मिली से भावनात्मक लगाव नहीं था और मिली को ऐसे किसी चीज की उम्मीद नहीं थी | उसे इस चुदाई के बदले बहुत कुछ मिलता था इसलिए यहाँ सेंटीमेंटल बकवास के लिए कोई जगह नहीं थी | सहाय को पता था वो यहाँ क्यों आया है और क्या करना है और मिली को भी अच्छे से पता था कि उसे बॉस यहाँ क्यों लता है और उसे क्या करना होता है | एक चोदने आया था और दूसरी चुदने आई थी, दोनों के जिस्म में बराबर आग लगी थी, दोनों ही यहाँ अपने जिस्मो की आग बुझाने आये थे | एक चोदकर तो दूसरी चुदवाकर | तो जब दोनों एक ही काम के लिए आये थे और दूसरा कोई काम नहीं था तो दोनों दिल, आत्मा, मन ,तन ,बदन सब लगाकर वो एक काम क्यों न करते |
![[Image: 07%2B%25282%2529.jpg]](https://2.bp.blogspot.com/-1Fn223w8-qw/XNfDvvweBsI/AAAAAAAABIo/2f5aKGXMEhk-fP_hdcXEUkmxPsNAk-MWgCLcBGAs/s640/07%2B%25282%2529.jpg)
सहाय की बेदर्द ताड़बतोड़, टॉप गियर में बुलेट ट्रेन की स्पीड से की गयी चुदाई से हांफती मिली ने कमरे में उठ रही चुदाई की कराहे और ठोकरों की थाप के शोर को तोड़ते हुए सहाय से गन्दी गन्दी बाते शुरू कर दी - बॉस अपनी इस गुलाम को रंडियों की तरह चोदने में मजा आ रहा है | आपने तो शुरुआत में जान ही निकाल दी |
सहाय भी हांफता हुआ - हाँ मेरी चुदैल रंडी, तुझे चोदने में ......... बेबी तुझे चोदने में बहुत मजा आ रहा है, साला कितना भी चोदो, तुमारी चूत हमेशा उतनी ही टाइट रही है |
मिली - सच्ची बॉस,मेरी चूत टाइट है |
सहाय - साली कुतिया कौन सी क्रीम लगाती है जो हर बार ये इतनी टाइट हो जाती है, हर अपने लंड से चोद चोद कर इसको फैलाता हो, इसके छेद को खोलता हूँ, इसको भोशड़ा बनाता हूँ | तू हर बार इसे कच्ची काली जैसी चूत बनाकर ले आती है |
मिली - आपको मेरी कसी चूत चोदने में मजा तो आ रहा है न बॉस |
सहाय - हाँ बहुत मजा आ रहा है तेरी कसी चूत में पूरा लंड पेलने में | साला तेरी चूत चोदने के चक्कर में गांड में पसीना आ गया है | आआह्ह्ह्ह्ह्ह् क्या मख्खन मलाई जैसी चूत है, जैसे ही लंड डालो, कसकर जकड़ लेती है |
मिली - तो चोदो न बॉस, जमकर चोदो,जैसे मर्जी हो वैसे चोदो, जब तक मर्जी हो तब तक चोदो | ये चुदने के लिए ही तो है बॉस | हर रात इसे आपके लिए ही तो तैयार करती हूँ. ताकि अगले दिन आप इसमें अपना मुसल लंड डाल इसकी कुटाई कर सके |
सहाय - हाँ बेबी तुम बस ऐसे ही कसी कसी चूत लेकर आया करो और मै इसे चोद चोद कर भोसड़ा बनाता रहूँ |
तुमारी इस गुलाबी मांस की ओखली को कूट कूट कर मेरा मुसल भी कभी थकता नहीं है |
मिली - इतना कुटी जाती है बॉस फिर भी नहीं सुधरती ये मुई चूत |
सहाय कुछ देर मिली को धीमे चोदता, फिर एक दम से स्पीड बढ़ा देता और कुछ देर तक उसी भयानक स्पीड से मिली की चूत में लंड पेलता और तब तक पेलता रहता जब तक मिली की कराहे चीखों में नहीं बदल जाती या उसकी सांसे नहीं उखड़ने लगती | जब मिली के लिए चुदाई बर्दास्त से बाहर हो जाती तो सहाय फिर से अपना गियर बदल देता और धीमे धीमे चोदने लगता | जब फिर से मिली की सांसे काबू में आ जाती, सहाय फिर टॉप गियर डाल देता और दे दनादन दे दनादन धक्के पर धक्के धक्के पर धक्के मर मार कर मिली की चूत के रेल बना देता | इस हाहाकारी लंड पेलाई से मिली का कलेजा तो मुहँ को आ गया - हाय्य्य्य्य हाय्य्य्य्य साआअ ररर माआआआआआआ रररररर गाआई,मार्रर ही डाला आआआआआआआह्हीईईईईई ईईईईइ रीरीरीरीरीरीईईईईए |
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लगातर लगते झटके से उसका शरीर हिल हिलकर चूर हो जाता, उसकी चूत और कमर में दर्द पैठ जाता और उसके मुहँ से निकलने वाली मादक कराहे आह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह करते करते आआआआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हा आआआआआआआह्हीईईईईई ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओओ सस्सस्सस्सआआहह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह तक और फिर दर्द भरी आआआआआआआआआआआआह्हह्हह्हह्हआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह की कराह तक पंहुच जाती | एक समय आता जब उसका मुहँ उसकी चूत में लग रहे लगातार लग रहे झटको के आघात से बंद ही नहीं होता और एक लम्बी न टूटने वाली रिदम में उसके मुहँ से आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह की कराह बस निकलती ही रहती | उसके चेहरे पर पीड़ा के भाव आ जाते | वो बार बार सहाय की तरफ देखती, जो मशीन की तरह अपनी कमर हिला हिलाकर मिली की चूत का कचूमर निकालने पर आमादा है | मिली की आँखों में याचना का स्वर होता है और मुहँ में दरद भरी लम्बी चुदाई की कराह लेकिन सहाय को फुर्सत कहाँ मिली की कराह सुनने की, उसे कहाँ फुर्सत मिली की आँखों में चुदाई का दर्द देखने की जो वो झटके धीमे कर दे | दर्द और भीषण झटको से बेहाल मिली आपने हाथ पाँव ढीले छोड़ मेज पर पसर गयी| उसका बदन नॉन स्टॉप इतनी स्पीड की चुदाई के बाद अपने आप ही निढाल होने लगा, तब जाकर सहाय ने मिली के बाल पकड़कर उसे चोदना शुरू कर दिया | बाल खीचे जाने से उसके चूतड़ फिर से सहाय की जांघो से सात गए | वो आगे की तरफ झुककर मिली को चूमने लगा तब उसे अहसास हुआ की उसने तो मिली को चोद चोदकर चूर कर दिया है, उसने आपने धक्के धीमे कर दिए और उसे गहरा चुम्बन करने लगा | मिली की जान में जान आई, उसका चेहरा दर्द से भर गया था, उसकी आँखों में वो पीड़ादायक झटकों और चुदाई का असर साफ़ दिख रहा था | सहाय ऐसे ही चोद चोद कर मिली का कचूमर निकाल देता था | कभी कभी मिली चुदते चुदते ही पूरी तरह पस्त हो जाती, न जांघो में जान बचती न हाथो में दम, बस सहाय की गिरफ्त में चुदती रहती, जमकर चुदती रहती, चाहे जितना भी दर्द हो थकान हो लेकिन मजाल है जो कभी सहाय को चुदाई के बीचो बीच चोदने से रोका हो |
![[Image: 16651976.gif]](https://1.bp.blogspot.com/-7Jzrkp45RZM/XNxO_2gDmdI/AAAAAAAABOM/Q3vBc055KzUi-shTp6Foszb8Qm4BMt4tgCLcBGAs/s640/16651976.gif)
सहाय मिली की चूत में आइस्ते आइस्ते लंड ठेलने में लगा था | उसने उसकी चूत को इतनी भीषण नॉन स्टॉप चुदाई के बाद भी आराम करने का कोई मौका नहीं दिया | उसमे आइस्ते आइस्ते लंड उसका रमता रहा | उसको मिली की चूत को चोदते चोदते काफी टाइम हो गया था, उसे लगा पोजीशन बदलनी चाहिए नहीं तो मिली को कही कोई दिक्कत हो गयी तो उसे प्रॉब्लम हो जाएगी | वैसे भी उसने लगातार दनादन धक्के मार मार के मिली का दम तो निकाल ही दिया था | मिली को वापस उसी तरह चुदने के लिए कुछ वक्त तो चाहिए होगा ताकि वो खुद को समेट सके, अपनी सांसे व्यवस्थित कर सके, अपने सरीर में फिर से उर्जा भर सके | सहाय को भी एक ब्रेक की जरुरत महसूस हुई | उसने कमर हिलाना बंद कर दिया और अपना लोहे की रोड जैसा मोटा सख्त गरम लंड मिली की चूत से निकाल लिया | लंड पूरी तरह से मिली की चूत के रस से गीला था | लंड को देखते ही मिली ने उसे अपने मुहँ में भर लिया |
![[Image: 07%2B%25281%2529.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-rWvhgWRrr4w/XNfDTAu1GdI/AAAAAAAABH4/SxXc9TYJE1MOZoDRdAiYXLL8WqvsVKCJACLcBGAs/s640/07%2B%25281%2529.jpg)
आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऐसा लग रहा था जैसे धूप में पड़ा गुनगुना केला मुहँ में डाल दिया हो | सहाय के तपते लंड को मिली के गीले मुहँ में बड़ी राहत मिली | सहाय तो आनंद से भर गया | मिली ने उसके लंड को चुसना शुरू कर दिया | अपनी गीली जीभ और लिसलिसे ओठो से अपने लंड चुदने के जादू का वो तिलिस्म बांधा कि सहाय के मुहँ से आहे निकलने लगी , वो एक झटके में इतनी देर तक मिली की चूत मारे में करारे झटको की सारी थकान भूल गया | उसका लंड एक दम तरो ताजा हो गया | मिली ने उठकर एक बोतल से एनर्जी ड्रिंक पी, जो की वो अक्सर चुदाई के वक्त साथ ही रखती थी | उसे पता था उसे इसकी जरुरत पड़ती है | बॉस से चुदवाना इतना आसन नहीं होता, जरा सी गलती और वो सारे ऐसो आराम, एक्स्ट्रा पैसे और नौकरी सबसे हाथ धो बैठेगी | वो इस बात का खास ख्याल रखती की बॉस को हर बार उसे चोदते वक्त कुछ स्पेशल फील हो | आखिर दुनिया में इतनी चूत है जो उसके अमीर बॉस से चुदने को राजी है, फिर जब तक वो कुछ स्पेशल नहीं देगी बॉस को, बॉस क्यों भाग भाग कर उसके पास आएगा | बॉस को जब मिली की चूत से वो स्पेशल मिलेगा जो और किसी चूत के बस का नहीं है तभी बॉस उस पर बेहिसाब पैसा खर्च करेगा |


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