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Adultery रीमा की दबी वासना
अभी जो काबिन रीमा के सामने शीशे की दीवाल पर दिख रहा था उसमें मिस्टर सहाय थे जो अपनी ही पर्सनल सेक्रेटरी के साथ आये थे | पार्टी में दोनों अलग अलग आये थे, लेकिन सहाय के सभी करीबी जानते थे यहाँ पैराडाइज में मिस्टर सहाय क्यों आते है | कमरे में आते ही उनकी सेक्रेटरी कम गर्ल फ्रेंड ज्यादा ने अपने सारे कपड़े उतार फेंके | उसका नाम मिली था, ये उसका शार्ट नाम था | पूरा नाम शायद ही कोई जानता हो | सभी उसे मिली ही बुलाते थे | मिस्टर सहाय के कमरे में आने से पहले ही मिली ने अपने सारे कपड़े उतार फेंके | मिली अच्छी खासी कद काठी के जिस्म की मालकिन थी | उसकी लम्बाई लगभग 6 फीट के आस पास थी | उसका उठा हुआ सीना जिस पर दो बड़े बड़े सुडौल से स्तन थे कम से कम उसकी ब्रा साइज़ 36 D जरुर होगा, जितना बड़े बड़े उसके स्तन थे उतना ही पतली कमर थी, कमर २४ से ज्यादा की तो नहीं रही होगी | कमर के नीचे उसके भारी भरकम मांस से भरे पुरे, पीछे को अच्छे उठे उभरे हुए गोरे गोरे नरम नरम चूतड़ थे | अब तक मिस्टर सहाय अन्दर आ चुके थे | उन्होंने सूट पहना हुआ था | उनके अन्दर आते ही मिली कमर मटकाती चूतड़ हिलाती लटे उलझाती मिस्टर सहाय के पास आ गयी |
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  मिस्टर सहाय उससे कद में छोटे लग रहे थे | आते ही उसने मिस्टर सहाय के ओंठो पर अपने ओंठो को रख दिया और उन्हें चुम्बन करने लगी | मिस्टर सहाय भी उसके मुहँ में जीभ डाल कर उसे डीप किस करने लगे | देखते ही देखते दोनों एक दुसरे से चिपक गए | मिली सहाय को डीप किस कर रही थी और सहाय अपने दोनों हाथो से उसके भारी भरकम चुताड़ो को अपनी हथेलियों में भरकर मसल रहे थे | मिली ने सहाय के गले में हाथो की माला डाल दी | तभी उसे सहाय की पेंट में पहले से तने लंड का अहसास अपनी जांघ पर हुआ | उसके लंड की गर्माहट जैसे ही मिली की जांघ पर महसूस हुई मिली एक सी आह उसके मुहँ से निकली | उसने एक हाथ से पेंट के अन्दर ही राड की तरह सख्त हो चुके सहाय के अकड़े लंड का जायजा लेने के लिए नीचे हाथ बढाया, इतने में ही सहाय ने झटके से मिली को पलट दिया और उसके उरोजो को हाथो में भर कर मसलने लगे और उसके चौड़े चुताड़ो को अपनी लंड के सामने पेंट के ऊपर रगड़ने लगे | मिली भी कमर हिला हिलाकर अपने मांसल चौड़े चूतड़ खुद ही सहाय के लंड के ऊपर रगड़ रही थी | मिली के चुताड़ो का साइज़ कुछ ज्यादा ही बड़ा था, शायद इसीलिए नंगी मिली के गोरे जवान बदन पर चूतड़ अलग ही चमक रह थे | सहाय मिली ने नाजुक कोमल बदन को सहलाते हुए उसके उरोजो की जमकर मालिश करने लगे, उसके निप्पलो को मसलने लगे | मिली उरोजो पर जोर पड़ते ही दर्द और वासना की उत्तेजना से कसमसाने लगी | सहाय ने मिली को फिर अपनी तरफ घुमा लिया और उसके ओंठो को कसकर चूमने लगे |  मिली ने भी गर्दन झुकाकर सहाय के गले में अपने कोमल हाथो का हार डाल दिया | सहाय उसकी गर्दन ठोड़ी कान चूमने लगा | उसकी हाथो की उंगलियों को एक एक कर चूसने लगा | फिर सहाय के हाथ फिर से मिली के नरम मांस से भरे ठोस सुडौल चौड़े चुताड़ो पर चले गए | वो उन्हें दोनों हाथो में भर भर कर मसलने लगा | उसे मिली के कसावट लिए हुए चुस्त नरम चूतड़ मसलने में बड़ा मजा आ रहा था | मिली मिस्टर सहाय की शर्ट के बटन खोलने लगी और उनकी गले में बंधी टाई उतारने लगी |  मिली सहाय की टाई उतारने के बाद उनकी शर्ट के बटन खोल ही रही थी, तभी सहाय ने मिली के मांसल चूतड़ मसलते मसलते उसे ऊपर उठा लिया | मिली ने भी उसकी कमर को अपने पैरो से जकड़ लिया | सहाय ने उसे एक सोफे पर पटक दिया और बेतहाशा उसके ओंठो और चेहरे को चूमने लगा | मिली भी उसका भरपूर साथ देने लगी |  मिली के उरोज काफी बड़े थे और सुडौल भी, सहाय की हथेली में बमुश्किल आ पा रहे थे | सहाय ने उसके उरोजो को कसकर मसलना और चूमना जारी रखा | कभी उसके दाये उरोज के निप्पल को मुहँ में भरकर चूसने लगता, कभी उसके बांये उरोज के निप्पल को | मिली भी वासना में मदमस्त होने लगी थी | उसका बदन गरम होने लगा , उसकी सांसो में गर्मी बढ़ने लगी | सहाय ने अपने हाथो में मिली के हाथ थाम लिए और उसके पेट और नाभि  को चूमता, चाटता नीचे उसके गुलाबी रंगत से भरे, चिकने चूत त्रिकोण में पहुँच गया | मिली की चूत का इलाका न केवल बालो रहित था बल्कि किसी विशेष क्रीम से साफ़ किया गया था | उसके चूत त्रिकोण पर एक भी दाग धब्बा नहीं था | अपने यौवन और जवानी की रंगत का मिली अपने कैरियर के लिए भरपूर उपयोग कर रही थी | उसे पता था बॉस को खुस रखना है तो बॉस से चुदवाना पड़ेगा | जब बॉस उसको चोदेगे तो उसके जिस्म कि नुमाइश भी करेगा | इसलिए खुद को टीप टॉप, क्लीन सेव रखती थी | सहाय को मिली की चूत चूसना भी बहुत पसंद था क्योंकि वो अपनी चूत को बहुत ही ज्यादा साफ़ सुथरा रखती थी | 
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इसलिए मिली को चुमते चाटते सहाय उसकी चूत के मुहाने पर पहुँच गया | उसने उसकी गोरी जांघो को चूमना शुरू किया, उन पर अपनी गीली जीभ फिराई | मिली का गोरा मांसल बदन कमरे की रौशनी में संगमरमर की तरह चमक रहा था | उसके दोनों स्तन उसकी छाती पर ऊपर की सीधे तने हुए थे और उन पहाड़ियों की ऊँचाई पर घुंडी नुमा गेहुवा रंग लिए चूचिया विराजमान थी | सहाय ने मिली की जांघे चुमते चुमते, उसकी गरम चूत पर अपने ओंठ रख दिए | मिली उत्तेजना से सिसक कर रह गयी | सहाय में उसकी कमर के नीचे चुताड़ो के उपरी हिस्से को दोनों तरफ से थाम कर खुद का सर उसकी जांघो में कसकर घुसा दिया और उसकी मखमली गुलाबी सुरंग पर अपनी गीली जीभ फिराने लगा | उसने मिली के चूत दाने को मुहँ में कसकर भर लिया और किसी टॉफी की तरह चूसने लगा | मिली के मुहँ से थोक के भाव मादक आहे निकलने लगी | चूत इलाके से आ रही वासना की तरंगो के कारन उसका सीना तेजी से ऊपर नीचे उठने गिरने लगा | उसके पैर चलायमान हो गए, उसकी कमर कसमसाने लगी | सहाय ने उसको स्थिर करने के लिए उसकी जांघो के जोड़ को दोनों तरफ से कसकर अपने बाहुपाश से जकड़ लिया लेकिन फिर भी उसके पैर चलायमान रहे | उसके शरीर में बेकाबू होती उत्तेजना और उत्तेजना की तरंगो की उठती गिरती ऊँची लहरों को थाम कर रखने के लिए सहाय ने उसके दोनों हाथों को अपने दोनों हाथो के पंजो से उंगलियाँ फंसाकर जकड़ लिया | मिली सिसकारियां भरती रही और उसका बदन चूत दाने से निकलने वाली उत्तेजना में कसमसाता रहा | मिली के तेज गरम सांसो के कारन उसका सीने के बड़े बड़े सुडौल पुष्ट उरोज ऊपर नीचे उठ गिर रहे थे | उसके बदन की बढती गर्मी के साथ साथ उसके स्तन भी सख्त होने लगे | उसके निप्पल भी तनने लगे | उसके मुहँ की मादक कराहे तेज होती जा रही थी | सहाय उसकी जांघो को फैलाये, उसके चूत के गुलाबी ओंठो का रस पान कर रहा था और मिली उत्तेजना के भंवर में इधर उधर कसमसा रही थी | सहाय की गीली जीभ जब उसके लाल चूत दाने को रगड़ती तो मिली के मुहँ से  सिसकारियो की झड़ी फुट पड़ती | सहाय मिली की गुलाबी चूत और चूत दाने को बारी बारी से चूम रहा था, चूस रहा था और चाट रहा था | उसकी जीभ की कलाकारी से मिली उत्तेजना के कारन पागल हुए जा रही थी लेकिन सहाय का ये प्रिय शगल था | वो जब भी मिली को चोदता, पहले उसकी चूत को चूस चाट चूम के उसको पागल कर देता था, फिर मिली हर तरह से जमकर चुदती | उसकी चूत को अच्छे से चूसने के बाद सहाय मिली को हाहाकारी तरीके से रंडियों की तरह चोदता, इसके बाद उसे न तो मिली की ख्वाइश की परवाह रहती और न ही उसके दर्द की | मिली को भी पता था उसकी नौकरी प्रमोशन सब इसी चुदाई पर टिका है इसलिए वो भी रंडियों की तरह जमकर चुदती | सहाय ने मिली की चूत चाट चाट के उसे बेहाल कर दिया था | अगर वो सहाय को न रोकती तो उत्तेजना से पागल हो कर झड़ने के करीब पहुँच जाती | वो झट से सोफे से उतरी और सहाय के सीने से अपना सीना रगड़कर उसे चूमने लगी | सहाय अपनी शर्ट की बची खुची बटने खोलने लगा | मिली उसे चुमते चुमते  नीचे को चली गयी, और पैरो को टिका कर बैठ गयी | उसके उसके चेहरे के सामने सहाय की कमर थी, उसने तेजी से सहाय की पेंट की बटन खोली और जिप को नीचे खिसकाया | फिर चड्ढी सहित उसकी पेंट  घुटनों के नीचे खिसका दी | सहाय की पेंट के अन्दर कैद सहाय का रेड की तरह तना हुआ, फूला खड़ा लंड फुफकारता हुआ मिली की आँखों के सामने झूलने लगा | 
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मिली को तो इस लंड की आदत थी इसलिए उसका न चौकना स्वाभाविक था और न ही वो पहली बार सहाय की पतलून उतार रही थी | फिर भी चुदाई और सेक्स का हर एक अनुभव अपने आप में अलग होता है | मिली सहाय का तना लंड देख उत्तेजना और खुसी से भर गयी | उसने झट से सहाय के लंड को अपनी नाजुक हथेली से थाम लिया |   सहाय का लंड इतना मोटा था कि बमुश्किल उसकी हथेली में समां पा रहा था | उसने सहाय को लंड को पांच छह बार मुठियाया, और अपने गुलाबी रस भरे ओठो से उसका फूला सुपाडा मुहँ में जकड़ लिया | सहाय के लंड के सुपाडे से जब मिली की गीली जीभ टकराई तो उसने ने  एक लम्बी आह भरी | मिली ने अपना सर हिलाते हुए  किसी लोलीपोप की तरह लंड को अपने मुहँ में लेकर चूसने लगी | अपने रसीले ओंठो को सख्त जकड़न से उसके लंड पर स्ट्रोक लगाने लगी | उसका एक हाथ लंड पर फिसल रहा था और दूसरा हाथ उसकी गोटियों से खेल रहा था | मिली एक हाथ से सहाय के लंड को मसलते हुए अपने रसीले होंठो से चूस चूस कर उसे अपने मुहँ में ले रही थी | मिली के रस टपकाते ओंठो की लाल लिपस्टिक सहाय के लंड पर फ़ैल गयी थी | 

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मिली सहाय के लंड पर अपने रसीले ओंठो को सरपट दौड़ा रही थी | कभी कभी बीच में उसके लंड को मुहँ में भरकर उसके सुपाडे को टॉफी की तरह चूसने लगती | कभी उसके सुपाडे पर अपनी गीली जीभ गोल गोल घुमाने लगती | अपने सर को हिलाकर लंड को मुहँ में ले रही थी | जब वो लंड को अपने सख्त ओंठो की जकड़न से रगड़ते हुए मुहँ के अन्दर ले जाती, और जब वो उसी तरह से लंड को ओंठो से रगड़ते हुए बाहर की तरफ लाती, तो साथ ही साथ उसका एक हाथ भी लंड पर उसी लय में फिसलता | जब सहाय का आग में तपता जलता लंड, मिली के नाजुक रसीले ओंठो की जकड़न में रगड़ता मसलता उसके मुहँ की गीली सुरंग में जाता और वहां रस भरी जीभ उसे अपनी गीली लार से नहला देती, तो सहाय के आनंद की सीमा नहीं रहती | सहाय ने उत्तेजना और आनंद से अपनी आंखे बंद कर ली थी और वो मिली द्वारा लंड चुसे जाने से मिलने वाले परमानन्द में डूबा हुआ था | बीच बीच में मिली उसके लंड को दोनों हथेलियों में भरकर मुठीयाने लगती और सहाय के रिएक्शन के लिए उसके चेहरे की तरफ देखने लगती | मिली का चेहरा लार से सान गया था | वो सहाय के लंड को हाथ से मुठिया रही थी मुहँ में भर कर उसे चूस रही थी | 

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सहाय भी उत्तेजना से भर गया था | वो भी मिली के मुहँ से लगाते स्ट्रोक्स के साथ ही अपनी कमर हिलाने लगा | मिली उसके लंड को मुहँ से निकालकर दोनों हाथो से मुठीयाने लगी, उसके लंड का निचला हिस्सा चटाने लगी | उसकी गोलियां मुहँ से भरने लगी | उसके लंड पर उसने ढेर सारी लार उड़ेली और दोनों हाथो से उसके गरम तपते खड़े लंड पर ठंडी लार की लिसलिसी मालिश करने लगी | उसने गप्प से मुहँ में लंड लेकर फिर स्ट्रोक लगाने लगी | सहाय भी कमर हिलाकर उसके मुहँ में लंड ठेलने लगा |  मिली ने लंड पर से हाथ हटा लिया और अपने ओंठ चौड़े कर दिए ताकि सहाय आराम से उसके मुहँ को चोद सके | मिली के मुहँ से लार निकल निकल कर उसकी ठोड़ी से होती हुई उसके सीने को भिगो रही थी | थोड़ी देर कमर हिलाने के बाद सहाय थम गया, मिली ने फिर से लंड को थमते हुए उस पर ढेर लार लगा दी, और उसके लंड की लार से मालिश करने लगी, फिर मुहँ में लेकर सर हिलाकर हिलाकर उस पर अपने नरम ओंठो का स्ट्रोक लगाने लगी | सहाय से अब बर्दाश्त नहो हो रहा था | मिली काफी देर से उसका लंड चूस रही थी और उसका लंड भी पत्थर की तरह कठोर हो गया था | उसका बदन पूरी तरह उत्तेजना से भरा हुआ था, उसकी सांसे भी तेज थी, अब उसे चूत की दरकार होने लगी थी | 
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 19-05-2019, 12:08 AM



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