18-05-2019, 08:56 PM
अध्याय 12
एक साल बीत गए मैंने अपनी कोशिश की और सपना ने अपनी ,रोहन दोनों के साइड रहता इस तरह वो किसी के भी साइड नही रहता ,आखिरकार मेरी जीत हुई और सर ने मेरा प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया ,सपना इससे जल चुकी थी और एक दिन उसने वो कदम उठा लिया …
उसने गौरव सर के सामने अपने कपड़े उतार दिए ,और वो उसे छोड़ कर मेरे पास आ गए,मुझे हर हकीकत बताई ,
क्या बताऊँ की उस दिन मेरे दिल में क्या बीती थी,प्यार या आकर्षण दोनों ही अलग की बात है लेकिन इस घटना से मेरे दिमाग में गौरव सर के लिए सम्मान भर गया था,और एक डर भी,अब मैं उनसे और दूर नही रहना चाहती थी,मैं उन्हें अपना बना कर रख लेना चाहती थी,मैं उनसे शादी कर लेना चाहती थी,
लेकिन मेरे सामने सबसे बड़ी रुकावट मेरे पिता जी ही थे,वो तो नही माने यंहा तक की उन्होंने गौरव सर को जान से मारने की भी धमकी दी,लेकिन अगर लड़का लड़की राजी हो तो कोई क्या कर सकता है,हमने कोर्ट मैरिज की और साथ रहने लगे…
एक दिन पापा मेरे घर आये ,उन्हें देख कर मुझे बेहद खुसी हुई..
मैं उनके सीने से लग गई,उनके साथ रोहन भी था,
“तुम इस झोपड़े में रहती हो “
पापा की आंखे गीली थी,वो अंदर आते ही घर के चारो ओर देख रहे थे..
“पापा जैसा भी है अब यही मेरा घर है “
उन्होंने मुझे स्नेह से देखा ..
“बेटा तुम और गौरव हमारे घर में क्यो नही रह सकते ,मैं उसे अपने दामाद के रूप में स्वीकार करूंगा,तुम्हारी शादी फिर से धूमधाम से करूंगा ,सारा शहर देखेगा ,.इतनी जायजाद का क्या मतलब हुआ जब मेरी इकलौती बेटी ऐसे रह रही है ..”
उनके आंखों में पानी उतर आया था..
मैं उनके बाजू में जा कर बैठ गई उनके सीने से खुद को सटा लिया ,
“पापा मैं खुश हु,बहुत खुश हु ,और मैं चाहती हु की आप भी मेरे लिए खुश रहे ,मुझे गौरव पसंद है,उनका लाइफ स्टाइल पसंद है,मुझे और कुछ नही चाहिए इतना हमारे लिए काफी है..और प्यार को दौलत से कैसे तौल सकते है,”
“बेटा लेकिन जो मेरा है वो सब भी तो तेरा ही है ना”
पापा मेरे सर पर हाथ फेर रहे थे,
“ह्म्म्म मैं मानती हु की वो सब भी मेरा ही है ,लेकिन अभी नही पापा,मैं आपको वचन देती हु की जब आपको मेरी जरूरत होगी आपकी बेटी आपके पास होगी,आपके साथ होगी ,आपकी सेवा करने में मैं कोई कमी नही रखूंगी,लेकिन अभी नही…”
“बेटा लेकिन अगर तुम और गौरव ही मेरा बिजनेस सम्हाल लो तो आखिर इसमें प्रॉब्लम क्या है”
“पापा उन्हें अपने काम से प्यार है उन्हें बिजनेस की कोई समझ है ही नही ,और रही मेरी बात तो अभी तो मेरी पढ़ाई ही चल रही है ,अभी मेरा MBA कंपलीट हो जाए तो फिर मैं कही जॉब कर लुंगी ..”
“तू जॉब करेगी ,मेरी बेटी जॉब करेगी “
पापा का गला रुआसु होई गया था ,मैं मुस्कुराते हुए उन्हें देखने लगी ..
“पापा आप खानदानी रहीस परिवार से हो,मिडिल क्लास के लोगो का कुछ वसुल होता है,पैसे से ज्यादा प्यार अपने आत्मसम्मान होता है,और मैं कभी भी गौरव जी के आत्मसम्मान से समझौता नही कर सकती “
“अब इसमें ये आत्मसम्मान कहा से बीच में आ गया “
पापा झुंझला गए
“कम ऑन पापा छोड़ो ना ये सब ,रुको आपके लिए चाय बना कर लाती हु “
मैं उठी और किचन से दो चाय बना कर रोहन और पापा को दिया
“हम्म यार तू चाय तो बहुत ही अच्छा बना लेती है “रोहन मुस्कुराने लगा
“खाना और भी अच्छा बना लेती हु ,आये हो तो खा कर ही जाना रुको मैं बनाना शुरु करती हु “
“नही बेटा”पापा ने मुझे रोका
“मेरे पास बैठ ,तुझे देखे इतना समय हो गया ,थोड़ा बात कर ले ,क्या मैं गौरव से बात करू ,अगर वो बोले तब तो तुमलोग हमारे घर में रह सकते हो ना “
पापा फिर से घूम फिर कर वही आ गए थे,वो मेरी बात को नही समझ सकते थे,मैंने एक गहरी सांस ली
“पापा प्लीज...आप गौरव से कोई बात नही करोगे,और मेरे पास टैलेंट है हम दोनों मिलकर इतना तो कमा लेंगे की अच्छी जिंदगी बिता सके,आपको अपनी बेटी अपने घर में आपके दौलत के साथ चाहिए या खुश चाहिए ...मैं खुश हु पापा “
“लेकिन बेटा वंहा रहेगी तो मेरे पास रहेगी “
“मैं यंहा रहूंगी तो भी आपके पास ही रहूंगी ,कम से कम आप मुझसे इतने देर बात तो करोगे,बचपन से आज तक आपको याद है की कब आप और मैं इस तरह इतने देर बैठकर बात किये हो ,खासकर माँ के गुजर जाने के बाद से …”
पापा अचानक से ही चुप हो गए थे,वो इतने बिजी होते थे की मेरे लिए उनके पास समय ही नही होता था,हम एक ही घर में रहते लेकिन कभी कभी ही मिल पाते थे ,
“पापा मैं आपकी बेटी हु और हमेशा रहूंगी ,मेरे पुरखो की जायजाद पर मेरा हक है और उसे मैं सम्हालुंगी भी लेकिन आपके बाद जब जरूरत पड़ेगी,एक घर में रहकर भी हमने कभी इत्मीनान से बात नही कर पाते थे तो क्या मतलब है हमारे साथ रहने का,मैं एक अच्छी बेटी बनूंगी पापा लेकिन अभी एक अच्छी बीवी बनने दीजिए ..”
पापा की आंखे झलक रही थी ,रोहन भी मुझे बड़े ही गर्व से देख रहा था ,
“बेटा तू इतनी बड़ी कब से हो गई ..’
वो फफक पड़े साथ में मेरे होठो में भी एक मुस्कान और आंखों में थोड़ा पानी आ गया था..
***************
जीवन अच्छे से चल रहा था ,मैंने अपना MBA भी कंप्लीट कर लिया था और मुझे एक जॉब चाहिए था,मैं घर में बैठ कर तो नही रह सकती थी ,पापा ने एक ऑफर दिया लेकिन उसे लेना मैंने सही नही समझा ,आखिर में रोहन ने मुझे एक ऑफ़र दिया ,वो अब अपने पिता का बिजनेस धीरे धीरे सम्हाल रहा था उसे भी किसी भरोसेमंद सहायक की जरूरत थी,और कुछ काम में मैं पहले से ही एक्सपर्ट थी,रोहन मेरा अच्छा दोस्त भी था,अच्छी सेलरी भी दे रहा था जो मेरी काबिलियत से मेच खाती तो मैंने जॉब एक्सेप्ट करने की सोच ली ,लेकिन गौरव इससे थोड़े परेशान थे ,खैर मैंने उन्हें भी मना लिया ,सब अच्छा चल रहा था लेकिन फिर एक खबर ने मेरा दिमाग हिला दिया …
जब मालती मेडम का फोन आया ,उन्होंने मुझसे सपना को गौरव की असिस्टेंट बनाने के बारे में पूछा ,मालती मेडम गौरव के लिए माँ के समान थी ,और मुझे भी बेहद ही प्यार करती थी ,उनकी बात तो मैं टाल भी नही सकती थी,मैंने हा तो कह दिया लेकिन दिल में एक घबराहट सी भर गई थी…
सपना के साथ जो हुआ था वो बहुत ही बुरा था,और उसका कारण मैं और गौरव ही थे,जब उसने सपने कपड़े गौरव के सामने उतारे थे और गौरव भाग कर मेरे पास आ गए थे उसके बाद ये खबर जंगल में आग की तरह फैल गई ,सभी की नजरो में सपना गिर गई ,वो तो रोहन था जिसने उसे सहारा दिया,उसे नार्मल किया,मैंने तो गौरव से शादी कर लिया लेकिन सपना में अचानक ही बहुत बदलाव आया,वो अब ज्यादा समय पढ़ने में लगाने लगी ,
हम तीनो दोस्तो के जीवन के रास्ते इस एक घटना ने बदल दिया था,मौज मस्ती सब अचानक ही खत्म हो गई थी …
सपना ने अपने को सीमित कर लिया,वो अब दिन भर लाइब्रेरी में ही बैठी रहती,पढ़ने में ही लगी रहती,वही गौरव पूरा ध्यान अपने बिजिनेस में लगा रहा था और मैं ...मैं तो अब किसी की बीबी थी…
कही ना कही मुझे सपना के लिए एक हमदर्दी थी ,वही अब ये डर भी था की सपना फिर से गौरव को फसाने की कोशिश तो नही करेगी …
मैं इसी उधेड़बुन में अपने कॅबिन में बैठी थी तभी रोहन वंहा आया …
“लगता है तुम्हे खुशखबरी मिल ही गई “
“किस चीज की “
“यही की सपना अब गौरव के साथ काम करने वाली है “
“ह्म्म्म तुम्हे किसने बताया “
“यार तुम सपना से बात नही करती मैं तो करता हु ना “
“तुम्हे क्या लगता है ,वो फिर से कोई गड़बड़ करेगी “
“बिल्कुल करेगी उसका हक बनता है “
रोहन हँस पड़ा
“चुप कर इडियट कही के ,उसने अब कुछ मेरे पति के साथ किया ना तो …”
मैं खड़ी हुई और उसे मारने लगी ,उसने मेरा हाथ पकड़कर खिंचा और मैं उसके सीने से जा लगी,उसने मुझे जकड़ लिया था ,
“छोड़ ना “
मैं कसमसाई ,लेकिन उसने अब भी अपने बांहों को ढीला नही किया ,मैं उसके आंखों में देखने लगी ..
“पूर्वी सपना आज भी गौरव से प्यार करती है,जैसे मैं तुझसे करता हु ,उसे और मुझे हम दोनो को ही पता है की हमे कुछ भी नही मिलने वाला लेकिन ट्राई करने में क्या जाता है “
उसके होठो में एक शैतानी मुस्कान आ गई
“अच्छा तो ट्राई करने के लिए मुझे नॉकरी में रखा है “
मैंने तो मजाक में ही कहा था लेकिन वो सीरियस हो गया ,उसने तुरंत ही मुझे छोड़ दिया
“तुझे ऐसा लगता है ,तू ये सोचती है मेरे बारे में ..”
वो जब गुस्सा होता था तो किसी बच्चे की तरह मुह फुला लेता था ,वो मुझसे दूर जाकर एक चेयर में बैठ गया …
मैं उसके पास गई और उसके सर को अपने कमर से लगा लिया
“बात बात में क्यो मुह फुला लेता है ,मैंने तो मजाक किया था..”
“तू मुझपर शक करती है ..”
“तू काम ही ऐसा करता है”
“यार प्यार करता हु तो करता हु ,बात खत्म ,मैं कभी तेरे और गौरव के रिश्ते के बीच आया क्या “
“तुझे लगता है की तू आ सकता है “
रोहन अपना सर उठाकर मुझे देखने लगा
‘क्या मेरी इतनी भी औकात नही है “
उसके इस प्रश्न में अजीब सा दर्द था ...मैं गौरव जी से बेहद प्यार करती थी मैं उनकी पत्नी थी लेकिन रोहन..वो आज भी मेरा सबसे अच्छा दोस्त था,उसे दुखी देख कर मुझे भी दुख होने लगता …
“तू ऐसा क्यो सोचता है “
मैं उसके पास रखे चेयर को खिंचकर उसके सामने बैठ गई..
“तू आज भी मेरा सबसे अच्छा दोस्त है ,और वो मेरे पति है,तुम दोनों ही मेरे लिए बहुत ही इम्पोर्टेन्ट हो ,अब ऐसे मुह फुला लेगा तो कैसे बनेगा “
मैंने हाथो से उसके गालों को दबा दिया ,रोहन एक लंबा चौड़ा मर्द ,पूरे डोले शोले वाला ,जंहा जाता छा जाता था,लडकिया उसपर और उसकी पर्सनाल्टी पर मरती थी लेकिन मेरे सामने वो एक बच्चे जैसा हो जाता था,एकदम क्यूट सा भोला भाला …
वो मुस्कुराने लगा ..
“यार लेकिन मैं क्या करू मुझे तेरी दोस्ती अपने जान से भी ज्यादा प्यारी है लेकिन …”
उसने सर झुका लिया
“कभी मैं उन दिनों को नही भूल पाता ,जब हमने किस किया था ,या उस दिन जब तूने मुझसे बदला लिया था,सचमे तेरा जिस्म आज भी कभी कभी मेरे नजरो के सामने घूमता रहता है “
मैं बिल्कुल ही शांत हो गई ,मैंने रोहन की आंखों में देखा वो शरारत से भरी थी,मैंने जोरदार एक मुक्का उसके कंधे पर मारा ..
“कमीने “
वो हँसने लगा और फिर से मुझे अपने बांहों में भर लिया
“आई लव यु माय बेबी “
“भग जा कमीने “
मेरे होठो में मुस्कान फैल गई थी,
“बेटा तू मुझे कितना भी कमीना कह ले और अपने पति का प्यार दिखा ले लेकिन तेरा पति वंहा अपने लेब में सपना के साथ ..अकेले ..”
मैं उससे अलग हुई
“मुझे जला रहा है “
“जलाने वाली क्या बात है जो सच है वो सच है ,देखते है तेरे देवता जैसे पति कितने देर तक खुद को सम्हालते है ..”
“मुझे उनपर पूरा भरोसा है ..”
“ओह ठीक है ,और अगर वो बहक जाए तो “
“हो ही नही सकता “
“अगर हुआ तो ..”
“तो तू जो बोले वो ..”
रोहन के होठो में शैतानियां नाचने लगी थी
“सच में ..”
“हा बिल्कुल “
रोहन कुछ देर सोचता रहा फिर बोला
“रहने दे तू बुरा मान जाएगी और मैं तेरी दोस्ती को खोना नही चाहता ..”
रोहन कुछ बोलता हुआ रुक गया था ,मुझे पता था की वो मुझसे क्या कहना चाहता था ,आज भी उसके दिल में मेरे लिए फीलिंग्स थी ,
“अब बोल भी दे नही मानूँगी बुरा “
“तू गलत समझेगी “
“अच्छा तो गलत क्यो बोलेगा “
“क्योंकि मैं ये चाहता हु “
“तो बोल दे ना “
“लेकिन तू गलत समझेगी तो “
“तो मत बोल “
“लेकिन मुझे बोलना है “
मैंने उसे घुरा
“बोलना है तो बोल दिमाग ना खा ,और मेरा वादा यही की मैं बुरा नही मानूँगी ,हा अगर कुछ उल्टा सीधा बोला तो एक दो झापड़ जरूर खायेगा तू “
मैं हल्के से हंसी
“ओके...ओके..अगर तेरे पति तुझे धोखा दे तो ...तो मैं चाहता हु की तू भी उसे धोखा दे ,और मेरे साथ ..”
वो चुप हो गया लेकिन उसके होठो में शरारती सी मुस्कान आ गई
साला सच में कभी कभी बच्चे जैसे मासूम हो जाता तो कभी पूरा कमीना लेकिन जैसा भी था मेरा बेस्ट फ्रेंड था ..
“हा बोल बोल ..”
“तू मेरे साथ अफेयर करेगी ..”
उसने जल्दी से बोल दिया ..
“जानती थी ऐसा ही कुछ बेहूदा सा बोलेगा ,”
“देख तू वादा करके मुकर रही है ..”
मैं हँस पड़ी
“ठीक है लेकिन वो कभी मुझे धोखा नही देंगे,मैं उन्हें जानती हु,और अगर देंगे तो मैं तेरे साथ वो सब करूंगी जो वो सपना के साथ करेंगे ..ठीक है खुश “
“यस यस “रोहन ऐसे खुश हो रहा था जैसे कोई मैच जीत गया हो ,लेकिन मुझे गौरव पर पूरा भरोसा था ……..
एक साल बीत गए मैंने अपनी कोशिश की और सपना ने अपनी ,रोहन दोनों के साइड रहता इस तरह वो किसी के भी साइड नही रहता ,आखिरकार मेरी जीत हुई और सर ने मेरा प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया ,सपना इससे जल चुकी थी और एक दिन उसने वो कदम उठा लिया …
उसने गौरव सर के सामने अपने कपड़े उतार दिए ,और वो उसे छोड़ कर मेरे पास आ गए,मुझे हर हकीकत बताई ,
क्या बताऊँ की उस दिन मेरे दिल में क्या बीती थी,प्यार या आकर्षण दोनों ही अलग की बात है लेकिन इस घटना से मेरे दिमाग में गौरव सर के लिए सम्मान भर गया था,और एक डर भी,अब मैं उनसे और दूर नही रहना चाहती थी,मैं उन्हें अपना बना कर रख लेना चाहती थी,मैं उनसे शादी कर लेना चाहती थी,
लेकिन मेरे सामने सबसे बड़ी रुकावट मेरे पिता जी ही थे,वो तो नही माने यंहा तक की उन्होंने गौरव सर को जान से मारने की भी धमकी दी,लेकिन अगर लड़का लड़की राजी हो तो कोई क्या कर सकता है,हमने कोर्ट मैरिज की और साथ रहने लगे…
एक दिन पापा मेरे घर आये ,उन्हें देख कर मुझे बेहद खुसी हुई..
मैं उनके सीने से लग गई,उनके साथ रोहन भी था,
“तुम इस झोपड़े में रहती हो “
पापा की आंखे गीली थी,वो अंदर आते ही घर के चारो ओर देख रहे थे..
“पापा जैसा भी है अब यही मेरा घर है “
उन्होंने मुझे स्नेह से देखा ..
“बेटा तुम और गौरव हमारे घर में क्यो नही रह सकते ,मैं उसे अपने दामाद के रूप में स्वीकार करूंगा,तुम्हारी शादी फिर से धूमधाम से करूंगा ,सारा शहर देखेगा ,.इतनी जायजाद का क्या मतलब हुआ जब मेरी इकलौती बेटी ऐसे रह रही है ..”
उनके आंखों में पानी उतर आया था..
मैं उनके बाजू में जा कर बैठ गई उनके सीने से खुद को सटा लिया ,
“पापा मैं खुश हु,बहुत खुश हु ,और मैं चाहती हु की आप भी मेरे लिए खुश रहे ,मुझे गौरव पसंद है,उनका लाइफ स्टाइल पसंद है,मुझे और कुछ नही चाहिए इतना हमारे लिए काफी है..और प्यार को दौलत से कैसे तौल सकते है,”
“बेटा लेकिन जो मेरा है वो सब भी तो तेरा ही है ना”
पापा मेरे सर पर हाथ फेर रहे थे,
“ह्म्म्म मैं मानती हु की वो सब भी मेरा ही है ,लेकिन अभी नही पापा,मैं आपको वचन देती हु की जब आपको मेरी जरूरत होगी आपकी बेटी आपके पास होगी,आपके साथ होगी ,आपकी सेवा करने में मैं कोई कमी नही रखूंगी,लेकिन अभी नही…”
“बेटा लेकिन अगर तुम और गौरव ही मेरा बिजनेस सम्हाल लो तो आखिर इसमें प्रॉब्लम क्या है”
“पापा उन्हें अपने काम से प्यार है उन्हें बिजनेस की कोई समझ है ही नही ,और रही मेरी बात तो अभी तो मेरी पढ़ाई ही चल रही है ,अभी मेरा MBA कंपलीट हो जाए तो फिर मैं कही जॉब कर लुंगी ..”
“तू जॉब करेगी ,मेरी बेटी जॉब करेगी “
पापा का गला रुआसु होई गया था ,मैं मुस्कुराते हुए उन्हें देखने लगी ..
“पापा आप खानदानी रहीस परिवार से हो,मिडिल क्लास के लोगो का कुछ वसुल होता है,पैसे से ज्यादा प्यार अपने आत्मसम्मान होता है,और मैं कभी भी गौरव जी के आत्मसम्मान से समझौता नही कर सकती “
“अब इसमें ये आत्मसम्मान कहा से बीच में आ गया “
पापा झुंझला गए
“कम ऑन पापा छोड़ो ना ये सब ,रुको आपके लिए चाय बना कर लाती हु “
मैं उठी और किचन से दो चाय बना कर रोहन और पापा को दिया
“हम्म यार तू चाय तो बहुत ही अच्छा बना लेती है “रोहन मुस्कुराने लगा
“खाना और भी अच्छा बना लेती हु ,आये हो तो खा कर ही जाना रुको मैं बनाना शुरु करती हु “
“नही बेटा”पापा ने मुझे रोका
“मेरे पास बैठ ,तुझे देखे इतना समय हो गया ,थोड़ा बात कर ले ,क्या मैं गौरव से बात करू ,अगर वो बोले तब तो तुमलोग हमारे घर में रह सकते हो ना “
पापा फिर से घूम फिर कर वही आ गए थे,वो मेरी बात को नही समझ सकते थे,मैंने एक गहरी सांस ली
“पापा प्लीज...आप गौरव से कोई बात नही करोगे,और मेरे पास टैलेंट है हम दोनों मिलकर इतना तो कमा लेंगे की अच्छी जिंदगी बिता सके,आपको अपनी बेटी अपने घर में आपके दौलत के साथ चाहिए या खुश चाहिए ...मैं खुश हु पापा “
“लेकिन बेटा वंहा रहेगी तो मेरे पास रहेगी “
“मैं यंहा रहूंगी तो भी आपके पास ही रहूंगी ,कम से कम आप मुझसे इतने देर बात तो करोगे,बचपन से आज तक आपको याद है की कब आप और मैं इस तरह इतने देर बैठकर बात किये हो ,खासकर माँ के गुजर जाने के बाद से …”
पापा अचानक से ही चुप हो गए थे,वो इतने बिजी होते थे की मेरे लिए उनके पास समय ही नही होता था,हम एक ही घर में रहते लेकिन कभी कभी ही मिल पाते थे ,
“पापा मैं आपकी बेटी हु और हमेशा रहूंगी ,मेरे पुरखो की जायजाद पर मेरा हक है और उसे मैं सम्हालुंगी भी लेकिन आपके बाद जब जरूरत पड़ेगी,एक घर में रहकर भी हमने कभी इत्मीनान से बात नही कर पाते थे तो क्या मतलब है हमारे साथ रहने का,मैं एक अच्छी बेटी बनूंगी पापा लेकिन अभी एक अच्छी बीवी बनने दीजिए ..”
पापा की आंखे झलक रही थी ,रोहन भी मुझे बड़े ही गर्व से देख रहा था ,
“बेटा तू इतनी बड़ी कब से हो गई ..’
वो फफक पड़े साथ में मेरे होठो में भी एक मुस्कान और आंखों में थोड़ा पानी आ गया था..
***************
जीवन अच्छे से चल रहा था ,मैंने अपना MBA भी कंप्लीट कर लिया था और मुझे एक जॉब चाहिए था,मैं घर में बैठ कर तो नही रह सकती थी ,पापा ने एक ऑफर दिया लेकिन उसे लेना मैंने सही नही समझा ,आखिर में रोहन ने मुझे एक ऑफ़र दिया ,वो अब अपने पिता का बिजनेस धीरे धीरे सम्हाल रहा था उसे भी किसी भरोसेमंद सहायक की जरूरत थी,और कुछ काम में मैं पहले से ही एक्सपर्ट थी,रोहन मेरा अच्छा दोस्त भी था,अच्छी सेलरी भी दे रहा था जो मेरी काबिलियत से मेच खाती तो मैंने जॉब एक्सेप्ट करने की सोच ली ,लेकिन गौरव इससे थोड़े परेशान थे ,खैर मैंने उन्हें भी मना लिया ,सब अच्छा चल रहा था लेकिन फिर एक खबर ने मेरा दिमाग हिला दिया …
जब मालती मेडम का फोन आया ,उन्होंने मुझसे सपना को गौरव की असिस्टेंट बनाने के बारे में पूछा ,मालती मेडम गौरव के लिए माँ के समान थी ,और मुझे भी बेहद ही प्यार करती थी ,उनकी बात तो मैं टाल भी नही सकती थी,मैंने हा तो कह दिया लेकिन दिल में एक घबराहट सी भर गई थी…
सपना के साथ जो हुआ था वो बहुत ही बुरा था,और उसका कारण मैं और गौरव ही थे,जब उसने सपने कपड़े गौरव के सामने उतारे थे और गौरव भाग कर मेरे पास आ गए थे उसके बाद ये खबर जंगल में आग की तरह फैल गई ,सभी की नजरो में सपना गिर गई ,वो तो रोहन था जिसने उसे सहारा दिया,उसे नार्मल किया,मैंने तो गौरव से शादी कर लिया लेकिन सपना में अचानक ही बहुत बदलाव आया,वो अब ज्यादा समय पढ़ने में लगाने लगी ,
हम तीनो दोस्तो के जीवन के रास्ते इस एक घटना ने बदल दिया था,मौज मस्ती सब अचानक ही खत्म हो गई थी …
सपना ने अपने को सीमित कर लिया,वो अब दिन भर लाइब्रेरी में ही बैठी रहती,पढ़ने में ही लगी रहती,वही गौरव पूरा ध्यान अपने बिजिनेस में लगा रहा था और मैं ...मैं तो अब किसी की बीबी थी…
कही ना कही मुझे सपना के लिए एक हमदर्दी थी ,वही अब ये डर भी था की सपना फिर से गौरव को फसाने की कोशिश तो नही करेगी …
मैं इसी उधेड़बुन में अपने कॅबिन में बैठी थी तभी रोहन वंहा आया …
“लगता है तुम्हे खुशखबरी मिल ही गई “
“किस चीज की “
“यही की सपना अब गौरव के साथ काम करने वाली है “
“ह्म्म्म तुम्हे किसने बताया “
“यार तुम सपना से बात नही करती मैं तो करता हु ना “
“तुम्हे क्या लगता है ,वो फिर से कोई गड़बड़ करेगी “
“बिल्कुल करेगी उसका हक बनता है “
रोहन हँस पड़ा
“चुप कर इडियट कही के ,उसने अब कुछ मेरे पति के साथ किया ना तो …”
मैं खड़ी हुई और उसे मारने लगी ,उसने मेरा हाथ पकड़कर खिंचा और मैं उसके सीने से जा लगी,उसने मुझे जकड़ लिया था ,
“छोड़ ना “
मैं कसमसाई ,लेकिन उसने अब भी अपने बांहों को ढीला नही किया ,मैं उसके आंखों में देखने लगी ..
“पूर्वी सपना आज भी गौरव से प्यार करती है,जैसे मैं तुझसे करता हु ,उसे और मुझे हम दोनो को ही पता है की हमे कुछ भी नही मिलने वाला लेकिन ट्राई करने में क्या जाता है “
उसके होठो में एक शैतानी मुस्कान आ गई
“अच्छा तो ट्राई करने के लिए मुझे नॉकरी में रखा है “
मैंने तो मजाक में ही कहा था लेकिन वो सीरियस हो गया ,उसने तुरंत ही मुझे छोड़ दिया
“तुझे ऐसा लगता है ,तू ये सोचती है मेरे बारे में ..”
वो जब गुस्सा होता था तो किसी बच्चे की तरह मुह फुला लेता था ,वो मुझसे दूर जाकर एक चेयर में बैठ गया …
मैं उसके पास गई और उसके सर को अपने कमर से लगा लिया
“बात बात में क्यो मुह फुला लेता है ,मैंने तो मजाक किया था..”
“तू मुझपर शक करती है ..”
“तू काम ही ऐसा करता है”
“यार प्यार करता हु तो करता हु ,बात खत्म ,मैं कभी तेरे और गौरव के रिश्ते के बीच आया क्या “
“तुझे लगता है की तू आ सकता है “
रोहन अपना सर उठाकर मुझे देखने लगा
‘क्या मेरी इतनी भी औकात नही है “
उसके इस प्रश्न में अजीब सा दर्द था ...मैं गौरव जी से बेहद प्यार करती थी मैं उनकी पत्नी थी लेकिन रोहन..वो आज भी मेरा सबसे अच्छा दोस्त था,उसे दुखी देख कर मुझे भी दुख होने लगता …
“तू ऐसा क्यो सोचता है “
मैं उसके पास रखे चेयर को खिंचकर उसके सामने बैठ गई..
“तू आज भी मेरा सबसे अच्छा दोस्त है ,और वो मेरे पति है,तुम दोनों ही मेरे लिए बहुत ही इम्पोर्टेन्ट हो ,अब ऐसे मुह फुला लेगा तो कैसे बनेगा “
मैंने हाथो से उसके गालों को दबा दिया ,रोहन एक लंबा चौड़ा मर्द ,पूरे डोले शोले वाला ,जंहा जाता छा जाता था,लडकिया उसपर और उसकी पर्सनाल्टी पर मरती थी लेकिन मेरे सामने वो एक बच्चे जैसा हो जाता था,एकदम क्यूट सा भोला भाला …
वो मुस्कुराने लगा ..
“यार लेकिन मैं क्या करू मुझे तेरी दोस्ती अपने जान से भी ज्यादा प्यारी है लेकिन …”
उसने सर झुका लिया
“कभी मैं उन दिनों को नही भूल पाता ,जब हमने किस किया था ,या उस दिन जब तूने मुझसे बदला लिया था,सचमे तेरा जिस्म आज भी कभी कभी मेरे नजरो के सामने घूमता रहता है “
मैं बिल्कुल ही शांत हो गई ,मैंने रोहन की आंखों में देखा वो शरारत से भरी थी,मैंने जोरदार एक मुक्का उसके कंधे पर मारा ..
“कमीने “
वो हँसने लगा और फिर से मुझे अपने बांहों में भर लिया
“आई लव यु माय बेबी “
“भग जा कमीने “
मेरे होठो में मुस्कान फैल गई थी,
“बेटा तू मुझे कितना भी कमीना कह ले और अपने पति का प्यार दिखा ले लेकिन तेरा पति वंहा अपने लेब में सपना के साथ ..अकेले ..”
मैं उससे अलग हुई
“मुझे जला रहा है “
“जलाने वाली क्या बात है जो सच है वो सच है ,देखते है तेरे देवता जैसे पति कितने देर तक खुद को सम्हालते है ..”
“मुझे उनपर पूरा भरोसा है ..”
“ओह ठीक है ,और अगर वो बहक जाए तो “
“हो ही नही सकता “
“अगर हुआ तो ..”
“तो तू जो बोले वो ..”
रोहन के होठो में शैतानियां नाचने लगी थी
“सच में ..”
“हा बिल्कुल “
रोहन कुछ देर सोचता रहा फिर बोला
“रहने दे तू बुरा मान जाएगी और मैं तेरी दोस्ती को खोना नही चाहता ..”
रोहन कुछ बोलता हुआ रुक गया था ,मुझे पता था की वो मुझसे क्या कहना चाहता था ,आज भी उसके दिल में मेरे लिए फीलिंग्स थी ,
“अब बोल भी दे नही मानूँगी बुरा “
“तू गलत समझेगी “
“अच्छा तो गलत क्यो बोलेगा “
“क्योंकि मैं ये चाहता हु “
“तो बोल दे ना “
“लेकिन तू गलत समझेगी तो “
“तो मत बोल “
“लेकिन मुझे बोलना है “
मैंने उसे घुरा
“बोलना है तो बोल दिमाग ना खा ,और मेरा वादा यही की मैं बुरा नही मानूँगी ,हा अगर कुछ उल्टा सीधा बोला तो एक दो झापड़ जरूर खायेगा तू “
मैं हल्के से हंसी
“ओके...ओके..अगर तेरे पति तुझे धोखा दे तो ...तो मैं चाहता हु की तू भी उसे धोखा दे ,और मेरे साथ ..”
वो चुप हो गया लेकिन उसके होठो में शरारती सी मुस्कान आ गई
साला सच में कभी कभी बच्चे जैसे मासूम हो जाता तो कभी पूरा कमीना लेकिन जैसा भी था मेरा बेस्ट फ्रेंड था ..
“हा बोल बोल ..”
“तू मेरे साथ अफेयर करेगी ..”
उसने जल्दी से बोल दिया ..
“जानती थी ऐसा ही कुछ बेहूदा सा बोलेगा ,”
“देख तू वादा करके मुकर रही है ..”
मैं हँस पड़ी
“ठीक है लेकिन वो कभी मुझे धोखा नही देंगे,मैं उन्हें जानती हु,और अगर देंगे तो मैं तेरे साथ वो सब करूंगी जो वो सपना के साथ करेंगे ..ठीक है खुश “
“यस यस “रोहन ऐसे खुश हो रहा था जैसे कोई मैच जीत गया हो ,लेकिन मुझे गौरव पर पूरा भरोसा था ……..
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प्यार या धोखा
प्यार या धोखा