18-05-2019, 01:11 PM
अब तक मैं सौंदर्य प्रसाधन और गहने आदि वस्तुओं की साइड पर ही था और ब्रा आदि सेल करने का मुझे कोई अनुभव नहीं था। एक दिन ऐसा हुआ कि इकबाल साहब दोपहर सुस्ताने के लिए अपने घर चले गए, उनके जाते ही एक मॉर्डन महिला ने दुकान में प्रवेश किया। उनकी उम्र कोई 30 के लगभग होगी, साथ एक बच्चा था जिसकी उम्र मुश्किल से 5 वर्ष होगी जो उनकी उंगली पकड़ कर उनके साथ चल रहा था।
महिला ने सफेद रंग की बारीक कमीज पहन रखी थी और नीचे से एक मोटी समीज़ पहन रखी थी जो अमूमन औरतें अपनी कमीज के नीचे मगर ब्रा के ऊपर पहनती हैं। महिला के गले में दुपट्टा था जो उनके सीने तक को कवर करने के लिए पर्याप्त था। अंदर आकर महिला ने मेरी ओर देखा फिर इधर-उधर-देखते हुए बोलीं तुम ही होते हो दुकान पर ??? या तुम्हारे साथ कोई और होता है ???
मैंने कहा मैं तो कर्मचारी हूँ बेगम साहिबा दुकान के मालिक हैं मगर अब वह आराम करने घर गए हैं।
महिला ने कहा अच्छा .... तो तुम सब कुछ सेल करते हो दुकान पर ???
महिला ने सफेद रंग की बारीक कमीज पहन रखी थी और नीचे से एक मोटी समीज़ पहन रखी थी जो अमूमन औरतें अपनी कमीज के नीचे मगर ब्रा के ऊपर पहनती हैं। महिला के गले में दुपट्टा था जो उनके सीने तक को कवर करने के लिए पर्याप्त था। अंदर आकर महिला ने मेरी ओर देखा फिर इधर-उधर-देखते हुए बोलीं तुम ही होते हो दुकान पर ??? या तुम्हारे साथ कोई और होता है ???
मैंने कहा मैं तो कर्मचारी हूँ बेगम साहिबा दुकान के मालिक हैं मगर अब वह आराम करने घर गए हैं।
महिला ने कहा अच्छा .... तो तुम सब कुछ सेल करते हो दुकान पर ???
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!