18-05-2019, 12:55 PM
अगले दिन फिर से दुकान पर पहुंच गया तो उस समय दुकान में एक महिला खड़ी थीं, महिला ने अपना चेहरा थोड़े से दुपट्टे से ढक रखा था। अपने कद काठ से वह एक बड़ी औरत लग रही थी, इकबाल साहब को नमस्कार करके अंदर ही चला गया तो इकबाल साहब ने इशारे से मुझे अपने पास ही बुला लिया। मैंने देखा कि इकबाल साहब के हाथ में एक स्किन कलर के बड़े आकार का ब्रा था जो उन्होंने महिला के हाथ में था दिया। महिला ने ब्रा को अपने हाथ में पकड़ कर थोड़ा नीचे और काउन्टर की ओट लेकर उसको खोलकर देखने के बाद वैसे ही वापस दे दिया और बोली इससे बड़ा आकार दिखाएँ।
इकबाल साहब थोड़ा नीचे झुके और वह ब्रा वापस अपनी जगह पर रखने के बाद साथ दूसरा ब्रा निकालकर महिला को पकड़ा दिया, फिर से महिला ने खोल कर देखा और फिर पूछा उसके कितने पैसे? तो इकबाल साहब ने 300 की मांग की। महिला ने अपनी चादर हटा कर अपनी कमीज में हाथ डाला और अपने विशेष लॉकर से एक छोटा सा पर्स निकाला और इकबाल साहब को 300 रुपये निकाल कर दिए और वो ब्रा अपने हाथ में मौजूद शापर में कपड़ों के नीचे छुपा कर त्वरित दुकान से निकल गईं।
इकबाल साहब थोड़ा नीचे झुके और वह ब्रा वापस अपनी जगह पर रखने के बाद साथ दूसरा ब्रा निकालकर महिला को पकड़ा दिया, फिर से महिला ने खोल कर देखा और फिर पूछा उसके कितने पैसे? तो इकबाल साहब ने 300 की मांग की। महिला ने अपनी चादर हटा कर अपनी कमीज में हाथ डाला और अपने विशेष लॉकर से एक छोटा सा पर्स निकाला और इकबाल साहब को 300 रुपये निकाल कर दिए और वो ब्रा अपने हाथ में मौजूद शापर में कपड़ों के नीचे छुपा कर त्वरित दुकान से निकल गईं।
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!