17-05-2019, 11:48 PM
“प्यार का झरना-5”
कहानी को अब आगे बढ़ाते हे...
रक्षाबंधन मना कर हम लोग सोमवार सुबह वापस बड़ोदा लौट गई.
अहमदाबाद से निकले करीब आधा घंटा हो गया था पर हम दोनों मेसे कोई कुछ नहीं बोल रहा था. अब मेने बात करना शुरू किया. आप सब को बता दू की मेरी जानू का नाम क्रुपा हे. मेने क्रुपा को पूछा क्या हुवा क्या पर वो कुछ नहीं बोला और चुप रही.
फिर भी कुछ जवाब नहीं मिला, मेने दोबारा पूछा तो मेरे सामने देखकर हलकी सी मुस्कुराई और दूसरी और मुँह कर लिया.
मेने वापस पूछा क्या हुवा. कुछ तो बोलो.अकेली अकेली मुस्कुरा रही हो और मुझे जवाब भी नहीं दे रही. तो बोली कुछ नहीं मुझे काजल और तुम्हारी चुदाई याद आगई यही सोच रही थी में और कुछ नहीं था.
अब में पीछे हटने वाला नहीं था. मेने हाथ आगे बढ़ाके सीधा चूची को पकड़ लिया और हलके हलके दबाने लगा. फिर पूछा क्या सोच रही, काजल से चूची चुसवाने का मन कर रहा हे क्या...
इतना सुनते ही मेरे सामने देख कर शर्माकर दूसरी और मुँह घुमा लेती हे.
मेने देर नकरते हुए पूछा देखो बारिश भी बहोत हो रही हे और ऐसे मौसम मेंतो मौके का फायदा उठाना चाहिए. एक काम करते हे आज कुछ नया ट्राई करते हे उतना बोल कर मेने गाड़ी साइड में पार्क करदी बिलकुल रोड के निचे जहा पर किसी की नज़र हम पर नपड़े.
मेरी जानू के मन में बहोत सवाल थे और वो हैरान होकर मुझे घूर रही थी. मेने जेब मेसे मोबाइल निकाल कर काजल को वीडियो कॉल किया. थोड़ी देर में काजल ने फ़ोन रिसीव क्या और मोबाइल के स्क्रीन के सामने आ गई.
मेरे सामने आते ही वो भी शर्मा गई. मेने बात आगे बढ़ाते हुई काजल को कहा तुम्हारी ननद को आपकी याद आ रही हे.
एक जरुरी बात करनी हे एक काम करो तुम ऊपर जाओ और दरवाजा बंध करदो फिर में बताता हु. काजल ने ऊपर रूम में जाकर दरवाजा बंध करदिया और फिर बोली अब बताओ क्या बात है. मेने काजल को कहा कुछ नहीं बस तुमको देखना था इसलिये तुमको ऊपर जाने को बोला.
काजल मुझपे गुस्सा हो गई और और फ़ोन काट दिया, मेने वापस वीडियो कॉल किया फिरसे में काजल से बात करने लगा और सॉरी बोला.
में बेशर्मो की तरह बात आगे बढ़ाते हुई काजल को कहा यार, तुम्हारी ननद की चूत में खुजली हो रही हे और वो चाहती हे की तुम खुजली मिटाने में उसकी मदद करो.
मेरी बात सुनकर हैरान थी अपनी बड़ी बड़ी आँखों से हमदोनो को देख रही थी.
आज काजल ने साडी पहनी थी. मेने सीधा पॉइंट पर आकर बोला तुम्हारी साडी निकाल दो, मेरी जानू को तुम्हारी चूची देखनी हे पर वो कहा सीधे तरीके से मानने वाली थी. मेरे एक हाथ मोबाइल था और दूसरा हाथ मेरी जानू की साडी ऊपर करने में व्यस्त था. अब वो भी तिरछी नज़रो से मोबाइल को देख रहीथी पर बोला कुछ नहीं.
मेने बहोत कहा लेकिन काजल मान ही नहीं रही थी. जब मेने उसको कसम खिलाई तब जाकर मानी पर उसने भी शर्त रखी अगर में साडी निकालू गई तो क्रुपा दीदी कोभी साडी निकाल नी पड़ेगी.
मेने कहा मंजूर हे.
अब मेने मोबाइल को गाड़ी के डैशबोर्ड पर सेट किया और में क्रुपा की सीट को थोड़ा पीछे कर दिया. सीट थोड़ी पीछे खिसका कर मेरे जानू को सूला दिया, मेने आगे बढ़ते हुई क्रुपा की साडी को निकालना शुरू किया पर वो दोनों हाथो से दबाकर बैठी थी और मुझे मना कर रहीथी.
क्रमश:
तो मेरे प्यारे भाइयो और भाभियो कैसा लगा मेरी कहानी का भाग.
आशा करता हु... मेरी ये कहानी पढ़ कर. आप सब के लंड और चूत से पानी निकला होगा
कृपया अपने अपने गंदे सुझाव ज़रूर भेजे मुझे...ताकि में बहोत जल्द एक हॉट और चूत फाडू अपडेट के साथ हाजिर हो शकू.
कहानी को अब आगे बढ़ाते हे...
रक्षाबंधन मना कर हम लोग सोमवार सुबह वापस बड़ोदा लौट गई.
अहमदाबाद से निकले करीब आधा घंटा हो गया था पर हम दोनों मेसे कोई कुछ नहीं बोल रहा था. अब मेने बात करना शुरू किया. आप सब को बता दू की मेरी जानू का नाम क्रुपा हे. मेने क्रुपा को पूछा क्या हुवा क्या पर वो कुछ नहीं बोला और चुप रही.
फिर भी कुछ जवाब नहीं मिला, मेने दोबारा पूछा तो मेरे सामने देखकर हलकी सी मुस्कुराई और दूसरी और मुँह कर लिया.
मेने वापस पूछा क्या हुवा. कुछ तो बोलो.अकेली अकेली मुस्कुरा रही हो और मुझे जवाब भी नहीं दे रही. तो बोली कुछ नहीं मुझे काजल और तुम्हारी चुदाई याद आगई यही सोच रही थी में और कुछ नहीं था.
अब में पीछे हटने वाला नहीं था. मेने हाथ आगे बढ़ाके सीधा चूची को पकड़ लिया और हलके हलके दबाने लगा. फिर पूछा क्या सोच रही, काजल से चूची चुसवाने का मन कर रहा हे क्या...
इतना सुनते ही मेरे सामने देख कर शर्माकर दूसरी और मुँह घुमा लेती हे.
मेने देर नकरते हुए पूछा देखो बारिश भी बहोत हो रही हे और ऐसे मौसम मेंतो मौके का फायदा उठाना चाहिए. एक काम करते हे आज कुछ नया ट्राई करते हे उतना बोल कर मेने गाड़ी साइड में पार्क करदी बिलकुल रोड के निचे जहा पर किसी की नज़र हम पर नपड़े.
मेरी जानू के मन में बहोत सवाल थे और वो हैरान होकर मुझे घूर रही थी. मेने जेब मेसे मोबाइल निकाल कर काजल को वीडियो कॉल किया. थोड़ी देर में काजल ने फ़ोन रिसीव क्या और मोबाइल के स्क्रीन के सामने आ गई.
मेरे सामने आते ही वो भी शर्मा गई. मेने बात आगे बढ़ाते हुई काजल को कहा तुम्हारी ननद को आपकी याद आ रही हे.
एक जरुरी बात करनी हे एक काम करो तुम ऊपर जाओ और दरवाजा बंध करदो फिर में बताता हु. काजल ने ऊपर रूम में जाकर दरवाजा बंध करदिया और फिर बोली अब बताओ क्या बात है. मेने काजल को कहा कुछ नहीं बस तुमको देखना था इसलिये तुमको ऊपर जाने को बोला.
काजल मुझपे गुस्सा हो गई और और फ़ोन काट दिया, मेने वापस वीडियो कॉल किया फिरसे में काजल से बात करने लगा और सॉरी बोला.
में बेशर्मो की तरह बात आगे बढ़ाते हुई काजल को कहा यार, तुम्हारी ननद की चूत में खुजली हो रही हे और वो चाहती हे की तुम खुजली मिटाने में उसकी मदद करो.
मेरी बात सुनकर हैरान थी अपनी बड़ी बड़ी आँखों से हमदोनो को देख रही थी.
आज काजल ने साडी पहनी थी. मेने सीधा पॉइंट पर आकर बोला तुम्हारी साडी निकाल दो, मेरी जानू को तुम्हारी चूची देखनी हे पर वो कहा सीधे तरीके से मानने वाली थी. मेरे एक हाथ मोबाइल था और दूसरा हाथ मेरी जानू की साडी ऊपर करने में व्यस्त था. अब वो भी तिरछी नज़रो से मोबाइल को देख रहीथी पर बोला कुछ नहीं.
मेने बहोत कहा लेकिन काजल मान ही नहीं रही थी. जब मेने उसको कसम खिलाई तब जाकर मानी पर उसने भी शर्त रखी अगर में साडी निकालू गई तो क्रुपा दीदी कोभी साडी निकाल नी पड़ेगी.
मेने कहा मंजूर हे.
अब मेने मोबाइल को गाड़ी के डैशबोर्ड पर सेट किया और में क्रुपा की सीट को थोड़ा पीछे कर दिया. सीट थोड़ी पीछे खिसका कर मेरे जानू को सूला दिया, मेने आगे बढ़ते हुई क्रुपा की साडी को निकालना शुरू किया पर वो दोनों हाथो से दबाकर बैठी थी और मुझे मना कर रहीथी.
क्रमश:
तो मेरे प्यारे भाइयो और भाभियो कैसा लगा मेरी कहानी का भाग.
आशा करता हु... मेरी ये कहानी पढ़ कर. आप सब के लंड और चूत से पानी निकला होगा
कृपया अपने अपने गंदे सुझाव ज़रूर भेजे मुझे...ताकि में बहोत जल्द एक हॉट और चूत फाडू अपडेट के साथ हाजिर हो शकू.