14-01-2022, 04:36 PM
लेकिन वहाँ कोई नहीं था तो उसने मेरे चूतड़ दबाते हुए बोला- यहीं पास में एक होटल ले लेते हैं और सुबह तक मजा करते हैं।
तो मैं बोली- नहीं, घर चलते हैं।
तो उसने एक टैक्सी को बुलाया और हम घर पहुँच गये।
मुझे वहाँ देख कर सब बहुत खुश हुए और बोले- तुम लोग थक गये होंगे, थोड़ी देर आराम कर लो, कल से बहुत काम है।
सुबह सब लोग तैयार होकर एक होटल में चले गये क्योंकि शादी होटल में ही होने वाली थी, जब सब को रूम मिल रहा था तो भैया ने मेरे रूम के बगल में अपना रूम लिया और सब लोग अपने-अपने काम में लग गये।
काम करते-करते कब शाम हो गई, पता ही नहीं चला। मैं अपने रूम में आई और अपने कपड़े बदल रही थी तो मुझे लगा पीछे कोई है, फिर सोचा रूम तो बंद है कोई कैसे होगा और कपड़े बदलने लगी।
जब सिर्फ़ ब्रा-पैंटी में थी तो किसी ने मेरे चूतड़ों पर चुम्बन किया तो मैं पीछे मुड़ी और देख कर बोली- भैया आप?
तो उसने मेरे मुँह पर अपना हाथ रख दिया और बोला- धीरे बोलो, कोई सुन लेगा।
तो मैंने पूछा- आप अंदर कैसे आए?
तो उसने एक दरवाजा दिखाया जो दोनों रूम को जोड़ता था, और बोला- तुम्हारे लिए ही ये दो रूम मैंने ही लिएँ है।
तो मैं बोली- नहीं, घर चलते हैं।
तो उसने एक टैक्सी को बुलाया और हम घर पहुँच गये।
मुझे वहाँ देख कर सब बहुत खुश हुए और बोले- तुम लोग थक गये होंगे, थोड़ी देर आराम कर लो, कल से बहुत काम है।
सुबह सब लोग तैयार होकर एक होटल में चले गये क्योंकि शादी होटल में ही होने वाली थी, जब सब को रूम मिल रहा था तो भैया ने मेरे रूम के बगल में अपना रूम लिया और सब लोग अपने-अपने काम में लग गये।
काम करते-करते कब शाम हो गई, पता ही नहीं चला। मैं अपने रूम में आई और अपने कपड़े बदल रही थी तो मुझे लगा पीछे कोई है, फिर सोचा रूम तो बंद है कोई कैसे होगा और कपड़े बदलने लगी।
जब सिर्फ़ ब्रा-पैंटी में थी तो किसी ने मेरे चूतड़ों पर चुम्बन किया तो मैं पीछे मुड़ी और देख कर बोली- भैया आप?
तो उसने मेरे मुँह पर अपना हाथ रख दिया और बोला- धीरे बोलो, कोई सुन लेगा।
तो मैंने पूछा- आप अंदर कैसे आए?
तो उसने एक दरवाजा दिखाया जो दोनों रूम को जोड़ता था, और बोला- तुम्हारे लिए ही ये दो रूम मैंने ही लिएँ है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.