14-01-2022, 04:35 PM
ने भी अपनी दोनो टाँगों को फैला दिया जिससे उसको मेरी चूत तक पहुँचने में और आसानी हो रही थी।
कुछ देर बाद चूत को छोर कर वो अपने हाथ को मेरी कमर पर ले गया और उसको सहलाने लगा और धीरे-धीरे वो मेरी नाभि के आस पास अपनी उंगली घुमाने लगा और कुछ देर बाद मेरी नाभि में उंगली डाल कर घुमाने लगा, मैं आँखें बंद करके अपने होंठ को अपने दांत से दबाए हुए इस सबका मज़ा ले रही थे।
धीरे-धीरे मैं भी अपना हाथ उसके लंड पर ले गई और उसको दबाने लगी। वो एकदम सख्त था कि तभी बस में लाइट जल उठी और मैंने अपना हाथ पीछे खींच लिया और उससे थोड़ा हट गई कि बस में कोई देख लेता तो बदनाम हो जाती!
हम लोग वैसे ही बैठे रहे, रात के 10 बजे बाद एक स्टॉपेज आया और बस के लगभग सब लोग उतर गये थे, बाकी जो थे, वो आगे बैठे हुए थे, पीछे सिर्फ़ हम दोनों ही थे तो मैंने पूछा- अभी और कितना दूर है?
कुछ देर बाद चूत को छोर कर वो अपने हाथ को मेरी कमर पर ले गया और उसको सहलाने लगा और धीरे-धीरे वो मेरी नाभि के आस पास अपनी उंगली घुमाने लगा और कुछ देर बाद मेरी नाभि में उंगली डाल कर घुमाने लगा, मैं आँखें बंद करके अपने होंठ को अपने दांत से दबाए हुए इस सबका मज़ा ले रही थे।
धीरे-धीरे मैं भी अपना हाथ उसके लंड पर ले गई और उसको दबाने लगी। वो एकदम सख्त था कि तभी बस में लाइट जल उठी और मैंने अपना हाथ पीछे खींच लिया और उससे थोड़ा हट गई कि बस में कोई देख लेता तो बदनाम हो जाती!
हम लोग वैसे ही बैठे रहे, रात के 10 बजे बाद एक स्टॉपेज आया और बस के लगभग सब लोग उतर गये थे, बाकी जो थे, वो आगे बैठे हुए थे, पीछे सिर्फ़ हम दोनों ही थे तो मैंने पूछा- अभी और कितना दूर है?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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