14-01-2022, 04:34 PM
उसको लगा कि मैं सच में सो गई तो उसने उसका फ़ायदा उठाते हुए अपना एक हाथ मेरे जाँघ पर रखा और हल्के से सहलाने लगा, फिर उसने धीरे से अपना हाथ थोड़ा और अंदर की ओर सहलाते हुए किया, वैसे भी तब तक अंधेरा हो चुका था तो किसी को ज्यादा दिख नहीं रहा था।
मुझे लगा कि वो अपना हाथ मेरी चूत तक ले जाएगा लेकिन नहीं ले गया, उसने भी मेरे कंधे पर अपने सिर रखा और सिर को हल्का नीचे करते हुए मेरी चूचियों पर रख दिया और अपने होंठ से काटने की कोशिश करने लगा।
जब मैं कुछ नहीं बोली तो उसने अपना सिर हटाया और अपने एक हाथ से मेरी चूची को हल्के से सहलाने लगा और फिर भी मैं कुछ नहीं बोली तो उसने अपने एक हाथ मेरी चूची को थोड़ा ज़ोर से दबाया तो मैंने जागने का नाटक किया तो वो थोड़ा डर गया और मुझसे थोड़ा अलग हो गया और साइड में बैठ गया।
तो मैं अपनी सीट से उठी और ऊपर रखे बैग से एक चादर निकाल ली क्योंक तब तक ठंड भी बढ़ रही थी, मैंने चादर ओढ़ ली और उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा दी, बोली- ठंड ज्यादा है, आप भी ओढ़ लो।
इतना सुनते ही वो मुझसे चिपक कर बैठ गया और अपना एक हाथ मेरी जाँघों पर रख कर सहलाते-सहलाते मेरी चूत तक पहुँच गया और अपनी उंगली मेरी चूत के ऊपर फ़िराने लगा।
मुझे लगा कि वो अपना हाथ मेरी चूत तक ले जाएगा लेकिन नहीं ले गया, उसने भी मेरे कंधे पर अपने सिर रखा और सिर को हल्का नीचे करते हुए मेरी चूचियों पर रख दिया और अपने होंठ से काटने की कोशिश करने लगा।
जब मैं कुछ नहीं बोली तो उसने अपना सिर हटाया और अपने एक हाथ से मेरी चूची को हल्के से सहलाने लगा और फिर भी मैं कुछ नहीं बोली तो उसने अपने एक हाथ मेरी चूची को थोड़ा ज़ोर से दबाया तो मैंने जागने का नाटक किया तो वो थोड़ा डर गया और मुझसे थोड़ा अलग हो गया और साइड में बैठ गया।
तो मैं अपनी सीट से उठी और ऊपर रखे बैग से एक चादर निकाल ली क्योंक तब तक ठंड भी बढ़ रही थी, मैंने चादर ओढ़ ली और उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा दी, बोली- ठंड ज्यादा है, आप भी ओढ़ लो।
इतना सुनते ही वो मुझसे चिपक कर बैठ गया और अपना एक हाथ मेरी जाँघों पर रख कर सहलाते-सहलाते मेरी चूत तक पहुँच गया और अपनी उंगली मेरी चूत के ऊपर फ़िराने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.