14-01-2022, 04:32 PM
इस तरह पार्टी की मौज मस्ती मे कब रात के ११ बज गये पता ही नही चला. मुझे और मम्मी को सुबह वापिस जाना था. इसलिये मम्मी ने मुझे कहा कि "जल्दी से खाना खा लो". मैने और मम्मी ने जल्दी से खाना खाया. फ़िर मेरी मम्मी ने अपनी सहेली से वापिस जाने की इजाजत ली. मेरी मम्मी की सहेली उन्हे रूकने को बोल रही थी. लेकिन मेरी मम्मी ने उनको मेरी दादी के बिमार होने की बात बतायी. मेरी मम्मी की सहेली ने कहा "आप लोगो के रात रूकने का मै इन्तजाम करवा देती हू". लेकिन मम्मी ने कहा कि "नही आप यहा का प्रोगराम सम्भालो. आपके घर पहले से ही बहुत मेहमान रुके हुये है. अब रात गहराती जा रही है और सुबह ४ बजे दुल्हा दुल्हन के फ़ेरे भी होने है." मेरी मम्मी की सहेली ने कहा "आप लोग रात को रुकोगे कहा". मेरी मम्मी ने कहा "रास्ते मे कुछ गेस्ट हाउस दिखायी दिये थे, वहा कही न कही जगह मिल जायेगी". मेरी मम्मी अपनी सहेली को समझा-बुझा कर मुझे साथ ले कर पार्टी से बाहर निकल आयी. हम दोनो सडक पर खडे थे. मैने मम्मी से पूछा "मम्मी हम अब रात को कहा जायेगे". मम्मी ने कहा "रास्ते मे कुछ होटल वगैरह नजर आये थे. वहा कही न कही रूम मिल जायेगा. यहा से कोई आटो या टैक्सी ले कर वहा पहुन्च जाते है". लेकिन हमे वहा खडे २०-२५ मिन्ट हो गये. हमे कोई आटो या टैक्सी नजर नही आयी. मम्मी ने घडी मे टाईम देखा ११ बज कर तीस मिन्ट हो रहे थे. मम्मी ने कहा "पैलेस मे से जो मेहमान लोग निकलेगे, उनमे से किसी से लिफ़्ट ले लेते है".
हम दोनो तकरीबन १० मिन्ट वहा सडक पर और रुके रहे. मैरिज पैलेस मे से मेहमान वापिस घरो की तरफ़ जा रहे थे. मेरे मम्मी देख रहे थे की. किसी कार मे २ लोगो के बैठ्ने की जगह मिल जाये. इतने मे १ कार हमारे पास आ कर रुकी. जिसमे आगे की तरफ़ सिर्फ़ २ लडके बैठे थे. पीछे की सीटे खाली थी. वो लडके मैने मैरिज पार्टी मे भी देखे थे. लेकिन ये नही पता कि वो बारात मे आये थे या लडकी वालो की तरफ़ से थे. १ लडका मेरे मम्मी को बोला "आन्टी जी, आपको मैने पार्टी मे देखा था. आप लोगो को कही जाना है तो हम रास्ते मे आप को छोड देते है". मेरे मम्मी खुशी से फ़टाफ़ट बोले, "येस येस, आप प्लीस हमे रास्ते मे किसी गेस्ट हाउस या होटल मे छोड दिजिये". वो बोला "ठीक है आन्टी जी". मै और मम्मी कार की पिछली सीट पर बैठ गये. कार चल पडी. वो दोनो लडके २० साल के आस पास की उमर के लग रहे थे. मेरी मम्मी ने पूछा "आप लोग किस की तरफ़ से हो". तब उनमे से १ लडका बोला "हम दोनो दुल्हे के दोस्त है". उन्होने हमारे बारे मे भी पूछा. तो मम्मी ने बताया "हम लोग दिल्ली से आये है. दुल्हन मेरी सहेली की मौसेरी बहन है". इस तरह थोडा बहुत इधर उधर की बाते हुई. हम दोनो को वो लडके बहुत शरीफ़ लगे. उनमे से १ लडका बोला "आन्टी जी, आप हमारे शहर आये हो. हम लोग दुल्हे के दोस्त है और आप लोग दुल्हन की तरफ़ से मेहमान है. ये अच्छा नही लगता कि आप लोग इस तरह किसी होटल वगैरह मे रूको". मेरे मम्मी बोले "अरे फ़िर क्या हुआ, बस रात ही तो काटनी है, सुबह हम दोनो ने चले जाना है". तब वो लडका बोला "आन्टी जी, अगर आप लोग बुरा न माने तो आप किसी होटल मे रूकने से बेहतर हमारे घर रूक जाये". मेरे मम्मी बोले "अरे नही नही, आप लोगो ने हमे लिफ़्ट दे दी ये ही बहुत है". वो लडका बोला "आन्टी जी, इसमे कोई आपचौरिकता की बात नही है. आप आराम से हमारे घर रूकिये. मेरे मम्मी, पापा और दीदी भी आपसे मिल लेगे". मेरे मम्मी कुछ नही बोले और सोच मे पड गये.
हम दोनो तकरीबन १० मिन्ट वहा सडक पर और रुके रहे. मैरिज पैलेस मे से मेहमान वापिस घरो की तरफ़ जा रहे थे. मेरे मम्मी देख रहे थे की. किसी कार मे २ लोगो के बैठ्ने की जगह मिल जाये. इतने मे १ कार हमारे पास आ कर रुकी. जिसमे आगे की तरफ़ सिर्फ़ २ लडके बैठे थे. पीछे की सीटे खाली थी. वो लडके मैने मैरिज पार्टी मे भी देखे थे. लेकिन ये नही पता कि वो बारात मे आये थे या लडकी वालो की तरफ़ से थे. १ लडका मेरे मम्मी को बोला "आन्टी जी, आपको मैने पार्टी मे देखा था. आप लोगो को कही जाना है तो हम रास्ते मे आप को छोड देते है". मेरे मम्मी खुशी से फ़टाफ़ट बोले, "येस येस, आप प्लीस हमे रास्ते मे किसी गेस्ट हाउस या होटल मे छोड दिजिये". वो बोला "ठीक है आन्टी जी". मै और मम्मी कार की पिछली सीट पर बैठ गये. कार चल पडी. वो दोनो लडके २० साल के आस पास की उमर के लग रहे थे. मेरी मम्मी ने पूछा "आप लोग किस की तरफ़ से हो". तब उनमे से १ लडका बोला "हम दोनो दुल्हे के दोस्त है". उन्होने हमारे बारे मे भी पूछा. तो मम्मी ने बताया "हम लोग दिल्ली से आये है. दुल्हन मेरी सहेली की मौसेरी बहन है". इस तरह थोडा बहुत इधर उधर की बाते हुई. हम दोनो को वो लडके बहुत शरीफ़ लगे. उनमे से १ लडका बोला "आन्टी जी, आप हमारे शहर आये हो. हम लोग दुल्हे के दोस्त है और आप लोग दुल्हन की तरफ़ से मेहमान है. ये अच्छा नही लगता कि आप लोग इस तरह किसी होटल वगैरह मे रूको". मेरे मम्मी बोले "अरे फ़िर क्या हुआ, बस रात ही तो काटनी है, सुबह हम दोनो ने चले जाना है". तब वो लडका बोला "आन्टी जी, अगर आप लोग बुरा न माने तो आप किसी होटल मे रूकने से बेहतर हमारे घर रूक जाये". मेरे मम्मी बोले "अरे नही नही, आप लोगो ने हमे लिफ़्ट दे दी ये ही बहुत है". वो लडका बोला "आन्टी जी, इसमे कोई आपचौरिकता की बात नही है. आप आराम से हमारे घर रूकिये. मेरे मम्मी, पापा और दीदी भी आपसे मिल लेगे". मेरे मम्मी कुछ नही बोले और सोच मे पड गये.