14-01-2022, 04:29 PM
बाद में मैं उठा और ब्रश करके जब चाय पी रहा था.. तब दीदी से पूछा- आपने झाड़ू लगाई क्या?
तो दीदी बोलीं- हाँ..
‘मेरे कमरे में भी लगाई क्या..?’
‘हाँ.. लगाई.. क्यों?’
‘नहीं.. बस ऐसे ही..’
दीदी बोलीं- रात को बहुत गर्मी थी क्या?
‘हाँ दीदी.. रात को बहुत गर्म था.. दीदी आपको कैसा लग रहा था?’
दीदी बोलीं- हाँ कल बहुत गर्म था..
फिर मैं नहा कर तैयार हो गया.. बाद में दीदी भी नहाने चली गईं.. तो मैं दीदी को नहाते देखने लगा, दीदी पूरी नंगी होकर नहा रही थीं.. पर आज उन्होंने चूत से पानी नहीं निकाला।
नहाने के बाद जब वो बाहर निकलीं.. तो उनके हाथ में पैन्टी-ब्रा था। मतलब आज उन्होंने ब्रा और पैन्टी नहीं पहनी थी।
सिर्फ़ सलवार और कुरता ही पहना हुआ था।
दोस्तो, मुझे मालूम था कि आज दीदी कौन सा सलवार सूट पहनने वाली हैं.. तो मैंने उनके पजामे की गाण्ड तरफ का हिस्सा थोड़ा फाड़ कर रखा था.. पर उनको पता नहीं चला था।
बाद में खाना बनाते और खाते वक्त मैं उनकी चूचियों को ही देख रहा था, उन्होंने आज ओढ़नी भी नहीं ली थी और उनके निप्पल भी साफ नज़र आ रहे थे।
तो दीदी बोलीं- हाँ..
‘मेरे कमरे में भी लगाई क्या..?’
‘हाँ.. लगाई.. क्यों?’
‘नहीं.. बस ऐसे ही..’
दीदी बोलीं- रात को बहुत गर्मी थी क्या?
‘हाँ दीदी.. रात को बहुत गर्म था.. दीदी आपको कैसा लग रहा था?’
दीदी बोलीं- हाँ कल बहुत गर्म था..
फिर मैं नहा कर तैयार हो गया.. बाद में दीदी भी नहाने चली गईं.. तो मैं दीदी को नहाते देखने लगा, दीदी पूरी नंगी होकर नहा रही थीं.. पर आज उन्होंने चूत से पानी नहीं निकाला।
नहाने के बाद जब वो बाहर निकलीं.. तो उनके हाथ में पैन्टी-ब्रा था। मतलब आज उन्होंने ब्रा और पैन्टी नहीं पहनी थी।
सिर्फ़ सलवार और कुरता ही पहना हुआ था।
दोस्तो, मुझे मालूम था कि आज दीदी कौन सा सलवार सूट पहनने वाली हैं.. तो मैंने उनके पजामे की गाण्ड तरफ का हिस्सा थोड़ा फाड़ कर रखा था.. पर उनको पता नहीं चला था।
बाद में खाना बनाते और खाते वक्त मैं उनकी चूचियों को ही देख रहा था, उन्होंने आज ओढ़नी भी नहीं ली थी और उनके निप्पल भी साफ नज़र आ रहे थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.