14-01-2022, 04:27 PM
तो दीदी ने मुझे गुस्से से कहा- मैं तेरी बहन हूँ।
उन्होंने मुझे एक ज़ोर का तमाचा मेरे गाल पर मार दिया और कमरे के बाहर निकाल दिया।
बाद में मैं दीदी से नज़र नहीं मिला पा रहा था।
उनके साथ बात भी नहीं कर रहा था।
दो दिन बाद दीदी ने कहा- मुझे कार चलानी सीखनी है।
मैंने कहा- मैं नहीं सिखाऊँगा।
तब दीदी मेरे पास आईं और मुझे समझाने लगीं- ये बात ग़लत है.. मैं तेरी बहन हूँ।
मेरे दिमाग में नया ही ख्याल आया और मैंने कहा- ठीक है।
उन्होंने मुझे एक ज़ोर का तमाचा मेरे गाल पर मार दिया और कमरे के बाहर निकाल दिया।
बाद में मैं दीदी से नज़र नहीं मिला पा रहा था।
उनके साथ बात भी नहीं कर रहा था।
दो दिन बाद दीदी ने कहा- मुझे कार चलानी सीखनी है।
मैंने कहा- मैं नहीं सिखाऊँगा।
तब दीदी मेरे पास आईं और मुझे समझाने लगीं- ये बात ग़लत है.. मैं तेरी बहन हूँ।
मेरे दिमाग में नया ही ख्याल आया और मैंने कहा- ठीक है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.