14-01-2022, 04:24 PM
सवेरे जब मैं नहाने गया.. तो मैं जानबूझ कर अपने कपड़े नहीं ले गया और नहाने के बाद सिर्फ़ गमछा पहन कर बाहर आया और दीदी को कहा- मेरे कपड़े कहाँ हैं?
तब दीदी मेरे कपड़े देखने लगीं.. तो मैंने लण्ड को गमछे के छेद से बाहर निकाला.. मैंने पहले ही गमछे में छेद कर रखा था। जब दीदी ने मेरी अंडरवियर मुझे दी.. तो मैंने कहा- इसमें तो चींटी लगी हैं।
मैं चींटी निकालने लगा.. तब मेरा 7″ का तना हुआ लण्ड दीदी को सलाम कर रहा था। दीदी ने उसको थोड़ी नजर भर कर देखा और शरमा के भाग गईं।
बाद में दीदी जब नहाने जा रही थीं.. तो मैंने मेरे मोबाइल से अपने ही घर के लैंड लाइन वाले फोन पर घंटी की.. और दीदी को आवाज लगा दी- प्लीज़ फोन उठा लो.. दीदी जब फोन सुनने गईं.. तब मैं बाथरूम में जाकर उनके सारे कपड़े ले आया।
जब दीदी नहा रही थीं.. तब मैंने बाथरूम के दरवाजे की दरार से उन्हें नहाते हुए देख रहा था।
अपने सारे कपड़े दीदी ने उतार दिए.. सिर्फ़ अंडरवियर बाकी था। दीदी के सख्त मम्मे.. बड़े ही मस्त.. बड़े-बड़े तने हुए थे और अंगूर जैसे निप्पल थे।
तब दीदी मेरे कपड़े देखने लगीं.. तो मैंने लण्ड को गमछे के छेद से बाहर निकाला.. मैंने पहले ही गमछे में छेद कर रखा था। जब दीदी ने मेरी अंडरवियर मुझे दी.. तो मैंने कहा- इसमें तो चींटी लगी हैं।
मैं चींटी निकालने लगा.. तब मेरा 7″ का तना हुआ लण्ड दीदी को सलाम कर रहा था। दीदी ने उसको थोड़ी नजर भर कर देखा और शरमा के भाग गईं।
बाद में दीदी जब नहाने जा रही थीं.. तो मैंने मेरे मोबाइल से अपने ही घर के लैंड लाइन वाले फोन पर घंटी की.. और दीदी को आवाज लगा दी- प्लीज़ फोन उठा लो.. दीदी जब फोन सुनने गईं.. तब मैं बाथरूम में जाकर उनके सारे कपड़े ले आया।
जब दीदी नहा रही थीं.. तब मैंने बाथरूम के दरवाजे की दरार से उन्हें नहाते हुए देख रहा था।
अपने सारे कपड़े दीदी ने उतार दिए.. सिर्फ़ अंडरवियर बाकी था। दीदी के सख्त मम्मे.. बड़े ही मस्त.. बड़े-बड़े तने हुए थे और अंगूर जैसे निप्पल थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.