14-01-2022, 04:08 PM
मैंने उसे किस किया और वो मेरी छाती के निप्पल चाटने लगी. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. फिर वो मेरे ऊपर चढ़ कर बैठ गई और अपनी चूत में लंड को घिसने लगी. आह चूत की गर्मी का अहसास का अपना अलग एक मज़ा है. पर वो लंड अन्दर नहीं ले रही थी, शायद वो दर्द से डर रही थी.
मैंने उससे घोड़ी बनने को बोला. वो झट से बन गई. मैंने पीछे आकर चुत पर थूक लगाया और अपना लंड पेल दिया.
वो दर्द से चिल्ला उठी और उसके मुँह से निकला- आंह मादरचोद … चोद दे इस चूत को … उम्म्ह… अहह… हय… याह… फाड़ डाल इस चूत को … बहुत परेशान करती है.
मैं भी जोश में था. उसकी गांड पर एक चांटा मार दिया.
वो चिल्ला उठी, उसके मुँह से आवाजें आ रही थीं- अहा याह आह.
ऊपर से मैं उसके दूध मसल कर उसे और गर्म करता जा रहा था.
फिर अचानक मैंने चुदाई रोकी, पर लंड उसकी चूत के अन्दर ही था. मैं उसकी चूत को महसूस कर रहा था कि कैसे उसकी चुत ने मेरे लंड को अपना समझ कर पकड़ लिया है. फिर वो खुद आगे पीछे होने लगी, तो मैंने उसकी कमर पकड़ कर फिर से उसे चोदना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर में मेरा गर्म लावा फट कर उसकी चूत में चला गया और मैं उसके ऊपर ही गिर गया.
उसका पानी भी निकल गया था.
कुछ मिनट के बाद वो फिर से चुदना चाहती थी. वो मुझे खुश करने लगी. कहीं वो अपनी चूत मेरे मुँह के पास लाती, तो कभी गांड, तो कभी चूचे. उसने फिर से मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
मैंने इशारा किया कि चूत यहां लाओ.
वो आ गई. हम लोग 69 की पोजीशन में आ गए. जब मेरा लंड पूरी तरह सख्त हो गया, तो मैंने उसे हटाया और उसको पीछे से पकड़ कर किस करने लगा. उसकी गांड दबाने लगा.
शायद वो समझ गई थी कि अब उसकी चूत फटने वाली है.
मैंने भी ज्यादा देर ना करते हुए बहुत सारा थूक उसकी चूत के छेद पर लगा दिया. मैंने उससे पूछा- तुम तैयार हो इस हसीन दर्द के लिए … जो एक हसीन याद की तरह जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहेगा.
वह नीचे देख कर मुस्कुराती रही.
मैं उसकी हां को समझ गया था. मैंने उसे इशारा किया कि पूरी घोड़ी बन जाओ … ताकि मैं बंदूक निशाने पर लगा सकूं.
वह घोड़ी बन गई, मैंने ज्यादा देर ना करते हुए अपना लंड उसकीचूत के छेद पर लगा दिया और जोरदार धक्के के साथ अपना लंड उसकी चूत के अन्दर डाल दिया. इस के साथ मैंने उसके मुँह को हाथों से दबा दिया था, ताकि हमारी आवाजें दिक्कत ना कर सकें.
उसकी दर्द भरी आवाजें निकलने लगीं. शायद पहली बार अपनीचूत में लंड ले रही थी. इसलिए मैंने भी जल्दबाजी करना ठीक नहीं समझा और धीरे धीरे अपना लंड अन्दर-बाहर करने लगा.
मुझे एहसास हुआ कि उसकी आंखों से आंसू निकल रहे हैं. मुझे दुख हुआ और मैंने अपना लंड बाहर निकाल दिया.
थोड़ी देर में सब नॉर्मल हो गया और वह मुझसे कहने लगी-अब बस,बाकी अगली बार मार लेना.
मैंने कहा- अगली बार कैसे मिलोगी?
तो उसने कहा- मैं सब बता दूंगी.
मैंने उससे घोड़ी बनने को बोला. वो झट से बन गई. मैंने पीछे आकर चुत पर थूक लगाया और अपना लंड पेल दिया.
वो दर्द से चिल्ला उठी और उसके मुँह से निकला- आंह मादरचोद … चोद दे इस चूत को … उम्म्ह… अहह… हय… याह… फाड़ डाल इस चूत को … बहुत परेशान करती है.
मैं भी जोश में था. उसकी गांड पर एक चांटा मार दिया.
वो चिल्ला उठी, उसके मुँह से आवाजें आ रही थीं- अहा याह आह.
ऊपर से मैं उसके दूध मसल कर उसे और गर्म करता जा रहा था.
फिर अचानक मैंने चुदाई रोकी, पर लंड उसकी चूत के अन्दर ही था. मैं उसकी चूत को महसूस कर रहा था कि कैसे उसकी चुत ने मेरे लंड को अपना समझ कर पकड़ लिया है. फिर वो खुद आगे पीछे होने लगी, तो मैंने उसकी कमर पकड़ कर फिर से उसे चोदना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर में मेरा गर्म लावा फट कर उसकी चूत में चला गया और मैं उसके ऊपर ही गिर गया.
उसका पानी भी निकल गया था.
कुछ मिनट के बाद वो फिर से चुदना चाहती थी. वो मुझे खुश करने लगी. कहीं वो अपनी चूत मेरे मुँह के पास लाती, तो कभी गांड, तो कभी चूचे. उसने फिर से मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
मैंने इशारा किया कि चूत यहां लाओ.
वो आ गई. हम लोग 69 की पोजीशन में आ गए. जब मेरा लंड पूरी तरह सख्त हो गया, तो मैंने उसे हटाया और उसको पीछे से पकड़ कर किस करने लगा. उसकी गांड दबाने लगा.
शायद वो समझ गई थी कि अब उसकी चूत फटने वाली है.
मैंने भी ज्यादा देर ना करते हुए बहुत सारा थूक उसकी चूत के छेद पर लगा दिया. मैंने उससे पूछा- तुम तैयार हो इस हसीन दर्द के लिए … जो एक हसीन याद की तरह जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहेगा.
वह नीचे देख कर मुस्कुराती रही.
मैं उसकी हां को समझ गया था. मैंने उसे इशारा किया कि पूरी घोड़ी बन जाओ … ताकि मैं बंदूक निशाने पर लगा सकूं.
वह घोड़ी बन गई, मैंने ज्यादा देर ना करते हुए अपना लंड उसकीचूत के छेद पर लगा दिया और जोरदार धक्के के साथ अपना लंड उसकी चूत के अन्दर डाल दिया. इस के साथ मैंने उसके मुँह को हाथों से दबा दिया था, ताकि हमारी आवाजें दिक्कत ना कर सकें.
उसकी दर्द भरी आवाजें निकलने लगीं. शायद पहली बार अपनीचूत में लंड ले रही थी. इसलिए मैंने भी जल्दबाजी करना ठीक नहीं समझा और धीरे धीरे अपना लंड अन्दर-बाहर करने लगा.
मुझे एहसास हुआ कि उसकी आंखों से आंसू निकल रहे हैं. मुझे दुख हुआ और मैंने अपना लंड बाहर निकाल दिया.
थोड़ी देर में सब नॉर्मल हो गया और वह मुझसे कहने लगी-अब बस,बाकी अगली बार मार लेना.
मैंने कहा- अगली बार कैसे मिलोगी?
तो उसने कहा- मैं सब बता दूंगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
