14-01-2022, 03:48 PM
मैने अपनी गांड को थोड़ा ऊपर उठाया और उसके लंड को अपने हाथ में लेकर अपनी चूत पर रगड़ने लगी. बहुत ही गरम और कामुक था वो. हम दोनों की साँसे कंट्रोल में नहीं थी और दोनों की गरम साँसों की गर्मी से पूरा कमरा गरम हो चूका था और पुरे कमरे में हमारी आवाज़े गूंज रही थी. अहहः ऊऊओ यस बस, फक मी, फक मी. इन आवाज़ो से हम दोनों एक दूसरे अपने आप को चोदने के लिए बोल रहे थे. सुमित ने हाथ मेरी गांड पर रख लिए और मुझे अपनी ओर खीच लिया. मेरी चूत और सुमित का लंड पूरा गीला चिकना था और सुमित का लण्ड एक ही बार में मेरी चूत को फाड़ता हुआ, सनसनाता हुआ, मेरी चुत में समां गया. उसका लंड मेरी चूत में चिपक गया और मेरा शरीर हिल भी नहीं पा रहा था. ऐसा लग रहा था, कि पुरे शरीर में कोई करंट दौड़ गया और और उसने पुरे शरीर का पानी चूस लिया हो. मैने दर्द के मारे अपनी आँखे बंद कर ली और सुमित के कंधे पर सिर टिका दिया. मेरा रस सुमित के पहले धक्के के साथ निकल गया, लेकिन सुमित धक्के चालू थे और उसने मुझे तब तक नहीं छोड़ा, जब तक उसने अपना रस मेरी चूत मे नहीं टपका दिया. सुमित धक्के पर धक्के मार रहे थे और मेरी गांड पर मेरी कमर लाल पद चुकी थी और मुझे लग रहा था, कि वो सूज चुकी है. लेकिन, सुमित का प्यार पाने के खातिर मै सब सहने को तैयार थी. मै सुमित को बार-बार बोल रही थी, प्यार करो मुझे और भी ज्यादा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.