14-01-2022, 03:47 PM
सुमित गरम हो चूका था और अब उसकी गरमी को आजमाने का समय था. मै अपने घुटनो पर बैठ गयी और उसकी पेंट की जीप खोलकर उसके लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथो से उसका मुठ मारने लगी. सुमित को मज़ा आ रहा है और वो कामुक सिसकिया भरता हुआ अहहः आवाज़े निकाल रहा था. उसे शायद ज़िप में से निकले लंड से तकलीफ हो रही थी, तो सुमित उठा और अपनी पेंट खोलकर नंगा हो गया और उसने मुझे अपनी जांघो पर बैठा लिया. उसने मेरे होठो को मस्ती में चूमते हुए, मेरा एक-एक करके कपड़ा उतारना शुरू कर दिया, वो एक कपड़ा उतारता और मेरे होठो को काटता. मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा भी आ रहा था. अब हम दोनों पुरे नंगे थे और सुमित मेरे चुचो पर टुटा हुआ, अपने होठो के बीच में मेरे निप्पलो को फसाए था और उसको मस्ती में चूस रहा था.
मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और सुमित के लंड से भी रस निकल रहा था और मेरी गांड पर लग रहा था और मुझे गीलेपन का अहसास हो रहा था. सुमित बहुत बैचेन होकर मेरे बदन के साथ खेल रहा था और उसका लंड बार-बार मेरे गांड के छेद पर टक्कर मार रहा था. banghead:
मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और सुमित के लंड से भी रस निकल रहा था और मेरी गांड पर लग रहा था और मुझे गीलेपन का अहसास हो रहा था. सुमित बहुत बैचेन होकर मेरे बदन के साथ खेल रहा था और उसका लंड बार-बार मेरे गांड के छेद पर टक्कर मार रहा था. banghead:
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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