14-01-2022, 03:46 PM
मै बड़ी मुश्किल से अपने आप को इस सब के लिए तैयार किया और एक शाम को सुमित को खाने के लिए घर बुलाया. प्लान पहले से ही तय था, कि उस समय घर पर कोई भी नहीं होगा और सुमित के साथ मुझे अकेले रहने का मौका मिल जाएगा. सुमित आया और मै उसे चाय देखकर आने के लिए बोलकर चली गयी. सुमित ने जब चाय खत्म की, तो मुझे अपने सामने खड़े पाया और मै एक बहुत ही सेक्सी ड्रेस पहनकर उसके सामने मटक रही थी. सुमित ने मुस्कुराना शुरू कर दिया और मुझसे इन सब के बारे में पूछने लगा; वो शायद मेरा इरादा भाप गया था, मै आगे बढ़कर उसकी गोदी में बैठ गयी और उसके हाथो को अपनी जांघो पर रख दिया और मैने उसके बालो से खेलना शुरू कर दिया. सुमित थोड़ा झिझक रहा था, तो मैने उसकी शर्ट का कालर पकड़कर उसे अपने पास खीच लिया और उसकी होठो पर अपने होठो को रख दिया, मैने उसके होठो को अपने दाँतो के बीच में भींच लिया था और उसको जोर से काट लिया और उसके होठो को चूसने लगी. सुमित के मुँह से हलकी सिसकिया निकल रही थी और मै उसके खड़े होते हुए लंड का कसाव अपनी गांड पर महसूस कर सकती थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.