14-01-2022, 03:41 PM
सच में क्या मज़ा आ रहा था, जब वो जीभ को मेरी चूत के अन्दर डाल डाल के जीभ की नोक से चोद रहा था.
फिर मैंने भी उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और मस्ती से उसका मोटा लंड चूसने लगी.. लंड चूसते हुए मैं हिल हिल कर अपनी चूत उसके मुँह पर रगड़ने लगी. हम दोनों ने पूरी तरह से 69 की पोज़िशन ले ली और लंड चूत की चुसाई का मजा लेने लगे.
मैंने कहा- उम्म्ह… अहह… हय… याह… बस कर भाई मत तड़पा अपनी बहन को.. डाल दे अंदर जल्दी से..
वो खड़ा हुआ और उसने मुझे लेटा कर मेरी टाँगें चौड़ी कर दीं. फिर अपने लंड को मेरी चूत की फांकों में हल्का सा फंसा कर जोर लगा कर अन्दर पेल दिया.
भाई का लंड क्या घुसा, मेरी तो जान ही निकल गई. मेरे मुँह से आवाज़ ही नहीं निकल पा रही थी. बस मैं इतना ही बोल पाई- आआअहह भाईई.. मररर गईई.. आरामम्म से अभी बाहर निकालऊ.. बहुत दर्द हो रहा है..
लेकिन वो बिल्कुल भी नहीं माना और लंड घुसाता हुआ चला गया, साथ ही वो झटके देने लगा. ‘खच खच पच पच..’ की आवाज़ आ रही थी. वो चोदता रहा. कुछ देर बाद मेरी चूत ने लंड से दोस्ती कर ली और चुदाई का मजा आने लगा.
करीब दस मिनट बाद वो झड़ा और उसने अपना रस मेरी चुत में ही झाड़ दिया. हम दोनों ने उस रात तो बस 2 बार ही चुदाई का खेल खेला क्योंकि मुझे दर्द बहुत हो रहा था.
फिर मैंने भी उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और मस्ती से उसका मोटा लंड चूसने लगी.. लंड चूसते हुए मैं हिल हिल कर अपनी चूत उसके मुँह पर रगड़ने लगी. हम दोनों ने पूरी तरह से 69 की पोज़िशन ले ली और लंड चूत की चुसाई का मजा लेने लगे.
मैंने कहा- उम्म्ह… अहह… हय… याह… बस कर भाई मत तड़पा अपनी बहन को.. डाल दे अंदर जल्दी से..
वो खड़ा हुआ और उसने मुझे लेटा कर मेरी टाँगें चौड़ी कर दीं. फिर अपने लंड को मेरी चूत की फांकों में हल्का सा फंसा कर जोर लगा कर अन्दर पेल दिया.
भाई का लंड क्या घुसा, मेरी तो जान ही निकल गई. मेरे मुँह से आवाज़ ही नहीं निकल पा रही थी. बस मैं इतना ही बोल पाई- आआअहह भाईई.. मररर गईई.. आरामम्म से अभी बाहर निकालऊ.. बहुत दर्द हो रहा है..
लेकिन वो बिल्कुल भी नहीं माना और लंड घुसाता हुआ चला गया, साथ ही वो झटके देने लगा. ‘खच खच पच पच..’ की आवाज़ आ रही थी. वो चोदता रहा. कुछ देर बाद मेरी चूत ने लंड से दोस्ती कर ली और चुदाई का मजा आने लगा.
करीब दस मिनट बाद वो झड़ा और उसने अपना रस मेरी चुत में ही झाड़ दिया. हम दोनों ने उस रात तो बस 2 बार ही चुदाई का खेल खेला क्योंकि मुझे दर्द बहुत हो रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.