14-01-2022, 03:40 PM
फिर दो पल बाद मैंने लंड हिलाया तो उसका लंड एकदम से टाइट हो गया और खड़ा होने लगा. लंड करीब 7 इंच पूरा खड़ा हो गया. मैं समझ गई कि साला सोने का नाटक कर रहा है.
क्योंकि आप सभी जानते हो कि जो लड़के होते हैं, नॉर्मली नींद में उनका लंड ढीला ही रहता है. लंड में सख्ती जब तक नहीं आती है जब तक वो खुद होश में ना हो. मतलब बिना उसकी इच्छा के लंड खड़ा नहीं होता.
मैं समझ गई कि भाई भी लंड हिलवाने के मज़े ले रहा है. अब मैं और कस कस के लंड हिलाने लगी. मेरा डर निकल गया, ग्रीन सिग्नल जो मिल गया था.
वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां लेने लगा- आअहह हहा.. आहह.. ऊऊहह ह्म्म्म्म..
मुझे उसकी अकड़न से समझ में आ गया कि उसके लंड का माल निकलने वाला है. फिर उसने एकदम से पलट कर मुझे गले से लगा लिया, मुझे चिपक गया और मेरे चूचे दबाने लगा. मैं तो खुश हो गई मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा.
मैं भी उसे सहयोग करने लगी. हम दोनों ने रात में बिल्कुल भी किस नहीं की. क्योंकि रात में मुँह थोड़ी सी स्मेल जमा हो जाती है इसलिए..
उसने मुझसे अपना टॉप उतारने को कहा.
मैंने कहा- तुम ही उतारो.
उसने कहा- ठीक है तू मेरे कपड़े उतार.. मैं तेरे..
हम दोनों ने यही किया, उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए.. ब्रा पैंटी भी निकाल दी, मैं मादरजात नंगी हो गई. हम दोनों रज़ाई में एक दूसरे को मसले जा रहे थे, किस किए जा रहे थे. सेक्स का पूरा बुखार चढ़ा हुआ था.
फिर वो अपना मुँह मेरी चुत की तरफ ले गया और चूत चाटने लगा. मैंने अपनी चूत के बाल पहले से ही साफ़ करके रखे हुए थे कि मौक़ा मिलते ही भाई को अर्पित कर दूंगी अपनी चिकनी चूत!
भाई मेरी चिकनी चूत चाट रहा था और मेरी तो हालत खराब हो रही थी, मेरे मुँह से आवाज़ निकलने लगी- आआअहह ऊहमम्म्म.. आअहह.. मर गईईई.. भाईईई आआज्ज तो मसल दे भाई मसल अपनी इस प्यारी ठरकी बहन को आअहह उऊहह..
क्योंकि आप सभी जानते हो कि जो लड़के होते हैं, नॉर्मली नींद में उनका लंड ढीला ही रहता है. लंड में सख्ती जब तक नहीं आती है जब तक वो खुद होश में ना हो. मतलब बिना उसकी इच्छा के लंड खड़ा नहीं होता.
मैं समझ गई कि भाई भी लंड हिलवाने के मज़े ले रहा है. अब मैं और कस कस के लंड हिलाने लगी. मेरा डर निकल गया, ग्रीन सिग्नल जो मिल गया था.
वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां लेने लगा- आअहह हहा.. आहह.. ऊऊहह ह्म्म्म्म..
मुझे उसकी अकड़न से समझ में आ गया कि उसके लंड का माल निकलने वाला है. फिर उसने एकदम से पलट कर मुझे गले से लगा लिया, मुझे चिपक गया और मेरे चूचे दबाने लगा. मैं तो खुश हो गई मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा.
मैं भी उसे सहयोग करने लगी. हम दोनों ने रात में बिल्कुल भी किस नहीं की. क्योंकि रात में मुँह थोड़ी सी स्मेल जमा हो जाती है इसलिए..
उसने मुझसे अपना टॉप उतारने को कहा.
मैंने कहा- तुम ही उतारो.
उसने कहा- ठीक है तू मेरे कपड़े उतार.. मैं तेरे..
हम दोनों ने यही किया, उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए.. ब्रा पैंटी भी निकाल दी, मैं मादरजात नंगी हो गई. हम दोनों रज़ाई में एक दूसरे को मसले जा रहे थे, किस किए जा रहे थे. सेक्स का पूरा बुखार चढ़ा हुआ था.
फिर वो अपना मुँह मेरी चुत की तरफ ले गया और चूत चाटने लगा. मैंने अपनी चूत के बाल पहले से ही साफ़ करके रखे हुए थे कि मौक़ा मिलते ही भाई को अर्पित कर दूंगी अपनी चिकनी चूत!
भाई मेरी चिकनी चूत चाट रहा था और मेरी तो हालत खराब हो रही थी, मेरे मुँह से आवाज़ निकलने लगी- आआअहह ऊहमम्म्म.. आअहह.. मर गईईई.. भाईईई आआज्ज तो मसल दे भाई मसल अपनी इस प्यारी ठरकी बहन को आअहह उऊहह..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.