14-01-2022, 03:20 PM
नीरु कड़ी होकर घुम कर अपना प्रदशन करने लगी और अपनी तारीफ़ सुन फूली नहीं समायी। उसने मुझे भी देख, क्यों की मैंने उसकी तारीफ़ अभी तक नहीं की थी।
नीरज: "वो पिंक वाली बिकिनी लेना मत भूलना"
नीरु: "वो मैंने कपड़ो के अंदर पहन लिया हैं"
नीरज: "वेरी गूड़, स्मार्ट लड़की हैं"
जीजाजी को पहले ही पता था की निरु ने पिंक कलर का टु पीस बिकिनी लिया था। मुझे लगा कही जिजाजी ने ही निरु को वो कॉस्ट्यूम गिफ्ट तो नहीं किया था!
दीदी अपने कपडे बैग से निकालने लगी और बाथरूम में गयी। मैंने रूम की चाबी ले ली और निरु को लेकर नीचे ब्रेकफास्ट के लिए चला गया। निरु अपने फिगर का बहुत ध्यान रखती हैं और मेरे खान-पान का भी। वो ज्यादा नहीं खाती और हेल्दी ही खाती है। हम लोगो ने जल्दी ही अपना ब्रेकफास्ट ख़त्म किया और फिर अपने रूम में आए। वाशरूम से ऋतू दीदी की सिसकियो और चीखो की आवाज आ रही थी। मै वाशरूम की तरफ बढ़ने लगा पर निरु ने मेरा हाथ पकड़ कर रोक लिया और मुझे खींचते हुए फिर दरवाजे के बाहर ले आयी और रूम बंद कर दिया।
नीरु: "तुम्हे शर्म नहीं आती! अन्दर मेरी दीदी और जिजाजी हैं"
प्रशांत: "शर्म तो उनको आणि चहिये, कॉमन रूम में इतनी आवाज कर ऐसा काम कौन करता हैं!"
नीरु ने मेरे कंधे पर एक हाथ मार दिया और डांट दिया।
नीरु: "दीदी बाहर आएगी और हमको देखेगी तो उनको कैसा लगेगा? उनको शरमिंदा होना पडेगा। हम थोड़ी देर बाद अंदर जाएंगे, उनको अपना काम ख़त्म करने दो"
प्रशांत: "तुम तो मुझे वाशरूम में कुछ करने ही नहीं दे रही थी। अपनी दीदी को देख, पति को कितना खुश रखती हैं"
नीरु: "मैं तो तुम्हे जैसे कुछ करने ही नहीं देती हूँ? दीदी को बिना प्रोटेक्शन करवाने से कोई रिस्क नहीं हैं पर मैं तो प्रेग्नेंट हो सकती हूँ न, तुम प्रोटेक्शन लगा कर आते तो मैं तुम्हे वाशरूम में करने देती "
यह कह कर निरु शर्माने लगी। उसने मुझे अगले २० मिनट्स तक अंदर जाने नहीं दिया और हम इन्तेजार करते ही रहे। फिर उसके बाद, हमारे पास चाबी होने के बावजूद भी निरु ने डोर नॉक किया और दीदी के दरवाज खोलने पर हम अंदर गए। ऋतू दीदी ने एक टॉप पहन रखा था और नीचे डेनिम शॉर्ट्स पहने थे। मुझे देखना था की जीजा जी ने ऋतू दीदी को कौन से कस्टूमए दिए थे बीच पर पहनने के लिये। मै आगे बढ़कर तो ऋतू दीदी को पुछ नहीं सकता था इसलिए इंतज़ार करना था बीच पर पहुचने तक। हम लोग अब कार में बैठ कर बीच पर पहुच गए।
हमने बीच-चेयर रेंट पर ले लिये। निरु और जीजाजी कुछ ज्यादा ही एक्ससिटेड थे। ऋतू दीदी और मैं हमारा सामान चेयर पर रख रहे थे तब तक जीजा अपने कपडे उतार अंदर पहने स्वीमिंग शॉर्ट्स में आ गए थे। नीरु ने भी टॉप और शॉर्ट्स निकाला और पिंक कलर के टु पीस बिकिनी में आ गयी। निरु का फिगर ही ऐसा हैं की ब्रा और पेंटी में जब वो होती हैं तो मैं उसको चोदे बिना नहीं रह सकता। अभि उस टु पीस बिकिनी में उसकी वोहि हालत थी और किसी सेक्स बम सी लग रही थी। मेरी हालत यह थी तो जिजाजी की क्या हालत होगी, वो मैं सोच सकता था। जिजाजी के मुह से तारीफो के बोल फूट पड़े और निरु शरमाते हुए स्माइल कर रही थी। अपने जिजाजी से इतनी तारीफ़ सुनकर उसके तो कॉस्ट्यूम के सारे पैसे वसूल हो गए थे। निरु अब अपने बदन पर सनस्क्रीन लोशन लगाने लगी। जिजाजी ने भी फायदा उठाते हुए निरु की टांगो पर लोशन लगाने में हेल्प की। जीजाजी जब निरु की जाँघो पर लोशन लगाने के बहाने उसके बदन को छुने का मजा ले रहे थे तो मैं जल भून रहा था। मैंने भी अपने कपडे निकालने शुरू किये।
जीजाजी ने निरु का एक हाथ पकडा और दोनों दौड़ते हुए पानी की तरफ भागे और पानी में उतर गए। दौड़ते वक़्त निरु किसी जलपरी सी लग रही थी। वह कुछ विदेशी लड़किया भी टु पीस में थी और वो भी निरु के सामने फ़ीकी पड़ गयी थी। मै भी अपने कपडे उतार स्वीम शॉर्ट्स में था और निरु के पीछे पीछे गया पर उनकी तरह दौड कर नहीं गया, आराम से पैदल गया।
नीरु अंदर जाते ही कम पानी में बैठ कर गीली हो गयी थी। जीजाजी ने निरु का हाथ पकड़ कर खड़ा किया और उसको पीछे से कमर से पकड़ कर अपने शरीर से चिपकाये और हवा में उठा कर चारो तरफ गोल गोल घुमाया। नीरु की गांड का हिस्सा जीजाजी के लण्ड के हिस्से से चिपक गया था और मुझे पता था जिजाजी कैसे मजे ले रहा थे मेरी बिवी के। निरु अब जीजाजी से दूर हुयी और फिर पानी में बैठ गयी। जीजजी झुक कर उसकी तरफ पानी उछाल कर उसको गीला कर रहे थे। मैं तब तक उनके पास पहुच गया। मुझे पता था की जीजाजी निरु पर पानी उछल कर उसके बिकिनी टॉप को गीला कर उसके निप्पल के तीखेपन को देखना चाहते होंगे। मगर उस बिकिनी टॉप की मोटाई से निरु के निप्पल का हलका सा उभार ही दीख रहा था। थोड़ी देर में ऋतू दीदी हमारे पास आती दिखि। ऋतू दीदीने ग्रे कलर का हॉट शॉर्ट्स पहन रखा था और ऊपर काले रंग का टैंक टॉप था जो की वो शायद अपने टॉप के अंदर ही पहन कर आयी थी। इतने कम कपड़ो में मैंने पहली बार ऋतू दीदी को देखा। मुझे कही से भी उनका फिगर इतना बुरा नहीं दिखा की वो टु पीस बिकिनी नहीं पहन सके। निरु के मुकाबले उनका हलका सा वजन ही ज्यादा था। मै ऋतू दीदी का नंगा पेट तो नहीं देख पाया क्यों की टैंक टॉप कमर के नीचे तक था पर फिगर का अन्दाजा तो हो ही जाता है। जीजाजी ने शायद ऋतू दीदी को वैसे ही डरा रखा था की उनका फिगर अच्छा नहीं है।
नीरज: "वो पिंक वाली बिकिनी लेना मत भूलना"
नीरु: "वो मैंने कपड़ो के अंदर पहन लिया हैं"
नीरज: "वेरी गूड़, स्मार्ट लड़की हैं"
जीजाजी को पहले ही पता था की निरु ने पिंक कलर का टु पीस बिकिनी लिया था। मुझे लगा कही जिजाजी ने ही निरु को वो कॉस्ट्यूम गिफ्ट तो नहीं किया था!
दीदी अपने कपडे बैग से निकालने लगी और बाथरूम में गयी। मैंने रूम की चाबी ले ली और निरु को लेकर नीचे ब्रेकफास्ट के लिए चला गया। निरु अपने फिगर का बहुत ध्यान रखती हैं और मेरे खान-पान का भी। वो ज्यादा नहीं खाती और हेल्दी ही खाती है। हम लोगो ने जल्दी ही अपना ब्रेकफास्ट ख़त्म किया और फिर अपने रूम में आए। वाशरूम से ऋतू दीदी की सिसकियो और चीखो की आवाज आ रही थी। मै वाशरूम की तरफ बढ़ने लगा पर निरु ने मेरा हाथ पकड़ कर रोक लिया और मुझे खींचते हुए फिर दरवाजे के बाहर ले आयी और रूम बंद कर दिया।
नीरु: "तुम्हे शर्म नहीं आती! अन्दर मेरी दीदी और जिजाजी हैं"
प्रशांत: "शर्म तो उनको आणि चहिये, कॉमन रूम में इतनी आवाज कर ऐसा काम कौन करता हैं!"
नीरु ने मेरे कंधे पर एक हाथ मार दिया और डांट दिया।
नीरु: "दीदी बाहर आएगी और हमको देखेगी तो उनको कैसा लगेगा? उनको शरमिंदा होना पडेगा। हम थोड़ी देर बाद अंदर जाएंगे, उनको अपना काम ख़त्म करने दो"
प्रशांत: "तुम तो मुझे वाशरूम में कुछ करने ही नहीं दे रही थी। अपनी दीदी को देख, पति को कितना खुश रखती हैं"
नीरु: "मैं तो तुम्हे जैसे कुछ करने ही नहीं देती हूँ? दीदी को बिना प्रोटेक्शन करवाने से कोई रिस्क नहीं हैं पर मैं तो प्रेग्नेंट हो सकती हूँ न, तुम प्रोटेक्शन लगा कर आते तो मैं तुम्हे वाशरूम में करने देती "
यह कह कर निरु शर्माने लगी। उसने मुझे अगले २० मिनट्स तक अंदर जाने नहीं दिया और हम इन्तेजार करते ही रहे। फिर उसके बाद, हमारे पास चाबी होने के बावजूद भी निरु ने डोर नॉक किया और दीदी के दरवाज खोलने पर हम अंदर गए। ऋतू दीदी ने एक टॉप पहन रखा था और नीचे डेनिम शॉर्ट्स पहने थे। मुझे देखना था की जीजा जी ने ऋतू दीदी को कौन से कस्टूमए दिए थे बीच पर पहनने के लिये। मै आगे बढ़कर तो ऋतू दीदी को पुछ नहीं सकता था इसलिए इंतज़ार करना था बीच पर पहुचने तक। हम लोग अब कार में बैठ कर बीच पर पहुच गए।
हमने बीच-चेयर रेंट पर ले लिये। निरु और जीजाजी कुछ ज्यादा ही एक्ससिटेड थे। ऋतू दीदी और मैं हमारा सामान चेयर पर रख रहे थे तब तक जीजा अपने कपडे उतार अंदर पहने स्वीमिंग शॉर्ट्स में आ गए थे। नीरु ने भी टॉप और शॉर्ट्स निकाला और पिंक कलर के टु पीस बिकिनी में आ गयी। निरु का फिगर ही ऐसा हैं की ब्रा और पेंटी में जब वो होती हैं तो मैं उसको चोदे बिना नहीं रह सकता। अभि उस टु पीस बिकिनी में उसकी वोहि हालत थी और किसी सेक्स बम सी लग रही थी। मेरी हालत यह थी तो जिजाजी की क्या हालत होगी, वो मैं सोच सकता था। जिजाजी के मुह से तारीफो के बोल फूट पड़े और निरु शरमाते हुए स्माइल कर रही थी। अपने जिजाजी से इतनी तारीफ़ सुनकर उसके तो कॉस्ट्यूम के सारे पैसे वसूल हो गए थे। निरु अब अपने बदन पर सनस्क्रीन लोशन लगाने लगी। जिजाजी ने भी फायदा उठाते हुए निरु की टांगो पर लोशन लगाने में हेल्प की। जीजाजी जब निरु की जाँघो पर लोशन लगाने के बहाने उसके बदन को छुने का मजा ले रहे थे तो मैं जल भून रहा था। मैंने भी अपने कपडे निकालने शुरू किये।
जीजाजी ने निरु का एक हाथ पकडा और दोनों दौड़ते हुए पानी की तरफ भागे और पानी में उतर गए। दौड़ते वक़्त निरु किसी जलपरी सी लग रही थी। वह कुछ विदेशी लड़किया भी टु पीस में थी और वो भी निरु के सामने फ़ीकी पड़ गयी थी। मै भी अपने कपडे उतार स्वीम शॉर्ट्स में था और निरु के पीछे पीछे गया पर उनकी तरह दौड कर नहीं गया, आराम से पैदल गया।
नीरु अंदर जाते ही कम पानी में बैठ कर गीली हो गयी थी। जीजाजी ने निरु का हाथ पकड़ कर खड़ा किया और उसको पीछे से कमर से पकड़ कर अपने शरीर से चिपकाये और हवा में उठा कर चारो तरफ गोल गोल घुमाया। नीरु की गांड का हिस्सा जीजाजी के लण्ड के हिस्से से चिपक गया था और मुझे पता था जिजाजी कैसे मजे ले रहा थे मेरी बिवी के। निरु अब जीजाजी से दूर हुयी और फिर पानी में बैठ गयी। जीजजी झुक कर उसकी तरफ पानी उछाल कर उसको गीला कर रहे थे। मैं तब तक उनके पास पहुच गया। मुझे पता था की जीजाजी निरु पर पानी उछल कर उसके बिकिनी टॉप को गीला कर उसके निप्पल के तीखेपन को देखना चाहते होंगे। मगर उस बिकिनी टॉप की मोटाई से निरु के निप्पल का हलका सा उभार ही दीख रहा था। थोड़ी देर में ऋतू दीदी हमारे पास आती दिखि। ऋतू दीदीने ग्रे कलर का हॉट शॉर्ट्स पहन रखा था और ऊपर काले रंग का टैंक टॉप था जो की वो शायद अपने टॉप के अंदर ही पहन कर आयी थी। इतने कम कपड़ो में मैंने पहली बार ऋतू दीदी को देखा। मुझे कही से भी उनका फिगर इतना बुरा नहीं दिखा की वो टु पीस बिकिनी नहीं पहन सके। निरु के मुकाबले उनका हलका सा वजन ही ज्यादा था। मै ऋतू दीदी का नंगा पेट तो नहीं देख पाया क्यों की टैंक टॉप कमर के नीचे तक था पर फिगर का अन्दाजा तो हो ही जाता है। जीजाजी ने शायद ऋतू दीदी को वैसे ही डरा रखा था की उनका फिगर अच्छा नहीं है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
