13-01-2022, 05:22 PM
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(31-12-2021, 12:54 PM)neerathemall Wrote: ओह ! दीदी. तुम्हारी चूत कित'नी कऱी है. एक बच्चा होने के बाद भी तुम्हारी चूत इत'नी टाइट है. तुम्हारी चूत ने मुझे इतना उत्तेजीत किया है के में दीवाना हो गया हूँ. दीदी!. में इत'नी ज़ोर से तुम्हें चोद रहा हूँ. और तुम्हें तकलीफ़ भी नही हो रही है. यानी तुम्हारी चूत कित'नी गहरी है. मेरा पूरा लंड तुम्हारी चूत में समा जा रहा है.. यानी मेरा लंड तुम्हारी चूत की गहराई के माप का बना है. ओह दीदी!. मुझ'से अब रहा नही जाता. दीदी. दीदी.
(31-12-2021, 12:54 PM)neerathemall Wrote: मेरी लाडली, दीदी. तुम ग्रेट हो, दीदी. तुम'ने अप'ने भाई को चोद'ने दिया. उस'का लंड अप'नी चूत में लिए तुम चुदवा रही हो. यू आर ग्रेट, दीदी. आया. आया. आया अब बाहर, दीदी. दीदी." सतसट करके मेने और कुच्छ धक्के मेरी लाडली बहन की चूत में लगाए और आखरी गहरा धक्का उसकी चूत में देकर में उस'से ज़ोर से चिपक गया.
(31-12-2021, 12:55 PM)neerathemall Wrote: फिर एक के बाद एक मेने मेरे वीर्य की पिच'कारीया उसकी चूत में छोड़ दी. पह'ले की दो तीन ज़ोर की पिच'कारीया उस'को चिपक'कर छोड़'ने के बाद मेने बाद की हल'की पिच'कारीया उसकी चूत में धीरे से धक्के देकर छोड़ दी. मेरा वीर्य स्त'खलन इतना पावरफुल था के में थक गया और संगीता दीदी के बदन'पर गिर गया. में उसके बदन पर गिरा तो था लेकिन फिर भी मेरा ज़्यादा तर भार मेरे हाथों पर ही था.
(31-12-2021, 01:05 PM)neerathemall Wrote:
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
