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Adultery भाभी के साथ प्यार की कहानी.
#15
मैंने उसको कहा- विकासमैं तुम को कैसी लगती हूँ?
 
उसने कहा- बहुत अच्छी!
 
तो मैंने पूछा- कितनी अच्छी?
 
उसने फिर कहा- बहुत अच्छी! भाभी....!
 
फिर मैंने कहा- मेरी एक बात मानोगे..?
 
 उसने कहा- हाँ बोलो भाभी...?
 
मैंने कहा- तुम्हारे साथ घुलामस्ती करने से मेरी कमर में दर्द हो रहा है, तुम दबा दोगे...?
 
उसने कहा- ठीक है...
 
तो मैं उलटी होकर लेट ग‌ई... वो मेरी कमर दबाने लगा।
 
फिर मैंने कहा- वो क्रीम भी मेरी कमर पर लगा दो!
 
तो वो उठ कर क्रीम लेने गया तब मैंने अपनी कमीज़ उतार दी। अब तो मेरे मम्मे छोटी सी ब्रा में से साफ दिख रहे थे। यह देख कर विकास बुरी तरह से घबरा गया और बोला- भाभी, यह क्या कर रही हो?
 
 मैंने कहा- तुम क्रीम लगा‌ओगे तो कमीज उतारनी ही पड़ेगी... नहीं तो तुम क्रीम कैसे लगा‌ओगे?
 
 वो चुपचाप बैठ गया और मेरी कमर पर अपना हाथ चलाने लग। फिर मैं उसके सामने सीधी हो ग‌ई और कहा- विकास रहने दोआ‌ओ मेरे साथ ही लेट जा‌ओ। 
 
उसने कहा- नहीं भाभी! मैं आपके साथ कैसे सो सकता हूँ!
 
मैंने कहा- क्यों नहीं सो सकते...?
 
तो वो बोला- भाभी आप औरत हो और मैं आपके साथ नहीं सो सकता...!
 
मैंने उसकी बाजू पकड़ी और अपने ऊपर गिरा लिया और कस कर पकड़ लिया। मैंने कहा- विकास तुम्हारी को‌ई सहेली नहीं है क्या?
 
उसने कहा- नहीं भाभी....अब मुझे छोड़ो...!
 
मैंने कहा- नहीं विकासपहले मुझे अपनी पैंट में दिखा‌ओ कि क्या है जो तो मुझ से छिपा रहे हो...?
 
वो बोला- नहीं भाभी, कुछ नहीं है...!
 
मैंने कहा- नहीं मैं देख कर ही छोड़ूंगी.. मुझे दिखा‌ओ क्या है इसमें...!
 
वो बोला- भाभीइससे पेशाब करते है... आपने भैया का देखा होगा...!
 
मैंने फिर कहा- मुझे तुम्हारा भी देखना है...!और पैंट के ऊपर से ही उसको अपने हाथ में पकड़ लिया। हाथ में लेते ही मुझे उसकी गर्मी का एहसास हो गया।
 
विकास अपना लौड़ा छुड़ाने की कोशिश करने लगा मगर मेरे आगे उसकी एक ना चली! ना चाहते हुए भी उसने मुझे जबरदस्ती करने के लिये मजबूर कर दिया था।
 
फिर वो बोला-भाभी अगर किसी को पता चल गया कि मैंने आपको यह दिखाया है तो मुझे बहुत मार पड़ेगी।
 
मैंने कहा- विकासअगर किसी को पता चलेगा तो मार पड़ेगी... मगर हम किसी को नहीं बता‌येंगे।
 
फिर मैंने उसकी पैंट की हुक खोली और पैंट नीचे सरका दी। उसका कच्छा भी नीचे सरका दिया... और उसका बड़ा सा लौड़ा मेरे सामने था.... इतना बड़ा लौड़ा मैंने आज तक नहीं देखा था।
 
मैं बोली- विकासतुम मुझसे इसे छिपाने की कोशिश कर रहे थे मगर यह तो अपने आप ही बाहर भाग रहा है....
 
विकास ने जल्दी से अपने हाथ से उसको छुपा लिया और पैंट पहनने लगा मगर मैंने खींच कर उसकी पैंट उतार दी और कच्छा भी उतार दिया। अब मैं और सब्र नहीं कर सकती थी और यह मौका हाथ से नहीं जाने दिया और उसका लौड़ा झट से मुँह में ले लिया और जोर-जोर से चूसने लगी।
 
पहले तो वो मेरे सर को पकड़ कर मुझे दूर करने लगा मगर थोड़ी देर में ही वो शान्त हो गया क्योंकि मेरी जुबान ने अपना जादू दिखा दिया था। अब वो अपना लौड़ा चुसवाने का मजा ले रहा था। मैं उसके लौड़े को जोर-जोर से चूस रही थी और विकास बिस्तर पर बेहाल हो रहा था... उसे भी अपने लौड़ा चुसवाने में मजा आ रहा था। उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी। फिर उसके लौड़े ने अपना सारा माल मेरे मुँह में उगल दिया और मेरा मुँह उसके माल से भर गया। मैंने सारा माल पी लिया।   लेखिका : कोमलप्रीत कौर
 
मैं अपने हाथों को चाटती हु‌ई उठी और बोली- विकास अब तुमको कुछ देखना है तो बता‌ओमैं दिखाती हूँ!
 
उसने मेरे मम्मों की ओर देखा और बोला- भाभीआपके ये तो मैंने देख लि‌ए...!
 
मैंने कहा- कुछ और भी देखोगे...?
 
उसने कहा- क्या...?
 
मैंने उसको कहा- मेरी कमर से ब्रा की हुक खोलो!
 
तो उसने पीछे आकर मेरी ब्रा खोल दी। मेरे दोनों कबूतर आजाद हो गये। फिर मैं उसकी ओर घूमी और उसको कहा- अच्छी तरह से देखो हाथ में पकड़ कर...!
 
उसने हाथ लगाया और फिर मुझसे बोला- भाभीमुझे बहुत डर लग रहा है...!
 
मैंने कहा- किसी से मत डरो! किसी को पता नहीं चलेगा! और जैसे मैं कहती हूँ तुम वैसे ही करोदेखना तुम को कितना मजा आता है...!
 
फिर मैंने उसका सर अपनी छाती से दबा लिया और अपने मम्मे उसके मुँह पर रगड़ने लगी।
 
वो भी अब शर्म छोड़ कर मेरे मम्मों का मजा ले रहा था। लेखिका : कोमलप्रीत कौर
 
मैंने अपनी सलवार का नाड़ा खोलते हुए उसको कहा- मेरी सलवार उतार दो!
 
तो उसने मेरी सलवार उतार दी और मुझे नंगी कर दिया। मेरी ट्राउज़र सलवार की चौड़ी मोहरी की वजह से मेरी सैंडल भी उसमें नहीं अटकी। मैंने पैंटी तो पहनी ही नहीं थी।  अब हम दोनों नंगे थे। मैंने उसको अपनी बाहों में लिया और अपने साथ लिटा लिया। फिर मैंने उसके होंठ चूसे और फिर मेरी तरह वो भी मेरे होंठ चूसने लगा। अब उसका डर कम हो चुका था और शर्म भी... 
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: भाभी के साथ प्यार की कहानी. - by neerathemall - 11-01-2022, 01:33 PM



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