16-05-2019, 11:57 AM
अंकल – मैं सुन्न हो चुका था और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है पर मेरा लण्ड, अभी भी मेरी मम्मी की खूबसूरती को सलामी दे रहा था… जब मैंने कोई जवाब नहीं दिया तो मम्मी ने कहा – “क्या हुआ, अब शरम आ रही है… ??” और मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ के मुझे खड़ा किया और झटके में मेरा लोवर नीचे खींच दिया… मेरा लण्ड पहली बार किसी के सामने नंगा था और वो भी मेरी माँ के सामने… मुझे समझ नहीं आ रहा था मैं अंदर ही अंदर डर रहा था पर बाहर मेरा लण्ड उत्तेजना में अपने आप ऊपर नीचे हो रहा था… मेरी मम्मी कुछ देर उसे देखती रहीं फिर बोलीं – “ग़लती तेरी नहीं, बेटा… इस उम्र में खुद पर काबू रखना होता ही बहुत मुश्किल है… चल मैं तुझे सिखाती हूँ, लण्ड पर काबू कैसे किया जाता है…” मेरी मम्मी, मेरे सामने बिस्तर पर बैठी थीं और मैं उनके ठीक सामने खड़ा था… उन्होंने मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ लिया और जैसे ही उन्होंने ऐसा किया मेरे मुँह से बहुत ज़ोर की आँह निकल गई…
यहाँ मम्मी भी बहुत ज़ोर से चीख पड़ी और चूत मसलते मसलते और अंकल का लण्ड, गाण्ड मे होने पर भी मूतने लगीं.
अंकल – ओह महक, तेरी मूत कितनी गरम है… आज मेरा मन कर रहा है…
मम्मी – क्या… बताइए ना…
अंकल – इसे पी जाऊं…
मम्मी – आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ माह माह इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह… अब मुझसे सहन नहीं हो रहा है…
अंकल – मुझ से भी महक… आ ह आह आह आह आह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ…
मम्मी – अब आगे बताइए ना… प्लीज़… आह उफ़ ओफ्फ आ ह स स स…
अंकल – मेरी मम्मी धीरे धीरे मेरे लण्ड को सहलाने लगीं और बोली – “देख जब भी ये तेरे काबू से बाहर हो जाए तो इसे इस तरह प्यार से सहलाया कर…” और ये बोल के वो थोड़ा सा मेरे करीब आ गईं और फिर बोलीं “और मन में सोचा कर की तू अपनी पसंद की लड़की को नंगा कर रहा है… बता, कौन पसंद है तुझे… किसे नंगा देखने का सबसे ज़्यादा मन है तुझे…”
मम्मी – आ आ आ आ… तो क्या कहा आपने… ??
अंकल – मैंने कहा – आपको… ?? ये सुनते ही, मम्मी ने थोड़ा ज़ोर से मेरा लण्ड दबा दिया और मेरी पिचकारी छूट पड़ी और मम्मी के सामने बैठे और करीब होने की वजह से सीधे उनके दूध पर जा गिरी… मेरा इतना मूठ निकला, जितना दो बार में भी नहीं निकलता था…
अंकल पिछले लगभग आधे घंटे से, मम्मी की गाण्ड चोद रहे थे और अभी भी झटकों में कमी नहीं आई थी.
शायद, ये तीसरी बार था इसलिए.
मेरा लण्ड, यहाँ जवाब देने की कगार पर ही था.
मैं कभी भी आ सकता था और मम्मी तो दो बार अंकल के लण्ड पर मूत तक चुकी थीं.
वासना का रंग, पूरे घर में छाया हुआ था.
अंकल थोड़ा रुके फिर शायद थकान के कारण, मम्मी के ऊपर लेट गये और धीरे धीरे धक्के मारने लगे.
मेरी मम्मी बोलीं – यहाँ मेरी चूत की कितनी बार मां चुद चुकी पर ना जाने आप, अपनी मम्मी को कब चोद पायोगे… अब बताओ ना आगे…
अंकल बोले – महक, सच कहूँ तो आज तूने मेरी मां चोद के रख दी… चूस ही लिया, तूने तो मुझे आज… थोड़ा आराम तो करने दे…
मम्मी बोलीं – ऐसे ही मेरी गाण्ड में डाल के लेटे रहिए पर आगे तो बताइए…
अंकल – सच कहते हैं, लोग… औरत की आग बुझाना, एक मर्द के बस की बात नहीं… चल सब बताता हूँ पर याद है ना, तुझे भी तेरे भाई के साथ की चुदाई मुझे बतानी है… मैं तो ये सोच रहा हूँ, जब बताने में इतना मज़ा आ रहा है तो सुनने में ना जाने क्या होगा…
मम्मी – मैंने कब मना किया है… मैं तो आज सारी बंदिशे तोड़ने को तैयार हूँ… पर अभी तो मुझे मज़ा ले लेने दीजिए… आज जैसा दिन, मेरी जिंदगी में कभी नहीं आया… मन कर रहा है, बस ऐसे ही चुदती रहूं हमेशा…
अंकल – सच महक… आज जैसा मज़ा तो मुझे भी कभी नहीं आया… असल में मुझे तो लगता है शायद ही किसी और मर्द और औरत को कभी आया हो… ना जाने ऐसा कौन होगा, जो हमारी तरह पूरी बेशर्मी पर उतर आया हो…
मम्मी (ज़ोर से, हंसते हुए) – मुझे तो लगता है, चुदाई जितनी लीचड़ हो उतना ही मज़ा आ आता है… अब तड़पाइये मत और आगे की बात बताइए… नहीं तो मेरी चुदाई के बारे में सुनने की तमन्ना छोड़ दीजिएगा…
अंकल – अरे नाराज़ मत हो, मेरी रानी… चल सुन, फिर मम्मी हँसने लगीं और बोलीं – “जा नहा धो ले… आराम कर… तेरे डैडी के आने में बहुत टाइम है… मैं भी कुछ देर सोती हूँ फिर तेरे कमरे में आ कर तुझे आगे सिखाती हूँ…” मुझे अपने ऊपर बहुत गुस्सा आ रहा था… पर क्या करूँ, पहली बार मेरे लण्ड पर किसी औरत ने हाथ रखा था… वो भी मेरी मां ने तो कंट्रोल ही नहीं हुआ… खैर, मैं अपने कमरे में गया और नहा धो कर जो हुआ सोचने लगा… मुझे बार बार मम्मी ब्रा पेन्टी में ही दिख रहीं थीं और मेरा लण्ड हिचकोले मार रहा था… मैं जानता था, मम्मी मुझे मूठ मारना सीखा रही थीं पर मैं सोच रहा था की क्या मैं मम्मी को नंगी देख सकूँगा… ये सोचते सोचते, मैं नंगा ही सो गया… कुछ देर बाद, मेरी मम्मी की आवाज़ से मेरी आँख खुली… मेरी मम्मी, दरवाज़ा बंद करके अंदर आ रही थीं…
यहाँ मम्मी भी बहुत ज़ोर से चीख पड़ी और चूत मसलते मसलते और अंकल का लण्ड, गाण्ड मे होने पर भी मूतने लगीं.
अंकल – ओह महक, तेरी मूत कितनी गरम है… आज मेरा मन कर रहा है…
मम्मी – क्या… बताइए ना…
अंकल – इसे पी जाऊं…
मम्मी – आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ माह माह इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह… अब मुझसे सहन नहीं हो रहा है…
अंकल – मुझ से भी महक… आ ह आह आह आह आह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ…
मम्मी – अब आगे बताइए ना… प्लीज़… आह उफ़ ओफ्फ आ ह स स स…
अंकल – मेरी मम्मी धीरे धीरे मेरे लण्ड को सहलाने लगीं और बोली – “देख जब भी ये तेरे काबू से बाहर हो जाए तो इसे इस तरह प्यार से सहलाया कर…” और ये बोल के वो थोड़ा सा मेरे करीब आ गईं और फिर बोलीं “और मन में सोचा कर की तू अपनी पसंद की लड़की को नंगा कर रहा है… बता, कौन पसंद है तुझे… किसे नंगा देखने का सबसे ज़्यादा मन है तुझे…”
मम्मी – आ आ आ आ… तो क्या कहा आपने… ??
अंकल – मैंने कहा – आपको… ?? ये सुनते ही, मम्मी ने थोड़ा ज़ोर से मेरा लण्ड दबा दिया और मेरी पिचकारी छूट पड़ी और मम्मी के सामने बैठे और करीब होने की वजह से सीधे उनके दूध पर जा गिरी… मेरा इतना मूठ निकला, जितना दो बार में भी नहीं निकलता था…
अंकल पिछले लगभग आधे घंटे से, मम्मी की गाण्ड चोद रहे थे और अभी भी झटकों में कमी नहीं आई थी.
शायद, ये तीसरी बार था इसलिए.
मेरा लण्ड, यहाँ जवाब देने की कगार पर ही था.
मैं कभी भी आ सकता था और मम्मी तो दो बार अंकल के लण्ड पर मूत तक चुकी थीं.
वासना का रंग, पूरे घर में छाया हुआ था.
अंकल थोड़ा रुके फिर शायद थकान के कारण, मम्मी के ऊपर लेट गये और धीरे धीरे धक्के मारने लगे.
मेरी मम्मी बोलीं – यहाँ मेरी चूत की कितनी बार मां चुद चुकी पर ना जाने आप, अपनी मम्मी को कब चोद पायोगे… अब बताओ ना आगे…
अंकल बोले – महक, सच कहूँ तो आज तूने मेरी मां चोद के रख दी… चूस ही लिया, तूने तो मुझे आज… थोड़ा आराम तो करने दे…
मम्मी बोलीं – ऐसे ही मेरी गाण्ड में डाल के लेटे रहिए पर आगे तो बताइए…
अंकल – सच कहते हैं, लोग… औरत की आग बुझाना, एक मर्द के बस की बात नहीं… चल सब बताता हूँ पर याद है ना, तुझे भी तेरे भाई के साथ की चुदाई मुझे बतानी है… मैं तो ये सोच रहा हूँ, जब बताने में इतना मज़ा आ रहा है तो सुनने में ना जाने क्या होगा…
मम्मी – मैंने कब मना किया है… मैं तो आज सारी बंदिशे तोड़ने को तैयार हूँ… पर अभी तो मुझे मज़ा ले लेने दीजिए… आज जैसा दिन, मेरी जिंदगी में कभी नहीं आया… मन कर रहा है, बस ऐसे ही चुदती रहूं हमेशा…
अंकल – सच महक… आज जैसा मज़ा तो मुझे भी कभी नहीं आया… असल में मुझे तो लगता है शायद ही किसी और मर्द और औरत को कभी आया हो… ना जाने ऐसा कौन होगा, जो हमारी तरह पूरी बेशर्मी पर उतर आया हो…
मम्मी (ज़ोर से, हंसते हुए) – मुझे तो लगता है, चुदाई जितनी लीचड़ हो उतना ही मज़ा आ आता है… अब तड़पाइये मत और आगे की बात बताइए… नहीं तो मेरी चुदाई के बारे में सुनने की तमन्ना छोड़ दीजिएगा…
अंकल – अरे नाराज़ मत हो, मेरी रानी… चल सुन, फिर मम्मी हँसने लगीं और बोलीं – “जा नहा धो ले… आराम कर… तेरे डैडी के आने में बहुत टाइम है… मैं भी कुछ देर सोती हूँ फिर तेरे कमरे में आ कर तुझे आगे सिखाती हूँ…” मुझे अपने ऊपर बहुत गुस्सा आ रहा था… पर क्या करूँ, पहली बार मेरे लण्ड पर किसी औरत ने हाथ रखा था… वो भी मेरी मां ने तो कंट्रोल ही नहीं हुआ… खैर, मैं अपने कमरे में गया और नहा धो कर जो हुआ सोचने लगा… मुझे बार बार मम्मी ब्रा पेन्टी में ही दिख रहीं थीं और मेरा लण्ड हिचकोले मार रहा था… मैं जानता था, मम्मी मुझे मूठ मारना सीखा रही थीं पर मैं सोच रहा था की क्या मैं मम्मी को नंगी देख सकूँगा… ये सोचते सोचते, मैं नंगा ही सो गया… कुछ देर बाद, मेरी मम्मी की आवाज़ से मेरी आँख खुली… मेरी मम्मी, दरवाज़ा बंद करके अंदर आ रही थीं…