16-05-2019, 11:25 AM
अंकल ने अब, मेरी मम्मी को ज़मीन पर घुटनों के बल बिठा दिया और फिर से कमर पकड़ कर पीछे आकर अपना लण्ड, मेरी मम्मी की गाण्ड के छेद मे डाल दिया और कस के धक्का मारा.
मेरी मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आ आहह माह स स स स स… निकल गया.
मैंने देखा, अंकल का पूरा लण्ड इस बार मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद मे समा गया था.
मम्मी ने कहा – धीरे… दर्द हो रहा है…
अंकल ने कहा – महक, मैं तो इतना ज़्यादा उत्तेजित हूँ की दर्द का पता ही नहीं है… और उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल के फिर से मेरी मम्मी की गाण्ड मे घुसा दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरी मम्मी की गाण्ड मारने लगे – ठप ठप ठप ठप ठप की और मेरी मम्मी की आ आ अहह आ आहह आ आहह माआ माआ माआ माआ माआ ओईइ माआ ओईइ माआ अ ओफ़फ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़… की आवाज़, कमरे मे गूंजने लगी.
अंकल अपने हाथ से मेरी मम्मी की कमर को पकड़े हुए थे और लगातार, मेरी मम्मी की गाण्ड मारे जा रहे थे.
अंकल ने कहा – आ आ अहह महक… मज़ा आ गया… तेरी गाण्ड मे बहुत मज़ा है, मेरी रानी… उससे ज़्यादा मज़ा तो मुझे तेरी बातों में आ गया…
मम्मी – तो रुक क्यूँ गये… करिए ना बातें… बताइए ना, कैसे चोदा था आपने अपनी मां को…
अंकल – ओह महक… ना जाने ऐसी बातों से मुझे क्या हो जाता है… सुन… जब मैं 18 साल का था तो मेरा लण्ड बहुत मचलने लगा था… मैं छुप छुप के अपनी मम्मी को कपड़े बदलते और नहाते देखता था… कभी कभी उनकी पैंटी में मूठ भी मार देता था…
मम्मी – अन्ह… मुझसे तो आज कंट्रोल ही नहीं रखा जा रहा… आगे बताइए ना…
अंकल – एक बार, मेरे कमरे में सफाई करने पर मेरी मम्मी को उनकी 6 7 पैंटी, मेरे कमरे में छुपी हुई मिल गई…
मम्मी – आन्ह माह स स स स स स स आअ… फिर…
अंकल – उन्होंने तब कुछ नहीं बोला… फिर एक दिन, जब वो कहीं से वापस आ कर कपड़े बदल रहीं थीं और मैं “की होल” से देख रहा था… तब उन्होंने एकदम से दरवाजा खोल दिया…
मम्मी – उफ्फ उःमह… नंगी थी…
अंकल – नहीं… ब्रा और पैंटी में… तेरी ही तरह, वो भी छोटी छोटी पैंटी पहनती थीं…
मम्मी – मादर चोद… पैंटी का साइज़ मत बताओ… ये बताओ, फिर क्या हुआ…
अंकल – उन्होंने मुझे अंदर बुलाया और दरवाजा बंद कर लिया… उस वक़्त भी जब वो आगे चल रहीं थीं, उनकी गोरी गाण्ड उनकी पैंटी से सॉफ दिख रही थी और बुरी तरह डरे होने के बाबजूद, मेरा लण्ड उनकी मस्त चिकनी गाण्ड को सलामी देने लगा…
मम्मी (अपने दाँत से अपने होंठ काटते हुए) – इयाः फिर ह स स स स स…
अंकल – वो बिस्तर पर बैठीं और मुझसे पूछा “क्या हो रहा था ये… ??”
मेरे मुँह से आवाज़ ही नहीं निकल रही थी… फिर वो बोलीं – “शरम नहीं आती, अपनी मां को कपड़े बदलते देखता है और मेरी पैंटी क्या कर रहीं थीं, तेरे कमरे में बता… ??” मैं तब भी कुछ नहीं बोला…
मम्मी – हाँ… फिर… बहुत मज़ा आ रहा है… चोदा कैसे… ??
अंकल – फिर मम्मी ने मुझे पास बुलाया और साइड में बैठाया और बोलीं – “देख बेटा, मैं समझती हूँ इस उम्र में ये सब होता है पर अपनी मम्मी को ऐसा देखना ठीक है क्या…” मेरे बैठने से लोवर में मेरे लण्ड का उभार सॉफ दिखने लगा था… मम्मी ने उस तरफ देखा और बोला – “निकालो इसे बाहर, मैं तुम्हें बताती हूँ इससे कैसे काबू में रखा जाता है…”
मम्मी – आ आ आ आ आ आ आ आ हह… निकाला आपने… इयाः माह… मर ना जाऊं, कहीं मैं आज…
बातें करने के साथ साथ, अंकल अपनी पूरी मर्दाना ताक़त से मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद को मार रहे थे.
उनकी कमर, आगे पीछे ज़ोर ज़ोर से हो रही थी.
मम्मी तो ऐसे मचल रहीं थीं जैसे किसी ने उनके कपड़ों के अंदर आइस क्यूब्स डाल दिए हो…
मज़े की बात ये थी, यहाँ मेरा लण्ड भी अंकल की बातें सुन के फिर से बुरी तरह हिचकोले मार रहा था.
अपनी उलझन भरी जिंदगी में पहली बार, मुझे कुछ मज़ा आ रहा था या एहसास हो रहा था की मज़ा क्या होता है.
मम्मी और अंकल की बातें चालू थीं.
अब अंकल ने आगे बताना चालू किया.
मेरी मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आ आहह माह स स स स स… निकल गया.
मैंने देखा, अंकल का पूरा लण्ड इस बार मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद मे समा गया था.
मम्मी ने कहा – धीरे… दर्द हो रहा है…
अंकल ने कहा – महक, मैं तो इतना ज़्यादा उत्तेजित हूँ की दर्द का पता ही नहीं है… और उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल के फिर से मेरी मम्मी की गाण्ड मे घुसा दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरी मम्मी की गाण्ड मारने लगे – ठप ठप ठप ठप ठप की और मेरी मम्मी की आ आ अहह आ आहह आ आहह माआ माआ माआ माआ माआ ओईइ माआ ओईइ माआ अ ओफ़फ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़… की आवाज़, कमरे मे गूंजने लगी.
अंकल अपने हाथ से मेरी मम्मी की कमर को पकड़े हुए थे और लगातार, मेरी मम्मी की गाण्ड मारे जा रहे थे.
अंकल ने कहा – आ आ अहह महक… मज़ा आ गया… तेरी गाण्ड मे बहुत मज़ा है, मेरी रानी… उससे ज़्यादा मज़ा तो मुझे तेरी बातों में आ गया…
मम्मी – तो रुक क्यूँ गये… करिए ना बातें… बताइए ना, कैसे चोदा था आपने अपनी मां को…
अंकल – ओह महक… ना जाने ऐसी बातों से मुझे क्या हो जाता है… सुन… जब मैं 18 साल का था तो मेरा लण्ड बहुत मचलने लगा था… मैं छुप छुप के अपनी मम्मी को कपड़े बदलते और नहाते देखता था… कभी कभी उनकी पैंटी में मूठ भी मार देता था…
मम्मी – अन्ह… मुझसे तो आज कंट्रोल ही नहीं रखा जा रहा… आगे बताइए ना…
अंकल – एक बार, मेरे कमरे में सफाई करने पर मेरी मम्मी को उनकी 6 7 पैंटी, मेरे कमरे में छुपी हुई मिल गई…
मम्मी – आन्ह माह स स स स स स स आअ… फिर…
अंकल – उन्होंने तब कुछ नहीं बोला… फिर एक दिन, जब वो कहीं से वापस आ कर कपड़े बदल रहीं थीं और मैं “की होल” से देख रहा था… तब उन्होंने एकदम से दरवाजा खोल दिया…
मम्मी – उफ्फ उःमह… नंगी थी…
अंकल – नहीं… ब्रा और पैंटी में… तेरी ही तरह, वो भी छोटी छोटी पैंटी पहनती थीं…
मम्मी – मादर चोद… पैंटी का साइज़ मत बताओ… ये बताओ, फिर क्या हुआ…
अंकल – उन्होंने मुझे अंदर बुलाया और दरवाजा बंद कर लिया… उस वक़्त भी जब वो आगे चल रहीं थीं, उनकी गोरी गाण्ड उनकी पैंटी से सॉफ दिख रही थी और बुरी तरह डरे होने के बाबजूद, मेरा लण्ड उनकी मस्त चिकनी गाण्ड को सलामी देने लगा…
मम्मी (अपने दाँत से अपने होंठ काटते हुए) – इयाः फिर ह स स स स स…
अंकल – वो बिस्तर पर बैठीं और मुझसे पूछा “क्या हो रहा था ये… ??”
मेरे मुँह से आवाज़ ही नहीं निकल रही थी… फिर वो बोलीं – “शरम नहीं आती, अपनी मां को कपड़े बदलते देखता है और मेरी पैंटी क्या कर रहीं थीं, तेरे कमरे में बता… ??” मैं तब भी कुछ नहीं बोला…
मम्मी – हाँ… फिर… बहुत मज़ा आ रहा है… चोदा कैसे… ??
अंकल – फिर मम्मी ने मुझे पास बुलाया और साइड में बैठाया और बोलीं – “देख बेटा, मैं समझती हूँ इस उम्र में ये सब होता है पर अपनी मम्मी को ऐसा देखना ठीक है क्या…” मेरे बैठने से लोवर में मेरे लण्ड का उभार सॉफ दिखने लगा था… मम्मी ने उस तरफ देखा और बोला – “निकालो इसे बाहर, मैं तुम्हें बताती हूँ इससे कैसे काबू में रखा जाता है…”
मम्मी – आ आ आ आ आ आ आ आ हह… निकाला आपने… इयाः माह… मर ना जाऊं, कहीं मैं आज…
बातें करने के साथ साथ, अंकल अपनी पूरी मर्दाना ताक़त से मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद को मार रहे थे.
उनकी कमर, आगे पीछे ज़ोर ज़ोर से हो रही थी.
मम्मी तो ऐसे मचल रहीं थीं जैसे किसी ने उनके कपड़ों के अंदर आइस क्यूब्स डाल दिए हो…
मज़े की बात ये थी, यहाँ मेरा लण्ड भी अंकल की बातें सुन के फिर से बुरी तरह हिचकोले मार रहा था.
अपनी उलझन भरी जिंदगी में पहली बार, मुझे कुछ मज़ा आ रहा था या एहसास हो रहा था की मज़ा क्या होता है.
मम्मी और अंकल की बातें चालू थीं.
अब अंकल ने आगे बताना चालू किया.