04-01-2022, 04:01 PM
(05-08-2020, 02:54 PM)neerathemall Wrote: अमृता चाय बना लायी जो हम दोनों भाई बहनों ने एक ही कप में पी | हमारी दिन की थकावट अभी तक उतर नहीं सकी थी और हम दोनों के ही बदन में अभी तक दर्द था मगर ये दर्द दिन के मिलन का एहसास था और पूरी उम्र के लिए एक याद |
अब रात के आठ बजने वाले थे | अगर मै इस समय अपनी बहन पे ट्रिप लगा लेता तो रात को थकावट के कारण उसकी चूत ना मार पाता इसलिए मैंने इस समय खुद को कण्ट्रोल करना ही बेहतर समझा और अपनी शक्ति को रात के लिए बचा लिया | ऐसा मैंने इस लिए किया क्योकि मै रात में उसकी चूत मारे बिना सो नहीं सकता हूँ-मुझे नींद नहीं आती है जब तक मै रात को उसकी ले ना लूँ|
रात को खाना खाने के बाद एक बार फिर से मैंने अडल्ट फिल्म लगाई और अमृता से कहा कि वो फ्रिज में से बीयर निकल कर सिर्फ ब्रा और पेंटी में मुझे सर्व करे-जिस तरह बार में लड़कियां अपने ग्राहकों को करती है | अमृता भी किसी प्रोफेशनल लड़की की तरह बीयर ले कर ब्रा-पेंटी में आ गयी |
काले रंग की सेक्सी ब्रा-पेंटी में अमृता को देख कर एक बार फिर से मेरे लंड ने जोर मारा और ये अपनी पूरी जवानी पे आते हुए खड़ा हो गया | अमृता भी बिलकुल प्रोफेशनल लड़की के अंदाज में मेरे पलंग के पास कड़ी हुई और झुक कर बीयर सर्व करने लगी |एक तो अमृता पहले ही गजब ढा रही थी उस पर उसके झुकने से उसके बूब्स भी ब्रा में से दिखने लगे | एक दिल की बात कहूँ दोस्तों- पूरी नंगी लड़की सिर्फ बिस्तर पर अच्छी लगती है (वो भी तब तक जब तक आपका झड ना जाए ) मगर बिस्तर से अलग तो आधी नंगी और आधी ढकी हुई लड़की का ही मजा है और इस समय अमृता बिलकुल उसी अंदाज में थी -आधी नंगी, आधी ढकी |
अमृता के बीयर डालते समय मैंने बिलकुल उसी अंदाज में उसके बूब्स दबाये जिस अंदाज में एक ग्राहक होटल में बीयर देने वाली लड़की के दबाता है और उसके बाद उसे खीचते हुए अपने बिस्तर पे डाल लिया और अपने बराबर में लेटा कर उसके साथ बीयर का मजा लेते हुए अडल्ट फिल्म देखने लगा साथ ही साथ मजा लेने लगा अपनी बहन के बूब्स का, उसके आधे नंगे बदन का, उसकी जवानी का |
जब फिल्म में ग्रुप सेक्स का सीन आया तो उस सीन में एक लड़का हेरोइन को कुतिया बना कर उसकी चूत मार रहा था और एक लड़का उसके मुह में दे रहा था जबकि एक लड़का उसके बूब्स चूस रहा था | उस सीन को देख कर हम दोनों इतने गरम हो चुके थे की मैंने तुरंत अमृता को कुतिया बनाया और उसके सारे कपडे उतर कर ऊपर चढ़ गया | मेरे झटके के साथ अमृता के बूब्स हिलते थे और उसके बूब्स के हिलने से मेरे अंदर नया जोश आ जाता था | मैंने उस रात बहुत अच्छे से अमृता को कुतिया बना कर चोदा और अपने दिल के सारे अरमान पूरे करे |
क्योकि दिन में मै अमृता को दिवार के सहारे खड़ा कर के चोद चूका था इसलिए कुतिया बना कर चोदने में ज्यादा दिक्कत नहीं आयी | अब उसकी चूत खुल चुकी थी |बहुत मजा आया था मुझे उस दिन मगर मुझे क्या पता था की वो दिन मेरी बहन के साथ मेरे हनीमून का आखिरी दिन होगा ? अभी तो सिर्फ दो ही दिन हुए थे और तेरह दिन बाकी थे मगर अगली सुबह कुछ ऐसा हुआ की मेरे हनीमून का सारा मजा खराब हो गया और मै बाकी के दिन अपनी बहन की चूत मारने के लिए तरसता रह गया |
मेरे साथ ऐसा क्या हुआ जो मै बाकी के दिन अपनी बहन की चूत नहीं मार सका ये मै आपको -
में बताऊंगा |
मगर जो भी हो ये मेरे जीवन का पहला हनीमून था मेरी बहन के साथ और वो दो दिन मेरे जीवन के सबसे यादगार दिन थे जिनमे मैंने अमृता के साथ अपने दिल के बहुत सारे अरमान पूरे किये थे |बस अगर अगले दिन वाली घटना ना घाटती तो शायद ये हनीमून पूरे पंद्रह दिन तक यूँ ही चलता रहता और मै अमृता के साथ अपने दिल के बाकी सारे अरमान भी पूरे कर लेता | दोस्तो आपको ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताए
समाप्त
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.