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Adultery रीमा की दबी वासना
केबिन में मालविका की हरकते देख रीमा के होश फाख्ता हो गए | कितनी आत्विश्वास से भरी थी मालविका अपनी ख्वाइश को लेकर | उसे कोई शर्म नहीं थी झिझक नहीं थी | उसके साथ जो भी पहले हुआ अब वो उसे भूल चुकी थी | अब तो वो खुलकर अपनी जिंदगी जी रही थी, उसके जो भी अरमान थे उन्हें बिना शर्म हया के पुरे कर रही थी | उसका अपनी सेक्स जरुरतो को लेकर जो आत्मविश्वास था उसे देखर रीमा शर्म से पानी पानी हो गयी | उसे लगा उसे तो अपनी दबी कामनाओं को पूरा करने के लिए एक लम्बा सफ़र तय करना है | जो भी उसकी करने की इक्षा होती है, उसमे इतनी झिझक शर्म होती है उसके बढ़ते कदम खुद ही रुक जाते है | मालविका ना केवल हिम्मत थी बल्कि दुस्साहस से भी भरी हुई थी इसलिए उसे मोटे लंड से अपनी  गांड मरवाने में भी कोई शर्म झिझक नहीं थी, वरना बहुत सी औरते तो आत्मग्लानी से मर जाये हाय मैंने कितना गन्दा काम कर डाला | सच भी था चूत में लंड लेना औरत के आत्मविश्वास की निशानी होता है  और गाड़ में लंड लेना औरत के दुस्साहस की पहचान  | मालविका दोनों से भरपूर थी | तभी शीशे की दीवार पर दूसरी पिक्चर चलने लगी जो एक और केबिन की हवस की कहानी बयां करने जा रही थी |


जो इस  केबिन का  द्रश्य उसके सामने आया , उसमे एक महिला नजर आई | रीमा को ये महिला लान में फोटो खिचवाते मिली थी | पुरुष इसे टैटू चूत के नाम से आपस में बुलाते थे लेकिन इसका असली नाम कामिनी था | महिलाए इसे करमजली के नाम से आपस में संबोधित करती थी | कामिनी की किसी से नहीं बनती थी, शहर ही मशहूर हस्ती थी बड़ी लेखिका थी और शादी नहीं हुई थी | कामिनी को जितना लेखन से लगाव था उतना ही टैटू से | उसके पुरे शरीर पर टैटू ही टैटू थे | इसके अलावा उसका फैशन भी घरेलु औरतो में जलन का एक कारन बन जाता था | स्वाभाव की बहुत ही रुखी थी इसलिए कोई भी ज्यादा उसके आस पास फटक नहीं पाता था | ये अलग बात है उसकी सेक्सी स्टाइल पर हर आदमी अपनी फंताशी के गप्पे हांकता था | मर्दों के लिए एक पहेली थी वो, कोई नहीं जानता वो किसी मर्द के साथ कही दिखाई पड़ी हो | औरते उससे इतना जलती थी कि कुछ ने तो अफवाह उड़ा दी की वो लेस्बियन है | सबसे बड़ी बात शहर की हर बड़ी पार्टी में नजर आती थी |


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पैराडाइज में भी उसे हमेशा हमेशा उसके पसंदीदा केबिन की ही चाभी दी जाती थी | यहाँ आकर वो क्या करती थी ये सिर्फ लाउन्ज का मालिक जानता था | लाउन्ज का मालिक बहुत प्रोफेशनल था इसलिए उसने लोगों की निजी तस्वीरों या रिकॉर्डिंग का कभी कोई गलत इस्तेमाल नहीं किया | इसका दूसरा कारन ये भी था यहाँ आने वाला हर शख्स बहुत ताकतवर और रसूखदार था | अगर लाउन्ज का मालिक जरा भी ऊपर नीचे करता तो इसकी गांड फाड़ के रख दी जाती | उसे इस ख़ुफ़िया बिज़नस से बहुत कमाई भी होती थी, फिर कौन सोना देने वाली मुर्गी के उंगली करना चाहेगा | कामिनी पैराडाइज के अपने केबिन में आते ही बदन के कपड़े छिलके की तरह उतार कर फेंक देती | केबिन में खुद को देखने के लिए आदमियों से ज्यादा बड़े साइज़ के मिरर लगे हुए थे | जहाँ औरत हो या आदमी खुद को नंगा करके बदन का एक एक कोना देखता था | कामिनी कपड़े उतारते ही खुद के बदन को शीशे में निहारने लग जाती | कमरे में मादक मधुर हल्का संगीत बजा देती जो माहौल को और मादक बना देता था |

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कभी बेड पर लेट कर अपने चेहरे को गौर से देखती, कभी हाथ पर बने टैटू को, कभी अपनी उठी हुई छाती की दोनों उन्नत पहाड़ियों को और उनके ऊपर चिपके निप्पल को | जिस्म का इससे इससे अच्छा मुयाना वो और कही नहीं कर पाती थी | यहाँ कोई रोक टोक नहीं, कोई आने जाने वाला नहीं | सबसे बड़ी बात कोई जबरदस्ती चिपकने वाला नहीं | कमरे में बजते मधुर मादक संगीत के साथ थिरकती लगती | पढ़ना उसका पसंदीदा काम था, इसलिए मधुर संगीत के बीच उसने एक किताब निकाल ली और बेड पर उल्टा लेट कर पढने लगी | बालो का हाथ में किताब थी, चेहरे पर चस्मा था, बाल को इकठा करके अटका रखा था | कंधे से लेकर पंजो तक पुरे बदन पर बस टैटू ही टैटू था | कामिनी उल्टा लेती हुई थी और उसके पैर घुटनों से हवा में ऊपर को उठे हुए थे | उसका गोरा मांसल टैटू से भरा बदन अलग ही चमक रहा था | उसका बदन ठोस लेकिन नरम मांस से भरा पूरा था,उसके बड़े बड़े हाहाकारी दो मांसल चुतड एक दुसरे से सटे हुए ऊपर को उठे हुए मस्त लग रहे थे जो आगे की तरफ एक दम से ढलान बनाते हुए पतली कमर तक जा रहे थे | मोटी मोटी जांघे और भारी भरकम, नरम मांस से लबालब भरे हुए, ऊपर को उठे हुए चूतड़ देखकर किसी भी मर्द का लंड उठकर खड़ा हो जायेगा |

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दो पेज पढने के बाद ही उसे बोरियत होने लगी | पार्टी में किये गए डांस से भी उसे हल्की थकान भी हो रही थी इसलिए उसे खुद को फ्रेश करने की सोची | अलग अलग तरीके से अपने जिस्म और गांड को मटकाते हुए कमरे से लगे बाथरूम पंहुच गयी | बाथरूम की एक दीवार पर शीशा ही लगा था | उसने खुद को भिगोया और सेल्फी खीचने लगी | क्या गोरा गोरा बदन था | जुल्फे चेहरे पर से बिखरी हुई सीने तक लटक रही थी | सीने पर बड़े बड़े स्तन अपने ही बोझे से उसके सीने को झुकाए हुए थे, इसमें कोई दो राय नहीं उसके स्तन औसत से बड़े थे और उसकी छाती की उठान को नयी उचाईयां दे रहे थे | उसकी गोरी गोरी मांसल जांघे टैटू से भरी हुई थी यहाँ तक की उसका चूत त्रिकोण में टैटू से ढका हुआ था | बमुश्किल कोई उसकी चूत की दरार को दूर से देख सकता था | कुल मिलकर कामिनी सचमुच की कामिनी थी जिसे हर लंड चोदना चाहेगा | अब सवाल ये था कि आज तक कामिनी को किसी ने चोदा भी था या नहीं | कोई नहीं जानता था कि कामिनी अपनी सेक्स की प्यास कैसे बुझाती है | उसके आसपास के कुछ जानकर कहते थे कि कामिनी के पास रबर के लंडो का खजाना है और उसी से वो अपनी प्यास बुझाती है | उसने आज तक कभी असली लंड अपनी चूत में लिया ही नहीं | ये सब बाते सिर्फ कॉकटेल पार्टियों की गॉसिप थी, सच कोई नहीं जानता था सिवाय कामिनी के |

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कामिनी बाथरूम में नहा रही थी | उसका पूरा बदन पानी से भीगा हुआ था, उसने शरीर को धोने वाला बॉडी लोशन निकाला, उसे बॉडी स्क्रबर के ऊपर उड़ेला और अपने जिस्म पर उसे घुमाने लगी | देखेते ही देखते उसके जिस्म झाग से सरोबार हो गया | कामिनी कंधे से लेकर पंजो तक शरीर के हर अंग और भाग पर स्क्रबर घुमा रही थी | पुरे जिस्म पर झाग ही झाग था | बार बार स्क्रबर को अपनी जांघो के बीच चूत त्रिकोण पर ले आती और अपनी चूत को बार बार रगड़ने लगती | इससे उसे बहुत आनंद प्राप्त हो रहा था |

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खुद को आच्छी तरह धोने के बाद, वो बात टब में जाकर बैठ गयी कुछ देर के लिए उसने आंखे बंद कर ली और अपनी चूत दाने की हलके हलके रगड़ने लगी | ठंडा ठंडा पानी उसके वासना से भरे गरम जिस्म पर बड़ा ही सुकून दे रहा था | वो बस आंख बंदकर अपनी वासनाओं की कप्लानावो में उड़ती हुई, आनंद के सागर में गोते लगा रही थी | अब उसने चूत दाने की रगड़ना छोड़, चूत के गुलाबी ओंठो पर हाथ फिसलना शुरू कर दिया | अपनी एक उंगली अपनी नाजुक चूत की गीली गुनगुनी एयर टाइट सुरंग में धंसा दी | उसके मुहँ से एक कराह निकली, उसने अपनी उंगली को अपनी गीली गरम चूत में अन्दर बाहर करने लगी | अब उससे रहा नहीं जा रहा था | उंगली चूत की दीवारों में कम्पन करा पाने में नाकाम हो रही थी, उसे कुछ बड़ा सा चाहिए था जो उसकी चूत की कसी हुई गीली गरम चिपकी दीवारों को चीरता हुआ अन्दर तक धंस जाये | जो उसे अन्दर तक सनसनाहट दे, उसकी चूत को अन्दर तक भर कर कुचल कर उसमे तरंग जगा दे | वो तेजी से बाथ टब से निकली और एक रबर का लंड लाकर शीशे से चिपका दिया | बिना देर किये खुद घुटनों के बल आकर घोड़ी बन गयी | फिर उसने हलके से खुद को पीछे की ओर खिसकाया | एक हाथ से आगे के जिस्म के भार को सँभालते हुए दुसरे हाथ से नीचे की तरफ लटकते रबर के लंड का सुपाडा ऊपर की ओर किया और  उसे अपने चूत के मुहाने पर सटा दिया | रबर के सुपाडे के उसकी चूत के मुहाने पर सटते ही उसने तेजी से खुद को पीछे शीशे की तरफ धकेल दिया | रबर का लंड उसकी चूत की गुलाबी सलवटी दीवारों को चीरता फैलाता हुआ उसके अन्दर जाकर धंस गया | फिर वो धीरे धीरे खुद को आगे पीछे हिलाकर, खुद को रबर के लंड से चोदने लगी | हर पीछे को जाते धक्के के साथ रबर का लंड उसकी चूत में घुस जाता और उसके मुहँ से एक मादक सी सिसकारी फुट पड़ती | खुद को पोजीशन करके खुद को ही चोदना थोड़ा ज्यादा बोरिंग होता है औरतो के लिए, लेकिन जो औरते अकेले अपने जिस्म से खलती है उन्हें इसी में मजा आता है | कामिनी खुद को रबर के लंड से चोद रही थी लेकिन उसे मजा नहीं आ रहा था | वो अपने शरीर में वो कम्पन चाहती थी वो तरंग चाहती थी जो उसे जन्नत की सैर करा दे लेकिन अभी तक इसमें वो नाकाम रही थी | आखिर कुछ देर तक रबर का लंड लेने के बाद उसे अहसास हो गया यहाँ से उसे वो नहीं मिलेगा जो वो चाहती है | उसने रबर के लंड को अपनी चूत में लेना रोक दिया | खुद को तौलिये से पोचा और कमरे में वापस आ गयी | उसने कस्टमर हेल्प को फ़ोन किया और कुछ बातचीत हुई फिर फ़ोन काट दिया |
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 15-05-2019, 07:28 AM



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