Thread Rating:
  • 16 Vote(s) - 2.31 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest दीदी ने पूरी की भाई की इच्छा
उस'ने मेरे कंधे पर हाथ रखे और वो भी मेरे धक्के के साथ उप्पर नीचे होने लगी.

 
"नही.नही. दीदी! तुम ऐसे नही कर'ना. इससे में ज़्यादा उत्तेजीत हो जाउन्गा.. तुम अप'नी चूत का दाना मेरे लंड के उपर के भाग पर घिसो. उस से तुम्हें ज़्यादा उत्तेजना मिलेगी. हाँ. ऐसे ही. आगे पिछे. बराबर." मेने जैसे बताया वैसे संगीता दीदी कर'ने लगी उसके ध्यान में आया के इस पोज़ीशन में वो कैसे अपना चूत'दाना मेरे लंड के उप्पर घिस सक'ती है और उत्तेजना प्राप्त कर सक'ती है उसकी रफ़्तार बढ़ गई.
 
नीचे में पीठ'पर लेटा हुआ था संगीता दीदी मेरी कमर पर बैठी थी मेरा लंड जड़ तक उसकी चूत में था. वो आगे पिछे होकर अपना चूत'दाना मेरे लंड के उप्परी भाग पर घिस रही थी. में उप्पर देख'कर उसे निहार'ने लगा. उस'ने अप'नी आँखें ज़ोर से बंद कर ली थी.
 
अपना चेह'रा उप्पर कर के दाँतों से अप'ने होठों को काट'कर वो आगे पिछे हो रही थी. आगे पिछे होने से उसकी छाती के बड़े बड़े उभार हिचकोले खा रहे थे. कभी कभी मैं उसकी कमर'पर हाथ फिरा रहा था तो कभी उसके चूतड़'पर. कभी में उसके छाती के उभारो को निचोड़ता था तो कभी उसके उप्पर के निप्पल को उंगलीयों में पकड़'कर मसलता था.
 
संगीता दीदी की स्पीड बढ़ गयी अब वो ज़्यादा ही ज़ोर से आगे पिछे होने लगी. उस'को सहारा देने के लिए मेने उसकी उंगलीयों में अप'नी उंगलीया फँसाई और उसके दोनो हाथ ज़ोर से पकड़ लिए. मेरे हाथ के नीचे का भाग मेने बेड'पर रखा हुआ था और में उसके हाथों को सहारा दे रहा था. वो भी मेरे हाथ ज़ोर से पकड़'कर उसके सहारे आगे पिछे हो रही थी. उसके मूँ'ह से सिस'कीया बाहर निकल'ने लगी. मेने नीचे मेरी कमर कस के रखी थी जिस'से उसे अपना चूत'दाना घिसते सम'य एक कड़ा आधार मिला रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
RE: दीदी ने पूरी की भाई की इच्छा - by neerathemall - 31-12-2021, 12:39 PM



Users browsing this thread: 4 Guest(s)