31-12-2021, 11:42 AM
पह'ली बार मेरे लंड ने मेरी बहन की चूत को छुआ था. मेरे लंड का संगीता दीदी के चूत को हुआ स्पर्श उसे उत्तेजीत कर'नेवाला था और मुझे पागल कर'नेवाला था. "शसस" ऐसा कर'ते कर'ते वो अप'ने घुट'नेपर उप्पर हो गई मानो उसकी चूत को कोई गरम रग छू रहा था. मुझे ज़्यादा उत्तेजीत होकर जल्दी झड़ना नही था इस'लिए में भी अप'नी भावनाएँ काबू कर रहा था. मेने दो तीन बार मेरा लंड उसकी चूत के दाने पर रगड़ दिया और फिर मेने मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के छेद पर रख दिया. में उसकी चूत के छेद में लंड घुसाने की कोशिश कर'ने लगा लेकिन वो अंदर नही जा रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.