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Incest ऋतू दीदी
#31
जीजाजी अब नीरू की कमर के पास बर्थ के किनारे पर बैठ गए और नीरू को कहा की वो सुखा वाला गुड नाईट किस्स देंगे। उन्होंने फिर नीरू के दोनों हाथों की हथेलियो को अपने एक एक हथेलियो में पकड़ उंगलिया फँसा दि। जीजाजी अब नीरू के चेहरे पर झुक गए। मैं तो जोर से चीख़कर उनको रोकने वाला था पर मेरी आवाज ही नहीं निकली। जीजाजी नीरू के ऊपर झुके हुए थे, ओर ५-६ सेकंड के बाद ही वो उठे। उपार से मुझे सिर्फ जीजाजी की पीठ और सर ही दीखे। मुझे नहीं पता चला की जीजाजी ने नीरू को किस जगह किस्स दिया था। जीजाजी के सामने से हटते ही मैंने नीरू को नोट किया। वो शरमाते हुए स्माइल कर रही थी। मैं सोचने लगा किस्स कही होंठों पर तो नहीं कर दिया? पता नहीं उन्होंने होंठों पर किस्स किया या नहीं पर जिस तरह जीजा जी नीरू पर झुके थे और नीरू के बूब्स का जो उभार है, उसके हिसाब से कम से कम जिजाजी के सींनेसे नीरू के बूब्स को तो दबा ही दिया होगा। फिलहाल जिजाजी मेरी नीचे वाली बर्थ पर आ गए थे और नीरू अकेली अपने बर्थ पर लेटी हुयी थी। मेरी थोड़ी बहुत नींद तो उड़ ही चुकी थी। थोड़ी ही देर में नीरू मासुमियतसे सो रही थी। माजाक मजाक में उसको शायद पता ही नहीं की उसका जीजाजी उसके साथ क्या कर रहे है। मुझे ही अब कुछ करना था। सोचते सोचते ही मेरी आँख लग गयी और मैं भी सो गया।
 
जब नींद खुली तो नीचे बर्थ पर नीरू नहीं थी। कहीं वो जीजा के साथ एक ही बर्थ पर तो नहीं लेटी थी? मैंने धीरे से अपनी गरदन बर्थ से बाहर लटका कर नीचे वाली बर्थ को देखा पर वो बर्थ भी खाली थी।,जीजा साली दोनों ग़ायब थे। अपनी कलाई पर बंधी घडी में टाइम देखा तो सुबह के ५ बजे थे। मैं उठकर नीचे उतरने ही वाला था की आहाट हुयी और मैं फिर आँख आधी खोल लेट गया।
 
नीरु और जीजाजी आ गए थे और फुसफुसाते हुए कुछ बातें कर रहे थे। जिस से मुझे पता लगा की वो टॉयलेट में गए थे।
 
नीरु: "मुझे बहुत रिलीफ महसूस हो रहा है। पर बहुत ही गन्दा था"
 
नीराज: "तुम्हे आदत नहीं हैं इसलिए, धीरे धीरे आदत पद जाएगी। अभी काफी टाइम से साफ़ सफाई नहीं की हैं इसलिए"
 
दोनो फिर अपनी अपनी बर्थ पर लेट गए। मैं उनके बातों का मतलब निकालने लगा। कही जीजाजी ने अपना गन्दा सा लण्ड नीरू के मुह में तो नहीं डाल दिया, जिसे नीरू गन्दा बोल रही थी। जीजाजी शायद उसको अपना लण्ड साफ़ सफाई के बाद फिर मुह में देने वाले थे।
मेरे भी लण्ड पर जब कभी बाल बड़े हो जाते थे तो नीरू मुह में लेने से मन बोल देती थी और मुझे बाल छोटे करने को बोलती या साफ़ करने को। वो भी अपनी चूत के बालो को कभी बड़ा नहीं होने देती थी। अभि तक जो कुछ भी हुआ था उन सब में थोड़ी बहुत शक की गुंजाईश थी और कभी मैं पॉजिटिव तो कभी नेगेटिव सोच रहा था। किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पा रहा था की सच्चाई क्या है।
 
नींद आधी थी तो मैं फिर सो गया और सुबह नींद खुली पर मैंने पलके बंद ही राखी थी। सबसे पहले आधी पलके खोल कर नीरू की तरफ देख। वो अपनी बर्थ पर चादर ओढ़े लेटी थी तो मुझे थोड़ी शान्ति मिलि। फिर आधी पलके बंद किये ही सामने की बर्थ पर देखा तो ऋतू दीदी की आँखें खुली थी और उनका ब्रा आधा शर्ट से बाहर निकला दिखाई दिया। अच्छा हुआ की मैंने अपनी पलके पूरी नहीं खोलि थी वार्ना दीदी मुझे देख लेती। दीदी एक नजर मेरी तरफ देख रही थी तो दूसरी नजर मेरे नीचे के बर्थ पर देख रही थी जहा उनके पति लेटे हुए थे। वो थोड़ा शर्मा रही थी और फिर अपना शर्ट थोड़ा चौड़ा कर ब्रा में से अपने मम्मों दिखाने की कोशिश कर रही थी। नीचे वाली बर्थ से उनके पति शायद कोई डिमांड रख रहे थे जिस कारण ऋतू दीदी अपने शर्ट को थोड़ा खोल अपना क्लीवेज दिखा रही थी।उनका लगभग आधा ब्रा बाहर दीख रहा था और उसमे झाँकते उनके बड़े से गोरे गोरे मम्मे झाँक रहे थे। मुझे जीजाजी पर गुस्सा आया। एक तरफ वो मेरी बिवी को छूकर मजे ले रहे हैं और दूसरी तरफ अपनी भोलि बिवी को इस तरह कपडे खोलने को मजबूर कर रहे है। मुझे यह रोकना था और मैं हलका सा हिला और फिर अपनी पोजीशन में ही लेटा रहा। सामने देखा तो दीदी ने अपना शर्ट बंद कर लिया था। मुझे अपनी चाल पर ख़ुशी हुयी। मैने अब धीरे धीरे अपनी ऑखें खोलि और सामने दीदी को देख गुड मॉर्निंग बोला और उन्होंने भी बोला। मैं अब सीधा लेट गया और छत की तरफ देखने लगा। फिर मैंने दीदी की तरफ नजरे घुमायी वो दूसरी तरफ मुह कर करवट ले लेटी थी। शायद वो अपने शर्ट के बटन बंद कर रही थी और कपडे एडजस्ट कर रही थी। थोड़ी देर में दीदी अपनी बर्थ से नीचे उतरि और फिर जीजाजी भी उठ गए। दीदी ने नीरू को उठाने की कोशिश की और फिर टॉयलेट में चली गयी। मैं अब अपनी बर्थ से नीचे उतरा और नीरू को आवाज लगायी पर वो नहीं उठि। जीजाजी की आँख खुल गयी थी और मैंने उनको ना चाहते हुए भी गुड मॉर्निंग बोला और उन्होंने मुस्कुरा कर आँखें झपका दि।
 
मैने नीरू को एक और आवाज लगायी पर वो नहीं उठि। तभी जीजाजी ने नीरू को एक आवाज लगायी और नीरू की आँखें खुली और हमारी तरफ देख मुस्कुराते हुए गुड मॉर्निंग बोली। नीरु ने अपना चादर एक तरफ किया और लेटे लेटे ही हाथो को सर की तरफ लम्बे कर एक अंगडाई ली। नीरू के मम्मे उभर कर और फूल गए और घुटनो से ड्रेस थोड़ी खिसक कर उसकी जंघे दिखने लगी। मै तुरंत आगे बढ़कर नीरू की जाँघो के आगे खड़ा हो गया ताकि जीजाजी और कुछ न देख पाए। मगर जीजाजी का ध्यान तो नीरू के मम्मो की तरफ था जो नीरू की अंगडाई से फूल चुके थे। मै अब उन दोनों के बीच आकर खड़ा हो गया पर तब तक नीरू उठ कर बैठ गयी थी और मैं भी उसके पास बैठ गया ताकि जीजाजी उधर आकर ना बैठ जाए।
 
नीरज: "नींद कैसी आयी नीरू?"
 
नीरु: "टॉयलेट से आने के बाद बहुत अच्छी नींद आयी"
 
मै समझ पा रहा था की नीरू को अच्छी नींद क्यों आयी होगी, इन्होने जरूर टॉयलेट में जाकर कुछ किया होगा। मैंने जासूसी शुरू कर दि।
 
प्रशांत: "तुम टॉयलेट कब गयी?"
 
नीरु: "रात को, मुझे डर लगता हैं इसलिए तुम्हे आवाज भी लगायी थी साथ ले जाने के लिये, पर तुम घोड़े बेच कर सो रहे थे। मगर जीजाजी मेरी आवाज सुन एक बार में उठ गए थे"
 
मैने तो कोई आवाज नहीं सुनी थी, शायद मुझे बहकाने के लिए झूठ बोल रही होंगी। थोड़ी देर में दीदी फ्रेश होकर आ गए और फिर हम सब भी हो आए।
 
स्टेशन आने के बाद हम सीधा होटल पहुचे। जीजाजी ने बुकिंग कारवाई थी और उन्होंने रूम की एक ही चाबी ली। हम चारो रूम की तरफ चल पड़े। हमने उनको पुछा एक ही रूम क्यों बुक किया है। उन्होंने बताया की वो दो बेड वाला डबल रूम हैं तो चारो लोग एक साथ रह सकेंगे। जीजा जी और ऋतू दीदी आगे आगे चल रहे थे। पीछे चलते हुए नीरू ने मेरी तरफ देख कर आँखों और होंठो से इशारा किया की वो अपना वादा पूरा नहीं कर पाएगी। कल घर पर तैयार होते वक़्त जब मैं उसकी पेंटी में हाथ डालने की कोशिश कर रहा था तब उसने वादा किया था की वो आज रात मुझे होटल रूम में चोदने देगी। अब क्यों की हम चारो एक ही रूम में सोने वाले थे तो हम दोनों के चुदने का कोई चांस नहीं था और इसके लिए वो होंठ हिला कर मुझसे सॉरी बोल माफ़ी मांग रही थी। हम लोग अब रूम में पहुचे। वह पर दो क्वीन साइज बेड लगे थे। हम चारो के सोने के लिए काफी था तो कोई प्रॉब्लम नहीं थी। मगर समस्या यह थी की वाशरूम एक ही था। हम लोगो को घुमने के लिए निकलना था और सबको नहाना भी था।
 
नीरज: "एक काम करते है, दो लोग यहाँ नहाने और तैयार होने को रुकेंगे और बाकी दो लोग कॉम्प्लिमेंटरी ब्रेकफास्ट करने नीचे पैंट्री में जाएंगे।"
 
ऋतू दीदी: "ठीक हैं तो पहले कौन नहाने को रुकेगा?"
 
नीरज: "नीरू तुम मेरे साथ चलो, मैं तुम्हे ब्रेकफास्ट करवा लाटा हूँ, फिर हम आकर नाहा लेंगे"
 
मुझे जीजाजी की नीयत समझ में आ गयी। वो कहीं नीरू के साथ नहाने का प्रोग्राम तो नहीं बना रहे थे। मगर नीरू ने ही उनका प्लान फ़ैल कर दिया।
 
नीरु: "नहीं, मैं नहाये बिना कुछ नहीं खाउंगी"
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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ऋतू दीदी - by neerathemall - 08-11-2021, 10:43 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 08-11-2021, 10:44 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 08-11-2021, 10:45 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 12-11-2021, 04:37 PM
RE: ऋतू दीदी - by aamirhydkhan1 - 13-11-2021, 10:24 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 10-01-2022, 06:32 PM
RE: ऋतू दीदी - by Blue Bull - 12-11-2021, 04:59 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 15-11-2021, 06:51 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-12-2021, 09:59 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-12-2021, 10:37 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-12-2021, 10:40 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-12-2021, 10:40 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-12-2021, 10:40 AM
RE: ऋतू दीदी - by gama4u - 03-12-2021, 07:43 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 04-12-2021, 04:15 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 24-12-2021, 03:41 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 24-12-2021, 03:45 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 24-12-2021, 03:46 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 24-12-2021, 03:46 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 24-12-2021, 03:47 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 24-12-2021, 03:47 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 24-12-2021, 03:47 PM
RE: ऋतू दीदी - by Rohan0064 - 25-12-2021, 01:39 AM
RE: ऋतू दीदी - by savana1983 - 25-12-2021, 02:13 AM
RE: ऋतू दीदी - by Rohan0064 - 25-12-2021, 03:13 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 26-12-2021, 10:07 AM
RE: ऋतू दीदी - by gama4u - 26-12-2021, 09:57 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 29-12-2021, 01:23 AM
RE: ऋतू दीदी - by savana1983 - 30-12-2021, 01:58 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 30-12-2021, 11:29 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 31-12-2021, 11:28 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 31-12-2021, 11:28 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 31-12-2021, 10:28 PM
RE: ऋतू दीदी - by savana1983 - 01-01-2022, 09:11 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 01-01-2022, 10:22 PM
RE: ऋतू दीदी - by gama4u - 01-01-2022, 10:53 PM
RE: ऋतू दीदी - by savana1983 - 02-01-2022, 04:24 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-01-2022, 08:50 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-01-2022, 08:51 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-01-2022, 04:26 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-01-2022, 04:28 PM
RE: ऋतू दीदी - by savana1983 - 05-01-2022, 11:22 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 06-01-2022, 07:05 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 10-01-2022, 09:48 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 10-01-2022, 06:31 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 26-08-2022, 06:58 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 25-01-2023, 09:28 PM
RE: ऋतू दीदी - by gama4u - 11-01-2022, 07:51 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 13-01-2022, 05:36 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 14-01-2022, 03:19 PM
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RE: ऋतू दीदी - by gama4u - 18-01-2022, 07:56 AM
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RE: ऋतू दीदी - by Vnice - 25-01-2022, 09:17 AM
RE: ऋतू दीदी - by sanskari_shikha - 25-01-2022, 04:24 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 29-01-2022, 03:15 AM



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