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Incest ऋतू दीदी
#30
हालंकि  मैं अभी सोना नहीं चाहता था पर उठ खड़ा हुआ तो जाना ही पड़ा। ऋतू दीदी ऊपर की बर्थ पर जाकर लेट गयी और मैं भी उनके सामने की ऊपर वाली बर्थ पर जाकर लेट गया। नीचे दोनों जीजा साली की बातें और हँसी चालु थी। मैं छत की तरफ सून्य में निहार रहा था। कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा हैं और मैं क्या करू? कुछ मिनट्स ऐसे ही बीत गए और मुझे नींद तो आ नहीं रही थी तो फिर मैंने करवट बदली। सामने ऋतू दीदी सीधा लेटी थी। लेटे होने से उनका पेट अंदर दब गया था और शर्ट के अंदर से उनकी छति का उभार साइड से साफ़ बड़ा दीख रहा था। उन्होंने जो शाल निकाली थी उस से अपने पाँव से लेकर कमर तक का शरीर ढक रखा था। ऋतू दीदी की बर्थ के ठीक नीचे नीरू बैठी थी और मेरी बर्थ के नीचे नीरज जीजाजी थे। मुझे फिर एक शररात सुझी। मैंने सोचा जीजाजी का एक टेस्ट लिया जाए। मेरा बैग नीरू जहाँ बैठी थी उसके ठीक नीचे था। मैंने नीरू को अपना शाल पास करने को कहा। मुझे पता था की नीरू की ड्रेस उसके आगे झूकते ही ऋतू दीदी के शर्ट की तरह खुल जायेगी और नीरू का क्लीवेज सामने बैठे जीजाजी को दीख जाएगा। नीरु आगे झुकी और बैग खिंच कर बर्थ के नीचे से निकालने लगी। मैं नीरू की ड्रेस को उसके झूकते ही थोड़ा खुला देख पा रहा था। मैंने अपनी नजरे नीचे कर जीजाजी के एक्सप्रेशन नोट करने की कोशिश की। जीजाजी भी अपना हाथ आगे बढा नीरू की हेल्प करने लगे बैग को बाहर निकालने में और चेन खोलने मे, जीजाजी की नजरे सामने नीरू पर ही थी और नीरू ने बैग से शाल निकला और मुझे दे दिया। बैग अंदर डालने के लिए नीरू फिर झुकी और मैंने जीजाजी के एक्सप्रेशन नोट करने की कोशिश की पर ऊपर से देख नहीं पाया और जीजाजी ने वो बैग वापसी बर्थ के नीचे खिसकाने में नीरू की मदद की।
 
मागर यह तो पक्का था की जीजाजी ने नीरू का क्लीवेज थोड़ा देख ही लिया होगा। मैं शाल अपनी टांगो पर डाले लेटा रहा। जीजाजी अब अपनी सीट से उठ कर नीरू के बगल में बैठ गए थे। मेरे सामने ऋतू दीदी ने भी करवट ले ली थी और उनका मुह अब मेरी तरफ था पर आँखें बंद थी। उनके शर्ट का ऊपर का एक बटन खुला था और उनके हाथ के भार से इस तरह साइड वाइ सोने की वजह से से उनका ऊपर का एक मम्मा दब कर उनके शर्ट से थोड़ा बाहर झाँक रहा था। मै उस नज़ारे को देखने का मौका नहीं चूका और आँखें खोले देखता रहा। फिर सोचा कही दीदी जाग गयी तो? इसलिये मैंने अपनी पलके आधी बंद किये देखता रहा। एक नजर मैं ऋतू दीदी का क्लीवेज देखता तो दूसरे से नीचे बैठे जीजा साली को देखता जो आपस में चिपक कर बैठे बाते कर रहे थे। चूंकी मैं और ऋतू दीदी सो रहे थे तो जीजा साली आपस में धीरे धीरे बातें कर रहे थे। मेरा ध्यान बातों से ज्यादा उनकी हरकतो पर था। उन दोनों ने कुछ डिसाइड किया और अपनी जगह बदल ली। अब नीरज जीजा विंडो के पास थे और नीरू उनकी गोद में सर रखे बर्थ पर लेटी हुयी थी। जीजाजी उसके सर पर हाथ फेर रहे थे तो दूसरा हाथ नीरू के पेट पर रखा था। नीरु की हर सांस के साथ उसका पेट ऊपर नीचे हो रहा था और साथ ही जीजाजी का उसके पेट पर पड़ा हाथ भी ऊपर नीचे हो रहा था। मुझे इस तरह नीरज जीजाजी का हाथ नीरु के पेट पर पड़ा होना अच्छा नहीं लगा पर नीरू को कोई आपत्ति नहीं थी। हलंकी मेरी आँखों के सामने के बर्थ पर ऋतू दीदी का क्लीवेज दीख रहा था पर मैं अपनी पलके आधी बंद किये अब सिर्फ नीचे ही देख रहा था की जीजा साली अब और क्या करेंगे। अब मैं उनकी बातें भी सुनने लाग।
 
नीरज: "अब तो सोने वाली हो, अब तो मेकअप उतार लो"
 
नीरु: "आपको मेरे मेकअप से क्या प्रॉब्लम हैं जीजाजी!"
 
नीरज: "मुझे तुम्हारे अंदर की खुबसुरती देखना ज्यादा पसंद है। अपनी खुबसुरती को इन बाहर की चीजो से क्या ढकना"
 
मै ऊपर लेटा हुआ नीरज जीजाजी के बोलने का मतलब समझ रहा था। वो शायद दूसरे शब्दो में नीरू के कपड़ो के बारे में कमेंट कर रहे थे की वो नीरू को बिना कपड़ो के अंदर की खुबसुरती देखना चाहते थे।
 
नीरु: "एक काम करो जीजाजी, आप ही निकाल दो मेरा मेकअप"
 
नीरज जीजाजी ने अब अपने एक अँगूठे को नीरू के नीचे के होंठ पर रगड़ा और नीरू को दिखाया की लिपस्टिक उनके अँगूठे पर लग गयी है।
 
नीरज: "मेरे लग गयी लिपस्टिक, अब क्या करू, मेरे लगा लू?"
 
नीरु(हँसते हुए): "हॉ, लगा लो, अच्छी लगेगी"
 
नीरज जीजाजी ने अब वो लिपस्टिक से भरा अँगूठा अपने खुद के होंठ पर रगड़ा और हंसने लगा। इस बहाने उस अँगूठे के जरिये ही सही पर जीजाजी ने अपनी साली के होठो को अपने होठो से एक तरह मिला लिया था। नीरु ने अपने होंठ खोले और जीजाजी ने इस बार अपना अँगूठा नीरू के ऊपर वाले होंठ पर रगड़ा और फिर अपने ऊपर के होंठ पर रगड मजे लिये। नीरु हमेशा की तरह एक बार फिर खिलखिला रही थी। जीजाजी ने यह एक बार और रिपीट किया और नीरू के दोनों होंठों को बारी बारी से रगड कर उसके होंठों का रस अपने होंठों पर लगया। फिर बारी थी गालो की। जीजाजी ने अपनी उंगलिया को नीरू के गोरे गोरे गालो पर हलके हाथों से रगड़ा जैसे मसाज कर रहे हो। नीरू मजाक में "आहा आहा" करते हुए मजे ले रही थी।
नीरज जिजाजी ने बीच बीच में नीरू के गालो को भी पकड़ कर खिंच दिया और नीरू ने हलके दर्द के साथ जीजा के हाथ पर हलका सा मारते हुए रोका। नीरु के चेहरा पर होते इन सब एक्शन के बीच, मैंने ध्यान ही नहीं दिया की नीरज जीजा का दूसरा हाथ जो अब तक नीरू के पेट पर था वो अब कमर से थोड़ा नीचे खिसक कर नीरू के कुल्हे की हड्डी को पकडे था जहा लड़किया अपनी पेंटी बाँधती है। नीरु ने वैसे ही घुटनो तक की नीचे से खुली ड्रेस पहनी थी, जो की अब घुटनो से ३-४ इंच थोड़ा ऊपर खिसक गयी थी। मेरी इच्छा हुयी की मैं नीचे जाकर दोनों को अलग कर दू पर तभी नीरू जीजा की गोद से उठ गयी। जीजा और साली सिर्फ अपनी पोजीशन चेंज कर रहे थे। जीजा अब खिड़की के पास से खिसक कर बर्थ के लागभाग बीच में बैठे थे और नीरू ने खिड़की की तरफ पाँव किये और हवा वाला तकिया लगाए बर्थ पर लेट गयी। जीजाजी क्यों की बर्थ के बिच में बैठे थे तो नीरू की जाँघे अब जीजा की गोद पर टीकी थी। मुझे ठीक लगा की अब जीजा नीरू के चेहरे को नहीं छु पाएँगे। खिड़की थोड़ी खुली थी और आती हवा से नीरू की ड्रेस थोड़ी ऊपर उठ गयी। नीरु की थोड़ी से नंगी जाँघे दिखने लगी और जीजा ने अपना एक हाथ नीरू के घुटनो के थोड़ा ऊपर रख दिया जहा से ड्रेस उठ चुकी थी। नीरू अभी भी नार्मल तरीके से लेटी थी। नीरु के कहने पर जीजा ने खिड़की जरूर पूरी बंद कर ली थी वार्ना ड्रेस ऊपर उठते ही नीरू का शरमिंदा होना तय था। मैं अब तक दर्शक बना बैठा था। जीजजी का एक हाथ अभी भी नीरू के घुटनो के थोड़ा ऊपर था तो दूसरे हाथ से अब उन्होंने नीरू के घुटनो के नीचे टांगो पर रख दबना शुरू किया। नीरु की गोरी चिकनी टांगो पर जीजा के हाथ फिसल रहे थे और नीरू गुदगुदी से हिल रही थी। नीरू थोड़ी देर में उबासी लेने लगी थी और उन दोनों ने डिसाइड किय की अब वो भी सो जाएंगे।
 
जीजजी ने अपना हाथ नीरू की टांगो से हटाया और नीरू अपने पाँव नीचे कर बैठ गयी। जिजाजी बर्थ से उठ खड़े हुये। नीरू खाली हो चुकी बर्थ पर एक बार फिर लेट गयी।
 
नीरु: "गुड नाईट जीजाजी"
 
नीरज: "इतना सूखा सूखा गुड नाईट! गुड नाईट किस्स तो बनत हैं"
 
नीरु: "गीला वाला मत देना"
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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Messages In This Thread
ऋतू दीदी - by neerathemall - 08-11-2021, 10:43 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 08-11-2021, 10:44 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 08-11-2021, 10:45 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 12-11-2021, 04:37 PM
RE: ऋतू दीदी - by aamirhydkhan1 - 13-11-2021, 10:24 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 10-01-2022, 06:32 PM
RE: ऋतू दीदी - by Blue Bull - 12-11-2021, 04:59 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 15-11-2021, 06:51 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-12-2021, 09:59 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-12-2021, 10:37 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-12-2021, 10:40 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-12-2021, 10:40 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-12-2021, 10:40 AM
RE: ऋतू दीदी - by gama4u - 03-12-2021, 07:43 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 04-12-2021, 04:15 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 24-12-2021, 03:41 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 24-12-2021, 03:45 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 24-12-2021, 03:46 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 24-12-2021, 03:46 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 24-12-2021, 03:47 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 24-12-2021, 03:47 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 24-12-2021, 03:47 PM
RE: ऋतू दीदी - by Rohan0064 - 25-12-2021, 01:39 AM
RE: ऋतू दीदी - by savana1983 - 25-12-2021, 02:13 AM
RE: ऋतू दीदी - by Rohan0064 - 25-12-2021, 03:13 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 26-12-2021, 10:07 AM
RE: ऋतू दीदी - by gama4u - 26-12-2021, 09:57 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 29-12-2021, 01:23 AM
RE: ऋतू दीदी - by savana1983 - 30-12-2021, 01:58 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 30-12-2021, 11:29 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 31-12-2021, 11:28 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 31-12-2021, 11:28 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 31-12-2021, 10:28 PM
RE: ऋतू दीदी - by savana1983 - 01-01-2022, 09:11 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 01-01-2022, 10:22 PM
RE: ऋतू दीदी - by gama4u - 01-01-2022, 10:53 PM
RE: ऋतू दीदी - by savana1983 - 02-01-2022, 04:24 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-01-2022, 08:50 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-01-2022, 08:51 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-01-2022, 04:26 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 03-01-2022, 04:28 PM
RE: ऋतू दीदी - by savana1983 - 05-01-2022, 11:22 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 06-01-2022, 07:05 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 10-01-2022, 09:48 AM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 10-01-2022, 06:31 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 26-08-2022, 06:58 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 25-01-2023, 09:28 PM
RE: ऋतू दीदी - by gama4u - 11-01-2022, 07:51 PM
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RE: ऋतू दीदी - by gama4u - 18-01-2022, 07:56 AM
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RE: ऋतू दीदी - by Vnice - 25-01-2022, 09:17 AM
RE: ऋतू दीदी - by sanskari_shikha - 25-01-2022, 04:24 PM
RE: ऋतू दीदी - by neerathemall - 29-01-2022, 03:15 AM



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