14-05-2019, 08:16 PM
(This post was last modified: 03-09-2020, 12:26 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
लंच लज़ीज
![[Image: Mutton-bhuna-maxresdefault.jpg]](https://i.ibb.co/ZdrPgGq/Mutton-bhuna-maxresdefault.jpg)
एकदम दावत ,पूरा दस्तरखान सजा दिया था उन्होंने।
निहारी से शुरू कर ,,चिकेन टिक्का , तरह तरह के कबाब , गलावटी , सामी स्टार्टर में ताज़ी चटनी के साथ ,
![[Image: kabab-154602098.jpg]](https://i.ibb.co/mt7T7px/kabab-154602098.jpg)
और फिर मेंन कोर्स में ,रोगन जोश ,हांडी चिकेन,मटन कोरमा दाल गोश्त , सुरमयी फिश, कीमा बिरयानी।
![[Image: biryani-mb-yes.jpg]](https://i.ibb.co/4sJdtZw/biryani-mb-yes.jpg)
( मैंने उन्हें बता दिया था की मम्मी को नान वेज डिशेज पसन्द है और कही मेरे कोने में छुटकी ननदिया की बात भी कांटे की तरह धंसी थी ,'हमारे यहां तो ये सब छुआ भी नहीं जाता। )
माम बस खाने की लज्जत का रंग देख रही थीं ,उसकी महक सूंघ रही थीं और जब वो ताजा रोटी लाने गए थे , मुझसे कहने लगी ,
" कोई क्या खाता है , उससे सिर्फ यह नहीं पता चलता है की वो क्या पसंद करता है ,बल्कि इससे उसकी पूरी अपब्रिंगिंग , रहन सहन,घर का माहौल ,बचपन से लेकर आज तक का वातावरण सब कुछ पता चलता है। तूने तो उसकी न सिर्फ सब खाने पीने की हैबिट बदल डाली बल्कि खुद इत्ते अच्छे ढंग से उसने प्यार से मेहनत करके पकाया है ,... सच में तूने उसे उसके मायके वालों के माहौल से….जिस तरह से बाहर निकाला है न ,... "
उनकी बात काट के मैं बोलीं, " अरी माँ मैं बेटी किस की हूँ ,मजाक है क्या।"
तबतक वो गर्मागर्म रोटियां ले कर और मेरी बात सुन के थाली में रोटी डालते माँ से बोले , (उन्होंने रोटी का भी पूरा प्लैटर बना रखा था। रुमाली रोटी ,शीरमाल ,तवे की रोटी रोटी सब कुछ। )
" मैं भी तो ,... "
" एकदम बेटे ,बैठ न हम लोगों के पास ,चल तू भी खा। "
माँ ने दुलार से उनके गोरे गोरे गाल सहलाते कहा ,
![[Image: MIL-W-32103ad781f443bd16ec59621138b02a.jpg]](https://i.ibb.co/M55Wyts/MIL-W-32103ad781f443bd16ec59621138b02a.jpg)
लेकिन मैंने बड़ा सीरीयस चेहरा बना के जैसे कुछ जोड़ते हुए उन्हें छेड़ा ,
" ये रिश्ता मेरे कुछ समझ में नहीं आया ,हाँ ये मैं मानती हूँ की मेरी उस छिनार ननद के बचपन के यार हो तो उस रिश्ते से ननदोई लगोगे ,
और तेरी उस बहना पे मेरे सारे नजदीक के ,दूर के रिश्ते के सब भाई चढ़ेंगे तो उनके साले लगोगे। "
खिलखिलाती हुयी मेरी माम भी उनकी खिंचाई करने में जुट गयीं और बोलने लगी ,
" सही कह रही है तू और फिर ,.... मेरी समधन के भी तो,... "
![[Image: Teej-milf.jpg]](https://i.ibb.co/ByHknB7/Teej-milf.jpg)
और हम दोनों साथ साथ हंसने लगे।
फिर तो वो वैसे ऐसे झेंपे की सीधे रसोई में जा के रुके।
अगली बार जब वो रोटियां ले के आये तो फिर माम ने जबरदस्ती उन्हें अपने बगल में न सिर्फ बैठा लिया बल्कि जबरदस्ती अपने मुंह का कौर उनके मुंह डालते हुए साथ खिलाना शुरू किया।
माँ के हाथ से खाते और उनके मुंह से ,खाने की तारीफ़ सुनते हुए वो ऐसे ब्लश कर रहे थे ,
जैसे गौने की रात के बाद की कोई दुल्हन हो।
मैं समझ रही थी ,
तारीफ़ माँ उनकी कर रही थीं लेकिन देख मेरी ओर रही थीं की मैंने कितनी जबरदस्त ट्रेनिंग दी उनको।
स्वीट डिश में जेली के साथ ताजे काट दसहरी आम , डबल का मीठा और फिरनी थी।
![[Image: Mango-Phirni-category1526980301.jpg]](https://i.ibb.co/Lhr9H3Q/Mango-Phirni-category1526980301.jpg)
उन रसीले आमों की फांके देख के माँ भी अपनी मुस्कान रोक नहीं पायी।
माँ को उनकी जे के जी के पहले के दिनों की चिढ भी मालूम थी और मेरी जो शर्त लगी थी ,मेरी छोटी ननद के साथ वो भी मालुम थी।
माम् रोगनजोश की जो तारीफ़ कर दी
![[Image: roganjosh-625x350-51421737590.jpg]](https://i.ibb.co/k3xvn5Y/roganjosh-625x350-51421737590.jpg)
तो फिर तो रेसिपी से लेकर कैसे खुद उन्होंने चेक करके मटन ख़रीदा सब बताया दिया।
सिर्फ रोगनजोश ही नहीं बाकी चीजें भी ,निहारी की रेसिपी तो उन्होंने इतने डिटेल में बतायी,
१२ से १५ लाल सूखी मिर्चें ,पांच हरी इलायचियाँ, पॉपी सीड्स , तेजपत्ता , चार टेबल स्पून भुना जीरा ,दालचीनी ,... क्या क्या कितना डाला ,किस चीज की धीमीआंच में किस चीज को तेज आंच में पकाया , सब कुछ।
मम्मी ने उनकी तरफ प्यार से देख लिया तो बाकी चीजें भी ,
बड़े इसरार से गलावटी कबाब खिलाया और उसके बारे में सब कुछ , ...कैसे पपीते का इस्तेमाल उन्होंने उसे मुलायम करने के लिया और कैसे वो मुंह में घुल जाता है।
वास्तव में वह मुंह में घुल गया /
" बस एक बार तुम , अपने मायके में न जो तुम्हारी वो बहन कम माल ज्यादा है उसे भी ये रोगन जोश अपने हाथ से बना के खिला दो ,तेरी गुलाम हो जायेगी ,खिलाओगे न उसे। "
माँ ने बड़े भोलेपन से उनसे पूछा।
वो पशोपेश में थे और मैं मुश्किल से हंसी दबा रही थी। ले
किन मम्मी को मना करने की हिम्मत उनमे कतई नहीं थी ,बस उन्होंने हां में सर हिला दिया।
खुश हो के मम्मी बोलीं ,
![[Image: Mom-18.jpg]](https://i.ibb.co/D1MwnP7/Mom-18.jpg)
" यार तूने इतना अच्छा खाना बनाया है ,कुछ तो इनाम बनता है। बोल क्या लोगे ?"
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एकदम दावत ,पूरा दस्तरखान सजा दिया था उन्होंने।
निहारी से शुरू कर ,,चिकेन टिक्का , तरह तरह के कबाब , गलावटी , सामी स्टार्टर में ताज़ी चटनी के साथ ,
![[Image: kabab-154602098.jpg]](https://i.ibb.co/mt7T7px/kabab-154602098.jpg)
और फिर मेंन कोर्स में ,रोगन जोश ,हांडी चिकेन,मटन कोरमा दाल गोश्त , सुरमयी फिश, कीमा बिरयानी।
![[Image: biryani-mb-yes.jpg]](https://i.ibb.co/4sJdtZw/biryani-mb-yes.jpg)
( मैंने उन्हें बता दिया था की मम्मी को नान वेज डिशेज पसन्द है और कही मेरे कोने में छुटकी ननदिया की बात भी कांटे की तरह धंसी थी ,'हमारे यहां तो ये सब छुआ भी नहीं जाता। )
माम बस खाने की लज्जत का रंग देख रही थीं ,उसकी महक सूंघ रही थीं और जब वो ताजा रोटी लाने गए थे , मुझसे कहने लगी ,
" कोई क्या खाता है , उससे सिर्फ यह नहीं पता चलता है की वो क्या पसंद करता है ,बल्कि इससे उसकी पूरी अपब्रिंगिंग , रहन सहन,घर का माहौल ,बचपन से लेकर आज तक का वातावरण सब कुछ पता चलता है। तूने तो उसकी न सिर्फ सब खाने पीने की हैबिट बदल डाली बल्कि खुद इत्ते अच्छे ढंग से उसने प्यार से मेहनत करके पकाया है ,... सच में तूने उसे उसके मायके वालों के माहौल से….जिस तरह से बाहर निकाला है न ,... "
उनकी बात काट के मैं बोलीं, " अरी माँ मैं बेटी किस की हूँ ,मजाक है क्या।"
तबतक वो गर्मागर्म रोटियां ले कर और मेरी बात सुन के थाली में रोटी डालते माँ से बोले , (उन्होंने रोटी का भी पूरा प्लैटर बना रखा था। रुमाली रोटी ,शीरमाल ,तवे की रोटी रोटी सब कुछ। )
" मैं भी तो ,... "
" एकदम बेटे ,बैठ न हम लोगों के पास ,चल तू भी खा। "
माँ ने दुलार से उनके गोरे गोरे गाल सहलाते कहा ,
![[Image: MIL-W-32103ad781f443bd16ec59621138b02a.jpg]](https://i.ibb.co/M55Wyts/MIL-W-32103ad781f443bd16ec59621138b02a.jpg)
लेकिन मैंने बड़ा सीरीयस चेहरा बना के जैसे कुछ जोड़ते हुए उन्हें छेड़ा ,
" ये रिश्ता मेरे कुछ समझ में नहीं आया ,हाँ ये मैं मानती हूँ की मेरी उस छिनार ननद के बचपन के यार हो तो उस रिश्ते से ननदोई लगोगे ,
और तेरी उस बहना पे मेरे सारे नजदीक के ,दूर के रिश्ते के सब भाई चढ़ेंगे तो उनके साले लगोगे। "
खिलखिलाती हुयी मेरी माम भी उनकी खिंचाई करने में जुट गयीं और बोलने लगी ,
" सही कह रही है तू और फिर ,.... मेरी समधन के भी तो,... "
![[Image: Teej-milf.jpg]](https://i.ibb.co/ByHknB7/Teej-milf.jpg)
और हम दोनों साथ साथ हंसने लगे।
फिर तो वो वैसे ऐसे झेंपे की सीधे रसोई में जा के रुके।
अगली बार जब वो रोटियां ले के आये तो फिर माम ने जबरदस्ती उन्हें अपने बगल में न सिर्फ बैठा लिया बल्कि जबरदस्ती अपने मुंह का कौर उनके मुंह डालते हुए साथ खिलाना शुरू किया।
माँ के हाथ से खाते और उनके मुंह से ,खाने की तारीफ़ सुनते हुए वो ऐसे ब्लश कर रहे थे ,
जैसे गौने की रात के बाद की कोई दुल्हन हो।
मैं समझ रही थी ,
तारीफ़ माँ उनकी कर रही थीं लेकिन देख मेरी ओर रही थीं की मैंने कितनी जबरदस्त ट्रेनिंग दी उनको।
स्वीट डिश में जेली के साथ ताजे काट दसहरी आम , डबल का मीठा और फिरनी थी।
![[Image: Mango-Phirni-category1526980301.jpg]](https://i.ibb.co/Lhr9H3Q/Mango-Phirni-category1526980301.jpg)
उन रसीले आमों की फांके देख के माँ भी अपनी मुस्कान रोक नहीं पायी।
माँ को उनकी जे के जी के पहले के दिनों की चिढ भी मालूम थी और मेरी जो शर्त लगी थी ,मेरी छोटी ननद के साथ वो भी मालुम थी।
माम् रोगनजोश की जो तारीफ़ कर दी
![[Image: roganjosh-625x350-51421737590.jpg]](https://i.ibb.co/k3xvn5Y/roganjosh-625x350-51421737590.jpg)
तो फिर तो रेसिपी से लेकर कैसे खुद उन्होंने चेक करके मटन ख़रीदा सब बताया दिया।
सिर्फ रोगनजोश ही नहीं बाकी चीजें भी ,निहारी की रेसिपी तो उन्होंने इतने डिटेल में बतायी,
१२ से १५ लाल सूखी मिर्चें ,पांच हरी इलायचियाँ, पॉपी सीड्स , तेजपत्ता , चार टेबल स्पून भुना जीरा ,दालचीनी ,... क्या क्या कितना डाला ,किस चीज की धीमीआंच में किस चीज को तेज आंच में पकाया , सब कुछ।
मम्मी ने उनकी तरफ प्यार से देख लिया तो बाकी चीजें भी ,
बड़े इसरार से गलावटी कबाब खिलाया और उसके बारे में सब कुछ , ...कैसे पपीते का इस्तेमाल उन्होंने उसे मुलायम करने के लिया और कैसे वो मुंह में घुल जाता है।
वास्तव में वह मुंह में घुल गया /
" बस एक बार तुम , अपने मायके में न जो तुम्हारी वो बहन कम माल ज्यादा है उसे भी ये रोगन जोश अपने हाथ से बना के खिला दो ,तेरी गुलाम हो जायेगी ,खिलाओगे न उसे। "
माँ ने बड़े भोलेपन से उनसे पूछा।
वो पशोपेश में थे और मैं मुश्किल से हंसी दबा रही थी। ले
किन मम्मी को मना करने की हिम्मत उनमे कतई नहीं थी ,बस उन्होंने हां में सर हिला दिया।
खुश हो के मम्मी बोलीं ,
![[Image: Mom-18.jpg]](https://i.ibb.co/D1MwnP7/Mom-18.jpg)
" यार तूने इतना अच्छा खाना बनाया है ,कुछ तो इनाम बनता है। बोल क्या लोगे ?"