24-12-2021, 03:47 PM
दीदी: "यह दोनों फिर शुरू हो गए, अब अगले कुछ दिन इनकी यही मस्ती मजाक चलता रहेगा और सारा काम हम दोनों को ही करना पड़ेगा प्रशांत। चलो हम बैग ले आते हैं"
मैने सोच लिया मैं अंदर जाकर जीजा को रंगे हाथों पकड़ लूंगा पर ऋतू दीदी के बैग्स लाने का क्या होगा? मुझे पता था की ऋतू दीदी मुझसे कोई काम नहीं करवाती है। दीदी अपने रूम की तरफ बढ़ गए थे। मैंने दूर से ही उनको आवाज दि।
प्रशांत: "ट्राली वाले बैग तो आप आराम से खिंच कर ला सकते है, मेरी जरुरत हैं क्या आपको?"
ऋतू: "नहीं, मैं ले आउंगी। कोई बात नहीं"
मैने सोच लिया मैं अंदर जाकर जीजा को रंगे हाथों पकड़ लूंगा पर ऋतू दीदी के बैग्स लाने का क्या होगा? मुझे पता था की ऋतू दीदी मुझसे कोई काम नहीं करवाती है। दीदी अपने रूम की तरफ बढ़ गए थे। मैंने दूर से ही उनको आवाज दि।
प्रशांत: "ट्राली वाले बैग तो आप आराम से खिंच कर ला सकते है, मेरी जरुरत हैं क्या आपको?"
ऋतू: "नहीं, मैं ले आउंगी। कोई बात नहीं"
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
