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Adultery रीमा की दबी वासना
रोहित अपना काम करने में लग गया और रीमा दीवारों के ग्लास पर प्रोजेक्टर का डिस्प्ले देखने लगी | रोहित कंप्यूटर स्क्रीन वाले कंट्रोल केबिन में घुस आया, वहां किस केबिन में क्या हो रहा था, हर स्क्रीन पर दिख रहा था | रोहित ने एक कंप्यूटर स्क्रीन को प्रोजेक्टर पर फॉरवर्ड कर दिया | जो पहले  केबिन का  द्रश्य उसके सामने आया , उसमे एक महिला नजर आई | रीमा गौर से शीशे की दीवार पर चल रहे पहले केबिन के सीन देखने लगी | हर केबिन की एक जबरदस्त कहानी थी | पार्टी में जो भी मेहमान आये थे, कुछ अकेले आये थे कुछ अपने परिवार के साथ | घरेलु औरते सोने चली गयी थी और घरेलु आदमी भी उन्ही के साथ आराम करने चले गए थे | जो एक नंबर के चुद्दकड़ थे उन्हें कहाँ चैन था | सब के सब इस समय पैराडाइज में अपने जिस्म की आग शांत करने में बिजी थे | यही हाल चुद्दकड़ टाइप की औरतो का था | कुछ ने तो पार्टी में ही अपनी सेटिंग्स कर ली, नहीं तो यहाँ लाउन्ज की तरफ से बेहतरीन एस्कॉर्ट्स की सर्विस तो मिलती ही थी | सबकी अपनी अपनी प्राथमिकता थी, इसलिए सब अपने अपने सेक्स चॉइस के अनुसार ही यहाँ एन्जॉय कर रहे थे | कोई यहाँ किसी और की बीबी चोदने लाया था तो कोई एस्कॉर्ट्स लड़कियों के साथ एन्जॉय कर रहा था | कोई अपनी ही बीबी को चोद रहा था, कोई सेक्रेटरी के कपड़े उतार रहा था | कोई औरत एस्कॉर्ट आदमी से अपने शरीर की सेवा करवा रही थी | यहं कोई बंधन नहीं था, लेकिन किसी को किसी से जबदस्ती करने की इजाजत नहीं थी | सभी अपने अपने केबिन में पूरी तरह से प्राइवेसी के साथ अपने अपने सेक्स की फंताशी जी रहे थे | रीमा दुनिया के इस रूप से परिचित नहीं थी इसलिए उसको इसमें ज्यादा दिलचस्पी हो रही थी | नैतिकता से इतर उसकी इक्षा इन सबकी फंताशी को लाइव यहाँ शीशे की दीवार पर देखने की थी और वो बिना पलक झपकाए जो भी स्क्रीन पर आ रहा था वो देख रही थी |

जो डिस्प्ले उसे दिख रहा था वो महिलाओं के लिए बने स्पेशल केबिन का था और उसमे का लाइव सीन रीमा के सामने था | रोहित ने जानबूझकर उसका स्विच दबाया था जिससे रीमा के अन्दर से औरतो की सेक्स कामना की बची कुची झिझक भी निकल जाये | वो चाहता था कि रीमा देखे कैसे दुनिया शर्म हया नैतिकता ताक पर रखकर अपनी जवानी की प्यास बुझाती है | उसमे भी औरते जो अकेली है, तन्हा है वो अपनी सेक्स फंताशी कैसे जीती है | रीमा की तरह अपने अन्दर ही अपनी जवानी की ख्वाइश घोट नहीं देती | वो दुनिया क्या कहेगी इससे बेपरवाह वो अपनी जवानी को भोगती है, अपने जिस्मो की प्यास बुझाती है | 

पहला केबिन का स्विच दबाते ही एक औरत दिखने लगी | अपने कमरे वो पूरी तरह अकेली थी | हमेशा की तरह उसने केबिन में घुसते ही अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए | अच्छी खासी कद काठी थी | खूबसूरत हट्टा कट्ठा शरीर | ये शहर की सबसे महँगी और बड़ी जिम की मालकिन थी, इनका नाम मालविका था | शादी हुई थी, जल्दी ही टूट गयी | लोग कहते है पति इनके फिटनेस नखरो से तंग आकर इन्हें तलाक दे दिया | उम्र ४० के ऊपर ही अच्छी खासी हो गयी थी लेकिन मजाल जो कोई ३० से ऊपर की बोल दे | खुद को काफी फिट रखा हुआ नहीं तो इस उम्र तक औरते का शरीर थुलथुल हो ही जाता है | जब से पति ने इन्हें तलाक दिया तब से इन्हें मर्दों से नफरत सी हो गयी | सामाजिक रूप से खूब सक्रीय रहती है, लोगो से मिलना जुलना बहुत पसन् है लेकिन सिर्फ बाहर | अपने बेडरूम में अकेली है नितांत अकेली और अब अकेली ही रहना चाहती है | शादी के बाद तलाक इतनी जल्दी हुआ कि बेटा बेटी का नंबर ही नहीं लगा | इसलिए अपनी कमाई का एक हिस्सा अनाथालय में दे देती है, जब भी मन करता है वहाँ के बच्चो के साथ समय बिताने चली जाती है | ये जीतनी सोशल है उतनी ही अपनी फिटनेस और फिगर को लेकर एक्टिव भी | मजाल है जो शरीर में कही भी जरा सी लटकन दिख जाये | जब बॉडी फिट रहती है तो बॉडी की डिमांड भी बढ़ती है | इसलिए एन्जॉय करने यहाँ चली आती है | सेक्स की भूख शांत करने के लिए मालविका को इससे बेहतर कोई जगह नहीं लगती | कमरे में घुसते ही सबसे पहले अपना पतलून उतार दिया | अन्दर पीली पैंटी पहने थी, इसमें से मालविका के बढ़े बढ़े, मांस से भरे चूतड़ आधे आधे झांक रहे थे | 

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मालविका से सिर्फ म्यूजिक के नाम पर सिर्फ इंस्ट्रुमेंटल बजाया, उसे गाने के बोल सुनना इस समय अच्छा नहीं लगता था | उसी म्यूजिक पर अपने कमर पर हाथ रखकर चूतड़ हिलाकर झुमने लगी | जैसे जैसे म्यूजिक आगे बढ़ता, मालविका के कदम भी थिरकने लगे और उसने शर्ट के बटन खोल दिए | उसने ब्रा नहीं पहनी थी इसलिए उसके स्तन दिखने लगे | उसने खुद को शीशे में देखा, क्या हुस्न परी थी इस उम्र में भी | शरीर मे कही भी जरा सी एक्स्ट्रा चर्बी नहीं थी | छाती पर दो ठोस पुष्ट सुडौल उभरे हुए स्तन थे, स्तन बहुत हाहाकारी नहीं थे लेकिन छोटे भी नहीं थे | उम्र का हल्का सा असर था की स्तनों की कसावट थोड़ी नरम हो गयी थी लेकिन उनमे लटकने जैसी कोई बात नहीं थी | मालविका अपनी छाती से झाकते ठोस पुष्ट उरोजों को देखती हुई अपना एक हाथ अपनी पैंटी में घुसेड़ देती है और अपने वर्जित इलाके में घुसकर अपने चूत और चूत के दाने को रगड़ने लगाती है | चूत दाना तो औरत के जिस्म का रिमोट कण्ट्रोल होता है | जाहिर सी बात चूत दाने पर उंगलियाँ फिराते ही मालविका पर वासना का ज्वर चढ़ने लगता है |

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पुरे केबिन में घूम घूमकर अपने मोटे मोटे भारी भारी चूतड़ हिला हिलाकर अपनी चूत रगड़ रही थी | नाचते घुमते हिलते डुलते अपने चूत को रगड़ते रगड़ते मालविका पतली सी झीनी सी पीली पैंटी उतार कर नीचे घुटनों तक खिसका देती है | उसकी पतली कमर पर ठीक उसके भारी भरकम चुताड़ो की उठान शुरू होने से पहले एक टैटू बना हुआ था जो उसके गोरे जिस्म पर बहुत अच्छा लगा रहा था | थोड़ा सा कमर पीछे की तरफ उठाने से उसके चुताड़ो की उठान और ऊँची हो गयी | पूरी तरह से ठोस, नरम मांस से भरे, चिकने भारी भरकम चूतड़ और बीच में हल्की सी दरार लिए बहुत ही उत्तेजक लग रहे थे | इस उम्र तक जांघो और चुताड़ो की कसावट ढीली होने लगाती है और वो देखते ही पता चलने लगाती है | इस मामले में मालविका ने अपने गोरे खूबसूरत बदन की कसावट में कोई ढील नहीं आने दी | ये दिन रात जिम् करने और शरीर की सेहतमंद रखने वाली डाइट के चलते हुआ था | उसके चूतड़ अभी भी पूरी तरह से कसे हुए , ठोस और नरम मांस से भरे हुए थे | चुताड़ो की कसावट से कोई भी मालविका की उम्र का अंदाजा नहीं लगा सकता था | 

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मालविका ने ऊपर पहनी शर्ट उतार दी | अब वो ऊपर से पूरी तरह नंगी थी | उसके भरी भरकम चूतड़ और मांसल जांघे, गोरा बदन सब कुछ नुमाया हो रहा था | पैरो में बस एक पीली पैंटी फंसी थी | बाकि आगे की तरफ  झुकने से उसके चुताड़ो की चौडाई और बढ़ गयी थी | उसके चुताड़ो की दरार, जो उसके गांड के हलके भूरे छेद को छिपाए हुए थी नीचे जाकर और चौड़ी हो गयी थी और फिर ख़त्म हो गयी थी, उसके बाद उसकी नाजुक चूत का हसीन इलाका शुरू हो गया था | उसकी चूत के ओंठ कसकर सटे हुए थे | मालविका कमर तक झुकर शीशे में अपने चुताड़ो की कसावट का मुआयना कर रही थी, कभी दांयी तरफ से देखती, कभी बांयी तरफ से देखती | फिर अपने जवान जिस्म पर हल्का सा इतराती | उसने अपने ही हाथो से थपकी मार कर अपने चुताड़ो की कसावट का अंदाजा लिया, चुताड़ो के नरम मांस को अपनी नाजुक हतेली में भरकर बारी बारी से दबाने लगी | उसकी गोरी गोरी चिकनी जांघे और चौड़े चौड़े चूतड़ एक अलग ही रंगत बिखेर रहे थे | अपने जिस्म के हुस्न में उसे नाज था और उसे बार बार देखकर वो खुश हो रही थी |

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 अपना अच्छे से मुआयना करने के बाद मालविका सोफे पर आ गयी , वो पीठ के बल सोफे पर पसर गयी और खुद की टाँगे हवा में उठा दी | उसका वर्जित चूत त्रिकोण का इलाका खुलकर दिखने लगा | उसकी चूत की चमत्कारिक दरार खुल गयी और उसमे से गुलाबी मखमली चूत के ओंठ अंदरूनी ओंठ दिखने लगे | चूत के ठीक नीचे सुघड़, कसकर एयर टाइट बंद गांड का हल्का भूरा छेद था, जो कितनी कसकर बंद था इसका पता आसपास बने भूरे छल्ले से चलता था | मालविका की मोटी मांसल गोरी चिकनी जांघे, भारी भरकम चौड़े चौड़े  चुतड सब हवा में थे | पैंटी जांघो में फंसी थी जिसे मालविका खिसकाकर उतारने लगी | उसकी चूत त्रिकोण और चूत पर बालो का कोई नामो निशाँन नहीं था | मालविका की निगाह अपनी चूत की तरफ ही जमी हुई थी |  उसकी जुल्फे उसके चेहरे के चारो ओर बिखरी थी, हाथ जांघो को थामे थे और वो एकटक निगाह लगाये शीशे में अपनी चिकनी मखमली चूत के दर्शन कर रही थी, उसकी चूत और गांड के आसपास का इलाका पूरी तरह से साफ़ और चिकना था  | 
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जब अपनी चूत को शीशे में देख देख कर उसका जी भर गया, तो उसने अपने जांघो को अपने हाथ के बंधन से आजाद कर दिया | मालविका ने पैंटी उतार कर फेंक दी और अपनी चूत से खेलने लगी | कभी चूत के बंद ओंठो को खोलती कभी चूत दाने को रगड़ती, कभी अपने छाती के उभरे स्तनों को मसलने लगाती | उसे खुद के नंगे गोरे बदन से खेलने में बड़ा मजा आ रहा था | बार बार अपनी मुहँ की लार लगाकर अपनी नाजुक उंगलियों को गीला करती और अपनी गुलाबी चूत को मसलने लगाती, चूत दाने की धीरे धीरे सहलाने लगाती | जैसे ही वो अपने चूत के दाने पर उंगलियों का जोर बढ़ाती उसके रसीले मुहँ से मादक सिसकारी निकल जाती | बार बार नीचे की तरफ झुककर अपनी गुलाबी चूत को निहारती और फिर उसे मसलने लगती  | चूत दाने को रगड़ने से उठने वाली मादक कामुक तरंग उसकी चूत से होती हुई उसके जिस्म के कोने कोने तक जा रही थी | जिससे उसके शरीर में वासना की उत्तेजना बढती जा रही थी |

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कुछ देर तक अपने गुलाबी चूत दाने को रगड़ने के बाद वो उलटा हो कर अपने भारी भरकम चुताड़ो की कसावट का मुआयना लेने लगी | गजब का जिस्म था मालविका का | जो भी उसे नंगी देख लेता, हतप्रभ रह जाता | जिस उम्र में औरते ढोलक की तरह गोल हो जाती है, उनका शरीर मोटा होकर थुलथुल हो जाता है,  उस उम्र में ऐसे कसावट लिए जवान जिस्म को देखना एक सुखद आश्चर्य था | मदहोशी बिखेरती उसकी चंचल आँखे , लालिमा टपकाते रस भरे ओंठ, ठोस मांसल सुडौल स्तनों से भरी उठी हुई छाती, सपाट पेट और चिकना चूत त्रिकोण | संगमरमर जैसी चिकनी सीधी गोरी पीठ, पतली सी कमर और ढेर सारे नरम मांस से भरे भारी से मांसल चूतड़ | चुताड़ो की दरार से झांकता गांड का कसा हुआ भूरा छल्ला और छल्ले  से चारो ओर से घिरा गांड का गुलाबी छेद और उसके नीचे उसकी जन्नत की सुरंग का मखमली चिकना द्वार |  जांघो के बीचो बीच में बाहरी ओठो से घिरी उसकी चूत अपने  मुहाने के दोनों ओठो से घिरी साफ़ झलक रही थी | चूत के अंदरूनी ओंठ चूतड़ और जांघे फ़ैलाने से आपस से अलग हो गए और उनके बीच की अँधेरी सुरंग का अँधेरा एक छोटी सी दरार के रूप में दिखने लगा था  | 

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मालविका ने अपनी उंगलिया चूत दाने पर फिर से फिरानी शुरू कर दी और धीरे से एक उंगली अपनी चूत में घुसेड दी | चूत में उंगली घुसते ही उसके मुहँ से एक सिसकारी निकली | उसने उंगली को और गहराई में ठेला और तब तक दबाव बनाये रखा जब तक की पूरी उंगली चूत की मखमली सुरंग में गायब नहीं हो गयी | मालविका अपनी उंगली से ही चूत चोदने लगी | एक हाथ से अपने स्तन मसलने लगी और एक हाथ की उंगली से अपनी चूत चोदने लगी | धीरे धीरे उसने तेजी से उंगली को चूत में अन्दर बाहर करना शुरू किया फिर एक और उंगली भी घुसेड दी | अब वो दो उंगलियों से चूत चोदने लगी | दो उंगली घुसते ही  उसकी मखमली चूत की गुलाबी दीवारों की लालिमा की एक झलक मिलने लगी | मालविका की मखमली सुरंग का दरवाजा खुल गया था और उसमे दो उंगलियाँ अंदर बाहर हो रही थी | मालविका की उंगलियाँ तेजी से अन्दर बाहर होने लगी और इसी के साथ उसके मुहँ से निकलने वाली सिसकारियां भी बढ़ने लगी | उसकी मादक सिसकारियां कमरे में गूँज रही थी और वो अपनी गुलाबी मखमली चिकनी चूत चोद रही थी | मालविका अपनी वासना में डूबी हुई थी तभी किसी ने बाहर नॉक किया | मालविका समझ गयी उसकी साझेदार आ गयी है | मालविका ने एक फीमेल एस्कॉर्ट हायर करी थी और पैराडाइज वालो ने उसी को भेजा था | एस्कॉर्ट पूरी तरह से नंगी होकर ही आई थी, उसके बदन पर कपड़े का एक रेशा तक नहीं था | ऊपर से नीचे तक क्लीन सेव, प्रॉपर मेकअप, स्लिम बॉडी, जवान कमसिन जिस्म  देखने में बीस साल के आस पास लग रही थी | मालविका ने चूत में उंगली करना रोक दिया | वो गौर से उस नंगी लड़की को देखने लगी | एक पल में उसके खूबसूरत जिस्म और उसके हुस्न को देखकर मंत्र मुग्ध हो गयी |

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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 13-05-2019, 12:30 AM



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