11-05-2019, 10:45 PM
(This post was last modified: 03-09-2020, 12:11 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मम्मी
मेरी तर्जनी पर अभी भी ' रस की बूंदे ' चमक रही थी। मम्मी की निगाहें उधर ही थी , जैसे ही मैने उंगली उनकी ओर बढ़ाई , झट से नदीदी की तरह उन्होंने चाट लिया और बोलीं ,
" यमम , बहुत स्वादिष्ट है। वाह "
माम की तारीफ भरी निगाहें उनकी तरफ थी पर वो शर्मा के बीर बहूटी हो रहे थे।
चारो ओर सामान फैला पड़ा था , उनकी साड़ियां, पेटीकोट , अंडर गारमेंट्स , उन्होंने अपने सारे सूटकेस ,बैग्स खोल दिए थे और अालमारी मे लगाने जा रही थी।
मम्मी की बगल मे मै भी फर्श पर बैठ गयी और बोला ,
" अरी मम्मी काहें तकलीफ़ कर रही हैं , ये ६ फिट का अादमी क्यों खड़ा है। "
खुद ही वो मम्मी के पास बैठ गए फिर जैसा वो कहती गयी अलग अलग शेल्फ पर साड़ी ,पेटीकोट, अंडर गारमेंट्स लगाते गए।
एक गुलाबी रंग की सिल्कन ब्रा को अपने हाथ मे लेकर वो थोड़ी देरतक देखते रहे , उसका टच महसूस करते रहे।
थी भी बहुत अच्छी , खूब कढ़ाई की हुई , लेसी , हाफ कप , प्योर सिल्क ,
मम्मी मुस्करा कर बोलीं , "चल तुझे पसंद अा गयी तो तू ही रख ले। "
इनकी चेहरे की चमक देख के मुश्किल से मै अपनी मुस्कराहट दबा पायी।
वो चेंज करने के लिए बाथरूम की ओर मुड़ने लगीं तो चिढाते हुए मैं बोलीं ,
" अरे मम्मी यहीं चेंज कर लीजिये न अब इनसे क्या शरम। "
" सही कह रही है तू ,अब तो ये भी अपने बिरादरी में शामिल हो गया ,... " और उन्होंने तौलिया लपेट लिया।
लेकिन पहले उनके बड़े बड़े मस्त 36 डी डी ,लेसी ब्रा से झलकते ,छलकते, वो देख चुके थे। और जब वो पीछे मुड़ीं तो उनके बड़े बड़े ,कड़े कड़े चूतड़ ,...
वो बाथरूम में घुसी ही थीं की मैंने फिर बोला ,
" मम्मी आपके लिए उन्होंने खुद चमकाया है ,सब कुछ अपने हाथ से यहां तक की टा... '
लेकिन मेरी बात बीच में काट के मम्मी ने इनकी तरफ मुड़ के तारीफ़ से देखा और बोलीं ,
" चल तब तो आज इस्तेमाल कर लेती हूँ वरना मेरा इरादा तो कुछ और ही था ,.... "
जिस तरह से माम ने उनकी ओर अर्थपूर्ण ढंग से मुस्करा के देखा ,
बिचारे वो ,जोर से ब्लश करने लगे। मम्मी का इरादा वो भी समझ गए थे।
और मैं उनकी रगड़ाई का मौक़ा क्यों छोड़ती ,मैं भी बोली ,
" एकदम सही ,मम्मी। मैंने उनको बता भी दिया है कि ,... "
लेकिन तबतक मम्मी ने बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया था।
मैंने उनको किचेन में खदेड़ दिया ,
" अब ज़रा जा के किचेन में लग जाओ ,मम्मी को पता भी तो चले की उनके दमाद ने क्या क्या सीखा है ,क्या तैयारी की है उनके लिए। "
वो किचेन में चले गए और जब मम्मी बाथरूम से फ्रेश होके निकलीं तो हम माँ बेटी 'पंचायत में', हर तरह की गप ,सहेलियों ,रिश्तेदारों से लेकर सीरयल तक.
डेढ़ घंटे बाद उन्होंने अनाउंस किया लन्च तैयार है।
मेरी तर्जनी पर अभी भी ' रस की बूंदे ' चमक रही थी। मम्मी की निगाहें उधर ही थी , जैसे ही मैने उंगली उनकी ओर बढ़ाई , झट से नदीदी की तरह उन्होंने चाट लिया और बोलीं ,
" यमम , बहुत स्वादिष्ट है। वाह "
माम की तारीफ भरी निगाहें उनकी तरफ थी पर वो शर्मा के बीर बहूटी हो रहे थे।
चारो ओर सामान फैला पड़ा था , उनकी साड़ियां, पेटीकोट , अंडर गारमेंट्स , उन्होंने अपने सारे सूटकेस ,बैग्स खोल दिए थे और अालमारी मे लगाने जा रही थी।
मम्मी की बगल मे मै भी फर्श पर बैठ गयी और बोला ,
" अरी मम्मी काहें तकलीफ़ कर रही हैं , ये ६ फिट का अादमी क्यों खड़ा है। "
खुद ही वो मम्मी के पास बैठ गए फिर जैसा वो कहती गयी अलग अलग शेल्फ पर साड़ी ,पेटीकोट, अंडर गारमेंट्स लगाते गए।
एक गुलाबी रंग की सिल्कन ब्रा को अपने हाथ मे लेकर वो थोड़ी देरतक देखते रहे , उसका टच महसूस करते रहे।
थी भी बहुत अच्छी , खूब कढ़ाई की हुई , लेसी , हाफ कप , प्योर सिल्क ,
मम्मी मुस्करा कर बोलीं , "चल तुझे पसंद अा गयी तो तू ही रख ले। "
इनकी चेहरे की चमक देख के मुश्किल से मै अपनी मुस्कराहट दबा पायी।
वो चेंज करने के लिए बाथरूम की ओर मुड़ने लगीं तो चिढाते हुए मैं बोलीं ,
" अरे मम्मी यहीं चेंज कर लीजिये न अब इनसे क्या शरम। "
" सही कह रही है तू ,अब तो ये भी अपने बिरादरी में शामिल हो गया ,... " और उन्होंने तौलिया लपेट लिया।
लेकिन पहले उनके बड़े बड़े मस्त 36 डी डी ,लेसी ब्रा से झलकते ,छलकते, वो देख चुके थे। और जब वो पीछे मुड़ीं तो उनके बड़े बड़े ,कड़े कड़े चूतड़ ,...
वो बाथरूम में घुसी ही थीं की मैंने फिर बोला ,
" मम्मी आपके लिए उन्होंने खुद चमकाया है ,सब कुछ अपने हाथ से यहां तक की टा... '
लेकिन मेरी बात बीच में काट के मम्मी ने इनकी तरफ मुड़ के तारीफ़ से देखा और बोलीं ,
" चल तब तो आज इस्तेमाल कर लेती हूँ वरना मेरा इरादा तो कुछ और ही था ,.... "
जिस तरह से माम ने उनकी ओर अर्थपूर्ण ढंग से मुस्करा के देखा ,
बिचारे वो ,जोर से ब्लश करने लगे। मम्मी का इरादा वो भी समझ गए थे।
और मैं उनकी रगड़ाई का मौक़ा क्यों छोड़ती ,मैं भी बोली ,
" एकदम सही ,मम्मी। मैंने उनको बता भी दिया है कि ,... "
लेकिन तबतक मम्मी ने बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया था।
मैंने उनको किचेन में खदेड़ दिया ,
" अब ज़रा जा के किचेन में लग जाओ ,मम्मी को पता भी तो चले की उनके दमाद ने क्या क्या सीखा है ,क्या तैयारी की है उनके लिए। "
वो किचेन में चले गए और जब मम्मी बाथरूम से फ्रेश होके निकलीं तो हम माँ बेटी 'पंचायत में', हर तरह की गप ,सहेलियों ,रिश्तेदारों से लेकर सीरयल तक.
डेढ़ घंटे बाद उन्होंने अनाउंस किया लन्च तैयार है।