11-05-2019, 09:35 PM
अध्याय 9
कालेज के दिन ऐसे ही निकल रहे थे लेकिन वो पार्टी भी मुझे अच्छे से याद है ,वही फॉर्महाउस था जंहा रोहन ने मुझे प्रपोज किया था,वही दिन था,उसका बर्थडे ,वैसे ही हम शराब के नशे में पी कर झूमे थे ,
रात बहुत हो चुकी थी और मैं नाच नाच कर बेहद ही थक गई थी ,मैं आराम करने के लिए रोहित के कमरे की तरफ बड़ी ,ये वही कमरा था जंहा रोहन ने मुझे प्रपोज किया था,मेरे कदम लड़खड़ा रहे थे,मैं सम्हालती हुई और रोहन को कोसती हुई उस कमरे के तरफ गई ,
“huuuuuuuu ओह रोहन”
कमरे से आने वाली आवाज ने मुझे चौकन्ना कर दिया,मुझे याद आया की रोहन सपना के साथ ही कही गया था,उसके बाद से मैंने उसे देखा ही नही था,मेरे पैरों से जैसे जमीन खिसक गई ..
“रोहन प्लीज् करो ना ..”
ये सपना की आवाज थी,मेरा दिल जोरो से धड़का ,मैंने आराम से दरवाजा खोला,सामने जो दृश्य था वो देखकर मेरे पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गई..
सपना का शर्ट पूरी तरह से खुला हुआ था,वो ऊपर से बिल्कुल ही नंगी थी ,वही नीचे उसने स्कर्ट पहन रखा था ,लेकिन रोहन का हाथ उस स्कर्ट के अंदर था,सपना की पेंटी जमीन में पड़ी थी,रोहन का पेंट भी उसके अंडरवियर के साथ नीचे खिसका हुआ था ,सपना सिसकियां ले रही थी वही रोहन पागलों की तरह उसके स्कर्ट में अपने हाथ को चला रहा था और उसका चहरा सपना के वक्षो पर टिका हुआ था,सपना की आंखे मुझपर गई लेकिन उसके चहरे पर कोई भी डर नही था,बल्कि वो मुस्कुरा उठी,उसने रोहन के सर को और भी जोरो से अपने छाती से रगड़ा,
“ओह रोहन मेरी जान “और सपना की मुस्कान और गहरी हो गई
“रोहन…”मैं अपने पूरे ताकत से चीखी ,जैसे रोहन को होश आया हो ,वो मुड़ा और अवाक मुझे देखने लगा,मेरे आंखों में कब आंसू की बूंदे आ गई मुझे नही पता ,ये भी नई पता की कब मेरा सारा नशा काफूर हो गया था,मैं रोते हुए जमीन में बैठ गई थी और रोहन ने जल्दी से अपने पेंट को ऊपर चढ़ा लिया ,वो भागता हुआ मेरे पास आया मुझे समझने की कोशिश करने लगा लेकिन……..
मुझे कुछ सुध ही नही थी की वो बोल क्या रहा है ,मैं बस रोये जा रही थी ,रोये जा रही थी…….
जब मुझे थोड़ा होश आया तो मैं उठी और बिना कुछ बोले ही बाहर चली गई ,मुझे नही पता था की सपना कहा गई या रोहन कहा है ,मैं फॉर्महाउस से बाहर जाने लगी ,रोहन मेरे सामने आकर खड़ा हो गया था,उसकी आवाजे मेरे कानो तक तो जा रही थी लेकिन मेरा दिमाग कुछ सुनने को तैयार ही नही था,मैंने पास रखी एक शराब की बोतल उठाई और रोहन को एक तरफ धकेल कर आगे जाने लगी ,मैं फॉर्महाउस के बाहर थी ,रोहन शायद अब भी मेरे पीछे था या नही था मुझे नही पता,लेकिन मैं उस बोतल से शराब पी रही थी ,मेरे सामने सारी दुनिया घूम रही थी ,और अचानक...सब कुछ जैसे खत्म हो गया…
मेरे सर में बेहद ही तेज दर्द उठा,मैं जागी तो हैरान हो गई ,सूरज की तेज धूप मेरे चहरे पर पड़ रही थी,मेरा चहरा पसीने से भीगा हुआ था,मैं जब थोड़ा उठी तो मैं और भी जोरो से चौकी,ये मेरा कमरा तो नही था,मैं हड़बड़ाकर उठी,रात में आखिर हुआ क्या और मैं कहा हु,..
मैंने खुद को देखा,मैंने वही कपड़े पहन रखे थे जो मैंने पार्टी में पहने थे,मैं बिस्तर से उठ कर उस कमरे को देखने लगी,छोटा सा कमरा था और खुली हुई खिड़की से तेज धूप अंदर आ रही थी,मैं जैसे ही खड़े होने को हुई फिर से मेरे सर में तेज दर्द हुआ,लगा जैसे मैंने रात ज्यादा ही पी ली थी,मैं मुश्किल से दरवाजे तक पहुची,उस कमरे से लगा एक हाल था जिसमे सभी चीजे सलीके से जमी हुई थी,हाल से लगा हुआ ही दरवाजा था जो शायद घर से बाहर निकलने का रास्ता था,मैं उस दरवाजे तक पहुँची,देखा बाहर छोटा सा गार्डन है,और एक शख्स खड़ा हुआ पौधों को पानी दे रहा है …
“एक्सक्यूज़ मि ..मैं ..मैं यंहा कैसे आयी..”
वो शख्स पलटा उसके होठो में एक मुस्कान थी ,
“ओह तो उठ गई तुम “
“सर आप ..”
मैं उसे पहचानती थी ,वो मेरे कालेज के केमेस्ट्री के प्रोफेसर थे,डॉ गौरव….
“मैं यंहा ..कैसे “
मैं अचरज से भरी हुई थी ,मैं कुछ बोल पाती उससे पहले ही सर बोल उठे..
“बताता हु ,पहले शांत हो जाओ ,काफी पियोगी..”
मैं सहमति में सर हिलाया
वो अंदर गए और किचन से दो काफी बना लाये,
“कल रात मैं कुछ काम से गया था ,जब वापस आ रहा था देखा की तुम शराब के नशें में धुत्त सड़क पर चल रही हो ,मैंने तुम्हे पहचान लिया,तुम्हारे साथ वो तुम्हारा दोस्त भी था,मुझे लगा की वो तुम्हे जबरदस्ती शराब पिलाकर तुम्हे छेद रहा है ,क्योंकि तुम उसे गालियां दे रही थी और अपने से दूर रहने के लिए कह रही थी ,इसलिए तुम्हे अपने साथ ले आया,वो लड़का भी मुझे पहचानता था,तो उसे अपना पता दे दिया ये बोलकर ही सुबह जब होश में रहे तो आकर तुम्हे ले जाए ,”
है भगवान ये मैंने क्या कर दिया,अब ये बात सभी जगह फैल जाएगी की मैंने रात में क्या तमाशा किया था,शायद पार्टी में भी कोई तमाशा किया होगा..
“सॉरी सर वो ..और थैंक्स फ़ॉर ..”
“कोई बात नही तुम्हारा फोन और पर्स वही बिस्तर में रखे हुए है तुम किसी को काल करके बुला लो ,या मैं तुम्हे तुम्हारे घर छोड़ दु ..?”
सर ने बड़े ही सभ्य तरीके से कहा ..
“नही सर मैं बुला लेती हु .”
“ओके ऐसे क्या नाम है तुम्हारा “
“जी..पूर्वी ..”
मैं सर से नजर भी नही मिला पा रही थी,थोड़ी देर बाद रोहन अपनी गाड़ी लेकर सर के घर पहुच गया..
“तुम ठीक तो हो ..”उसका पहला सवाल था,जिसका जवाब देना मैंने मुनाशिब नही समझा मैंने अपना पर्स उठाया और उसकी गाड़ी की ओर बढ़ गई …
“थैक्स सर फ़ॉर हेल्प ..”रोहन से सर का धन्यवाद दिया और वो भागता हुआ मेरे पीछे आया …
गाड़ी तेजी से मेरे घर की तरफ चल रही थी ,रोहन भी कुछ बोलने की हिम्मत नही कर रहा था ना ही मैं उससे बात करने के मूड में थी ,घर पहुचकर मैं सीधे ही अपने कमरे में घुस गई,साथ ही रोहन भी आ गया लेकिन फिर भी उसने मुझसे कुछ नही कहा,मैं अपना पर्स बिस्तर में फेंककर सीधे बाथरूम में घुस गई…
लगभग एक घंटे बाद मैं निकली,मेरे जिस्म में बस एक टॉवेल था,रोहन अब भी मेरे बिस्तर में बैठा हुआ था..
उसने मुझे देखा,उसकी आंखों में शर्म थी ..
“मैं कैसे तुमसे माफी मांगू ,”
वो फिर से गिड़गिड़ाया
“सपना को काल करो “
“क्या??”मेरी बात से वो चौक गया था
“देखो पूर्वी ये बस एक गलती थी ,मैं नशे में था यार बहक गया था..”
“मैंने बोला सपना को काल करो और यंहा बुलाओ “
उसने एक पल मुझे देखा और फिर अपना मोबाइल उठाकर सपना को मेरे घर बुला लिया..”
मैं उसे थोड़ी देर तक देखती रही ,और फिर बिस्तर में जाकर लेट गई,अभी भी मैंने वही टॉवेल पहना था,रोहन मेरे बाजू में ही बैठा था लेकिन उसने मेरे जिस्म को देखने की कोई जहमत नही उठाई..
“मैं बहुत थक गई हु रोहन मेरे पैर दर्द दे रहे है ,जरा मालिस कर दो “
मैंने आंखों को बंद करते हुए कहा ,
रोहन फिर से खामोश निगाहों से मुझे देखने लगा लेकिन थोड़ी ही देर बाद मरे एड़ी को पकड़कर मालिस करने लगा,
“ह्म्म्म थोड़ा ऊपर जांघो के पास “
मैंने थोड़ी देर बाद ही उससे कहा ,रोहन अब मेरे जांघो को सहला रहा था,मैंने अपने टॉवेल की गठान खोल दी ,लेकिन उन्हें अपने वक्षो से अलग नही किया ,
“थोड़ा और ऊपर रोहन “
अब रोहन के हाथ मेरे जांघो के सिरे तक पहुच रहे थे,अब उसकी आंखों में वो लालच आने लगा था जो किसी मर्द की आंखों में एक जवान खूबसूरत लड़की के जिस्म को देखने पर आता है,वो टॉवेल की दरार से मेरे जांघो के बीच झांकने की कोशिश कर रहा था ,उसकी इस हरकत से मैं मुस्कुराने लगी,ये पहली बार था जब कोई मर्द मेरे अंतः अंगों के इतने करीब तथा लेकिन सच बताऊँ तो मेरे अंदर कोई भी उत्तेजना नही उठ रही थी बल्कि बस एक सुकून था,रोहन की उंगलियां मेरे योनि को छूने लगी थी,मैंने दरवाजे में एक आहट सुनी और अपने टॉवेल को निकाल कर फेक दिया,मेरा जिस्म अब पूरी तरह से नंगा बिस्तर में पड़ा था,रोहन के आंखे जैसे मेरे जिस्म में जम ही गई लेकिन तभी दरवाजा खुला ,सपना हमारे सामने थी ,उसने जो दृश्य देखा उसका मुह भी खुला का खुला रह गया,मैंने उसे बड़े ही प्यार से देखा,
“ओह सपना तुम आ गई ,वंहा बैठो,मैंने सामने पड़े सोफे की तरफ इशारा किया “
रोहन अवाक सा कभी मुझे तो कभी सपना को देख रहा था,उसकी आंखे शर्मिंदगी से झुक रही थी ,वही सपना भी अवाक थी,उसे मेरे ऐसे किसी एक्शन का कोई भी अंदाज ही नही था..
“रोहन बेबी,यंहा बड़ी गर्मी हो रही है थोड़ा चाट कर ठंडा कर दो ना”
मैंने अपनी उंगली से अपनी योनि की ओर इशारा किया..रोहन की आंखे फैल गई ,जैसे बोल रही हो की तुम मुझसे क्या करवाना चाहती हो ,उसके पेंट से उसके लिंग का तनाव मुझे साफ दिखाई दे रहा था,लेकिन फिर भी वो अजीब स्तिथि में फंसा हुआ था,उसने एक बार सपना की ओर देखा..
“अरे उधर क्या देख रहे हो ,इसे चाटना है ,सपना तुम कुछ पियोगी..”
सपना अवाक थी,उसकी आंखे लाल हो रही थी,थोड़ा पानी आ रहा था लेकिन अभी और आना बाकी था,मैंने रोहन को आंखों से ही निर्देश दिया की मैं मजाक के मूड में नही हु शुरू हो जा,और रोहन झुका,उसकी सांस इतनी तेज थी की मेरे योनि से उसकी गर्म सांस टकरा रही थी,वो थोड़ी देर तक मेरे योनि के पास ही रहा ,जैसे उस काम को करने की हिम्मत जुटा रहा है और एक गहरी सांस लेकर उसने जीभ से मरे योनि को चाट ही लिया ..
“आह गुड बेबी,लाइक अ डॉग ,यु आर गुड ..हम्म्म्म “
मैंने जानबूझकर अपने होठो को अपने दांतो से काटा ,और सिसकियां लेने लगी,मेरी आंखे सपना पर जा टिकी,मेरे होठो में कमीनी मुस्कान खिल गई और उसके आंखों का लालपन बढ़ने लगा था वही उसके आंखों का पानी भी,लेकिन वो संयम से बैठी हुई अब भी ये सब बर्दास्त कर रही थी,रोहन भी अब जोश में आकर चाटने लगा था,मेरी योनि पनिया गई,किसी मर्द का इस तरह का पहला स्पर्श था और मैंने ज्यादा समय नही लिया मैं तेजी से झड़ी…
“ओह रोहन यु आर माय डॉग बेबी चूस इसे चूस सारा पानी पी जा,तू मेरा पालतू कुत्ता है ..ओह रोहन...”
मैंने अपने टांगो से रोहन के सर को अपने योनि में कस लिया ,रोहन छटपटा रहा था,लेकिन मैं तब तक उसे ऐसे ही दबाए रखी जब तक की मैं पूरी तरह से नही झर गई ,रोहन छूटते ही हांफने लगा,मैं हंसती हुई उठी और उसके सर को सहलाया..
“ओ माय बेबी ,चलो अब जल्दी से कपड़े उतारो “
रोहन अब भी मुझे आश्चर्य से देख रहा था,मैंने इतने दिनों में कभी उसे अपने जिस्म को ठीक से छूने भी नही दिया था,वो उठा और जल्दी जल्दी खुद को नंगा कर लिया,सच में उसका लिंग बेहद ही मोटा और तना हुआ था,ऐसा लग रहा था जैसे उसकी नशे अब फटने ही वाली हो ,मैं फिर से लेट गई और इशारे से उसे अपने पास बुलाया,रोहन मेरे ऊपर जैसे कूद ही गया,मैं हंसने लगी ,मैंने उसके लिंग को अपने हाथो में थामा वो गर्म था,रोहन मेरे ऊपर झुका हुआ था ,तभी सपना उठी और रोते हुए बाहर जाने लगी..मैंने रोहन को जोरो से धक्का दिया,वो भी उठकर खड़ा हो गया था,
“रुको कहा जा रही हो ,तुम्हे तो खेलना पसंद है ना..तट फिर पूरा खेल देख कर ही जाओ “
मेरी बात में एक व्यंग था..
‘तुम ..तुम आखिर साबित क्या करना चाहती हो “
मैंने उसे एक कमीनी मुस्कान के साथ देखा,
“यही की एक मर्द को बहकाने के लिए सबसे आसान रास्ता औरत का जिस्म होता है,तुमने कपड़े उतारे तुम्हारी चाटने लगे,मैंने उतारी तो मेरी ,कुत्तों की जात ऐसी ही होती है “
कुत्तों की जात बोलते समय मेरी निगाह सीधे रोहन के निगाहों से मिली,उसके आंखों से एक ही पल में सारी उत्तेजना गायब हो गई,उसकी आंखे फिर से शर्म से भरकर नीची हो गई थी...सपना ने एक बार मुझे देखा एक बार रोहन को और तेजी से वंहा से निकल गई ..
मैं फिर से धड़ाम से बिस्तर में गिरी ..रोहन सर झुकाए बिस्तर के किनारे खड़ा हुआ था..
“अब देख क्या रहे हो कपड़े पहनो और निकल जाओ यंहा से ,मेरे जिस्म का मालिक वो होगा जो तुम्हारी तरह कुत्ता ना हो, की कही भी मांस देखा तो उसे चाटने लगे ..”
मेरी बात सुनकर रोहन ने एक पल की देर नही लगाई ,वो तेजी से कपड़े पहन कर कमरे से निकला,मैंने अपनी आंखे बंद ली ,अब जाकर मुझे सुकून मिला था,की अचानक मेरे आंखों में एक चहरा घुमा ………..
गौरव सर का चहरा,और ना चाहते हुए भी मेरे होठो में एक शर्म भरी मुस्कान तैर गई...
कालेज के दिन ऐसे ही निकल रहे थे लेकिन वो पार्टी भी मुझे अच्छे से याद है ,वही फॉर्महाउस था जंहा रोहन ने मुझे प्रपोज किया था,वही दिन था,उसका बर्थडे ,वैसे ही हम शराब के नशे में पी कर झूमे थे ,
रात बहुत हो चुकी थी और मैं नाच नाच कर बेहद ही थक गई थी ,मैं आराम करने के लिए रोहित के कमरे की तरफ बड़ी ,ये वही कमरा था जंहा रोहन ने मुझे प्रपोज किया था,मेरे कदम लड़खड़ा रहे थे,मैं सम्हालती हुई और रोहन को कोसती हुई उस कमरे के तरफ गई ,
“huuuuuuuu ओह रोहन”
कमरे से आने वाली आवाज ने मुझे चौकन्ना कर दिया,मुझे याद आया की रोहन सपना के साथ ही कही गया था,उसके बाद से मैंने उसे देखा ही नही था,मेरे पैरों से जैसे जमीन खिसक गई ..
“रोहन प्लीज् करो ना ..”
ये सपना की आवाज थी,मेरा दिल जोरो से धड़का ,मैंने आराम से दरवाजा खोला,सामने जो दृश्य था वो देखकर मेरे पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गई..
सपना का शर्ट पूरी तरह से खुला हुआ था,वो ऊपर से बिल्कुल ही नंगी थी ,वही नीचे उसने स्कर्ट पहन रखा था ,लेकिन रोहन का हाथ उस स्कर्ट के अंदर था,सपना की पेंटी जमीन में पड़ी थी,रोहन का पेंट भी उसके अंडरवियर के साथ नीचे खिसका हुआ था ,सपना सिसकियां ले रही थी वही रोहन पागलों की तरह उसके स्कर्ट में अपने हाथ को चला रहा था और उसका चहरा सपना के वक्षो पर टिका हुआ था,सपना की आंखे मुझपर गई लेकिन उसके चहरे पर कोई भी डर नही था,बल्कि वो मुस्कुरा उठी,उसने रोहन के सर को और भी जोरो से अपने छाती से रगड़ा,
“ओह रोहन मेरी जान “और सपना की मुस्कान और गहरी हो गई
“रोहन…”मैं अपने पूरे ताकत से चीखी ,जैसे रोहन को होश आया हो ,वो मुड़ा और अवाक मुझे देखने लगा,मेरे आंखों में कब आंसू की बूंदे आ गई मुझे नही पता ,ये भी नई पता की कब मेरा सारा नशा काफूर हो गया था,मैं रोते हुए जमीन में बैठ गई थी और रोहन ने जल्दी से अपने पेंट को ऊपर चढ़ा लिया ,वो भागता हुआ मेरे पास आया मुझे समझने की कोशिश करने लगा लेकिन……..
मुझे कुछ सुध ही नही थी की वो बोल क्या रहा है ,मैं बस रोये जा रही थी ,रोये जा रही थी…….
जब मुझे थोड़ा होश आया तो मैं उठी और बिना कुछ बोले ही बाहर चली गई ,मुझे नही पता था की सपना कहा गई या रोहन कहा है ,मैं फॉर्महाउस से बाहर जाने लगी ,रोहन मेरे सामने आकर खड़ा हो गया था,उसकी आवाजे मेरे कानो तक तो जा रही थी लेकिन मेरा दिमाग कुछ सुनने को तैयार ही नही था,मैंने पास रखी एक शराब की बोतल उठाई और रोहन को एक तरफ धकेल कर आगे जाने लगी ,मैं फॉर्महाउस के बाहर थी ,रोहन शायद अब भी मेरे पीछे था या नही था मुझे नही पता,लेकिन मैं उस बोतल से शराब पी रही थी ,मेरे सामने सारी दुनिया घूम रही थी ,और अचानक...सब कुछ जैसे खत्म हो गया…
मेरे सर में बेहद ही तेज दर्द उठा,मैं जागी तो हैरान हो गई ,सूरज की तेज धूप मेरे चहरे पर पड़ रही थी,मेरा चहरा पसीने से भीगा हुआ था,मैं जब थोड़ा उठी तो मैं और भी जोरो से चौकी,ये मेरा कमरा तो नही था,मैं हड़बड़ाकर उठी,रात में आखिर हुआ क्या और मैं कहा हु,..
मैंने खुद को देखा,मैंने वही कपड़े पहन रखे थे जो मैंने पार्टी में पहने थे,मैं बिस्तर से उठ कर उस कमरे को देखने लगी,छोटा सा कमरा था और खुली हुई खिड़की से तेज धूप अंदर आ रही थी,मैं जैसे ही खड़े होने को हुई फिर से मेरे सर में तेज दर्द हुआ,लगा जैसे मैंने रात ज्यादा ही पी ली थी,मैं मुश्किल से दरवाजे तक पहुची,उस कमरे से लगा एक हाल था जिसमे सभी चीजे सलीके से जमी हुई थी,हाल से लगा हुआ ही दरवाजा था जो शायद घर से बाहर निकलने का रास्ता था,मैं उस दरवाजे तक पहुँची,देखा बाहर छोटा सा गार्डन है,और एक शख्स खड़ा हुआ पौधों को पानी दे रहा है …
“एक्सक्यूज़ मि ..मैं ..मैं यंहा कैसे आयी..”
वो शख्स पलटा उसके होठो में एक मुस्कान थी ,
“ओह तो उठ गई तुम “
“सर आप ..”
मैं उसे पहचानती थी ,वो मेरे कालेज के केमेस्ट्री के प्रोफेसर थे,डॉ गौरव….
“मैं यंहा ..कैसे “
मैं अचरज से भरी हुई थी ,मैं कुछ बोल पाती उससे पहले ही सर बोल उठे..
“बताता हु ,पहले शांत हो जाओ ,काफी पियोगी..”
मैं सहमति में सर हिलाया
वो अंदर गए और किचन से दो काफी बना लाये,
“कल रात मैं कुछ काम से गया था ,जब वापस आ रहा था देखा की तुम शराब के नशें में धुत्त सड़क पर चल रही हो ,मैंने तुम्हे पहचान लिया,तुम्हारे साथ वो तुम्हारा दोस्त भी था,मुझे लगा की वो तुम्हे जबरदस्ती शराब पिलाकर तुम्हे छेद रहा है ,क्योंकि तुम उसे गालियां दे रही थी और अपने से दूर रहने के लिए कह रही थी ,इसलिए तुम्हे अपने साथ ले आया,वो लड़का भी मुझे पहचानता था,तो उसे अपना पता दे दिया ये बोलकर ही सुबह जब होश में रहे तो आकर तुम्हे ले जाए ,”
है भगवान ये मैंने क्या कर दिया,अब ये बात सभी जगह फैल जाएगी की मैंने रात में क्या तमाशा किया था,शायद पार्टी में भी कोई तमाशा किया होगा..
“सॉरी सर वो ..और थैंक्स फ़ॉर ..”
“कोई बात नही तुम्हारा फोन और पर्स वही बिस्तर में रखे हुए है तुम किसी को काल करके बुला लो ,या मैं तुम्हे तुम्हारे घर छोड़ दु ..?”
सर ने बड़े ही सभ्य तरीके से कहा ..
“नही सर मैं बुला लेती हु .”
“ओके ऐसे क्या नाम है तुम्हारा “
“जी..पूर्वी ..”
मैं सर से नजर भी नही मिला पा रही थी,थोड़ी देर बाद रोहन अपनी गाड़ी लेकर सर के घर पहुच गया..
“तुम ठीक तो हो ..”उसका पहला सवाल था,जिसका जवाब देना मैंने मुनाशिब नही समझा मैंने अपना पर्स उठाया और उसकी गाड़ी की ओर बढ़ गई …
“थैक्स सर फ़ॉर हेल्प ..”रोहन से सर का धन्यवाद दिया और वो भागता हुआ मेरे पीछे आया …
गाड़ी तेजी से मेरे घर की तरफ चल रही थी ,रोहन भी कुछ बोलने की हिम्मत नही कर रहा था ना ही मैं उससे बात करने के मूड में थी ,घर पहुचकर मैं सीधे ही अपने कमरे में घुस गई,साथ ही रोहन भी आ गया लेकिन फिर भी उसने मुझसे कुछ नही कहा,मैं अपना पर्स बिस्तर में फेंककर सीधे बाथरूम में घुस गई…
लगभग एक घंटे बाद मैं निकली,मेरे जिस्म में बस एक टॉवेल था,रोहन अब भी मेरे बिस्तर में बैठा हुआ था..
उसने मुझे देखा,उसकी आंखों में शर्म थी ..
“मैं कैसे तुमसे माफी मांगू ,”
वो फिर से गिड़गिड़ाया
“सपना को काल करो “
“क्या??”मेरी बात से वो चौक गया था
“देखो पूर्वी ये बस एक गलती थी ,मैं नशे में था यार बहक गया था..”
“मैंने बोला सपना को काल करो और यंहा बुलाओ “
उसने एक पल मुझे देखा और फिर अपना मोबाइल उठाकर सपना को मेरे घर बुला लिया..”
मैं उसे थोड़ी देर तक देखती रही ,और फिर बिस्तर में जाकर लेट गई,अभी भी मैंने वही टॉवेल पहना था,रोहन मेरे बाजू में ही बैठा था लेकिन उसने मेरे जिस्म को देखने की कोई जहमत नही उठाई..
“मैं बहुत थक गई हु रोहन मेरे पैर दर्द दे रहे है ,जरा मालिस कर दो “
मैंने आंखों को बंद करते हुए कहा ,
रोहन फिर से खामोश निगाहों से मुझे देखने लगा लेकिन थोड़ी ही देर बाद मरे एड़ी को पकड़कर मालिस करने लगा,
“ह्म्म्म थोड़ा ऊपर जांघो के पास “
मैंने थोड़ी देर बाद ही उससे कहा ,रोहन अब मेरे जांघो को सहला रहा था,मैंने अपने टॉवेल की गठान खोल दी ,लेकिन उन्हें अपने वक्षो से अलग नही किया ,
“थोड़ा और ऊपर रोहन “
अब रोहन के हाथ मेरे जांघो के सिरे तक पहुच रहे थे,अब उसकी आंखों में वो लालच आने लगा था जो किसी मर्द की आंखों में एक जवान खूबसूरत लड़की के जिस्म को देखने पर आता है,वो टॉवेल की दरार से मेरे जांघो के बीच झांकने की कोशिश कर रहा था ,उसकी इस हरकत से मैं मुस्कुराने लगी,ये पहली बार था जब कोई मर्द मेरे अंतः अंगों के इतने करीब तथा लेकिन सच बताऊँ तो मेरे अंदर कोई भी उत्तेजना नही उठ रही थी बल्कि बस एक सुकून था,रोहन की उंगलियां मेरे योनि को छूने लगी थी,मैंने दरवाजे में एक आहट सुनी और अपने टॉवेल को निकाल कर फेक दिया,मेरा जिस्म अब पूरी तरह से नंगा बिस्तर में पड़ा था,रोहन के आंखे जैसे मेरे जिस्म में जम ही गई लेकिन तभी दरवाजा खुला ,सपना हमारे सामने थी ,उसने जो दृश्य देखा उसका मुह भी खुला का खुला रह गया,मैंने उसे बड़े ही प्यार से देखा,
“ओह सपना तुम आ गई ,वंहा बैठो,मैंने सामने पड़े सोफे की तरफ इशारा किया “
रोहन अवाक सा कभी मुझे तो कभी सपना को देख रहा था,उसकी आंखे शर्मिंदगी से झुक रही थी ,वही सपना भी अवाक थी,उसे मेरे ऐसे किसी एक्शन का कोई भी अंदाज ही नही था..
“रोहन बेबी,यंहा बड़ी गर्मी हो रही है थोड़ा चाट कर ठंडा कर दो ना”
मैंने अपनी उंगली से अपनी योनि की ओर इशारा किया..रोहन की आंखे फैल गई ,जैसे बोल रही हो की तुम मुझसे क्या करवाना चाहती हो ,उसके पेंट से उसके लिंग का तनाव मुझे साफ दिखाई दे रहा था,लेकिन फिर भी वो अजीब स्तिथि में फंसा हुआ था,उसने एक बार सपना की ओर देखा..
“अरे उधर क्या देख रहे हो ,इसे चाटना है ,सपना तुम कुछ पियोगी..”
सपना अवाक थी,उसकी आंखे लाल हो रही थी,थोड़ा पानी आ रहा था लेकिन अभी और आना बाकी था,मैंने रोहन को आंखों से ही निर्देश दिया की मैं मजाक के मूड में नही हु शुरू हो जा,और रोहन झुका,उसकी सांस इतनी तेज थी की मेरे योनि से उसकी गर्म सांस टकरा रही थी,वो थोड़ी देर तक मेरे योनि के पास ही रहा ,जैसे उस काम को करने की हिम्मत जुटा रहा है और एक गहरी सांस लेकर उसने जीभ से मरे योनि को चाट ही लिया ..
“आह गुड बेबी,लाइक अ डॉग ,यु आर गुड ..हम्म्म्म “
मैंने जानबूझकर अपने होठो को अपने दांतो से काटा ,और सिसकियां लेने लगी,मेरी आंखे सपना पर जा टिकी,मेरे होठो में कमीनी मुस्कान खिल गई और उसके आंखों का लालपन बढ़ने लगा था वही उसके आंखों का पानी भी,लेकिन वो संयम से बैठी हुई अब भी ये सब बर्दास्त कर रही थी,रोहन भी अब जोश में आकर चाटने लगा था,मेरी योनि पनिया गई,किसी मर्द का इस तरह का पहला स्पर्श था और मैंने ज्यादा समय नही लिया मैं तेजी से झड़ी…
“ओह रोहन यु आर माय डॉग बेबी चूस इसे चूस सारा पानी पी जा,तू मेरा पालतू कुत्ता है ..ओह रोहन...”
मैंने अपने टांगो से रोहन के सर को अपने योनि में कस लिया ,रोहन छटपटा रहा था,लेकिन मैं तब तक उसे ऐसे ही दबाए रखी जब तक की मैं पूरी तरह से नही झर गई ,रोहन छूटते ही हांफने लगा,मैं हंसती हुई उठी और उसके सर को सहलाया..
“ओ माय बेबी ,चलो अब जल्दी से कपड़े उतारो “
रोहन अब भी मुझे आश्चर्य से देख रहा था,मैंने इतने दिनों में कभी उसे अपने जिस्म को ठीक से छूने भी नही दिया था,वो उठा और जल्दी जल्दी खुद को नंगा कर लिया,सच में उसका लिंग बेहद ही मोटा और तना हुआ था,ऐसा लग रहा था जैसे उसकी नशे अब फटने ही वाली हो ,मैं फिर से लेट गई और इशारे से उसे अपने पास बुलाया,रोहन मेरे ऊपर जैसे कूद ही गया,मैं हंसने लगी ,मैंने उसके लिंग को अपने हाथो में थामा वो गर्म था,रोहन मेरे ऊपर झुका हुआ था ,तभी सपना उठी और रोते हुए बाहर जाने लगी..मैंने रोहन को जोरो से धक्का दिया,वो भी उठकर खड़ा हो गया था,
“रुको कहा जा रही हो ,तुम्हे तो खेलना पसंद है ना..तट फिर पूरा खेल देख कर ही जाओ “
मेरी बात में एक व्यंग था..
‘तुम ..तुम आखिर साबित क्या करना चाहती हो “
मैंने उसे एक कमीनी मुस्कान के साथ देखा,
“यही की एक मर्द को बहकाने के लिए सबसे आसान रास्ता औरत का जिस्म होता है,तुमने कपड़े उतारे तुम्हारी चाटने लगे,मैंने उतारी तो मेरी ,कुत्तों की जात ऐसी ही होती है “
कुत्तों की जात बोलते समय मेरी निगाह सीधे रोहन के निगाहों से मिली,उसके आंखों से एक ही पल में सारी उत्तेजना गायब हो गई,उसकी आंखे फिर से शर्म से भरकर नीची हो गई थी...सपना ने एक बार मुझे देखा एक बार रोहन को और तेजी से वंहा से निकल गई ..
मैं फिर से धड़ाम से बिस्तर में गिरी ..रोहन सर झुकाए बिस्तर के किनारे खड़ा हुआ था..
“अब देख क्या रहे हो कपड़े पहनो और निकल जाओ यंहा से ,मेरे जिस्म का मालिक वो होगा जो तुम्हारी तरह कुत्ता ना हो, की कही भी मांस देखा तो उसे चाटने लगे ..”
मेरी बात सुनकर रोहन ने एक पल की देर नही लगाई ,वो तेजी से कपड़े पहन कर कमरे से निकला,मैंने अपनी आंखे बंद ली ,अब जाकर मुझे सुकून मिला था,की अचानक मेरे आंखों में एक चहरा घुमा ………..
गौरव सर का चहरा,और ना चाहते हुए भी मेरे होठो में एक शर्म भरी मुस्कान तैर गई...
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प्यार या धोखा
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