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बरसात की वह रात
#58
जब भी मैं मनीषा को मिलता तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगता था और उसे भी बहुत ही अच्छा लगता। हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करने लगे थे। यह बात अब मनीषा के परिवार वालों को भी मालूम चल चुकी थी और उन्होंने मनीषा को जब इस बारे में पूछा तो मनीषा ने मेरे और अपने रिलेशन के बारे में अपने घर पर बता दिया था। मनीषा के परिवार वालों को इससे कोई भी ऐतराज नहीं था और वह लोग भी चाहते थे कि हम दोनों की शादी हो जाए। मैं एक अच्छी कंपनी में जॉब करता हूं और सब लोग मुझे पहले से ही जानते थे इसलिए हम दोनों की जिंदगी में अब काफी बदलाव आने लगा था। हम दोनों ने सगाई करने का फैसला कर लिया था हम दोनों की जब सगाई हुई तो उसके बाद हम दोनों के बीच और भी ज्यादा नजदीकियां बढ़ती चली गई और अब हम दोनों एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार करने लगे थे। यही वजह थी कि हम दोनों जल्द से जल्द एक दूसरे से शादी करना चाहते थे।

 
मैंने पूरी तरीके से सोच लिया था कि अब मैं और मनीषा एक दूसरे से शादी कर लेंगे और हम दोनों ने शादी करने के बाद कोलकाता में ही रहने का फैसला किया। मैं भी कोलकाता में जॉब करता हूं और मनीषा भी कोलकाता में ही जॉब करती है इसलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ रहने लगे थे। हम दोनों की शादी शुदा जिंदगी अच्छे से चल रही थी शादी के कुछ महीनों बाद ही मैंने और मनीषा ने एक फ्लैट लेने के बारे में सोचा और हम लोगों ने जल्द ही कोलकाता में एक फ्लैट ले लिया। हम दोनों बड़े ही खुश थे कि हम लोगों ने वहां पर फ्लैट ले लिया था और अब हमारी जिंदगी और भी अच्छे से चलने लगी थी और हम दोनों के बीच की नजदीकियां भी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझते हैं इसलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताने की कोशिश किया करते। काफी लंबे समय बाद हम लोग लखनऊ वापस लौटे थे। जब हम लोग लखनऊ वापस गए तो हम लोगों ने अपने परिवार के साथ में अच्छा समय बिताया और कुछ दिन के लिए मनीषा भी अपने घर पर चली गई थी।
 
मनीषा अपने घर पर गई तो मनीषा कुछ दिनों के लिए अपने घर पर ही रही और फिर मैं कुछ दिन बाद मनीषा को लेने के लिए उसके घर पर गया और वहां पर मैं एक दिन के लिए रुका। हम लोग अब जल्द ही कोलकाता वापस लौटने वाले थे और जब हम लोग कोलकाता वापस लौटे तो हम दोनों को बिल्कुल भी समय नहीं मिल पा रहा था। मैं भी अपने ऑफिस के काम के चलते बिजी था और मनीषा भी अपने ऑफिस के काम के चलते बिजी थी इसलिए हम दोनों एक दूसरे को कम समय दे पा रहे थे। मैंने अपनी छुट्टी के दिन मनीषा से कहा कि आज तुम भी ऑफिस से छुट्टी ले लो क्योंकि मनीषा को उस दिन ऑफिस जाना था और वह सुबह ऑफिस के लिए तैयार हो चुकी थी। मैंने मनीषा से कहा कि आज तुम ऑफिस से छुट्टी ले लो तो मनीषा ने भी मेरी बात मान ली और उसने उस दिन ऑफिस से छुट्टी ले ली। जब मनीषा ने ऑफिस से छुट्टी ली तो मुझे भी इस बात की बड़ी खुशी थी कि हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिता पाएंगे। उस दिन हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंट किया और हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बरसात की वह रात - by neerathemall - 21-12-2021, 02:33 PM



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