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बरसात की वह रात
#47
मनीषा और मेरे बीच जिस प्रकार से सेक्स हुआ था उस से हम दोनो खुश थे। उसकी टाइट और गुलाबी चूत मारकर मै खुश था। हम दोनो दोबारा से सेक्स करना चाहते थे। मुझे मजा आने लगा था वह मेरे ऊपर से आ चुकी थी। वह जिस तरीके से सेक्स के मजे ले रही थी हम दोनों को मजा आ रहा था। वह अपनी चूतडो को ऊपर नीचे करती जा रही थी उसे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी अब ना तो मैं अपने आप को रोक पा रहा था ना ही मनीषा अपने आपको रोक पा रही थी। मैं और मनीषा एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा ले रहे थे। मेरे वीर्य की पिचकारी जैसे ही मनीषा की चूत में गिरी वह खुश हो गई और मैं भी बहुत ज्यादा खुश था जिस तरह हम दोनों ने साथ में सेक्स किया था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बरसात की वह रात - by neerathemall - 21-12-2021, 02:16 PM



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