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बरसात की वह रात
#42
जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ में अपने रिलेशन को आगे बढ़ा रहे थे उससे हम दोनों बड़े ही खुश रहते। मुझे बहुत ही अच्छा लगता है जब भी मैं और मनीषा एक दूसरे के साथ में होते है। हम दोनों एक दूसरे के साथ होते तो हम दोनों बड़े ही खुश रहते थे। अब हम दोनों की जिंदगी बड़े अच्छे से चलने लगी थी और मैं बड़ा खुश था जब मैं मनीषा के साथ में होता। हम दोनों के रिलेशन को अब काफी ज्यादा समय हो चुका था मैं मनीषा को अच्छी तरीके से समझता हूं और वह भी मेरा साथ हमेशा ही अच्छी तरीके से दिया करती। जब भी मुझे कोई परेशानी होती तो मैं तुरंत ही मनीषा से अपनी बात को शेयर कर लिया करता जिससे कि मनीषा को भी अच्छा लगता और मुझे भी बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता था। मैं अब मनीषा के बारे में अपनी फैमिली में बताना चाहता था और मैंने जब मनीषा के बारे में घर में बताया तो सब लोग मनीषा को मिलना चाहते थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बरसात की वह रात - by neerathemall - 21-12-2021, 02:13 PM



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