21-12-2021, 02:12 PM
भैया ने भी मुझे कई बार समझाने की कोशिश की और कहा कि देखो तुम्हें आशा से बात करनी चाहिए। मैंने भी आशा से कई बार इस बारे में बात की लेकिन मुझे नहीं लगा कि हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा समय तक रह पाएंगे इसलिए हम दोनों ने एक दूसरे से अलग होने का फैसला कर ही लिया था। मैंने पूरा मन बना लिया था की मैं आशा से अलग हो जाऊं। हम दोनों एक दूसरे को डिवोर्स दे चुके थे मैं भी अब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुका था और आशा भी अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुकी थी। हम दोनों की मुलाकात उसके बाद कभी हुई ही नहीं मैं भी अब एक नई कंपनी ज्वाइन कर चुका था और वहां पर मैं अपनी जॉब पर पूरी तरीके से ध्यान दे रहा था। आशा और मेरे डिवोर्स को हुए काफी लंबा समय बीत चुका था और अब पापा और मम्मी भी कई बार मुझे समझाते और कहते कि रजत बेटा तुम्हे शादी कर लेनी चाहिए। मैं शादी करना ही नहीं चाहता था परंतु कई बार मुझे ऐसा भी लगता कि जैसे मुझे शादी कर लेनी चाहिए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.