21-12-2021, 02:11 PM
मनीषा मेरे सामने नंगी लेट गयी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
बरसात की वह रात
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