11-05-2019, 12:19 PM
पर आज जो ख़ास था वो ये था की मम्मी पलटी और अपनी ही चूत में उंगली करके, बुरी तरह मसलने लगीं.
साफ दिख रहा था, मम्मी पर अभी भी वासना हावी है.
अपनी चूत में उंगली करते हुए, पीठ के सहारे दीवार से टिक कर दूसरे हाथ से मम्मी ने अंकल का लंड जकड़ लिया और ज़ोर से दबाते हुए बोलीं – मुझसे आज कंट्रोल नहीं हो रहा है… और ये कहते ही, मेरी मम्मी की चूत से उनकी मूत की एक बहुत जोरदार धार निकली जो सीधे अंकल के लंड पर गिरने लगी.
मैंने देखा, मम्मी की मूत गिरते ही अंकल का लंड हिचकोले खाने लगा.
अंकल अपने लंड को, मम्मी की मूत से नहला रहे थे.
सिर्फ़ कुछ पलों में, उनका हथियार फिर तैयार था.
इधर मम्मी को मूतता देख, मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी थी.
पहली बार, हम तीनों हाँफ रहे थे.
अंकल – महक, आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे बेहतरीन दिन है… चल अब अधूरा काम पूरा करते हैं… और ये कहते हुए, उन्होंने मम्मी को फिर से झटके से पलट दिया.
मम्मी – मुझे भी ऐसा मज़ा, आज तक किसी के साथ किसी चुदाई में नहीं आया…
अंकल ने इस बार, बिना किसी चेतावनी के मेरी मम्मी का गाण्ड का छेद सूँघें या चाटे बिना, अपना लंड एक झटके में पूरा मम्मी की गाण्ड में उतार दिया.
मम्मी चिल्ला पड़ीं – मादर चोद स स स स स स स स स स…
मम्मी की गाण्ड, अब दुबारा चुद रही थी.
और कुछ ही पल में, मम्मी भी अंकल का पूरा साथ दे रहीं थीं.
अंकल – महक…
मम्मी ने काँपती ज़ुबान में कहा – हाँ…
अंकल – तुझे एक बात कहूँ…
मम्मी ने कहा – कहिए ना… प्लीज़ जल्दी…
अंकल – जब तू पहली बार मेरे ऑफीस में आई थी, फ्लैट लेने याद है…
मम्मी ने कहा – हा आ आन्ं याद है…
अंकल – तब तेरी मटकती गाण्ड को देख, मैं पागल हो गया था… उसी दिन, मैंने तय कर लिया था तेरी पैंटी एक दिन फाड़ के रहूँगा… अब तू मेरी है हमेशा के लिए… और ठप ठप ठप ठप ठप ठप करके, मेरी मम्मी की गाण्ड ज़ोर ज़ोर से मारने लगे.
मम्मी – अरे, माँ चुदाने दीजिए उस सब को… आप बताइए, आपने किस को चोदा था…
मेरी मम्मी लगातार – आ आ आ अहह आ आ आ आहह… की सिसकारियाँ लेते हुए, अंकल का साथ दे रही थीं.
अंकल – महक स स स स स स… नहीं स स स स स…
मम्मी – बताइए ना, प्लीज़ ज ज ज… मैंने भी तो अपने भाई से अपनी हरामखोर चूत मरवाई थी… इससे ज़्यादा कमीनापन और क्या किया है आपने… प्लीज़ बताइए… मुझे कंट्रोल नहीं हो रहा…
अंकल – महक स स स… मैंने अपनी पहली चुदाई 14 साल की उम्र में की थी…
मम्मी – किसके साथ… बता ना बहन चोद ह हह…
अंकल – अपनी मां के साथ… आ आ आ आ आ आ आ आ आ…
मम्मी ने बहुत ज़ोर की अँह भरी और पहली बार अंकल, लगभग 2 मिनट में ही झड़ गये.
उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया.
अंकल का लण्ड पूरा गीला था और मेरी मम्मी की जांघें उनके रस और मूत से चमक मार रही थीं.
अंकल ने खींच के, एक थप्पड़ मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर जड़ दिया.
मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया और मम्मी के मुंह से आ आहह की आवाज़ निकली.
उसके बाद अंकल ने कहा – जानू, मज़ा आया…
मम्मी ने हाँ की आवाज़ मे अंकल का जवाब दिया.
अंकल ने दूसरे हाथ से बाएँ चुत्तड़ पर भी जोरदार थप्पड़ जड़ दिया.
मेरी मम्मी की चुत्तड़ थरथरा के हिल गई.
साफ दिख रहा था की मम्मी अब तक शांत नहीं हुई हैं.
मम्मी – उफ्फ… खड़ा करिए ना दुबारा, प्लीज़…
मम्मी ने अब अंकल का लंड हाथ में लिया एक दो बार उपर नीचे किया फिर अपनी गाण्ड मे गया लंड, अपने मुँह में ले लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगीं.
2-5 मिनिट में ही, अंकल तीसरी बार तैयार थे.
मज़े के बात ये थी की आज अंकल मम्मी को नहीं संभाल पा रहे थे.
लग रहा था, अंकल नहीं मेरी मम्मी उनकी गाण्ड फाड़ रही हैं.
लेकिन ये बात तो थी की अंकल बहुत जल्दी तैयार हो जाते थे.
उनका लंड तीसरी बार खेल के लिए तैयार था.
यहाँ अब मुझे कुछ कुछ होश आने लगा और मैं फिर से अपनी सोच में जा चुका था.
अंकल तो ठीक, मामा ने भी मम्मी को चोदा था.
उफ्फ!! मेरे दिल की धड़कन फिर से बढ़ गई थी.
अंकल, उन्होंने तो अपनी ही मां को चोदा था.
खैर, यहाँ अब मम्मी की गाण्ड तीसरी बार फटने के लिए तैयार थी और ना जाने वक़्त की काली परछाई में छुपे कितने राज़ बाहर आने को.
साफ दिख रहा था, मम्मी पर अभी भी वासना हावी है.
अपनी चूत में उंगली करते हुए, पीठ के सहारे दीवार से टिक कर दूसरे हाथ से मम्मी ने अंकल का लंड जकड़ लिया और ज़ोर से दबाते हुए बोलीं – मुझसे आज कंट्रोल नहीं हो रहा है… और ये कहते ही, मेरी मम्मी की चूत से उनकी मूत की एक बहुत जोरदार धार निकली जो सीधे अंकल के लंड पर गिरने लगी.
मैंने देखा, मम्मी की मूत गिरते ही अंकल का लंड हिचकोले खाने लगा.
अंकल अपने लंड को, मम्मी की मूत से नहला रहे थे.
सिर्फ़ कुछ पलों में, उनका हथियार फिर तैयार था.
इधर मम्मी को मूतता देख, मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी थी.
पहली बार, हम तीनों हाँफ रहे थे.
अंकल – महक, आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे बेहतरीन दिन है… चल अब अधूरा काम पूरा करते हैं… और ये कहते हुए, उन्होंने मम्मी को फिर से झटके से पलट दिया.
मम्मी – मुझे भी ऐसा मज़ा, आज तक किसी के साथ किसी चुदाई में नहीं आया…
अंकल ने इस बार, बिना किसी चेतावनी के मेरी मम्मी का गाण्ड का छेद सूँघें या चाटे बिना, अपना लंड एक झटके में पूरा मम्मी की गाण्ड में उतार दिया.
मम्मी चिल्ला पड़ीं – मादर चोद स स स स स स स स स स…
मम्मी की गाण्ड, अब दुबारा चुद रही थी.
और कुछ ही पल में, मम्मी भी अंकल का पूरा साथ दे रहीं थीं.
अंकल – महक…
मम्मी ने काँपती ज़ुबान में कहा – हाँ…
अंकल – तुझे एक बात कहूँ…
मम्मी ने कहा – कहिए ना… प्लीज़ जल्दी…
अंकल – जब तू पहली बार मेरे ऑफीस में आई थी, फ्लैट लेने याद है…
मम्मी ने कहा – हा आ आन्ं याद है…
अंकल – तब तेरी मटकती गाण्ड को देख, मैं पागल हो गया था… उसी दिन, मैंने तय कर लिया था तेरी पैंटी एक दिन फाड़ के रहूँगा… अब तू मेरी है हमेशा के लिए… और ठप ठप ठप ठप ठप ठप करके, मेरी मम्मी की गाण्ड ज़ोर ज़ोर से मारने लगे.
मम्मी – अरे, माँ चुदाने दीजिए उस सब को… आप बताइए, आपने किस को चोदा था…
मेरी मम्मी लगातार – आ आ आ अहह आ आ आ आहह… की सिसकारियाँ लेते हुए, अंकल का साथ दे रही थीं.
अंकल – महक स स स स स स… नहीं स स स स स…
मम्मी – बताइए ना, प्लीज़ ज ज ज… मैंने भी तो अपने भाई से अपनी हरामखोर चूत मरवाई थी… इससे ज़्यादा कमीनापन और क्या किया है आपने… प्लीज़ बताइए… मुझे कंट्रोल नहीं हो रहा…
अंकल – महक स स स… मैंने अपनी पहली चुदाई 14 साल की उम्र में की थी…
मम्मी – किसके साथ… बता ना बहन चोद ह हह…
अंकल – अपनी मां के साथ… आ आ आ आ आ आ आ आ आ…
मम्मी ने बहुत ज़ोर की अँह भरी और पहली बार अंकल, लगभग 2 मिनट में ही झड़ गये.
उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया.
अंकल का लण्ड पूरा गीला था और मेरी मम्मी की जांघें उनके रस और मूत से चमक मार रही थीं.
अंकल ने खींच के, एक थप्पड़ मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर जड़ दिया.
मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया और मम्मी के मुंह से आ आहह की आवाज़ निकली.
उसके बाद अंकल ने कहा – जानू, मज़ा आया…
मम्मी ने हाँ की आवाज़ मे अंकल का जवाब दिया.
अंकल ने दूसरे हाथ से बाएँ चुत्तड़ पर भी जोरदार थप्पड़ जड़ दिया.
मेरी मम्मी की चुत्तड़ थरथरा के हिल गई.
साफ दिख रहा था की मम्मी अब तक शांत नहीं हुई हैं.
मम्मी – उफ्फ… खड़ा करिए ना दुबारा, प्लीज़…
मम्मी ने अब अंकल का लंड हाथ में लिया एक दो बार उपर नीचे किया फिर अपनी गाण्ड मे गया लंड, अपने मुँह में ले लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगीं.
2-5 मिनिट में ही, अंकल तीसरी बार तैयार थे.
मज़े के बात ये थी की आज अंकल मम्मी को नहीं संभाल पा रहे थे.
लग रहा था, अंकल नहीं मेरी मम्मी उनकी गाण्ड फाड़ रही हैं.
लेकिन ये बात तो थी की अंकल बहुत जल्दी तैयार हो जाते थे.
उनका लंड तीसरी बार खेल के लिए तैयार था.
यहाँ अब मुझे कुछ कुछ होश आने लगा और मैं फिर से अपनी सोच में जा चुका था.
अंकल तो ठीक, मामा ने भी मम्मी को चोदा था.
उफ्फ!! मेरे दिल की धड़कन फिर से बढ़ गई थी.
अंकल, उन्होंने तो अपनी ही मां को चोदा था.
खैर, यहाँ अब मम्मी की गाण्ड तीसरी बार फटने के लिए तैयार थी और ना जाने वक़्त की काली परछाई में छुपे कितने राज़ बाहर आने को.