11-05-2019, 12:04 PM
अंकल ने धीरे से मेरी मम्मी की नाइटी नीचे से उठा के कमर तक कर दी और मेरी मम्मी से कहा – पकड़ इसे..
मम्मी ने वैसा ही किया.
मेरी मम्मी ने पैंटी नहीं पहन रखी थी और उनकी नंगी गाण्ड अंकल के सामने थी.
इसमें कोई शक नहीं की मम्मी की गाण्ड, ग़ज़ब की गोलाई लिए हुई थी.
अंकल ना जाने और कौन सी गोलाई की बात कर रहे थे.
अंकल ने अपनी हथेली से मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर थप्पड़ मारे और मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया.
फिर, अंकल ने मम्मी के चुत्तड़ को दोनों हथेली से फैला दिया.
मेरी मम्मी का चुत्तड़ फैलते ही, उनकी गाण्ड का छेद दिखने लगा.
अंकल ने अपनी नाक मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद पर रखा और सूंघने लगे और जीभ आगे निकाल के उनकी फुददी चाटने लगे.
मेरी मम्मी – आ आ आ आ आ आहह आ आहह ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म म ह्म्म्म्म ह्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म म आ आ अहह.. करने लगीं.
फिर, अंकल ने पूछा – एक बात बता महक.. तेरे पति ने कभी तेरी गाण्ड की महक ली है..
मम्मी – नहीं..
अंकल – कभी गाण्ड का छेद भी नहीं चाटा..
मम्मी – नहीं, कभी नहीं..
अंकल – मैं तो तेरे गाण्ड के छेद और उसकी स्मेल का दीवाना हूँ.. महक, तू जानती है, जिससे प्यार हो उसकी गाण्ड की महक भी प्रेमी को मदहोश कर देती है.. तू चाहे तो मैं तेरा बिना धुला छेद भी चाट चाट के साफ कर सकता हूँ..
मम्मी – छी: ऐसी बातें मत कीजिए.. मुझे घिन आती है..
अंकल – मुझे तो तेरी किसी चीज़ से घिन नहीं आती, महक.. सिर्फ़ प्यार आता है..
यहाँ मैं अब ये सोचने लगा की सच में अंकल को मम्मी से तगड़ा वाला प्यार हो गया है.
मैं खुद भी किसी का गाण्ड का छेद नहीं सूंघ सकता था.
बल्कि सोच के ही, मेरा जी खट्टा हो गया.
इधर, अंकल ने अब मम्मी की चुत्तड़ को खींच के और चौड़ा कर दिया.
मम्मी की गाण्ड का छेद और फैल के खुल गया.
अंकल ने जीभ उनकी गाण्ड के छेद मे घुसा दी और गोल गोल घुमाने लगे.
मम्मी से वासना बर्दाशत नहीं हो रही थी.
मम्मी ने कहा – अब बर्दाशत नहीं हो रहा है..
मुझे बड़ा अजीब लगा की गाण्ड का छेद चाटने से भी औरत को इतनी उत्तेजना होती है.
अंकल ने कहा – थोड़ी देर रुक जा, मेरी रानी.. तेरी गाण्ड की छेद पूरी तरह गीला करने दे.. फिर आराम से घुसेगा और दर्द नहीं होगा..
मम्मी ने कहा – होने दीजिए दर्द.. मैं चाहती हूँ मुझे दर्द हो.. ठीक वैसा ही जैसा मुझे मेरी चूत की झिल्ली फटने पर हुआ था.. मत रहम कीजिए, आज.. चोद डालिए मेरी गाण्ड मेरी कुँवारी चूत समझ कर.. वैसे भी आपने सच कहा, गाण्ड सच में औरत हर किसी को नहीं देती.. हक़ीकत तो ये है की हर औरत अपनी गाण्ड अपनी जिंदगी में एक ही मर्द को देती है.. बेशक, आप मेरे लिए बहुत ख़ास हैं पर बात ये भी है की आपके बाद किसी और मर्द का लंड मेरी गाण्ड में गया तो मुझे बबासिर हो जाएगा.. हर औरत ये बात जानती है.. एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को ये बात पता चलती रहती है.. दादी, नानी, माँ या बड़ी बहन से.. इसलिए औरत गाण्ड एक ही मर्द से मरवाती है.. और वो मर्द वोही होता है जो उसके लिए बेहद ख़ास हो..
अंकल बोले – महक, मुझे ये सब नहीं मालूम था.. पर मुझे बहुत अच्छा लगा की मैं तेरे लिए इतना ख़ास हूँ..
मम्मी – आप मेरे सरताज़ हो..
अंकल – महक, सच बात तो ये है की गाण्ड तो मेरी बीबी ने भी मुझे नहीं मारने दी.. एक दो बार बोल के मैने उससे बोलना छोड दिया.. तुझ पर अपना हक़ समझता हूँ इसलिए लगा रहता हूँ..
मम्मी – आपका मुझ पर और मेरी हर चीज़ पर पूरा हक़ है..
फिर अंकल ने जीभ डाल के कुछ देर मेरी मम्मी की गाण्ड चाटी.
उसके बाद वो खड़े हो गये.
अब मेरी मम्मी की भी नाइटी नीचे गिर गई.
अंकल ने अपनी पैंट खोल ली और अंडर वियर जांघों तक खिसका ली.
अंकल का लण्ड टन के खड़ा था.
मम्मी झुक के नीचे बैठ गई और अंकल का पूरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगीं.
मम्मी अपने हाथों से अंकल का लण्ड सहलाते हुए, अंकल का लण्ड फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके चूसने लगीं.
कुछ देर बाद अंकल ने कहा – चल, अब देर मत कर.. वो उठ जाएगा.. फिर तू मुझे जाने को कहेगी..
उसके बाद उन्होंने मेरी मम्मी का खंडा पकड़ के उठा दिया और उन्हें घुमा के मम्मी से कमर पीछे करने को कहा.
मम्मी ने बेंड होके चुत्तड़ पीछे कर दिया.
अंकल ने थोड़ा अपने हाथ पर थुका और मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद पर लगाया.
मम्मी ने वैसा ही किया.
मेरी मम्मी ने पैंटी नहीं पहन रखी थी और उनकी नंगी गाण्ड अंकल के सामने थी.
इसमें कोई शक नहीं की मम्मी की गाण्ड, ग़ज़ब की गोलाई लिए हुई थी.
अंकल ना जाने और कौन सी गोलाई की बात कर रहे थे.
अंकल ने अपनी हथेली से मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर थप्पड़ मारे और मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया.
फिर, अंकल ने मम्मी के चुत्तड़ को दोनों हथेली से फैला दिया.
मेरी मम्मी का चुत्तड़ फैलते ही, उनकी गाण्ड का छेद दिखने लगा.
अंकल ने अपनी नाक मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद पर रखा और सूंघने लगे और जीभ आगे निकाल के उनकी फुददी चाटने लगे.
मेरी मम्मी – आ आ आ आ आ आहह आ आहह ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म म ह्म्म्म्म ह्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म म आ आ अहह.. करने लगीं.
फिर, अंकल ने पूछा – एक बात बता महक.. तेरे पति ने कभी तेरी गाण्ड की महक ली है..
मम्मी – नहीं..
अंकल – कभी गाण्ड का छेद भी नहीं चाटा..
मम्मी – नहीं, कभी नहीं..
अंकल – मैं तो तेरे गाण्ड के छेद और उसकी स्मेल का दीवाना हूँ.. महक, तू जानती है, जिससे प्यार हो उसकी गाण्ड की महक भी प्रेमी को मदहोश कर देती है.. तू चाहे तो मैं तेरा बिना धुला छेद भी चाट चाट के साफ कर सकता हूँ..
मम्मी – छी: ऐसी बातें मत कीजिए.. मुझे घिन आती है..
अंकल – मुझे तो तेरी किसी चीज़ से घिन नहीं आती, महक.. सिर्फ़ प्यार आता है..
यहाँ मैं अब ये सोचने लगा की सच में अंकल को मम्मी से तगड़ा वाला प्यार हो गया है.
मैं खुद भी किसी का गाण्ड का छेद नहीं सूंघ सकता था.
बल्कि सोच के ही, मेरा जी खट्टा हो गया.
इधर, अंकल ने अब मम्मी की चुत्तड़ को खींच के और चौड़ा कर दिया.
मम्मी की गाण्ड का छेद और फैल के खुल गया.
अंकल ने जीभ उनकी गाण्ड के छेद मे घुसा दी और गोल गोल घुमाने लगे.
मम्मी से वासना बर्दाशत नहीं हो रही थी.
मम्मी ने कहा – अब बर्दाशत नहीं हो रहा है..
मुझे बड़ा अजीब लगा की गाण्ड का छेद चाटने से भी औरत को इतनी उत्तेजना होती है.
अंकल ने कहा – थोड़ी देर रुक जा, मेरी रानी.. तेरी गाण्ड की छेद पूरी तरह गीला करने दे.. फिर आराम से घुसेगा और दर्द नहीं होगा..
मम्मी ने कहा – होने दीजिए दर्द.. मैं चाहती हूँ मुझे दर्द हो.. ठीक वैसा ही जैसा मुझे मेरी चूत की झिल्ली फटने पर हुआ था.. मत रहम कीजिए, आज.. चोद डालिए मेरी गाण्ड मेरी कुँवारी चूत समझ कर.. वैसे भी आपने सच कहा, गाण्ड सच में औरत हर किसी को नहीं देती.. हक़ीकत तो ये है की हर औरत अपनी गाण्ड अपनी जिंदगी में एक ही मर्द को देती है.. बेशक, आप मेरे लिए बहुत ख़ास हैं पर बात ये भी है की आपके बाद किसी और मर्द का लंड मेरी गाण्ड में गया तो मुझे बबासिर हो जाएगा.. हर औरत ये बात जानती है.. एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को ये बात पता चलती रहती है.. दादी, नानी, माँ या बड़ी बहन से.. इसलिए औरत गाण्ड एक ही मर्द से मरवाती है.. और वो मर्द वोही होता है जो उसके लिए बेहद ख़ास हो..
अंकल बोले – महक, मुझे ये सब नहीं मालूम था.. पर मुझे बहुत अच्छा लगा की मैं तेरे लिए इतना ख़ास हूँ..
मम्मी – आप मेरे सरताज़ हो..
अंकल – महक, सच बात तो ये है की गाण्ड तो मेरी बीबी ने भी मुझे नहीं मारने दी.. एक दो बार बोल के मैने उससे बोलना छोड दिया.. तुझ पर अपना हक़ समझता हूँ इसलिए लगा रहता हूँ..
मम्मी – आपका मुझ पर और मेरी हर चीज़ पर पूरा हक़ है..
फिर अंकल ने जीभ डाल के कुछ देर मेरी मम्मी की गाण्ड चाटी.
उसके बाद वो खड़े हो गये.
अब मेरी मम्मी की भी नाइटी नीचे गिर गई.
अंकल ने अपनी पैंट खोल ली और अंडर वियर जांघों तक खिसका ली.
अंकल का लण्ड टन के खड़ा था.
मम्मी झुक के नीचे बैठ गई और अंकल का पूरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगीं.
मम्मी अपने हाथों से अंकल का लण्ड सहलाते हुए, अंकल का लण्ड फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके चूसने लगीं.
कुछ देर बाद अंकल ने कहा – चल, अब देर मत कर.. वो उठ जाएगा.. फिर तू मुझे जाने को कहेगी..
उसके बाद उन्होंने मेरी मम्मी का खंडा पकड़ के उठा दिया और उन्हें घुमा के मम्मी से कमर पीछे करने को कहा.
मम्मी ने बेंड होके चुत्तड़ पीछे कर दिया.
अंकल ने थोड़ा अपने हाथ पर थुका और मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद पर लगाया.