11-05-2019, 11:55 AM
मैं उस रात सोया नहीं था क्यूंकि मैं जानता था अंकल आएँगे और यही हुआ.
मैं अपने कमरे में था.
करीबन 2 घंटे बाद, मुझे मेरी मम्मी की पायल की आवाज़ आई.
मैं अपने दरवाज़े के पास गया और देखा, मेरी मम्मी दरवाज़े की तरफ जा रही हैं और 2 मिनट के अंदर, मैंने देखा अंकल अंदर आ गये थे.
अंकल ने, पैंट और शर्ट पहन रखा था.
मम्मी और अंकल, अंदर कमरे में चले गये.
बस उनसे एक ग़लती हो गई, मुझे सोया समझ मम्मी ने दरवाज़े लॉक करना ज़रूरी नहीं समझा.
जिसकी वजह से, मैंने आज सब देखा.
अंकल ने, मेरी मम्मी को पीछे से पकड़ रखा था.
उनके हाथ ने नाइटी के ऊपर से उनके पेट को पकड़ के रखा था और वो धीरे धीरे मेरी मम्मी के गले पर चूमते हुए, मेरी मम्मी से बातें कर रहे थे.
उन्होंने मेरी मम्मी से पूछा – प्रणव, सो गया..
मम्मी ने कहा – हाँ.. लेकिन, आप जल्दी करो.. वो देख ना ले..
अंकल ने कहा – तू डरती बहुत है.. क्या, मैं तेरे लिए कुछ नहीं लगता.. जी तो चाहता है, तेरे पिल्लै का गला दबा दूं..
मम्मी ने कहा – अगर आप, मेरे कुछ नहीं लगते तो आप यहाँ नहीं होते..
अंकल ने कहा – फिर हमेशा, ऐसा क्यों कहती है.. कुछ देर, निकल अपने अंदर से और मेरी हो जा..
मम्मी ने कहा – मैं आपकी ही हूँ.. आपको शक है क्या, मुझ पर..
अंकल ने कहा – मुझे तुझ पर शक नहीं है, मेरी जान.. मैं तेरा लोडू पति थोड़ी ही हूँ.. बस, मैं तुझे पूरी तरह से हासिल करना चाहता हूँ..
अंकल ने धीरे से, मेरी मम्मी को घुमा के अपनी तरफ कर दिया.
मम्मी ने कहा – मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ और आपके लिए, कुछ भी कर सकती हूँ..
अंकल ने कहा – सच..
मम्मी ने कहा – हाँ..
अंकल ने कहा – फिर, मुझे आज जो चाहिए मुझे मिलेगा..
मम्मी ने कहा – हाँ.. आप बोलिए, क्या चाहिए..
अंकल ने अपनी दोनों हथेली, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर रख के दबा दी.
मम्मी ने कहा – मुझे पीछे बहुत दर्द होता है.. छेद, बहुत छोटा है..
अंकल ने कहा – इसी लिए मैं कहता हूँ, मुझे करने दे.. पगली, तू तो औरत है.. तुझे नहीं पता, जब तक गाण्ड मरती नहीं उसमें गोलाई नहीं आती.. और देख, चूत तो औरत हर मर्द को दे देती है पर गाण्ड उसी से मरवाती है जो उसके लिए ख़ास हो.. औरत भले ही, बीस लंड से चुदि हो पर गाण्ड के छेद में अनुमन एक ही लंड जाता है.. तू ने ही तो कहा था, तूने आज तक गाण्ड अपने पति को भी नहीं मारने दी.. लेकिन तब भी तू नहीं करने देती है.. लेकिन, अगर तेरा मन नहीं है तो मैं नहीं करूँगा.. और अंकल ने अपना हाथ हटा लिया.
मम्मी ने उनके होंठ को चूमा और कहा – आप, मुझसे नाराज़ मत हुआ कीजिए.. मैं मना नहीं करूँगी.. आप सही कह रहे हैं.. और धीरे धीरे अंकल का होंठ चूमने लगीं.
अंकल भी मेरी मम्मी को कस के पकड़ के फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके मेरी मम्मी के होंठ का रस पीने लगे.
अब अंकल ने मेरी मम्मी को कमर से पकड़ के उठा लिया.
मेरी मम्मी के होंठ अंकल के होंठ में फँसे हुए थे.
अंकल धीरे धीरे बढ़ते हुए, मेरी मम्मी को उठा के दीवार के पास ले गये और मेरी मम्मी को नीचे उतार दिया और पीछे घुमा के खड़ा कर दिया.
मम्मी ने कहा – जल्दी कीजिएगा..
अंकल ने कहा – तुम डरो मत, मेरी रानी..
बस कुछ देर उसके बाद उन्होंने मेरी मम्मी की नाइटी की चैन खोल दी और मेरी मम्मी की पीठ चूमने लगे.
मेरी मम्मी ने ब्रा नहीं पहना था क्यूंकि उनकी ब्रा की पट्टी नहीं दिख रही थी.
अंकल मेरी मम्मी की पीठ अपनी जीभ से चाटने लगे और मेरी मम्मी ने अपने दोनों हथेली दीवार से चिपका लिए थे.
अंकल धीरे धीरे चूमते हुए घुटनों के बल ज़मीन पर बैठ गये और अपना हाथ मेरी मम्मी के कमर पर नाइटी के ऊपर से पकड़ लिया और पहले अपना नाक ले जाके मेरी मम्मी के गाण्ड के हिस्से को अपनी आँख बंद करके स्मेल किया और उसके बाद अपना नाक ऊपर से मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद पर पास ले जाके चिपका दिया और स्मेल करने लगे.
मेरी मम्मी ने अपने होंठ अपने दाँत से दबाए हुए, धीमी आवाज़ में – आ आहह ह्म्म्म्म म ह्म्म्म्म म आ आहह.. की आवाज़ निकल रही थीं.
अंकल ने मेरी मम्मी को पूरी तरह अपने वश मे कर लिया था.
वो जैसा कहते थे मेरी मम्मी वैसा की करती थीं इसी लिए चुप चाप खड़ी अंकल का साथ दे रही थीं.
अंकल लगातार नाक ऊपर से गाण्ड की छेद में घुसा कर, मेरी मम्मी की गाण्ड सूंघ रहे थे.
मैं अपने कमरे में था.
करीबन 2 घंटे बाद, मुझे मेरी मम्मी की पायल की आवाज़ आई.
मैं अपने दरवाज़े के पास गया और देखा, मेरी मम्मी दरवाज़े की तरफ जा रही हैं और 2 मिनट के अंदर, मैंने देखा अंकल अंदर आ गये थे.
अंकल ने, पैंट और शर्ट पहन रखा था.
मम्मी और अंकल, अंदर कमरे में चले गये.
बस उनसे एक ग़लती हो गई, मुझे सोया समझ मम्मी ने दरवाज़े लॉक करना ज़रूरी नहीं समझा.
जिसकी वजह से, मैंने आज सब देखा.
अंकल ने, मेरी मम्मी को पीछे से पकड़ रखा था.
उनके हाथ ने नाइटी के ऊपर से उनके पेट को पकड़ के रखा था और वो धीरे धीरे मेरी मम्मी के गले पर चूमते हुए, मेरी मम्मी से बातें कर रहे थे.
उन्होंने मेरी मम्मी से पूछा – प्रणव, सो गया..
मम्मी ने कहा – हाँ.. लेकिन, आप जल्दी करो.. वो देख ना ले..
अंकल ने कहा – तू डरती बहुत है.. क्या, मैं तेरे लिए कुछ नहीं लगता.. जी तो चाहता है, तेरे पिल्लै का गला दबा दूं..
मम्मी ने कहा – अगर आप, मेरे कुछ नहीं लगते तो आप यहाँ नहीं होते..
अंकल ने कहा – फिर हमेशा, ऐसा क्यों कहती है.. कुछ देर, निकल अपने अंदर से और मेरी हो जा..
मम्मी ने कहा – मैं आपकी ही हूँ.. आपको शक है क्या, मुझ पर..
अंकल ने कहा – मुझे तुझ पर शक नहीं है, मेरी जान.. मैं तेरा लोडू पति थोड़ी ही हूँ.. बस, मैं तुझे पूरी तरह से हासिल करना चाहता हूँ..
अंकल ने धीरे से, मेरी मम्मी को घुमा के अपनी तरफ कर दिया.
मम्मी ने कहा – मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ और आपके लिए, कुछ भी कर सकती हूँ..
अंकल ने कहा – सच..
मम्मी ने कहा – हाँ..
अंकल ने कहा – फिर, मुझे आज जो चाहिए मुझे मिलेगा..
मम्मी ने कहा – हाँ.. आप बोलिए, क्या चाहिए..
अंकल ने अपनी दोनों हथेली, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर रख के दबा दी.
मम्मी ने कहा – मुझे पीछे बहुत दर्द होता है.. छेद, बहुत छोटा है..
अंकल ने कहा – इसी लिए मैं कहता हूँ, मुझे करने दे.. पगली, तू तो औरत है.. तुझे नहीं पता, जब तक गाण्ड मरती नहीं उसमें गोलाई नहीं आती.. और देख, चूत तो औरत हर मर्द को दे देती है पर गाण्ड उसी से मरवाती है जो उसके लिए ख़ास हो.. औरत भले ही, बीस लंड से चुदि हो पर गाण्ड के छेद में अनुमन एक ही लंड जाता है.. तू ने ही तो कहा था, तूने आज तक गाण्ड अपने पति को भी नहीं मारने दी.. लेकिन तब भी तू नहीं करने देती है.. लेकिन, अगर तेरा मन नहीं है तो मैं नहीं करूँगा.. और अंकल ने अपना हाथ हटा लिया.
मम्मी ने उनके होंठ को चूमा और कहा – आप, मुझसे नाराज़ मत हुआ कीजिए.. मैं मना नहीं करूँगी.. आप सही कह रहे हैं.. और धीरे धीरे अंकल का होंठ चूमने लगीं.
अंकल भी मेरी मम्मी को कस के पकड़ के फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके मेरी मम्मी के होंठ का रस पीने लगे.
अब अंकल ने मेरी मम्मी को कमर से पकड़ के उठा लिया.
मेरी मम्मी के होंठ अंकल के होंठ में फँसे हुए थे.
अंकल धीरे धीरे बढ़ते हुए, मेरी मम्मी को उठा के दीवार के पास ले गये और मेरी मम्मी को नीचे उतार दिया और पीछे घुमा के खड़ा कर दिया.
मम्मी ने कहा – जल्दी कीजिएगा..
अंकल ने कहा – तुम डरो मत, मेरी रानी..
बस कुछ देर उसके बाद उन्होंने मेरी मम्मी की नाइटी की चैन खोल दी और मेरी मम्मी की पीठ चूमने लगे.
मेरी मम्मी ने ब्रा नहीं पहना था क्यूंकि उनकी ब्रा की पट्टी नहीं दिख रही थी.
अंकल मेरी मम्मी की पीठ अपनी जीभ से चाटने लगे और मेरी मम्मी ने अपने दोनों हथेली दीवार से चिपका लिए थे.
अंकल धीरे धीरे चूमते हुए घुटनों के बल ज़मीन पर बैठ गये और अपना हाथ मेरी मम्मी के कमर पर नाइटी के ऊपर से पकड़ लिया और पहले अपना नाक ले जाके मेरी मम्मी के गाण्ड के हिस्से को अपनी आँख बंद करके स्मेल किया और उसके बाद अपना नाक ऊपर से मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद पर पास ले जाके चिपका दिया और स्मेल करने लगे.
मेरी मम्मी ने अपने होंठ अपने दाँत से दबाए हुए, धीमी आवाज़ में – आ आहह ह्म्म्म्म म ह्म्म्म्म म आ आहह.. की आवाज़ निकल रही थीं.
अंकल ने मेरी मम्मी को पूरी तरह अपने वश मे कर लिया था.
वो जैसा कहते थे मेरी मम्मी वैसा की करती थीं इसी लिए चुप चाप खड़ी अंकल का साथ दे रही थीं.
अंकल लगातार नाक ऊपर से गाण्ड की छेद में घुसा कर, मेरी मम्मी की गाण्ड सूंघ रहे थे.