10-05-2019, 05:03 PM
(This post was last modified: 11-05-2019, 04:32 PM by Rocksanna999. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अपडेट - 17
समीर: एक औरत होकर तुम ऐसी बात.... खेर जाने दो । मैं इसे ऐसा उइ बनाऊंगा। लेकिन तुम्हे मेरी मदद करनी होगी इसे कल तीन घंटों के लिए मेरे पास ले आना।
चंचल : लेकिन मैं कैसे?
समीर: ( चंचल की बात काटते हुए) वो सब तुम जानो। मैं तीन घंटों में इसे ऐसी बना दूंगा की 24 घंटे लुंड मांगेगी। और हां 2 घंटे बाद तुम तैयार रहना। क्योंकि अगले 2 घंटे बाद जो तुमसे मिलेगा वो समीर नहीं बल्कि तुम्हारा मालिक होगा।
समीर अपनी बात खत्म करके वहां से चल देता है।
अब आगे....
समीर अपने फार्महाउस पर पहुंच कर एक कॉल करता है।
समीर: हेलो , हाँ मैं बोल रहा हूँ। मुझे 1 घंटे में सारा सामान चाहिए। मैंने तुझे मेल किया है। और हाँ इस बात की भनक किसी को भी ना लगे। किसीको भी मतलब किसी को भी नहीं।
समीर कॉल काट देता है। और उस फ़ोन की सिम तोड़ कर एसिड से जला देता है।
वहीं दूसरी और चंचल परेशान हो रही थी। उसे समझ नही आ रहा था कि आखिर समीर क्या करेगा। लेकिन मन ही मन वो आने वाले लम्हों के लिए तैयार थी। सबसे बड़ी बात सुबह से चंचल की चूत से पानी टपक रहा था। ऐसा होना लाजमी भी था। आखिर कर सेक्स ड्रग का असर तो होना ही था।
करीब दो घंटों में चंचल का आफिस पूरी तरह से खाली हो जाता है।
करीब पंद्रह मिनट बाद चंचल के पास एक कॉल आता है।
चंचल: हेलो.... हाँ समीर....
समीर: हरामजादी, रंडी मुझे नाम से बुलाने की हिम्मत कैसे की तूने। मालिक बोल.... (चिल्ला कर)
चंचल: जी मालिक माफ कर दीजिए।
समीर: मैं आ रहा हूँ
चंचल: जी आजाइये।
फ़ोन कट.....
करीब 30 मिनट बाद समीर चंचल के आफिस में जाता है।
समीर: हेलो ब्यूटीफुल.... कैसी हो? अपने मालिक की याद आयी..
चंचल: (मुस्कुराते हुए) जी मालिक बहुत याद आयी। आपने बताया नही आप को जो मैंने कहा था कब और कैसे करेंगे?
समीर: वो सब तुझे जानने की ज़रूरत नहीं उसका में हमेशा के लिए इंतेजाम कर दूंगा। लेकिन फिलहाल तो तेरे साथ मजे करने है।
चंचल: क्या मतलब?
समीर: तेरे पति का केबिन कहाँ है ?
चंचल: जी उस तरफ..
समीर: तो फिर चलो... मुझे तुम्हारे पति का आफिस देखना है।
चंचल: हम्म तो ये लीजिये ये है मेरे हस्बैंड का केबिन।
समीर अपनी पॉकेट से कुछ निकाल कर चंचल को बोलता है) इसकी महक देखो कैसी है?
चंचल : क्या मतलब?
समीर उस चीज को चंचल की नाक के पास करके उसे सांस लेने को बोलता है। चंचल भी डरते हुए उसे हल्के से सूंघ ने लगती है। चंचल को उसकी खुशबू हल्की अजीब से सेंट जैसी लगती है लेकिन अच्छी लगती है।
समीर चंचल के चेहरे को देखते हुए उसे कमर से उठा कर सुरेश की टेबल पर बिठा डेता है। चंचल कुछ समझपाती उस से पहले अचानक से चंचल के निप्पल हार्ड होने लगते है। उसके दिल में अजीब सी बैचैनी उठने लगती है। समीर अपने हाथों को हल्के से जैसे गुदगुदा रहा हो , इस तरह से चंचल के पूरे शरीर पर घुमाने लगता है। चंचल अपनी आंखें बंद करके उस लम्हे को एन्जॉय कर रही थी। उसका दिमाग सोचने समझने की शक्ति उस क्षण के लिए पूरी तरह से कहो चुका था। समीर उसी वक़्त चंचल के पैरों को हवा में उठा कर चंचल की पेंटी निकालने लगता है। चंचल का इस पर बिल्कुल भी विरोध नहीं था। वो तो बस खामोशी स्व आंखें बंद किये जो हो रहा था उसे होने दे रही थी। समीर होले होले बड़े ही प्यार से चंचल की पेंटी निकाल देता है।
चंचल की पेंटी जैसे ही उसके पैरों से बाहर निकलती है समीर चंचल को धक्का दे कर उसी टेबल पर लिटा देता है और चंचल की दोनों टांगों को अपने कंधों पर रख कर चंचल की टांगों के बीच चला जाता है।
समीर: वाह ! बेहद खूब सूरत नज़ारा है। ऊपर वाले ने जन्नत की सारी खूबसूरती शायद यही डाल दी। हल्के हल्के रोएं से ढकी रेशम की चादर जैसे चूत की फांकें। आपस मे जुड़ी हुई जैसे जन्मों से मिली हो। समीर मुस्कुराता हुआ एक किश चंचल की चूत पर करता है।
समीर के चूमते ही चंचल की चूत से हल्का सा पानी छलक आया। समीर ने जो चंचल को सुंघाया था वो एक ड्रग था aphrodisiac . चंचल ना चाहते हुए भी गर्म हुए जा रही थी। अचानक से समीर चंचल की चूत पर टूट पड़ता है। उसे बुरी तरह से चाटने लगता है।
लेकिन अपने हाथ चंचल की चूत को स्पर्श तक नही करता। सिर्फ अपनी जुबान को चंचल की चूत के जायके से जान पहचान करवा रहा था।
चंचल की आहें ,सिसकारियां और चरमोत्सर्ग का सबूत इस समय चंचल की गहरी मगर अटकती हुई सांसें दे रही थी। तकरीबन दस मिनट तक चंचल की चूत चुसाई के साथ जोबन मर्दन चलता रहा इस दौरान चंचल ने बहुत पानी बहाया। ज्यादा पानी बहने के कारण से चंचल की जांघें कांप रही थी।
समीर के चंचल की टांगों के बीच से हट जाने के बाद भी चंचल की कमर हवा में ऊपर की तरफ उछल थी और टांगे खुद ब खुद खुल रही थी। चंचल अभी तक अपने आनन्द से उभरी भी नही थी कि समीर अपने कपड़े निकाल देता है।
चंचल की आंखें अभी भी बंद थी। समीर चुपचाप चंचल के3 सर की तरफ चल जाता है जहां चंचल का सर सुरेश की टेबल से नीचे की और झुका हुआ था। और चंचल अभी भी पीठ के बल ही लेटी हुई थी। समीर बिना देर किए अपने लन्ड को सीधा चँचल के मुह में घुसा देता है।
चँचल इसके लिए तैयार नहीं थी। समीर का लंड चँचल के हलक तक जा रहा था जो कि साफ नजर आ रहा था। चँचल अचानक हुए इस हमले से बोखला कर आंखें खोलते है तो उसे सिर्फ समीर के आंड और गांड ही नज़र आती है। चँचल के हाथ पैरों में इतनी जान भी नहीं थी कि वो समीर को रोक सके। चँचल की आंखों से आंसू निकल आये थे। चँचल इस समय उस दौर से गुजर रही थी जहां नीचे तो आग लगी थी और ऊपर लंड पड़ रहा था।
समीर बीच बीच में लन्ड बाहर निकाल कर चँचल को सांस लेने तक का मौका दे रहा था । करीब दस मिनट की इस हार्डकोर डीप थ्रोट के बाद समीर गहरे धक्के लगाते हुए चँचल के हलक में अपने माल की बरसात करने लगता है। चँचल को इस वक़्त ऐसा लग रहा था जैसे कोई सीधा उसके पेट मे कुछ डाल रहा हो। समीर का माल चँचल के हलक से होते हुए सीधे उसके पेट मे जा रहा था।
समीर अपना माल खाली करके एक क्रीम निकालता है और उसे अपने लंड पर मलने लगता है। देखते ही देखते समीर का लन्ड एक बार फिर से खड़ा हो जाता है। लेकिन इस बार उसका लन्ड अजीब सा लग रहा था। दरअसल ये भी एक ड्रग ही था। ये लन्ड को ड्राई करने के साथ साथ सेक्सुअल इरेक्शन भी देता है। समीर अपने लंड को हल्का सा लुब्रिकेटे करता है तो देखता है कि 5 से 8 सेकंड मैं उसका लन्ड फिर से ड्राई हो जाता है।
समीर हल्की सी मुस्कान के साथ चनाचल कि दोनों टांगों के बीच जाकर अपने लन्ड को चँचल की चूत पर रगड़ने लगता है। ड्रग के कारण चँचल की चूत बार बार पानी छोड़ रही थी। और समीर के लैंड को गीला कर रही थी। समीर भी देख रहा था कि उसका लन्ड गीला होने के बाद फिर से धीरे धीरे सुख रहा है। समीर चँचल की गर्दन ऊपर उठा कर उसकी आँखों मे आंखें डाल कर देखता है। चँचल की आंखें इस वक़्त सुर्ख लाल थी। ऐसा लग रहा था जैसे चँचल आने वाले लम्हों के लिए पूरी तरह से तैयार थी। समीर ने अपने लन्ड के सुपडे को चँचल की पानी छोड़ती चूत के मुंह पर लगा दिया। चँचल की कमर समीर के लन्ड के स्पर्श मात्र से हवा में उठ गई।
समीर: एक औरत होकर तुम ऐसी बात.... खेर जाने दो । मैं इसे ऐसा उइ बनाऊंगा। लेकिन तुम्हे मेरी मदद करनी होगी इसे कल तीन घंटों के लिए मेरे पास ले आना।
चंचल : लेकिन मैं कैसे?
समीर: ( चंचल की बात काटते हुए) वो सब तुम जानो। मैं तीन घंटों में इसे ऐसी बना दूंगा की 24 घंटे लुंड मांगेगी। और हां 2 घंटे बाद तुम तैयार रहना। क्योंकि अगले 2 घंटे बाद जो तुमसे मिलेगा वो समीर नहीं बल्कि तुम्हारा मालिक होगा।
समीर अपनी बात खत्म करके वहां से चल देता है।
अब आगे....
समीर अपने फार्महाउस पर पहुंच कर एक कॉल करता है।
समीर: हेलो , हाँ मैं बोल रहा हूँ। मुझे 1 घंटे में सारा सामान चाहिए। मैंने तुझे मेल किया है। और हाँ इस बात की भनक किसी को भी ना लगे। किसीको भी मतलब किसी को भी नहीं।
समीर कॉल काट देता है। और उस फ़ोन की सिम तोड़ कर एसिड से जला देता है।
वहीं दूसरी और चंचल परेशान हो रही थी। उसे समझ नही आ रहा था कि आखिर समीर क्या करेगा। लेकिन मन ही मन वो आने वाले लम्हों के लिए तैयार थी। सबसे बड़ी बात सुबह से चंचल की चूत से पानी टपक रहा था। ऐसा होना लाजमी भी था। आखिर कर सेक्स ड्रग का असर तो होना ही था।
करीब दो घंटों में चंचल का आफिस पूरी तरह से खाली हो जाता है।
करीब पंद्रह मिनट बाद चंचल के पास एक कॉल आता है।
चंचल: हेलो.... हाँ समीर....
समीर: हरामजादी, रंडी मुझे नाम से बुलाने की हिम्मत कैसे की तूने। मालिक बोल.... (चिल्ला कर)
चंचल: जी मालिक माफ कर दीजिए।
समीर: मैं आ रहा हूँ
चंचल: जी आजाइये।
फ़ोन कट.....
करीब 30 मिनट बाद समीर चंचल के आफिस में जाता है।
समीर: हेलो ब्यूटीफुल.... कैसी हो? अपने मालिक की याद आयी..
चंचल: (मुस्कुराते हुए) जी मालिक बहुत याद आयी। आपने बताया नही आप को जो मैंने कहा था कब और कैसे करेंगे?
समीर: वो सब तुझे जानने की ज़रूरत नहीं उसका में हमेशा के लिए इंतेजाम कर दूंगा। लेकिन फिलहाल तो तेरे साथ मजे करने है।
चंचल: क्या मतलब?
समीर: तेरे पति का केबिन कहाँ है ?
चंचल: जी उस तरफ..
समीर: तो फिर चलो... मुझे तुम्हारे पति का आफिस देखना है।
चंचल: हम्म तो ये लीजिये ये है मेरे हस्बैंड का केबिन।
समीर अपनी पॉकेट से कुछ निकाल कर चंचल को बोलता है) इसकी महक देखो कैसी है?
चंचल : क्या मतलब?
समीर उस चीज को चंचल की नाक के पास करके उसे सांस लेने को बोलता है। चंचल भी डरते हुए उसे हल्के से सूंघ ने लगती है। चंचल को उसकी खुशबू हल्की अजीब से सेंट जैसी लगती है लेकिन अच्छी लगती है।
समीर चंचल के चेहरे को देखते हुए उसे कमर से उठा कर सुरेश की टेबल पर बिठा डेता है। चंचल कुछ समझपाती उस से पहले अचानक से चंचल के निप्पल हार्ड होने लगते है। उसके दिल में अजीब सी बैचैनी उठने लगती है। समीर अपने हाथों को हल्के से जैसे गुदगुदा रहा हो , इस तरह से चंचल के पूरे शरीर पर घुमाने लगता है। चंचल अपनी आंखें बंद करके उस लम्हे को एन्जॉय कर रही थी। उसका दिमाग सोचने समझने की शक्ति उस क्षण के लिए पूरी तरह से कहो चुका था। समीर उसी वक़्त चंचल के पैरों को हवा में उठा कर चंचल की पेंटी निकालने लगता है। चंचल का इस पर बिल्कुल भी विरोध नहीं था। वो तो बस खामोशी स्व आंखें बंद किये जो हो रहा था उसे होने दे रही थी। समीर होले होले बड़े ही प्यार से चंचल की पेंटी निकाल देता है।
चंचल की पेंटी जैसे ही उसके पैरों से बाहर निकलती है समीर चंचल को धक्का दे कर उसी टेबल पर लिटा देता है और चंचल की दोनों टांगों को अपने कंधों पर रख कर चंचल की टांगों के बीच चला जाता है।
समीर: वाह ! बेहद खूब सूरत नज़ारा है। ऊपर वाले ने जन्नत की सारी खूबसूरती शायद यही डाल दी। हल्के हल्के रोएं से ढकी रेशम की चादर जैसे चूत की फांकें। आपस मे जुड़ी हुई जैसे जन्मों से मिली हो। समीर मुस्कुराता हुआ एक किश चंचल की चूत पर करता है।
समीर के चूमते ही चंचल की चूत से हल्का सा पानी छलक आया। समीर ने जो चंचल को सुंघाया था वो एक ड्रग था aphrodisiac . चंचल ना चाहते हुए भी गर्म हुए जा रही थी। अचानक से समीर चंचल की चूत पर टूट पड़ता है। उसे बुरी तरह से चाटने लगता है।
लेकिन अपने हाथ चंचल की चूत को स्पर्श तक नही करता। सिर्फ अपनी जुबान को चंचल की चूत के जायके से जान पहचान करवा रहा था।
चंचल की आहें ,सिसकारियां और चरमोत्सर्ग का सबूत इस समय चंचल की गहरी मगर अटकती हुई सांसें दे रही थी। तकरीबन दस मिनट तक चंचल की चूत चुसाई के साथ जोबन मर्दन चलता रहा इस दौरान चंचल ने बहुत पानी बहाया। ज्यादा पानी बहने के कारण से चंचल की जांघें कांप रही थी।
समीर के चंचल की टांगों के बीच से हट जाने के बाद भी चंचल की कमर हवा में ऊपर की तरफ उछल थी और टांगे खुद ब खुद खुल रही थी। चंचल अभी तक अपने आनन्द से उभरी भी नही थी कि समीर अपने कपड़े निकाल देता है।
चंचल की आंखें अभी भी बंद थी। समीर चुपचाप चंचल के3 सर की तरफ चल जाता है जहां चंचल का सर सुरेश की टेबल से नीचे की और झुका हुआ था। और चंचल अभी भी पीठ के बल ही लेटी हुई थी। समीर बिना देर किए अपने लन्ड को सीधा चँचल के मुह में घुसा देता है।
चँचल इसके लिए तैयार नहीं थी। समीर का लंड चँचल के हलक तक जा रहा था जो कि साफ नजर आ रहा था। चँचल अचानक हुए इस हमले से बोखला कर आंखें खोलते है तो उसे सिर्फ समीर के आंड और गांड ही नज़र आती है। चँचल के हाथ पैरों में इतनी जान भी नहीं थी कि वो समीर को रोक सके। चँचल की आंखों से आंसू निकल आये थे। चँचल इस समय उस दौर से गुजर रही थी जहां नीचे तो आग लगी थी और ऊपर लंड पड़ रहा था।
समीर बीच बीच में लन्ड बाहर निकाल कर चँचल को सांस लेने तक का मौका दे रहा था । करीब दस मिनट की इस हार्डकोर डीप थ्रोट के बाद समीर गहरे धक्के लगाते हुए चँचल के हलक में अपने माल की बरसात करने लगता है। चँचल को इस वक़्त ऐसा लग रहा था जैसे कोई सीधा उसके पेट मे कुछ डाल रहा हो। समीर का माल चँचल के हलक से होते हुए सीधे उसके पेट मे जा रहा था।
समीर अपना माल खाली करके एक क्रीम निकालता है और उसे अपने लंड पर मलने लगता है। देखते ही देखते समीर का लन्ड एक बार फिर से खड़ा हो जाता है। लेकिन इस बार उसका लन्ड अजीब सा लग रहा था। दरअसल ये भी एक ड्रग ही था। ये लन्ड को ड्राई करने के साथ साथ सेक्सुअल इरेक्शन भी देता है। समीर अपने लंड को हल्का सा लुब्रिकेटे करता है तो देखता है कि 5 से 8 सेकंड मैं उसका लन्ड फिर से ड्राई हो जाता है।
समीर हल्की सी मुस्कान के साथ चनाचल कि दोनों टांगों के बीच जाकर अपने लन्ड को चँचल की चूत पर रगड़ने लगता है। ड्रग के कारण चँचल की चूत बार बार पानी छोड़ रही थी। और समीर के लैंड को गीला कर रही थी। समीर भी देख रहा था कि उसका लन्ड गीला होने के बाद फिर से धीरे धीरे सुख रहा है। समीर चँचल की गर्दन ऊपर उठा कर उसकी आँखों मे आंखें डाल कर देखता है। चँचल की आंखें इस वक़्त सुर्ख लाल थी। ऐसा लग रहा था जैसे चँचल आने वाले लम्हों के लिए पूरी तरह से तैयार थी। समीर ने अपने लन्ड के सुपडे को चँचल की पानी छोड़ती चूत के मुंह पर लगा दिया। चँचल की कमर समीर के लन्ड के स्पर्श मात्र से हवा में उठ गई।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html
[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html
Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
https://xossipy.com/thread-1515.html
[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html
Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750