08-05-2019, 10:00 PM
अध्याय 7
पूर्वी की नजर से
कभी कभी जीवन का एक फैसला आपके जीवन की दिशा और दशा तय करता है,मेरे जीवन मे भी वो पल आया जब मुझे वो फैसला करना था जिससे मेरी आने वाली जिंदगी तय होती…
वो फैसला था गौरव से शादी करने का फैसला,
मैं एक बेहद अमीर और रसूखदार परिवार की इकलौती नकचढ़ी बेटी हु,पिता के बेहिसाब संपत्ति की इकलौती वारिस और पिता की परी,उनके आंखों का तारा और जो भी कहना चाहो,
जीवन मे कभी किसी चीज को कोई कमी नही रही, भगवान ने हुस्न दौलत और जिस्म सब भर भर कर दिया था,और वहीं गौरव थे जो एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते थे,दिखने में कोई ख़ास सुंदर नही थे ,और मुझे लगभग10 साल उम्र में बड़े भी थे,मैं उनके प्यार में कैसे पड़ी ये कह पाना मुश्किल था,पिता की सारी दौलत शोहरत, आजादी ,हुस्न और पैसे का घमंड ,सब जैसे धरा का धरा रह गया,एक पल नही लगा इन्हें छोड़ने में ,ये सब कैसे और क्यो हुआ समझना थोड़ा मुश्किल है,
बचपन से हम तीन दोस्त हमेशा साथ रहते थे,या ये कहु की मेरा एक सबसे दोस्त और मेरी सबसे बड़ी दुश्मन हमेशा मेरे साथ रहते थे,
सपना, रोहन और मैं हमारी जोड़ी की मिसाल सारी दुनिया देती थी,सपना और मैं खानदानी दुश्मन है, हमारे दादा, हमारे पिता और फिर हम दोनों,हमेशा से गला काट प्रतियोगिता में लगे रहे,हमारा बिजनेस एक था प्रोपर्टी एक ही जगह थी,और बचपन से साथ ही पढ़े, अजीब सी दुश्मनी थी हमारे परिवार के बीच, साथ साथ रहते थे,लेकिन एक दूसरे को हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश में लगे रहते,
वही एक तीसरा परिवार था रोहन का परिवार वो हम दोनों परिवार के बीच मध्यस्थता का काम करता, दोनों ही उनके बेहद ही अच्छे दोस्त थे,वही एक कारण थे जिसके वजह से हमारा परिवार साथ रहता था,
पारिवारिक रिश्तों का असर हमपर भी पड़ा, चीजे सामान्य ही थी जब तक कि जवानी नहीं आयी,
मेरे पहले भी कुछ बॉयफ्रेंड रहे लेकिन बस बोलने को,पहली बार प्यार का अहसास रोहन के साथ ही हुआ,वो दिन मैं कभी नही भूल सकती जब हम रोहन के बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे थे ,उसने अपने फॉर्महाउस में पार्टी रखी थी,शराब की नदियां बह रही थी और सभी दोस्त नशे में झूम रहे थे,रोहन बहुत खुश था और साथ मे मैं भी,
आखिर मैं बुरी तरह से थक गई और रोहन का हाथ पकड़ उसे एक कमरे में ले आयी,वो काउच पर बैठा हुआ था और मैं उसकी गोद मे बैठ गई ,उसने मुझे जकड़ रखा था,
“आई एम सो हैप्पी बेबी ,अब हम कॉलेज जाएंगे”
मैंने चहकते हुए अपना चहरा रोहन के चहरे से टिका दिया,हमारी नाक आपस मे मिल रही थी,ये कोई पहली बार नही था जब हम इतने पास थे,हम बचपन कर दोस्त थे और एक दूसरे पर प्यार लुटाने में कभी कोई कमी नही की,आज भी उसके लिए बहुत प्यार आ रहा था,हमारी नाक आपस मे मिली थी और हम मुस्कुराते हुए एक दूसरे की आंखों में झांक रहे थे,
“आई लव यू बेबी”
रोहन ने बड़े ही प्यार से कहा,मैंने उसका चेहरा पकड़ कर जोरो से उसके गालों को चूम लिया, और थोड़ा चूस भी लिया जिससे उसके गाल पर मेरे लार की हल्की परत बन गई थी,
“आई लव यू टू माय स्वीट बेबी यू आर माय बेस्ट बेस्ट फ्रेंड एंड आई लव यू टू मच,”मैंने फिर से उसके गालों में चिपचिपा किस किया और मुस्कुराते हुए उसकी आँखों मे देखने लगी,
,मैं मुस्कुरा रही थी लेकिन रोहन के होठो से मुस्कान गायब हो गई ,
“क्या हुआ “उसके चेहरे की संजीदगी से मैं थोड़ा घबरा गई थी,
उसने अपने हाथों से मेरे चेहरे को पकड़कर मुझे अपने और करीब खिंचा और मेरे नाजुक होठो में अपने होठो को रख दिया,उसके होठ बहुत ही आराम से मेरे होठो को चूम रहे थे,ऐसे तो मुझे पहले भी 2 लड़को ने किस किया था लेकिन रोहन की बात अलग थी ,वो मेरा दोस्त था,मैं उसकी फिक्र करती थी…..
“रोहन तुम ठीक तो हो ना..”
उसके आंखों में आंसू थे और मेरे आंखों में भी आंसू आ गए ..
“आई लव यु पूर्वी ..”
‘आई लव यु टू रोहन ..”
“दोस्त वाला लव नही …”
उसने आखिर कह ही दिया …
मुझे समझ ही नही आ रहा था की मैं उसे क्या जवाब दु ,बचपन से लेकर आजतक मैने कभी इसे इस निगाह से नही देखा था,मैं उसकी बातों को समझ रही थी लेकिन उसका जवाब देना मेरे लिए बेहद ही मुश्किल था,मैं उसे चाहती थी प्यार भी करती थी लेकिन वो जो प्यार की बात कर रहा था वो बॉयफ्रेंड गर्लफ्रैंड वाला प्यार था,दोस्त वाला नही ..
मैं बस उसे एकटक देखती रही ..
“मैं तुम्हे अपनी गर्लफ्रैंड बनाना चाहता हु ..”
वो फिर से मेरे होठो को चूमने लगा,मुझे लगा जैसे मैं बस एक लाश हु ,मेरी आत्मा कही खो गई थी ,मैं एक बेपरवाह सी नकचढ़ी सी लड़की थी लेकिन फिर भी मेरे जीवन में जो प्यार की एक आभा थी वो रोहन से ही तो थी,वही तो था जिसने पूरी जिंदगी मेरा ध्यान रखा था,दिन भर उसके साथ ही रहती ,कॉलेज के समय में उसकी कुछ गर्लफ्रैंड बनी ,मेरे बॉयफ्रेंड बने लेकिन उसने ज्यादा समय हम एक दूसरे के साथ बिताते,एक दूसरे से कोई बात आज तक कभी नही छुपाई थी ,पता नही रोहन ने मुझसे ये बात क्यो छिपाई और आज शराब के नशे में एक इमोशनल मूवमेंट में ये बात उसके होठो से निकल गई ,वो मेरे होठो को चूम रहा था,पागलों की तरह लेकिन मेरे होठो में कोई भी हरकत नही हो पाई मैं बस सोच में ही डूबी थी जिसका अहसास उसे हो गया ...ओर वो मुझसे अलग हुआ ..
“पूर्वी तुम्हे दुख हुआ हो तो मुझे माफ कर देना लेकिन ,मैं और नही छिपा सकता की मैं तुम्हारे बारे में क्या सोचता हु “
मैंने एक बार ध्यान से रोहन को देखा उसकी आंखों में वो सच्चाई दिखी जो मैं किसी लड़के की आंखों में खोजती थी,वो प्यार से भरी हुई आंखे,मेरे लिए मानना भी कठिन था की रोहन जैसा लड़का कभी प्यार में पड़ जाएगा वो भी मेरे …
अपनी सबसे अच्छी दोस्त के ..
रोहन पैसे वाला था और दिखाने में बहुत ही हेंडसम,किसी एथलीट सी जैसा शरीर था हमारी उम्र के हिसाब से वो बहुत मजबूत था,कॉलेज के समय में ही कई लड़कियों ने उसे प्रपोज किया था,जैसे हमे लड़के करते थे,हम तीनो ही कॉलेज के सबसे फेमस विद्यार्थी हुआ करते,हर लड़के को पूर्वी या सपना चाहिए थी तो हर लड़की रोहन की दीवानी थी,आज उसी रोहन ने मुझे प्रपोज किया था...क्या मुझे हा कहना चाहिए,वो किसी भी तरह से कम तो नही था,और इस बात से मेरे पापा भी बेहद खुश हो जाते क्योंकि वो हमेशा से चाहते थे की रोहन ही मेरा बॉयफ्रेंड हो और बाद में मेरा पति …
मैंने उसके सवाल का कोई जवाब नही दिया लेकिन उसके सर को पकड़ कर अब अपनी ओर खिंच लिया ,अब मैं थी जिसने उसके होठो में अपने होठो को रख दिया था,हम दोनों ही धीरे धीरे एक दूसरे के होठो को चूस रहे थे,रोहन का हाथ अब मेरे सर से हटकर पूरे जिस्म में घूम रहा था,मेरे टाइट शार्ट स्कर्ट के नीचे उसका हाथ मेरी जांघो को भी सहलाने लगा था,मेरा शरीर अब उसकी हर हरकत की प्रतिक्रिया दे रहा था,जिस्म में झुरझुरी सी दौड़ाने लगी थी,मैं अब भी उसके गोद में बैठी थी और मेरे कमर के नीचे मुलायम नितंबो में उसके लिंग का स्पर्श का आभास मुझे हो रहा था,जैसे किसी कच्चे केले के ऊपर बैठ गई हु,मैं इसका आभास पाते ही हंसने लगी …
“क्या हुआ “
उसने आश्चर्य से देखा
“कुत्ता है साले तू ,मेरे नीचे क्या चुभो रहा है ..”उसके भी होठो में कुटिल सी मुस्कान आ गई
“तुझे नही पता क्या मेरी कुतिया ..”
मैंने उसके गालों पर हल्की सी चपत लगा दी..
“ये तेरा ढंग है प्रपोज करने का ..”
“हाँ बता इस कुत्ते की कुतिया बनेगी “
उसने इस ढंग से कहा की मैं खिलखिलाकर हंस पड़ी
“सच में कुत्ता है तू ,”मैंने थोड़ी देर उसकी आंखों में देखा और फिर से बोल उठी ..
“और मैं तेरी कुतिया हु ..”वो मुस्कुराने लगा,और मैंने फिर से उसके होठो को अपने होठो में भर लिया ..
हम दोनों एक दूसरे के होठो में डूबे हुए थे जब दरवाजा खुला ,हम दोनों ने जब चौक कर देखा तो सामने सपना खड़ी थी ,आंखों में अंगारे लिए ,सच कहु तो मुझे इससे बड़ा ही सुकून मिला था..
“रोहन ने मुझे प्रपोज किया और ….और मैंने एक्सेप्ट कर लिया..”
मैंने सपना को जलाने के लिए कहा,रोहन की गर्लफ्रैंड कोई भी बने सपना को कोई फर्क नही पड़ता था लेकिन मैं जानती थी की वो मुझे उसके नजदीक देखकर जल जाएगी ..
“सपना मैं तुम्हे बताने ही वाला था .”
रोहन बोल रही रहा था की सपना गुस्से में जोर से दरवाजा बंद करते हुए वंहा से निकल गई ,मैं तो हँस ही पड़ी लेकिन रोहन ने मुझे थोड़ी नाराजगी से देखा ..
वो उसके पीछे जाने लगा
“तुम्हारे लिए वो इम्पार्टेंट है या मैं ..”
मैं चिल्लाई
“पूर्वी प्लीज् यार मेरे लिए तुम दोनों ही इम्पार्टेंट हो ,हम तीनो बचपन के दोस्त है फिर भी तुम दोनों हमेशा लड़ते रहते हो “
“हम तीनो नही तुम दोनों और हम दोनों ,सपना और मैं तो हमेशा से दुश्मन ही है ..”
“हा जानता हु लेकिन तुम दोनों के बीच पिसता तो मैं ही हु ना ,तुम खुश करो वो नाराज ,उसे खुश करो तो वो ..”रोहन झल्ला गया था और मैं उसकी इस कंडीसन पर हंसने लगी क्योंकि मुझे पता था की ये बेचारे के साथ हमेशा ही होता था..
“हा सब जानती हु जाओ जाओ अपनी सपना को मनाओ,”मैंने मुस्कुराते हुए कहा ,और वो तेजी से कमरे से निकल गया ..
मैं जानती थी की रोहन अब सपना को कितना भी मना ले लेकिन अब सपना रोहन की सिर्फ दोस्त रहेगी लेकिन मैं ..मैं रोहन की दोस्त के अलावा भी कुछ हु …
मेरे होठो में फिर से एक मुस्कान तैर गई ………..
पूर्वी की नजर से
कभी कभी जीवन का एक फैसला आपके जीवन की दिशा और दशा तय करता है,मेरे जीवन मे भी वो पल आया जब मुझे वो फैसला करना था जिससे मेरी आने वाली जिंदगी तय होती…
वो फैसला था गौरव से शादी करने का फैसला,
मैं एक बेहद अमीर और रसूखदार परिवार की इकलौती नकचढ़ी बेटी हु,पिता के बेहिसाब संपत्ति की इकलौती वारिस और पिता की परी,उनके आंखों का तारा और जो भी कहना चाहो,
जीवन मे कभी किसी चीज को कोई कमी नही रही, भगवान ने हुस्न दौलत और जिस्म सब भर भर कर दिया था,और वहीं गौरव थे जो एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते थे,दिखने में कोई ख़ास सुंदर नही थे ,और मुझे लगभग10 साल उम्र में बड़े भी थे,मैं उनके प्यार में कैसे पड़ी ये कह पाना मुश्किल था,पिता की सारी दौलत शोहरत, आजादी ,हुस्न और पैसे का घमंड ,सब जैसे धरा का धरा रह गया,एक पल नही लगा इन्हें छोड़ने में ,ये सब कैसे और क्यो हुआ समझना थोड़ा मुश्किल है,
बचपन से हम तीन दोस्त हमेशा साथ रहते थे,या ये कहु की मेरा एक सबसे दोस्त और मेरी सबसे बड़ी दुश्मन हमेशा मेरे साथ रहते थे,
सपना, रोहन और मैं हमारी जोड़ी की मिसाल सारी दुनिया देती थी,सपना और मैं खानदानी दुश्मन है, हमारे दादा, हमारे पिता और फिर हम दोनों,हमेशा से गला काट प्रतियोगिता में लगे रहे,हमारा बिजनेस एक था प्रोपर्टी एक ही जगह थी,और बचपन से साथ ही पढ़े, अजीब सी दुश्मनी थी हमारे परिवार के बीच, साथ साथ रहते थे,लेकिन एक दूसरे को हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश में लगे रहते,
वही एक तीसरा परिवार था रोहन का परिवार वो हम दोनों परिवार के बीच मध्यस्थता का काम करता, दोनों ही उनके बेहद ही अच्छे दोस्त थे,वही एक कारण थे जिसके वजह से हमारा परिवार साथ रहता था,
पारिवारिक रिश्तों का असर हमपर भी पड़ा, चीजे सामान्य ही थी जब तक कि जवानी नहीं आयी,
मेरे पहले भी कुछ बॉयफ्रेंड रहे लेकिन बस बोलने को,पहली बार प्यार का अहसास रोहन के साथ ही हुआ,वो दिन मैं कभी नही भूल सकती जब हम रोहन के बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे थे ,उसने अपने फॉर्महाउस में पार्टी रखी थी,शराब की नदियां बह रही थी और सभी दोस्त नशे में झूम रहे थे,रोहन बहुत खुश था और साथ मे मैं भी,
आखिर मैं बुरी तरह से थक गई और रोहन का हाथ पकड़ उसे एक कमरे में ले आयी,वो काउच पर बैठा हुआ था और मैं उसकी गोद मे बैठ गई ,उसने मुझे जकड़ रखा था,
“आई एम सो हैप्पी बेबी ,अब हम कॉलेज जाएंगे”
मैंने चहकते हुए अपना चहरा रोहन के चहरे से टिका दिया,हमारी नाक आपस मे मिल रही थी,ये कोई पहली बार नही था जब हम इतने पास थे,हम बचपन कर दोस्त थे और एक दूसरे पर प्यार लुटाने में कभी कोई कमी नही की,आज भी उसके लिए बहुत प्यार आ रहा था,हमारी नाक आपस मे मिली थी और हम मुस्कुराते हुए एक दूसरे की आंखों में झांक रहे थे,
“आई लव यू बेबी”
रोहन ने बड़े ही प्यार से कहा,मैंने उसका चेहरा पकड़ कर जोरो से उसके गालों को चूम लिया, और थोड़ा चूस भी लिया जिससे उसके गाल पर मेरे लार की हल्की परत बन गई थी,
“आई लव यू टू माय स्वीट बेबी यू आर माय बेस्ट बेस्ट फ्रेंड एंड आई लव यू टू मच,”मैंने फिर से उसके गालों में चिपचिपा किस किया और मुस्कुराते हुए उसकी आँखों मे देखने लगी,
,मैं मुस्कुरा रही थी लेकिन रोहन के होठो से मुस्कान गायब हो गई ,
“क्या हुआ “उसके चेहरे की संजीदगी से मैं थोड़ा घबरा गई थी,
उसने अपने हाथों से मेरे चेहरे को पकड़कर मुझे अपने और करीब खिंचा और मेरे नाजुक होठो में अपने होठो को रख दिया,उसके होठ बहुत ही आराम से मेरे होठो को चूम रहे थे,ऐसे तो मुझे पहले भी 2 लड़को ने किस किया था लेकिन रोहन की बात अलग थी ,वो मेरा दोस्त था,मैं उसकी फिक्र करती थी…..
“रोहन तुम ठीक तो हो ना..”
उसके आंखों में आंसू थे और मेरे आंखों में भी आंसू आ गए ..
“आई लव यु पूर्वी ..”
‘आई लव यु टू रोहन ..”
“दोस्त वाला लव नही …”
उसने आखिर कह ही दिया …
मुझे समझ ही नही आ रहा था की मैं उसे क्या जवाब दु ,बचपन से लेकर आजतक मैने कभी इसे इस निगाह से नही देखा था,मैं उसकी बातों को समझ रही थी लेकिन उसका जवाब देना मेरे लिए बेहद ही मुश्किल था,मैं उसे चाहती थी प्यार भी करती थी लेकिन वो जो प्यार की बात कर रहा था वो बॉयफ्रेंड गर्लफ्रैंड वाला प्यार था,दोस्त वाला नही ..
मैं बस उसे एकटक देखती रही ..
“मैं तुम्हे अपनी गर्लफ्रैंड बनाना चाहता हु ..”
वो फिर से मेरे होठो को चूमने लगा,मुझे लगा जैसे मैं बस एक लाश हु ,मेरी आत्मा कही खो गई थी ,मैं एक बेपरवाह सी नकचढ़ी सी लड़की थी लेकिन फिर भी मेरे जीवन में जो प्यार की एक आभा थी वो रोहन से ही तो थी,वही तो था जिसने पूरी जिंदगी मेरा ध्यान रखा था,दिन भर उसके साथ ही रहती ,कॉलेज के समय में उसकी कुछ गर्लफ्रैंड बनी ,मेरे बॉयफ्रेंड बने लेकिन उसने ज्यादा समय हम एक दूसरे के साथ बिताते,एक दूसरे से कोई बात आज तक कभी नही छुपाई थी ,पता नही रोहन ने मुझसे ये बात क्यो छिपाई और आज शराब के नशे में एक इमोशनल मूवमेंट में ये बात उसके होठो से निकल गई ,वो मेरे होठो को चूम रहा था,पागलों की तरह लेकिन मेरे होठो में कोई भी हरकत नही हो पाई मैं बस सोच में ही डूबी थी जिसका अहसास उसे हो गया ...ओर वो मुझसे अलग हुआ ..
“पूर्वी तुम्हे दुख हुआ हो तो मुझे माफ कर देना लेकिन ,मैं और नही छिपा सकता की मैं तुम्हारे बारे में क्या सोचता हु “
मैंने एक बार ध्यान से रोहन को देखा उसकी आंखों में वो सच्चाई दिखी जो मैं किसी लड़के की आंखों में खोजती थी,वो प्यार से भरी हुई आंखे,मेरे लिए मानना भी कठिन था की रोहन जैसा लड़का कभी प्यार में पड़ जाएगा वो भी मेरे …
अपनी सबसे अच्छी दोस्त के ..
रोहन पैसे वाला था और दिखाने में बहुत ही हेंडसम,किसी एथलीट सी जैसा शरीर था हमारी उम्र के हिसाब से वो बहुत मजबूत था,कॉलेज के समय में ही कई लड़कियों ने उसे प्रपोज किया था,जैसे हमे लड़के करते थे,हम तीनो ही कॉलेज के सबसे फेमस विद्यार्थी हुआ करते,हर लड़के को पूर्वी या सपना चाहिए थी तो हर लड़की रोहन की दीवानी थी,आज उसी रोहन ने मुझे प्रपोज किया था...क्या मुझे हा कहना चाहिए,वो किसी भी तरह से कम तो नही था,और इस बात से मेरे पापा भी बेहद खुश हो जाते क्योंकि वो हमेशा से चाहते थे की रोहन ही मेरा बॉयफ्रेंड हो और बाद में मेरा पति …
मैंने उसके सवाल का कोई जवाब नही दिया लेकिन उसके सर को पकड़ कर अब अपनी ओर खिंच लिया ,अब मैं थी जिसने उसके होठो में अपने होठो को रख दिया था,हम दोनों ही धीरे धीरे एक दूसरे के होठो को चूस रहे थे,रोहन का हाथ अब मेरे सर से हटकर पूरे जिस्म में घूम रहा था,मेरे टाइट शार्ट स्कर्ट के नीचे उसका हाथ मेरी जांघो को भी सहलाने लगा था,मेरा शरीर अब उसकी हर हरकत की प्रतिक्रिया दे रहा था,जिस्म में झुरझुरी सी दौड़ाने लगी थी,मैं अब भी उसके गोद में बैठी थी और मेरे कमर के नीचे मुलायम नितंबो में उसके लिंग का स्पर्श का आभास मुझे हो रहा था,जैसे किसी कच्चे केले के ऊपर बैठ गई हु,मैं इसका आभास पाते ही हंसने लगी …
“क्या हुआ “
उसने आश्चर्य से देखा
“कुत्ता है साले तू ,मेरे नीचे क्या चुभो रहा है ..”उसके भी होठो में कुटिल सी मुस्कान आ गई
“तुझे नही पता क्या मेरी कुतिया ..”
मैंने उसके गालों पर हल्की सी चपत लगा दी..
“ये तेरा ढंग है प्रपोज करने का ..”
“हाँ बता इस कुत्ते की कुतिया बनेगी “
उसने इस ढंग से कहा की मैं खिलखिलाकर हंस पड़ी
“सच में कुत्ता है तू ,”मैंने थोड़ी देर उसकी आंखों में देखा और फिर से बोल उठी ..
“और मैं तेरी कुतिया हु ..”वो मुस्कुराने लगा,और मैंने फिर से उसके होठो को अपने होठो में भर लिया ..
हम दोनों एक दूसरे के होठो में डूबे हुए थे जब दरवाजा खुला ,हम दोनों ने जब चौक कर देखा तो सामने सपना खड़ी थी ,आंखों में अंगारे लिए ,सच कहु तो मुझे इससे बड़ा ही सुकून मिला था..
“रोहन ने मुझे प्रपोज किया और ….और मैंने एक्सेप्ट कर लिया..”
मैंने सपना को जलाने के लिए कहा,रोहन की गर्लफ्रैंड कोई भी बने सपना को कोई फर्क नही पड़ता था लेकिन मैं जानती थी की वो मुझे उसके नजदीक देखकर जल जाएगी ..
“सपना मैं तुम्हे बताने ही वाला था .”
रोहन बोल रही रहा था की सपना गुस्से में जोर से दरवाजा बंद करते हुए वंहा से निकल गई ,मैं तो हँस ही पड़ी लेकिन रोहन ने मुझे थोड़ी नाराजगी से देखा ..
वो उसके पीछे जाने लगा
“तुम्हारे लिए वो इम्पार्टेंट है या मैं ..”
मैं चिल्लाई
“पूर्वी प्लीज् यार मेरे लिए तुम दोनों ही इम्पार्टेंट हो ,हम तीनो बचपन के दोस्त है फिर भी तुम दोनों हमेशा लड़ते रहते हो “
“हम तीनो नही तुम दोनों और हम दोनों ,सपना और मैं तो हमेशा से दुश्मन ही है ..”
“हा जानता हु लेकिन तुम दोनों के बीच पिसता तो मैं ही हु ना ,तुम खुश करो वो नाराज ,उसे खुश करो तो वो ..”रोहन झल्ला गया था और मैं उसकी इस कंडीसन पर हंसने लगी क्योंकि मुझे पता था की ये बेचारे के साथ हमेशा ही होता था..
“हा सब जानती हु जाओ जाओ अपनी सपना को मनाओ,”मैंने मुस्कुराते हुए कहा ,और वो तेजी से कमरे से निकल गया ..
मैं जानती थी की रोहन अब सपना को कितना भी मना ले लेकिन अब सपना रोहन की सिर्फ दोस्त रहेगी लेकिन मैं ..मैं रोहन की दोस्त के अलावा भी कुछ हु …
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