22-12-2018, 06:37 PM
अगले दिन शनिवार था, शाम को प्रियम खुद रीमा चाची के कमरे में चला गया | वो बेड पर दीवाल के सिरहाने तकिया लगाये बैठी थी, कोई टीवी सीरियल देख रही थी | प्रियम को देखकर थोड़ी सतर्क हो गयी, संभल कर बैठ गयी, लेकिन अभी तक पालथी मार के बैठी थी पता नहीं क्यों अब आगे की तरफ पैर फैलाकर बैठ गयी |
प्रियम को बेड पर बैठने का इशारा करते हुए- तुम्हे यहाँ देखकर अच्छा लगा, कैसे हो बेटा |
इससे ज्यादा उसके मुहँ से शब्द नहीं निकले, प्रियम का सेक्सुअल हरकत को देखने के कारन वो काफी शर्मिंदगी अभी भी महसूस कर रही थी |उसे समझ नहीं आ रहा था की प्रियम से अब क्या बात करे, कैसे बात करे | पहले वो एक बच्चे की तरह ही उससे व्यवहार करती थी, लेकिन जब से उसने प्रियम को नूतन की चूची चूसते देखा है, उसका प्रियम को लेकर नजरिया ही बदल गया | अपनी सालो से दबी वासना और हवस की कामनाओं के कारन वो और ज्यादा सतर्क थी| वो किसी भी तरह से अपनी हवस को खुद के नियंत्रण से बाहर नहीं जाने देना चाहती थी|
चाची मै आपके लिए एक गिफ्ट लाया हूँ|-प्रियम मुस्कुराते हुए, चाची को चोदने के ख्याल से ही वो बहुत रोमांचित था | उसे चुदाई के बारे में सब पता था, लेकिन कभी किसी लड़की को चोदा नहीं था, इसलिए थोडा नर्वस भी था |
रीमा-क्या लाये हो प्रियम ?
प्रियम -चाची कॉलेज में कुक फेस्ट था जिसमे मेरी क्लास फर्स्ट आई है, और मै मॉनिटर हूँ इसलिए सबने मुझे पेस्ट्री गिफ्ट की थी | मै आपके लिए लाया हूँ|
रीमा की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा - सो स्वीट बेटा |
![[Image: giphy.gif]](https://media.giphy.com/media/11mJ9oVt3aCWKA/giphy.gif)
उसने प्रियम के हाथ से पेस्ट्री लेकर उसको खोला और खाने लगी, प्रियम को भी खाने को दी | दोनों इधर उधर की बाते करते करते पेस्ट्री खाने लगे | आधे घंटे के अन्दर तीन पेस्ट्री खाने और दो कोल्ड काफी पीने के बाद रीमा बोली-प्रियम तुम यहाँ आये, बहुत अच्छा लगा, बिलकुल पुराने दिनों की तरह, जब हम साथ बैठकर एक ही प्लेट में ब्रेकफास्ट करते थे |
![[Image: giphy.gif]](https://media.giphy.com/media/3IH1QqoIecnQc/giphy.gif)
प्रियम-हाँ चाची बिलकुल पुराने दिनो की तरह, जब आप पास होती है मुझे भी अच्छा लगता है | लेकिन मै आपसे काफी दिनों से कुछ बात करना चाह रहा था लेकिन समझ में नहीं आ रहा, करू कैसे, डर लगता है |
रीमा-अच्छा सच में, ऐसा क्या है जो तुम्हे मुझे बताने में डर लग रहा है |
प्रियम-पता नहीं कैसे आपको एक्सप्लेन करू, लेकिन माँ के न होने की वजह से बहुत सी बाते मेरे लिए एक पहेली की तरह है, जिसकी वजह से मुझे अक्सर प्रॉब्लम होती रहती है |
रीमा संवेदना व्यक्त करते हुए मातृत्व भाव से अपना हाथ प्रियम की जांघ पर रखती हुई-हाँ बेटा, मै समझ सकती |
रीमा निश्चित नहीं थी की उसके साथ वास्तव में क्या हो रहा है, लेकिन उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसने कुछ पैग मारे हुए है और हलके से मादकता वाले नशे में है, लेकिन ये हल्का नशा वैसा नहीं था, ये कुछ अलग था और रीमा इसे पहचान नहीं पा रही थी कौन सी चीज है जिसका उसे हल्का हल्का शुरुर हो गया है |
![[Image: giphy.gif]](https://media.giphy.com/media/XHzeALdCzmXvi/giphy.gif)
उसके सामने से प्रियम का चेहरा धुंधला हो चला, उसके पति का चेहरा नजर आने लगा, फिर पिता का चेहरा, और फिर प्रियम का चेहरा दिखने लगा| ऐसा लगा जैसे अपने अतीत की एक पल में यात्रा करके वापस आ गयी हो |रीमा ने फिर से अपना फोकस प्रियम पर किया जो लगातार उसे घूरे जा रहा था, तभी रीमा को लगा बोलने की बारी उसकी है |
रीमा अपने चेहरे पर दोनों हाथ फिराते हुए-प्रियम बेटा सॉरी, पता नहीं मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है, वैसे उसको छोड़ो तुम बतावो मै तुमारी क्या मदद कर सकती हूँ, जो भी कहना हो कह दो डरने की जरुरत नहीं है, मै तुमारी शिकायत तुमारे डैड से नहीं करूंगी |
प्रियम-चाची मुझे नहीं पता की मुझे आपसे ये सब पूछना चाहिए की नहीं लेकिन मै और किसी से पूछ भी नहीं सकता ये सब | मुझे आदमी औरत के बारे में जानना है, मुझे सेक्स मतलब चुदाई के बारे सब कुछ जानना है, बच्चे कैसे पैदा होते, मुझे इन सबके बारे में कुछ नहीं पता है | थोडा निराशा का भाव जाहिर करते हुए |
रीमा ने गहरी लम्बी साँस ली, प्रियम के सवाल से उसे हल्का झटका लगा, लेकिन उसे शर्मिंदगी महसूस नहीं हुई जिसकी वो अपेक्षा कर रही थी | आखिरकार वो भी तो वही कर रही है जो उसकी माँ अगर यहाँ होती तो करती | उसे ये सब बताने में कोई शर्म या झिझक नहीं थी लेकिन वो किस तरीके से समझाए की प्रियम को सब कुछ समझ में आ जाये | रीमा इसी बारे में सोच रही थी की प्रियम ने अगला सवाल दाग दिया, जिसकी रीमा को बिलकुल उम्मीद नहीं थी |
प्रियम-चाची मै ठीक से डिटेल्स में जानना चाहता हूँ की आदमी और औरत आपस में चुदाई करते कैसे है |
![[Image: giphy.gif]](https://media.giphy.com/media/nCkyVmqcLssXS/giphy.gif)
रीमा को अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ, आखिरकार अपने भतीजे को वो सेक्सुअल इंटरकोर्स (चुदाई) के बारे में डिटेल्स में कैसे समझाएगी|
प्रियम-सच में चाची मै जानना चाहता हूँ एक लड़की और लड़के में क्या अंतर होता है, बड़े होने के बाद क्या क्या चेंज हो जाते है, आपको तो सब पता होगा |
रीमा लम्बी साँस लेकर-देखो प्रियम, आदमी के पास लंड होता है और औरत के पास चूत होती है, जिसमे में एक छेद होता है, आदमी अपना लंड औरत की चूत में घुसेड़ता है फिर बार बार अन्दर बाहर करता है जिससे उसके लंड से एक सफ़ेद गाढ़ा वीर्य निकलता है, अगर औरत का उस समय अंडा गर्भाशय में होता है तो बच्चे पैदा होता है | इसी को सम्भोग कहते है |
प्रियम-फिर चुदाई क्या होती है,वो एक दूसरे के साथ खेलते क्यों है आदमी औरत की चूचियां क्यों चूसता है,कॉलेज में लड़के कुछ ऐसी ही बाते करते रहते है|
रीमा उलझन भरे स्वर में-प्रियम मुझे नहीं पता की ये सब बाते मै मै तुम्हे कैसे समझाऊ|
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प्रियम-चाची मै सिर्फ इतना जानना चाहता हूँ की आदमी औरत को चोदता कैसे है, बस?
रीमा एकदम चौक गयी, उसको अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ, प्रियम उससे इस तरह का सवाल कैसे पूछ सकता है, नहीं पूछ सकता, इस तरह का सवाल नहीं पूछ सकता |
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रीमा को बड़ा अजीब लग रहा था पता नहीं उसके साथ क्या गलत था, प्रियम का चेहरा बार बार उसके सामने से गायब हो जाता फिर आ जाता | उसके स्वेटर के अन्दर पसीना निकलने लगा था, उसके शरीर में हलकी सी उत्तेजना भी थी | आखिरकार वो दाहिने हाथ को स्वेटर को हिलाकर अन्दर लग रही गर्मी कम करने लगी | प्रियम समझ गया चाची पर हशीश का असर होने लगा है, वो उत्तेजित होने लगी है, आखिरकार रीमा ने आंखे बंद कर ली, स्वेटर को हिलाना जारी रखा, अब रीमा के ओठ कुछ बुदबुदा रहे थे लेकिन वो क्या बोल रही थी पता नहीं, शायद खुद से ही कुछ कह रही थी | प्रियम ने देखा की अब रीमा की जीभ भी बाहर आकर सूखे ओठो को गीला करके अन्दर चली जा रही है, कुछ देर बाद फिर बाहर आ रही है और सूखे ओठो को रसीला बना रही है | रीमा मदहोशी की गिरफ्त में धीरे धीरे जा रही थी | प्रियम को लगा यही सही समय है जब उसे कुछ करना चाहिए | उसने अपने अन्दर की सारी हिम्मत बटोरी और कापते हुए दाहिने हाथ को, गोरे से कठोर होते रीमा के स्तन की तरफ बढ़ा दिया |
रीमा को तब तक इस बात का अहसास नहीं हुआ जब तक प्रियम ने अपना हाथ रीमा के बड़े से गोल गोरे स्तन पर रख नहीं दिया | रीमा चौक गयी, उसने आंखे खोल दी और खुद को पीछे की तरफ धकेला | प्रियम ने भी डर के हाथ पीछे खीच लिया |
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रीमा को समझ नहीं आ रहा था कैसे रियेक्ट करे, वो शॉक में लेकिन चुप थी | वो बोले भी तो क्या बोले, भतीजे की इस हरकत पर बस उसे घूरे जा रही थी, सब कुछ इतना अविश्वासनीय था की उसे अब तक समझ ही नहीं आया क्या बोले, कैसे रियेक्ट करे |
प्रियम डरते हुए-चाची गलती हो गयी प्लीज माफ़ कर दो | बस इतना ही कह पाया |
प्रियम को बेड पर बैठने का इशारा करते हुए- तुम्हे यहाँ देखकर अच्छा लगा, कैसे हो बेटा |
इससे ज्यादा उसके मुहँ से शब्द नहीं निकले, प्रियम का सेक्सुअल हरकत को देखने के कारन वो काफी शर्मिंदगी अभी भी महसूस कर रही थी |उसे समझ नहीं आ रहा था की प्रियम से अब क्या बात करे, कैसे बात करे | पहले वो एक बच्चे की तरह ही उससे व्यवहार करती थी, लेकिन जब से उसने प्रियम को नूतन की चूची चूसते देखा है, उसका प्रियम को लेकर नजरिया ही बदल गया | अपनी सालो से दबी वासना और हवस की कामनाओं के कारन वो और ज्यादा सतर्क थी| वो किसी भी तरह से अपनी हवस को खुद के नियंत्रण से बाहर नहीं जाने देना चाहती थी|
चाची मै आपके लिए एक गिफ्ट लाया हूँ|-प्रियम मुस्कुराते हुए, चाची को चोदने के ख्याल से ही वो बहुत रोमांचित था | उसे चुदाई के बारे में सब पता था, लेकिन कभी किसी लड़की को चोदा नहीं था, इसलिए थोडा नर्वस भी था |
रीमा-क्या लाये हो प्रियम ?
प्रियम -चाची कॉलेज में कुक फेस्ट था जिसमे मेरी क्लास फर्स्ट आई है, और मै मॉनिटर हूँ इसलिए सबने मुझे पेस्ट्री गिफ्ट की थी | मै आपके लिए लाया हूँ|
रीमा की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा - सो स्वीट बेटा |
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उसने प्रियम के हाथ से पेस्ट्री लेकर उसको खोला और खाने लगी, प्रियम को भी खाने को दी | दोनों इधर उधर की बाते करते करते पेस्ट्री खाने लगे | आधे घंटे के अन्दर तीन पेस्ट्री खाने और दो कोल्ड काफी पीने के बाद रीमा बोली-प्रियम तुम यहाँ आये, बहुत अच्छा लगा, बिलकुल पुराने दिनों की तरह, जब हम साथ बैठकर एक ही प्लेट में ब्रेकफास्ट करते थे |
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प्रियम-हाँ चाची बिलकुल पुराने दिनो की तरह, जब आप पास होती है मुझे भी अच्छा लगता है | लेकिन मै आपसे काफी दिनों से कुछ बात करना चाह रहा था लेकिन समझ में नहीं आ रहा, करू कैसे, डर लगता है |
रीमा-अच्छा सच में, ऐसा क्या है जो तुम्हे मुझे बताने में डर लग रहा है |
प्रियम-पता नहीं कैसे आपको एक्सप्लेन करू, लेकिन माँ के न होने की वजह से बहुत सी बाते मेरे लिए एक पहेली की तरह है, जिसकी वजह से मुझे अक्सर प्रॉब्लम होती रहती है |
रीमा संवेदना व्यक्त करते हुए मातृत्व भाव से अपना हाथ प्रियम की जांघ पर रखती हुई-हाँ बेटा, मै समझ सकती |
रीमा निश्चित नहीं थी की उसके साथ वास्तव में क्या हो रहा है, लेकिन उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसने कुछ पैग मारे हुए है और हलके से मादकता वाले नशे में है, लेकिन ये हल्का नशा वैसा नहीं था, ये कुछ अलग था और रीमा इसे पहचान नहीं पा रही थी कौन सी चीज है जिसका उसे हल्का हल्का शुरुर हो गया है |
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उसके सामने से प्रियम का चेहरा धुंधला हो चला, उसके पति का चेहरा नजर आने लगा, फिर पिता का चेहरा, और फिर प्रियम का चेहरा दिखने लगा| ऐसा लगा जैसे अपने अतीत की एक पल में यात्रा करके वापस आ गयी हो |रीमा ने फिर से अपना फोकस प्रियम पर किया जो लगातार उसे घूरे जा रहा था, तभी रीमा को लगा बोलने की बारी उसकी है |
रीमा अपने चेहरे पर दोनों हाथ फिराते हुए-प्रियम बेटा सॉरी, पता नहीं मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है, वैसे उसको छोड़ो तुम बतावो मै तुमारी क्या मदद कर सकती हूँ, जो भी कहना हो कह दो डरने की जरुरत नहीं है, मै तुमारी शिकायत तुमारे डैड से नहीं करूंगी |
प्रियम-चाची मुझे नहीं पता की मुझे आपसे ये सब पूछना चाहिए की नहीं लेकिन मै और किसी से पूछ भी नहीं सकता ये सब | मुझे आदमी औरत के बारे में जानना है, मुझे सेक्स मतलब चुदाई के बारे सब कुछ जानना है, बच्चे कैसे पैदा होते, मुझे इन सबके बारे में कुछ नहीं पता है | थोडा निराशा का भाव जाहिर करते हुए |
रीमा ने गहरी लम्बी साँस ली, प्रियम के सवाल से उसे हल्का झटका लगा, लेकिन उसे शर्मिंदगी महसूस नहीं हुई जिसकी वो अपेक्षा कर रही थी | आखिरकार वो भी तो वही कर रही है जो उसकी माँ अगर यहाँ होती तो करती | उसे ये सब बताने में कोई शर्म या झिझक नहीं थी लेकिन वो किस तरीके से समझाए की प्रियम को सब कुछ समझ में आ जाये | रीमा इसी बारे में सोच रही थी की प्रियम ने अगला सवाल दाग दिया, जिसकी रीमा को बिलकुल उम्मीद नहीं थी |
प्रियम-चाची मै ठीक से डिटेल्स में जानना चाहता हूँ की आदमी और औरत आपस में चुदाई करते कैसे है |
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रीमा को अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ, आखिरकार अपने भतीजे को वो सेक्सुअल इंटरकोर्स (चुदाई) के बारे में डिटेल्स में कैसे समझाएगी|
प्रियम-सच में चाची मै जानना चाहता हूँ एक लड़की और लड़के में क्या अंतर होता है, बड़े होने के बाद क्या क्या चेंज हो जाते है, आपको तो सब पता होगा |
रीमा लम्बी साँस लेकर-देखो प्रियम, आदमी के पास लंड होता है और औरत के पास चूत होती है, जिसमे में एक छेद होता है, आदमी अपना लंड औरत की चूत में घुसेड़ता है फिर बार बार अन्दर बाहर करता है जिससे उसके लंड से एक सफ़ेद गाढ़ा वीर्य निकलता है, अगर औरत का उस समय अंडा गर्भाशय में होता है तो बच्चे पैदा होता है | इसी को सम्भोग कहते है |
प्रियम-फिर चुदाई क्या होती है,वो एक दूसरे के साथ खेलते क्यों है आदमी औरत की चूचियां क्यों चूसता है,कॉलेज में लड़के कुछ ऐसी ही बाते करते रहते है|
रीमा उलझन भरे स्वर में-प्रियम मुझे नहीं पता की ये सब बाते मै मै तुम्हे कैसे समझाऊ|
![[Image: giphy.gif]](https://media.giphy.com/media/CMc604oNR1dzG/giphy.gif)
प्रियम-चाची मै सिर्फ इतना जानना चाहता हूँ की आदमी औरत को चोदता कैसे है, बस?
रीमा एकदम चौक गयी, उसको अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ, प्रियम उससे इस तरह का सवाल कैसे पूछ सकता है, नहीं पूछ सकता, इस तरह का सवाल नहीं पूछ सकता |
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रीमा को बड़ा अजीब लग रहा था पता नहीं उसके साथ क्या गलत था, प्रियम का चेहरा बार बार उसके सामने से गायब हो जाता फिर आ जाता | उसके स्वेटर के अन्दर पसीना निकलने लगा था, उसके शरीर में हलकी सी उत्तेजना भी थी | आखिरकार वो दाहिने हाथ को स्वेटर को हिलाकर अन्दर लग रही गर्मी कम करने लगी | प्रियम समझ गया चाची पर हशीश का असर होने लगा है, वो उत्तेजित होने लगी है, आखिरकार रीमा ने आंखे बंद कर ली, स्वेटर को हिलाना जारी रखा, अब रीमा के ओठ कुछ बुदबुदा रहे थे लेकिन वो क्या बोल रही थी पता नहीं, शायद खुद से ही कुछ कह रही थी | प्रियम ने देखा की अब रीमा की जीभ भी बाहर आकर सूखे ओठो को गीला करके अन्दर चली जा रही है, कुछ देर बाद फिर बाहर आ रही है और सूखे ओठो को रसीला बना रही है | रीमा मदहोशी की गिरफ्त में धीरे धीरे जा रही थी | प्रियम को लगा यही सही समय है जब उसे कुछ करना चाहिए | उसने अपने अन्दर की सारी हिम्मत बटोरी और कापते हुए दाहिने हाथ को, गोरे से कठोर होते रीमा के स्तन की तरफ बढ़ा दिया |
रीमा को तब तक इस बात का अहसास नहीं हुआ जब तक प्रियम ने अपना हाथ रीमा के बड़े से गोल गोरे स्तन पर रख नहीं दिया | रीमा चौक गयी, उसने आंखे खोल दी और खुद को पीछे की तरफ धकेला | प्रियम ने भी डर के हाथ पीछे खीच लिया |
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रीमा को समझ नहीं आ रहा था कैसे रियेक्ट करे, वो शॉक में लेकिन चुप थी | वो बोले भी तो क्या बोले, भतीजे की इस हरकत पर बस उसे घूरे जा रही थी, सब कुछ इतना अविश्वासनीय था की उसे अब तक समझ ही नहीं आया क्या बोले, कैसे रियेक्ट करे |
प्रियम डरते हुए-चाची गलती हो गयी प्लीज माफ़ कर दो | बस इतना ही कह पाया |


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