रोहित ने बड़े प्यार से प्रियम से बात करी, और बड़ी सावधानी से उसने हर वो सवाल पूछ लिया जो उसे पूछना चाहिए था | उसे पता था प्रियम झूठ नहीं बोलेगा, प्रियम ने ईमानदारी से जो कुछ भी वो नूतन के साथ कर रहा था सब बता दिया लेकिन उसने एक बात जोर देकर और कसम खाकर कही कि जब चाची कमरे में आई तब नूतन का स्वेटर का स्वेटर बिलकुल ठीक था | रोहित ने अंदाजा लगाया की इसका मतलब ये है की रीमा पहले से ही दरवाजे की ओट से झांक रही थी और बच्चे जो भी कर रहे थे वो सब उसने कुछ देर रूककर देखा होगा |प्रियम जब तीन साल का था तभी उसकी माँ उसे छोड़कर चली गयी थी, तब से लेकर अब तक रोहित ने माँ और बाप बनकर उसको इतना बड़ा किया था | रोहित कई बार रिलेशनशिप में भी रहा लेकिन किसी भी लड़की से इतना लगाव नहीं हुआ की उसको प्रियम की माँ बना ले | बच्चे की खातिर उसने एक दो बार प्रियम की माँ से समझौता करने के कोशिश भी की लेकिन सफलता नहीं मिली | बीबी के छोड़ के जाने के बाद रोहित की बहुत गर्लफ्रेंड रही लेकिन जितना वो आकर्षित वो रीमा की तरफ होता था उतना किसी लड़की की तरफ नहीं होता था | अपने भाई और रीमा के पति की मौत के बाद उसने कई बार अपने दिल की बात रीमा को बताने की सोची लेकिन हर बार पीछे हट गया | अपने स्वर्गीय भाई की विधवा जवान पत्नी से इस तरह की बात करना उसे गलत लगा |
जब भी वो रीमा को देखता एक बार ये ख्याल जरुर आता की वो अपने दिल की बात उसको कह दे | आखिर वो भी अकेला है और रीमा भी अकेली है | जवानी में सेक्स उफान मारता ही है लेकिन रीमा जिस तरह से खुद की पतिव्रता इमेज में खुद को बांधे थी उस वजह से रोहित की कभी हिम्मत ही नहीं हुई ऐसी बात करने की | रीमा सिर्फ रोहित के मरे भाई की बीबी नहीं थी बल्कि उसकी सबसे बड़ी फंतासी थी जिसके लिए रोहित अलग अलग लडकियों को पटाकर अपनी फंतासी न पूरा कर पाने की खीझ मिटाता था | रीमा खूबसूरत थी, भरा पूरा शरीर था हालाँकि मेकअप नहीं लगाती थी फिर भी बच्चे से बूढ़ा जो भी एक बार देख लेता था फिर नजरो से ओझल होने तक उसको ही देखता रहता था | रोहित भी पार्टी में जब ड्रिंक पीकर धुत होता था तब अकसर रीमा की बांहों में सिमट के घर आता था और ऐसा वो जानबूझकर करता था | जब भी वो इसको कार में बैठाती, वो नीद के बहाने अपना सर रीमा के सीने पर रख देता और छोटे बच्चे की तरह सोने का नाटक करने लगता,हालाँकि इतना करीब होने के बावजूद उसकी कभी हिम्मत नहीं हुई की सीने से सर उठाकर उसके चेहरे तक ले जाये और उसके रसीले ओठ चूम ले | साल दर साल इसी तरह गुजरते रहे, दिल की तमन्ना दिल के कोने में ही दबी रह गयी | रीमा भी रोहित का साथ चाहती थी लेकिन रिश्तो की मर्यादा लोकलाज और खुद की बनायीं इमेज में उसकी सारी खवाइश दब गयी | रीमा भी रोहित को उसके घर छोड़कर अपने घर चली जाती थी | कभी खुद की बनायीं लक्ष्मण रेखा लांघी ही नहीं |
रोहित को आज की घटना के बाद लगा, रीमा ने नूतन प्रियम के बारे में उसे बढ़ा चढ़ा कर बताया है, इतने साल अकेले रहने के कारण क्या वो सेक्सुअली अवसाद में तो नहीं चली गयी | उसने कई सालो से सेक्स नहीं किया है और उसका कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं है | इसलिए सेक्सुअल चीजो को लेकर कुंठित हो गयी है | बच्चो के कमरे में घुसने से पहले काफी देर तक झांक कर उनकी फन एक्टिविटी को सेक्स बता रही है | लगता है रीमा को सेक्स की तलब है, उसको चुदाई चाहिए | लेकिन अगले पल ही उसके दिमाग में सवाल आया ये मै कैसे कर सकता हूँ?
अगले दिन राजू और प्रियम जब कॉलेज जा रहे थे तो रास्ते में राजू ने पूछ लिया - प्रियम तेरे पापा ने क्या कहा, पिटाई तो नहीं की |
प्रियम-किस बात को लेकर?
राजू ने इशारे से समझाने की कोशिश की | प्रियम-नहीं यार मेरे डैड बहुत अच्छे है, उन्होंने ने बस इतना कहा की मै अभी इन सब चीजो के लिए बहुत छोटा हूँ और अभी कुछ साल उसे ये सब नहीं करना चाहिए |
राजू चहकते हुए-अबे बस इतना ही, साले मुझे तो लगा था की तेरी हड्डी पसली तोड़ देंगे|
प्रियम-नहीं यार ऐसा कुछ नहीं हुआ, मेरे डैड बहुत कूल है| लेकिन मेरी एक बात समझ नहीं आई वो ये क्यों पूछ रहे थे की चाची सीधे कमरे में आ गयी या छुप छुप के दरवाजे की ओट से हमें देख रही थी |
राजू-मतलब?
प्रियम-अरे यार मतलब क्या वो हमें पहले से देख रही थी? कही हमें देखकर वो.....इतना कहकर उसने दाई आंख मार दी|
राजू-साले तेरी चाची है कुछ तो लिहाज रख |
प्रियम- फिर हमें छुप छुप कर क्यों देख रही थी इसका मतलब है वो हमें देखकर उत्तेजित हो रही थी, काफी दिनों से अकेले रहने के कारन वो कुंठित हो गयी है | खुद अकेली है इसलिए दूसरो का सेक्स देखती है और एन्जॉय करती है | राजू की आंखे फ़ैल गयी - अबे साले तेरे को इतना सब कैसे पता है |
प्रियम-बस पता है, चाची चुदासी है और कोई बात नहीं |
राजू-तो तू क्या सोच रहा है बे, साले.........ये गलत है |
प्रियम-सही गलत तू मुझे मत समझा, तूने तो अपनी मामा की लड़की की कुवारी चूत चोद कर अपना कुवांरापन मिटा लिया है, इसके अलावा तूने शर्मा जी बेटी की भी कुंवारी चूत का शुभारम्भ किया था तू अब कुवारा तो है नहीं और चाहता है मै कुंवारे लंड को लेकर अगले १० साल और घूमता रहु|
राजू-मेरा वो मतलब नहीं था, लेकिन अपनी उम्र देख और चाची की |
प्रियम- तू तो अपना कुंवारापन खो चूका है, दो कुंवारी चूत चोद चूका है, साले ममेरी बहन को चोद डाला और मुझे ज्ञान पेल रहा है |
राजू-नहीं दोस्त ऐसा नहीं है, जिन लडकियों को मैंने चोदा है वो मेरी ही उम्र की थी, लेकिन चाची तेरी तेरे बाप की उम्र की है, हो सकता है तेरे डैड ने भी उन्हें चोदाना चाहा हो, लेकिन रीमा चाची को देखकर लगता नहीं कि वो मानी होगी |
प्रियम-तू भोसड़ी के चुतिया ही रहेगा, चूत चूत होती है लंड लड़ होता है | चूत चुदने के लिए होती है और लंड चोदने के लिए होता है | चुदाई में किसकी चूत किसका लंड नहीं देखा जाता | चूत में लंड पेला जाता है बस | मुझे अपना कुंवारापन खोना है, और मै चाची को चोद के अपने लंड का सुभारम्भ करूगां | यह कहकर वो चुदाई की कल्पना करने लगा |
राजू-तू चुतिया है भोसड़ी के, साले कभी चोदा हो किसी लड़की को तो जाने न | साले जो लड़की चुदने को तैयार बैठी हो उसके भी हजार नखरे होते है, माथे से लेकर गांड तक पसीना आ जाता है मनाने में | और वो तेरी चाची है, रंडी नहीं की तू जायेगा और जांघे खोलकर लंड पेल देगा | तेरे बाप को पता चला न तो तुझे इतना पेलेगे तुझे की फिर अगले १० साल के लिए चूत पेलने का ख्याल ही दिमाग से निकल जायेगा |
प्रियम-तूने चुदाई सीख ली है तो ज्यादा डायलॉग मत मार |
राजू- मै डायलॉग नहीं मार रहा हूँ, मै बस इतना कह रहा हूँ मेहनत वहां कर जहाँ कुछ मिले | नूतन दो तीन महीने में मान जाएगी लेकिन तेरी चाची जिसको तेरा बाप १० साल में नहीं मना पाया उसके सपने देखना बंद कर | जिंदगी गुजर जाएगी चाची की चूत न मिलेगी |
प्रियम-देख कल पूरी रात मैंने इस बारे में सोचा है, और मै रीमा चाची को बहुत अच्छी तरह जानता हूँ, मै वही करूगां जो मैंने तय कर लिया है |
राजू- तू मरेगा और मुझे भी मरवाएगा |
प्रियम-मै अपनी वेर्जिनिटी रीमा चाची को चोदकर ही लूज करूगां, ये मैंने तय कर लिया है |
राजू-अच्छा ठीक है तूने तय कर लिया है तो ठीक है, अब ये बता ये करेगा कैसे ?
प्रियम-ज्यादा कुछ अभी सोचा नहीं लेकिन एक प्लान है दिमाग में मेरे
राजू-क्या?
प्रियम-मैं चाची के पास आँखों में आंसू लेकर जाउगां, उनसे कमरे में हुई घटना के लिए माफ़ी मांगूगा, उनसे रिक्वेस्ट करूगां की मुझे जीवन के रहस्य बताये, मै उन्हें इमोशंस से ब्लैकमेल करूगां, मै बोलुगा की बचपन में ही मेरी माँ मुझे छोड़कर चली गयी, इसलिए मुझे लडकियों के बारे में कुछ नहीं पता है, और डैड से पूछना बड़ा शर्मिन्द्दगी भरा होगा | अगर मेरी माँ होती तो वो सब बाते जो मै लड़कियों के बारे में नहीं जानता हूँ वो मुझे बताती | उन्हें अहसास करवा के रहूगां की माँ के न होने से मै किन किन बातो से अनजान रह गया हूँ, और वो मेरी माँ की कमी पूरी कर सकती है मुझे लड़का लड़की के रिश्ते, उनकी शरीर की बनावट और उनके बीच होने वाली हर गुप्त बात के बारे में बता सकती है |
राजू संदेह करते हुए-क्या इतने से तेरी चाची मान जाएगी ?
प्रियम-मैंने उनको मनाने के लिए कुछ और भी इंतजाम किया है, हशीश ?
राजू-लेकिन वो तो स्मोक करती ही नहीं, और अभी तो वो गुस्से में भी होगी |
प्रियम-हाँ मुझे पता है, इसीलिए मैंने प्रिया से बात करी है, उसकी माँ उसके कॉलेज कुकिंग प्रोजेक्ट के लिए पेस्ट्री बना रही है, मैंने भी उससे चार पांच पेस्ट्री मेरे लिए बनाने को बोला है, बदले में मुझे उसे कुछ ज्यादा हशीश देनी पड़ेगी| प्रिया चुपके से थोड़ी हशीश मेरी पेस्ट्री के मटेरियल में मिला देगी | रीमा चाची को मै बोल दूगा की कॉलेज में कुकिंग फेस्ट में मेरी क्लास की टीम फर्स्ट आई है और मॉनिटर होने नाते मुझे ५ पेस्ट्री गिफ्ट में दी है |
राजू-तुझे क्या लगता है वो खा लेगी? मान लो खा भी लिया तो क्या सेक्स के लिए उत्तेजित हो जाएगी|
प्रियम-उन्हें क्या पता की पेस्ट्री खाकर ही वो उत्तेजित जाएगी, ये तो मै जानता हूँ की पेस्ट्री में क्या है | पेस्ट्री खिलाने के बाद मै उनसे चुदाई की सेक्सी बाते पूछने लागूगा, मुझे पता वो चुदाई न हो पाने के कारन गरम रहती है, और हो सकता चुदाई और आदमी औरत के बारे में बात करते करते उत्तेजित हो जाये, हो सकता है चुदाई के लिए भी राजी हो जाये | (आंख मारते हुए)
जब भी वो रीमा को देखता एक बार ये ख्याल जरुर आता की वो अपने दिल की बात उसको कह दे | आखिर वो भी अकेला है और रीमा भी अकेली है | जवानी में सेक्स उफान मारता ही है लेकिन रीमा जिस तरह से खुद की पतिव्रता इमेज में खुद को बांधे थी उस वजह से रोहित की कभी हिम्मत ही नहीं हुई ऐसी बात करने की | रीमा सिर्फ रोहित के मरे भाई की बीबी नहीं थी बल्कि उसकी सबसे बड़ी फंतासी थी जिसके लिए रोहित अलग अलग लडकियों को पटाकर अपनी फंतासी न पूरा कर पाने की खीझ मिटाता था | रीमा खूबसूरत थी, भरा पूरा शरीर था हालाँकि मेकअप नहीं लगाती थी फिर भी बच्चे से बूढ़ा जो भी एक बार देख लेता था फिर नजरो से ओझल होने तक उसको ही देखता रहता था | रोहित भी पार्टी में जब ड्रिंक पीकर धुत होता था तब अकसर रीमा की बांहों में सिमट के घर आता था और ऐसा वो जानबूझकर करता था | जब भी वो इसको कार में बैठाती, वो नीद के बहाने अपना सर रीमा के सीने पर रख देता और छोटे बच्चे की तरह सोने का नाटक करने लगता,हालाँकि इतना करीब होने के बावजूद उसकी कभी हिम्मत नहीं हुई की सीने से सर उठाकर उसके चेहरे तक ले जाये और उसके रसीले ओठ चूम ले | साल दर साल इसी तरह गुजरते रहे, दिल की तमन्ना दिल के कोने में ही दबी रह गयी | रीमा भी रोहित का साथ चाहती थी लेकिन रिश्तो की मर्यादा लोकलाज और खुद की बनायीं इमेज में उसकी सारी खवाइश दब गयी | रीमा भी रोहित को उसके घर छोड़कर अपने घर चली जाती थी | कभी खुद की बनायीं लक्ष्मण रेखा लांघी ही नहीं |
रोहित को आज की घटना के बाद लगा, रीमा ने नूतन प्रियम के बारे में उसे बढ़ा चढ़ा कर बताया है, इतने साल अकेले रहने के कारण क्या वो सेक्सुअली अवसाद में तो नहीं चली गयी | उसने कई सालो से सेक्स नहीं किया है और उसका कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं है | इसलिए सेक्सुअल चीजो को लेकर कुंठित हो गयी है | बच्चो के कमरे में घुसने से पहले काफी देर तक झांक कर उनकी फन एक्टिविटी को सेक्स बता रही है | लगता है रीमा को सेक्स की तलब है, उसको चुदाई चाहिए | लेकिन अगले पल ही उसके दिमाग में सवाल आया ये मै कैसे कर सकता हूँ?
अगले दिन राजू और प्रियम जब कॉलेज जा रहे थे तो रास्ते में राजू ने पूछ लिया - प्रियम तेरे पापा ने क्या कहा, पिटाई तो नहीं की |
प्रियम-किस बात को लेकर?
राजू ने इशारे से समझाने की कोशिश की | प्रियम-नहीं यार मेरे डैड बहुत अच्छे है, उन्होंने ने बस इतना कहा की मै अभी इन सब चीजो के लिए बहुत छोटा हूँ और अभी कुछ साल उसे ये सब नहीं करना चाहिए |
राजू चहकते हुए-अबे बस इतना ही, साले मुझे तो लगा था की तेरी हड्डी पसली तोड़ देंगे|
प्रियम-नहीं यार ऐसा कुछ नहीं हुआ, मेरे डैड बहुत कूल है| लेकिन मेरी एक बात समझ नहीं आई वो ये क्यों पूछ रहे थे की चाची सीधे कमरे में आ गयी या छुप छुप के दरवाजे की ओट से हमें देख रही थी |
राजू-मतलब?
प्रियम-अरे यार मतलब क्या वो हमें पहले से देख रही थी? कही हमें देखकर वो.....इतना कहकर उसने दाई आंख मार दी|
राजू-साले तेरी चाची है कुछ तो लिहाज रख |
प्रियम- फिर हमें छुप छुप कर क्यों देख रही थी इसका मतलब है वो हमें देखकर उत्तेजित हो रही थी, काफी दिनों से अकेले रहने के कारन वो कुंठित हो गयी है | खुद अकेली है इसलिए दूसरो का सेक्स देखती है और एन्जॉय करती है | राजू की आंखे फ़ैल गयी - अबे साले तेरे को इतना सब कैसे पता है |
प्रियम-बस पता है, चाची चुदासी है और कोई बात नहीं |
राजू-तो तू क्या सोच रहा है बे, साले.........ये गलत है |
प्रियम-सही गलत तू मुझे मत समझा, तूने तो अपनी मामा की लड़की की कुवारी चूत चोद कर अपना कुवांरापन मिटा लिया है, इसके अलावा तूने शर्मा जी बेटी की भी कुंवारी चूत का शुभारम्भ किया था तू अब कुवारा तो है नहीं और चाहता है मै कुंवारे लंड को लेकर अगले १० साल और घूमता रहु|
राजू-मेरा वो मतलब नहीं था, लेकिन अपनी उम्र देख और चाची की |
प्रियम- तू तो अपना कुंवारापन खो चूका है, दो कुंवारी चूत चोद चूका है, साले ममेरी बहन को चोद डाला और मुझे ज्ञान पेल रहा है |
राजू-नहीं दोस्त ऐसा नहीं है, जिन लडकियों को मैंने चोदा है वो मेरी ही उम्र की थी, लेकिन चाची तेरी तेरे बाप की उम्र की है, हो सकता है तेरे डैड ने भी उन्हें चोदाना चाहा हो, लेकिन रीमा चाची को देखकर लगता नहीं कि वो मानी होगी |
प्रियम-तू भोसड़ी के चुतिया ही रहेगा, चूत चूत होती है लंड लड़ होता है | चूत चुदने के लिए होती है और लंड चोदने के लिए होता है | चुदाई में किसकी चूत किसका लंड नहीं देखा जाता | चूत में लंड पेला जाता है बस | मुझे अपना कुंवारापन खोना है, और मै चाची को चोद के अपने लंड का सुभारम्भ करूगां | यह कहकर वो चुदाई की कल्पना करने लगा |
राजू-तू चुतिया है भोसड़ी के, साले कभी चोदा हो किसी लड़की को तो जाने न | साले जो लड़की चुदने को तैयार बैठी हो उसके भी हजार नखरे होते है, माथे से लेकर गांड तक पसीना आ जाता है मनाने में | और वो तेरी चाची है, रंडी नहीं की तू जायेगा और जांघे खोलकर लंड पेल देगा | तेरे बाप को पता चला न तो तुझे इतना पेलेगे तुझे की फिर अगले १० साल के लिए चूत पेलने का ख्याल ही दिमाग से निकल जायेगा |
प्रियम-तूने चुदाई सीख ली है तो ज्यादा डायलॉग मत मार |
राजू- मै डायलॉग नहीं मार रहा हूँ, मै बस इतना कह रहा हूँ मेहनत वहां कर जहाँ कुछ मिले | नूतन दो तीन महीने में मान जाएगी लेकिन तेरी चाची जिसको तेरा बाप १० साल में नहीं मना पाया उसके सपने देखना बंद कर | जिंदगी गुजर जाएगी चाची की चूत न मिलेगी |
प्रियम-देख कल पूरी रात मैंने इस बारे में सोचा है, और मै रीमा चाची को बहुत अच्छी तरह जानता हूँ, मै वही करूगां जो मैंने तय कर लिया है |
राजू- तू मरेगा और मुझे भी मरवाएगा |
प्रियम-मै अपनी वेर्जिनिटी रीमा चाची को चोदकर ही लूज करूगां, ये मैंने तय कर लिया है |
राजू-अच्छा ठीक है तूने तय कर लिया है तो ठीक है, अब ये बता ये करेगा कैसे ?
प्रियम-ज्यादा कुछ अभी सोचा नहीं लेकिन एक प्लान है दिमाग में मेरे
राजू-क्या?
प्रियम-मैं चाची के पास आँखों में आंसू लेकर जाउगां, उनसे कमरे में हुई घटना के लिए माफ़ी मांगूगा, उनसे रिक्वेस्ट करूगां की मुझे जीवन के रहस्य बताये, मै उन्हें इमोशंस से ब्लैकमेल करूगां, मै बोलुगा की बचपन में ही मेरी माँ मुझे छोड़कर चली गयी, इसलिए मुझे लडकियों के बारे में कुछ नहीं पता है, और डैड से पूछना बड़ा शर्मिन्द्दगी भरा होगा | अगर मेरी माँ होती तो वो सब बाते जो मै लड़कियों के बारे में नहीं जानता हूँ वो मुझे बताती | उन्हें अहसास करवा के रहूगां की माँ के न होने से मै किन किन बातो से अनजान रह गया हूँ, और वो मेरी माँ की कमी पूरी कर सकती है मुझे लड़का लड़की के रिश्ते, उनकी शरीर की बनावट और उनके बीच होने वाली हर गुप्त बात के बारे में बता सकती है |
राजू संदेह करते हुए-क्या इतने से तेरी चाची मान जाएगी ?
प्रियम-मैंने उनको मनाने के लिए कुछ और भी इंतजाम किया है, हशीश ?
राजू-लेकिन वो तो स्मोक करती ही नहीं, और अभी तो वो गुस्से में भी होगी |
प्रियम-हाँ मुझे पता है, इसीलिए मैंने प्रिया से बात करी है, उसकी माँ उसके कॉलेज कुकिंग प्रोजेक्ट के लिए पेस्ट्री बना रही है, मैंने भी उससे चार पांच पेस्ट्री मेरे लिए बनाने को बोला है, बदले में मुझे उसे कुछ ज्यादा हशीश देनी पड़ेगी| प्रिया चुपके से थोड़ी हशीश मेरी पेस्ट्री के मटेरियल में मिला देगी | रीमा चाची को मै बोल दूगा की कॉलेज में कुकिंग फेस्ट में मेरी क्लास की टीम फर्स्ट आई है और मॉनिटर होने नाते मुझे ५ पेस्ट्री गिफ्ट में दी है |
राजू-तुझे क्या लगता है वो खा लेगी? मान लो खा भी लिया तो क्या सेक्स के लिए उत्तेजित हो जाएगी|
प्रियम-उन्हें क्या पता की पेस्ट्री खाकर ही वो उत्तेजित जाएगी, ये तो मै जानता हूँ की पेस्ट्री में क्या है | पेस्ट्री खिलाने के बाद मै उनसे चुदाई की सेक्सी बाते पूछने लागूगा, मुझे पता वो चुदाई न हो पाने के कारन गरम रहती है, और हो सकता चुदाई और आदमी औरत के बारे में बात करते करते उत्तेजित हो जाये, हो सकता है चुदाई के लिए भी राजी हो जाये | (आंख मारते हुए)