07-05-2019, 09:52 PM
अपडेट- 11
राज अपने बैग के पास जाने के लिए जैसे ही खड़ा होता है। उसके लन्ड में भयंकर दर्द होने लगता है। राज को इस वक़्त ऐसा मेहसूस हो रहा था जैसे हजारों सुईयां राज के लन्ड में चुबाई जा रही हो। राज दर्द को बर्दाश्त करते हुए धीरे-धीरे अपना पेंट खोलता है लेकिन उसे और तेज दर्द होने लगता है।
अब दर्द इतना बढ़ चुका था कि राज बहुत तेजी से चिल्लाता है।
राज: मम्मीsssssssssssssss
अब आगे.....
राज मम्मी चिल्लाते हुए घुटने मोड़ कर बैड पर लेट जाता है।
नीचे राज की मम्मी सरिता राज के पाप गिरधारी से इधर-उधर की बातें कर रही थी कि अचानक से राज की चीख सुनाई पड़ती है।
राज की ये चीख सुनकर कोई भी कह सकता था कि लड़का वाकई में भयंकर दर्द से गुजरा होगा तभी ऐसी चीख निकली है।
राज की चीख सुनकर गिरधारी और सरिता दोनो दौड़ते हुए राज के कमरे में घुसते है।
जैसे ही गिरधारी और सरिता राज के कमरे में घुसते है वो नीली रोशनी जो राज के बैग से निकल रही थी अब बन्द हो गयी थी। लेकिन राज अभी भी दर्द में तड़प रहा था।
राज को ऐसे दर्द में तड़पता देख कर राज की मम्मी सरिता राज को दुलारते हुए उसे पूछती है कि क्या हुआ। लेकिन राज आंखें बंद करके रोये जा रहा था।
गिरधारी राज की मम्मी के कंधों को पकड़ कर उसे भी संभाले जा रहा था।
तभी सरिता की नज़र राज के हाथों पर जाती है। राज के हाथ पेंट के ऊपर से अपने लन्ड को पकड़े हुए थे।
सरिता एक बार तो सकते में आ जाती है फिर कुछ सोच कर मुस्कुराने लगती है।
सरिता: ओह! तो ये बात है।
गिरधारी: क्या हुआ????
सरिता : आपके लाडले ने चैन में फसा लिया होगा तभी तो इतना....
(सरिता इतना बोलकर मुह पर हाथ लगा कर हँसने लगी)
तभी राज अपनी पेंट से हाथ हटा कर बेहोश हो जाता है।
अचानक से राज को बेहोश होते ही सरिता और गिरधारी दौनो बुरी तरह से डर जाते है।
गिरधारी: अरे यार तुम डॉक्टर हो तुम देखो ना क्या हुआ है राज को
लेकिन सरिता तो जैसे बुरी तरह से डर गई थी। आखिर माँ है ना। एक माँ के सामने जब उसका 10 वीं में पढ़ने वाला बच्चा दर्द से कराहता हुआ बेहोश हो जाये तो उस पर क्या गुजरती है ये कोई भी शब्दों में नही बता सकता।
गिरधारी सरिता के कुछ भी ना कर पाने से परेशान हो जाता है। गिरधारी तुरंत राज को गौद मैं बिठा कर गाड़ी नीचे गाड़ी में ले जाता है। पीछे पीछे सरिता भी दौड़ी दौड़ी चली जाती है।
गिरधारी राज को पास ही के एक हॉस्पिटल में ले जाता है। जहां पर शाम के समय ज्यादातर डॉक्टर चाय के लिए कैंटीन की और जा चुके थे। तभी किसी वार्ड से एक लेडी डॉक्टर निकलती है।
वो जैसे ही बाहर निकलती है बाहर सरिता को देखती है।
(डॉक्टर का नाम है प्रिया)
डॉक्टर प्रिया: हे सरिता मेम आप यहां ?
सरिता उस डॉक्टर को पहचान ने की कोशिश करती है लेकिन नही पहचान पाती...
तभी बीच में गिरधारी
गिरधारी: डॉक्टर प्लीज आप मेरे बच्चे को देखिए ये अचानक से बेहोश हो गया।
डॉक्टर: हुआ क्या है इसको, कोई चोट वगैरा?
सरिता : नहीं नहीं ऐसा कुछ नही हुआ ये ऊपर कमरे से अचानक से चिल्लाया और जब हम पहुंचे तो ये थोड़ी ही देर में बेहोश हो गया।
डॉक्टर: ठीक है मैं देखती हूँ इतना बोलकर प्रिया स्टाफ से बोलकर राज को तुरंत इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट करवा देती है।
ये इमरजेंसी वार्ड एक बन्द कमरा था। डॉक्टर प्रिया तुरंत मुह पर मास्क लगा कर 2 नर्स को लेकर रूम मैं चली जाती है।
डॉक्टर: रिमूव क्लोथ्स,
नर्स आपस में मिलकर राज के कपड़े उतारने लगती है।जैसे ही राज का शर्ट उतारती है तो देखती है कि राज का खास तौर पर सीने, पेट, हाथ, की मसल बुरी तरह से खींच रही हो।
दूसरी नर्स राज का पेंट उतारती है तो राज का लन्ड एक दम खड़ा था लेकिन अंडरवियर में था।
प्रिया राज के खड़े लन्ड को देख कर मुस्कुरा पड़ती है।
प्रिया मन ही मन सोचती है कि " आज कल के लड़के भी ना इतनी छोटी सी बात पर बेहोश हो जाते है। और ये तो लड़कियों से भी ज्यादा कमजोर लग रहा है।
अभी प्रिया ये सोच ही रही थी को नर्स ने राज की अंडरवियर भी निकाल दी।
राज की अंडरवियर निकलते ही नर्स समेत डॉक्टर प्रिया का मुह भी खुला का खुला रह जाता है।.
नर्स: मैडम ये....
नर्स ने अभी इतना ही कहा था कि प्रिया ने उसे रुकने का एक हाथ से इशारा कर दिया।
प्रिया और नर्स राज के लन्ड को देखते है कि राज का लन्ड करीब पांच इंच लंबा और तीन साडे तीन इंच मोटा था। लेकिन इस से भी बड़ी चोंकाने की बात ये थी कि राज का लन्ड बेहोशी में भी खड़ा था ओर उसका रंग....
राज के लन्ड का रंग एक दम बैंगनी पैड गया था। राज के लन्ड की एक-एक नस साफ-साफ देखी जा सकती थी। राज के लन्ड को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे किसी बहुत ही ज़हरीले सांप ने काट लिया हो और उसका लन्ड नीला पड़ गया हो।
प्रिया जल्दी जल्दी राज को कुछ इंजेक्शन लगाती है और उसे हॉस्पिटल के कपड़े पहना कर बाहर आ। जाती है।
जैसे ही प्रिया इमरजेंसी रूम से बाहर निकलती है गिरधारी और सरिता प्रिया से राज के बारे में बैचैन होकर पूछने लगते है।
डॉक्टर प्रिया: ही इज ऑल राइट... अभी सो रहा है आप 2-3 घंटों में उस से मिल सकते है ही इस फाइन।
सरिता और गिरधारी: लेकिन डॉक्टर उसे हुआ क्या था?
डॉक्टर प्रिया: अम्म्म मैम क्या मैं आपसे अकेले में बात कर सकती हूँ प्लीज।
सरिता चोंकते हुए गिरधारी की तरफ देखती है और फिर यस श्योर बोलकर प्रिया के साथ उसके केबिन में चली जाती है।
प्रिया: मेम आपने मुझे पहचाना नहीं?
सरिता:??????? नहीं तो, क्या मैं आपको जानती हूँ?
प्रिया: मेम मैं प्रिया हूँ याद आपने मुझे मुम्बई मैं उस आ इंटर्न ट्रैन किया था और फिर आपने ही मुझे कॉलेज में स्टूडेंट ऑफ द ईयर का अवार्ड भी दिया था।
सरिता थोड़ा सा दिमाग पर जोर डालते हुए।
सरिता: प्रिया...... ओह हाँ याद आया। अब क्या बोलू तुमसे। इतने बड़े हॉस्पिटल में तुम्हे अस आ डॉक्टर देख कर ही मुझे खुशी है कि तुम ने अपनी लाइफ का गोल पा लिया।
प्रिया: थैंक यू मेम
सरिता: लेकिन प्रिय वो मेरे बेटे को हुआ क्या है?,
प्रिया: क्या? ये आपका बेटा है?
सरिता : हाँ! क्यों?
प्रिया: मेम मैं आपसे कॉलेज टाइम से फ्रैंक एंड अस आ फ्रेंड रही हूँ सो मैं आपको खुल कर सारी बात बताती हूँ।
सरिता: हाँ बिल्कुल बताओ न क्या हुआ है मेरे बेटे को?
प्रिया: पहले ये बताईये इसकी उम्र कितनी है
सरिता : अभी 16 मैं लगा है।क्यों?
प्रिया: मैडम क्या आप अपने बेटे को कोई मेडिसिन दे रही है या फिर ये खुद कुछ ले रहा हो???
सरिता: नो वे! मेरा बेटा तो सर्दी झुकाम की दवाइयां भी नही लेता। उसे तो मेडिसिन के नाम से ही नफरत है।
प्रिया: मैडम मैं गोल गोल बात नही घुमाउंगी। दर असल आपके बेटे का पेनिस अपनी उम्र के हिसाब से काफी बड़ा है और बहुत तेजी से डवलप हो रहा है। पता नही या तो उसे कोई मेडिसिन का रिएक्शन है या फिर कुछ और। आपके बेटे का पेनिस बिल्कुल पर्पल कलर का पड गया था। और उसकी मोटाई मैडम लगभग तीन साडे तीन इंच के करीब होगी।
सरिता: व्हाट???? ये क्या बकवास कर रही हो तुम! तुम्हे मालूम है ना इस तरह से पेशेंट के घर वालो को डरना एक जुर्म है।
प्रिया: सॉरी मेम बट आप मेरे साथ चलिए।
प्रिया सरिता का हाथ पकड़ कर सरिता को राज जिस रूम मैं एडमिट था वह ले जाती है। प्रिया राज के पास बैठ कर राज का हॉस्पिटल वाला गाउन पकड़ साइड करती है। ऐसा करते हि राज का लन्ड सरिता के सामने आ जाता है। इतना करके प्रिया हाथ बांध कर दूर खड़ी हो जाती है।
सरिता अपने मुह पर हाथ लगाए राज के लँड का साइज मोटाई देख रही थी। यहां तक कि अब उसे समझ आ रहा था कि प्रिया उसे कुछ गलत नही बोल रही थी। लेकिन सरिता सबसे ज्यादा परेशान जिस बात से थी वो थी राज के लन्ड का रंग। जो कि अब फिर भी नार्मल हो रहा था धीरे धीरे लेकिन अब भी उसका रंग गहरे बैंगनी रंग का सा था। जैसे कोई जहर का असर हो।
करीब 2 घंटों बाद राज नींद के असर से मुक्त होता है। राज को जब होश आता है तो राज खुद को हॉस्पिटल में पाता है। फिर राज को वो इंसिडेंट याद आता है जो उसकी बेहोशी से पहले हुआ था।
राज बिना किसी को बोले अपने कपड़े पहन लेता है और हॉस्पिटल के कमरे से बाहर निकलता है। राज जैसे ही बाहर निकलता है राज किसी से टकराता है।
राज जिस से टकराता है वो ओर कोई नही डॉक्टर प्रिया थी। जो कि इस वक़्त हॉस्पिटल की यूनिफार्म मैं नहीं थी लेकिन उनका आइडेंटी कार्ड उनके गले में लटक रहा था।
प्रिया: अरे तुम होश में आ गये? और ये क्या चुप-चाप कहाँ जाने का इरादा है? हम्म चलो अंदर बैठो तुम्हारे कुछ टेस्ट करने है।
राज: वो मैं वो वॉशरूम...
प्रिया: वो तो रूम में ही है छोटू लाल... तुम बाहर कहाँ जा रहे हो।
राज: देखिये...
प्रिया: हैं बोलो ना छोटू लाल। (मुस्कुराते हुए)
राज खीझ जाता है ।
राज: एक्सक्यूज मी मैडम पहली बात तो ये है की मेरा नाम राज है। दूसरी बात मैं कोई छोटू लाल नही हूँ।
प्रिया एक बार तो राज का व्यवहार देख कर चोंक जाती है। लेकिन अगले ही पल हंसते हुए राज का हाथ पकड़ कर उसे बेड पर ले जा कर बिठा देती है।
प्रिया: हाँ देखा मैंने काफी बड़ा हो गया है.... (बोलते हुए आंख मारती है)
राज झेंपते हुए जीsssss बस इतना ही बोलता है कि प्रिया को समझ आता है कि उसने क्या बोल इसलिए अपनी बात पलटते हुए प्रिया आगे बोलती है।
प्रिया: मेरा मतलब काफी बड़ा हो गया। काफी अच्छी हेल्थ बना ली है। अच्छा खासा मोटा भी हो गया है।
प्रिया बोलते हुए राज को पीठ देकर अपनी जीभ दांतों के बीच दबा लेती है। दरअसल प्रिया फिलहाल जो कुछ भी बोल रही थी सब का सब डबल मीनिंग जा रहा था। प्रिया राज के शारीरिक विकास के बारे में बोल रही थी लेकिन इनडाइरेक्टली उसकी बात राज के लन्ड के लिए जा रही थी।
राज प्रिया की बातें सुन कर बुरी तरह से झेंप जाता है और बहुत एम्बरसिंग मेहसूस करता है।
प्रिया : चलो मुझे टेस्ट करने दो...
राज एक दम से डर कर अपने दोनो हाथ अपने लन्ड पर रख लेता है और जोर-जोर से गर्दन हिला कर मना करता है।
प्रिया को भी एहसास हो जाता है कि वो फिलहाल कुछ भी बोल रही हो सीधा सीधा डबल मीनिंग ही जा रहा है। ये परिस्थिति खुद प्रिया के लिए भी एम्बरसिंग थी। अचानक से प्रिया की नज़र राज के भोले से चेहरे पर पड़ती जिसे देख कर प्रिया मुस्कुराने लगती है। प्रिया राज को टीज़ करने के मूड में आ गयी थी।
प्रिया: चलो अपनी पेंट उतारो...
राज प्रिया के मुह से इतना सुनते ही शर्मसार हो जाता है। राज ना में गर्दन करता है कि प्रिया की नज़र घडी पर पड़ जाती है जो 6 बजने का संकेत दे रही थी।
अचानक से प्रिया खड़ी हो कर राज को घर कर देखने लगती है और राज से थोडा से गुस्सा दिखा कर पेंट उतारने को बोलती है।
प्रिया: लिसेन आई एम ए डॉक्टर ओके। और मुझे तुम्हारे टेस्ट करने ही पड़ेंगे। तो चुपचाप पेंट उतारो।
राज प्रिया के बदले व्यवहार से डर जाता है। राज बिना कुछ बोले अपनी पेंट उतार देता है। वैसे भी राज के पास इसके अलावा कोई और रास्ता भी नहीं था।
प्रिया राज का लन्ड एक इंच टेप से नापती है और जो रिजल्ट प्रिया के सामने आता है प्रिया थोड़ी सी चोंकती है फिर सोचती है शायद राज को मैंने कुछ ज्यादा ही डरा दिया इस लिए ये रिजल्ट आ रहा है।
जब प्रिया ने राज का लैंड इंच टेप से नापा तो राज का नार्मल लन्ड साइज़ 1.8 इंच के करीब आता है।
प्रिया राज के चेहरे की तरफ देखती है। राज आंखें बंद किये दूसरी और देख रहा था। प्रिया को राज की सिचुएशन समझ कर राज पर दया आ जाती है और वो राज को नार्मल बोल कर हॉस्पिटल से छुट्टी दे देती है।
हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद राज गिरधारी और सरिता के साथ गाड़ी में बैठ कर घर के लिए रवाना हो जाता है।
रास्ते भर गिरधारी सरिता से राज की प्रॉब्लम के बारे में पूछता रहता है। लेकिन सरिता गिरधारी को कोई भी जवाब नही देती सिर्फ इतना बोलती है घर चलो फिर बताती हूँ।
वही घर पर राज की दोनों बहनें रानी और सोनिया अपने माँ बाप का इंतजार कर रही थी।
दोनो घर के गेट के बाहर ही बैठी थी क्यों कि घर तो लॉक था। लगभग 10-15 मिनट में गिरधारी अपने बेटे और पत्नी के साथ घर पहुंच जाता है।
राज और उसका पूरा परिवार एक साथ घर में प्रवेश करता है।
राज अपने बैग के पास जाने के लिए जैसे ही खड़ा होता है। उसके लन्ड में भयंकर दर्द होने लगता है। राज को इस वक़्त ऐसा मेहसूस हो रहा था जैसे हजारों सुईयां राज के लन्ड में चुबाई जा रही हो। राज दर्द को बर्दाश्त करते हुए धीरे-धीरे अपना पेंट खोलता है लेकिन उसे और तेज दर्द होने लगता है।
अब दर्द इतना बढ़ चुका था कि राज बहुत तेजी से चिल्लाता है।
राज: मम्मीsssssssssssssss
अब आगे.....
राज मम्मी चिल्लाते हुए घुटने मोड़ कर बैड पर लेट जाता है।
नीचे राज की मम्मी सरिता राज के पाप गिरधारी से इधर-उधर की बातें कर रही थी कि अचानक से राज की चीख सुनाई पड़ती है।
राज की ये चीख सुनकर कोई भी कह सकता था कि लड़का वाकई में भयंकर दर्द से गुजरा होगा तभी ऐसी चीख निकली है।
राज की चीख सुनकर गिरधारी और सरिता दोनो दौड़ते हुए राज के कमरे में घुसते है।
जैसे ही गिरधारी और सरिता राज के कमरे में घुसते है वो नीली रोशनी जो राज के बैग से निकल रही थी अब बन्द हो गयी थी। लेकिन राज अभी भी दर्द में तड़प रहा था।
राज को ऐसे दर्द में तड़पता देख कर राज की मम्मी सरिता राज को दुलारते हुए उसे पूछती है कि क्या हुआ। लेकिन राज आंखें बंद करके रोये जा रहा था।
गिरधारी राज की मम्मी के कंधों को पकड़ कर उसे भी संभाले जा रहा था।
तभी सरिता की नज़र राज के हाथों पर जाती है। राज के हाथ पेंट के ऊपर से अपने लन्ड को पकड़े हुए थे।
सरिता एक बार तो सकते में आ जाती है फिर कुछ सोच कर मुस्कुराने लगती है।
सरिता: ओह! तो ये बात है।
गिरधारी: क्या हुआ????
सरिता : आपके लाडले ने चैन में फसा लिया होगा तभी तो इतना....
(सरिता इतना बोलकर मुह पर हाथ लगा कर हँसने लगी)
तभी राज अपनी पेंट से हाथ हटा कर बेहोश हो जाता है।
अचानक से राज को बेहोश होते ही सरिता और गिरधारी दौनो बुरी तरह से डर जाते है।
गिरधारी: अरे यार तुम डॉक्टर हो तुम देखो ना क्या हुआ है राज को
लेकिन सरिता तो जैसे बुरी तरह से डर गई थी। आखिर माँ है ना। एक माँ के सामने जब उसका 10 वीं में पढ़ने वाला बच्चा दर्द से कराहता हुआ बेहोश हो जाये तो उस पर क्या गुजरती है ये कोई भी शब्दों में नही बता सकता।
गिरधारी सरिता के कुछ भी ना कर पाने से परेशान हो जाता है। गिरधारी तुरंत राज को गौद मैं बिठा कर गाड़ी नीचे गाड़ी में ले जाता है। पीछे पीछे सरिता भी दौड़ी दौड़ी चली जाती है।
गिरधारी राज को पास ही के एक हॉस्पिटल में ले जाता है। जहां पर शाम के समय ज्यादातर डॉक्टर चाय के लिए कैंटीन की और जा चुके थे। तभी किसी वार्ड से एक लेडी डॉक्टर निकलती है।
वो जैसे ही बाहर निकलती है बाहर सरिता को देखती है।
(डॉक्टर का नाम है प्रिया)
डॉक्टर प्रिया: हे सरिता मेम आप यहां ?
सरिता उस डॉक्टर को पहचान ने की कोशिश करती है लेकिन नही पहचान पाती...
तभी बीच में गिरधारी
गिरधारी: डॉक्टर प्लीज आप मेरे बच्चे को देखिए ये अचानक से बेहोश हो गया।
डॉक्टर: हुआ क्या है इसको, कोई चोट वगैरा?
सरिता : नहीं नहीं ऐसा कुछ नही हुआ ये ऊपर कमरे से अचानक से चिल्लाया और जब हम पहुंचे तो ये थोड़ी ही देर में बेहोश हो गया।
डॉक्टर: ठीक है मैं देखती हूँ इतना बोलकर प्रिया स्टाफ से बोलकर राज को तुरंत इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट करवा देती है।
ये इमरजेंसी वार्ड एक बन्द कमरा था। डॉक्टर प्रिया तुरंत मुह पर मास्क लगा कर 2 नर्स को लेकर रूम मैं चली जाती है।
डॉक्टर: रिमूव क्लोथ्स,
नर्स आपस में मिलकर राज के कपड़े उतारने लगती है।जैसे ही राज का शर्ट उतारती है तो देखती है कि राज का खास तौर पर सीने, पेट, हाथ, की मसल बुरी तरह से खींच रही हो।
दूसरी नर्स राज का पेंट उतारती है तो राज का लन्ड एक दम खड़ा था लेकिन अंडरवियर में था।
प्रिया राज के खड़े लन्ड को देख कर मुस्कुरा पड़ती है।
प्रिया मन ही मन सोचती है कि " आज कल के लड़के भी ना इतनी छोटी सी बात पर बेहोश हो जाते है। और ये तो लड़कियों से भी ज्यादा कमजोर लग रहा है।
अभी प्रिया ये सोच ही रही थी को नर्स ने राज की अंडरवियर भी निकाल दी।
राज की अंडरवियर निकलते ही नर्स समेत डॉक्टर प्रिया का मुह भी खुला का खुला रह जाता है।.
नर्स: मैडम ये....
नर्स ने अभी इतना ही कहा था कि प्रिया ने उसे रुकने का एक हाथ से इशारा कर दिया।
प्रिया और नर्स राज के लन्ड को देखते है कि राज का लन्ड करीब पांच इंच लंबा और तीन साडे तीन इंच मोटा था। लेकिन इस से भी बड़ी चोंकाने की बात ये थी कि राज का लन्ड बेहोशी में भी खड़ा था ओर उसका रंग....
राज के लन्ड का रंग एक दम बैंगनी पैड गया था। राज के लन्ड की एक-एक नस साफ-साफ देखी जा सकती थी। राज के लन्ड को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे किसी बहुत ही ज़हरीले सांप ने काट लिया हो और उसका लन्ड नीला पड़ गया हो।
प्रिया जल्दी जल्दी राज को कुछ इंजेक्शन लगाती है और उसे हॉस्पिटल के कपड़े पहना कर बाहर आ। जाती है।
जैसे ही प्रिया इमरजेंसी रूम से बाहर निकलती है गिरधारी और सरिता प्रिया से राज के बारे में बैचैन होकर पूछने लगते है।
डॉक्टर प्रिया: ही इज ऑल राइट... अभी सो रहा है आप 2-3 घंटों में उस से मिल सकते है ही इस फाइन।
सरिता और गिरधारी: लेकिन डॉक्टर उसे हुआ क्या था?
डॉक्टर प्रिया: अम्म्म मैम क्या मैं आपसे अकेले में बात कर सकती हूँ प्लीज।
सरिता चोंकते हुए गिरधारी की तरफ देखती है और फिर यस श्योर बोलकर प्रिया के साथ उसके केबिन में चली जाती है।
प्रिया: मेम आपने मुझे पहचाना नहीं?
सरिता:??????? नहीं तो, क्या मैं आपको जानती हूँ?
प्रिया: मेम मैं प्रिया हूँ याद आपने मुझे मुम्बई मैं उस आ इंटर्न ट्रैन किया था और फिर आपने ही मुझे कॉलेज में स्टूडेंट ऑफ द ईयर का अवार्ड भी दिया था।
सरिता थोड़ा सा दिमाग पर जोर डालते हुए।
सरिता: प्रिया...... ओह हाँ याद आया। अब क्या बोलू तुमसे। इतने बड़े हॉस्पिटल में तुम्हे अस आ डॉक्टर देख कर ही मुझे खुशी है कि तुम ने अपनी लाइफ का गोल पा लिया।
प्रिया: थैंक यू मेम
सरिता: लेकिन प्रिय वो मेरे बेटे को हुआ क्या है?,
प्रिया: क्या? ये आपका बेटा है?
सरिता : हाँ! क्यों?
प्रिया: मेम मैं आपसे कॉलेज टाइम से फ्रैंक एंड अस आ फ्रेंड रही हूँ सो मैं आपको खुल कर सारी बात बताती हूँ।
सरिता: हाँ बिल्कुल बताओ न क्या हुआ है मेरे बेटे को?
प्रिया: पहले ये बताईये इसकी उम्र कितनी है
सरिता : अभी 16 मैं लगा है।क्यों?
प्रिया: मैडम क्या आप अपने बेटे को कोई मेडिसिन दे रही है या फिर ये खुद कुछ ले रहा हो???
सरिता: नो वे! मेरा बेटा तो सर्दी झुकाम की दवाइयां भी नही लेता। उसे तो मेडिसिन के नाम से ही नफरत है।
प्रिया: मैडम मैं गोल गोल बात नही घुमाउंगी। दर असल आपके बेटे का पेनिस अपनी उम्र के हिसाब से काफी बड़ा है और बहुत तेजी से डवलप हो रहा है। पता नही या तो उसे कोई मेडिसिन का रिएक्शन है या फिर कुछ और। आपके बेटे का पेनिस बिल्कुल पर्पल कलर का पड गया था। और उसकी मोटाई मैडम लगभग तीन साडे तीन इंच के करीब होगी।
सरिता: व्हाट???? ये क्या बकवास कर रही हो तुम! तुम्हे मालूम है ना इस तरह से पेशेंट के घर वालो को डरना एक जुर्म है।
प्रिया: सॉरी मेम बट आप मेरे साथ चलिए।
प्रिया सरिता का हाथ पकड़ कर सरिता को राज जिस रूम मैं एडमिट था वह ले जाती है। प्रिया राज के पास बैठ कर राज का हॉस्पिटल वाला गाउन पकड़ साइड करती है। ऐसा करते हि राज का लन्ड सरिता के सामने आ जाता है। इतना करके प्रिया हाथ बांध कर दूर खड़ी हो जाती है।
सरिता अपने मुह पर हाथ लगाए राज के लँड का साइज मोटाई देख रही थी। यहां तक कि अब उसे समझ आ रहा था कि प्रिया उसे कुछ गलत नही बोल रही थी। लेकिन सरिता सबसे ज्यादा परेशान जिस बात से थी वो थी राज के लन्ड का रंग। जो कि अब फिर भी नार्मल हो रहा था धीरे धीरे लेकिन अब भी उसका रंग गहरे बैंगनी रंग का सा था। जैसे कोई जहर का असर हो।
करीब 2 घंटों बाद राज नींद के असर से मुक्त होता है। राज को जब होश आता है तो राज खुद को हॉस्पिटल में पाता है। फिर राज को वो इंसिडेंट याद आता है जो उसकी बेहोशी से पहले हुआ था।
राज बिना किसी को बोले अपने कपड़े पहन लेता है और हॉस्पिटल के कमरे से बाहर निकलता है। राज जैसे ही बाहर निकलता है राज किसी से टकराता है।
राज जिस से टकराता है वो ओर कोई नही डॉक्टर प्रिया थी। जो कि इस वक़्त हॉस्पिटल की यूनिफार्म मैं नहीं थी लेकिन उनका आइडेंटी कार्ड उनके गले में लटक रहा था।
प्रिया: अरे तुम होश में आ गये? और ये क्या चुप-चाप कहाँ जाने का इरादा है? हम्म चलो अंदर बैठो तुम्हारे कुछ टेस्ट करने है।
राज: वो मैं वो वॉशरूम...
प्रिया: वो तो रूम में ही है छोटू लाल... तुम बाहर कहाँ जा रहे हो।
राज: देखिये...
प्रिया: हैं बोलो ना छोटू लाल। (मुस्कुराते हुए)
राज खीझ जाता है ।
राज: एक्सक्यूज मी मैडम पहली बात तो ये है की मेरा नाम राज है। दूसरी बात मैं कोई छोटू लाल नही हूँ।
प्रिया एक बार तो राज का व्यवहार देख कर चोंक जाती है। लेकिन अगले ही पल हंसते हुए राज का हाथ पकड़ कर उसे बेड पर ले जा कर बिठा देती है।
प्रिया: हाँ देखा मैंने काफी बड़ा हो गया है.... (बोलते हुए आंख मारती है)
राज झेंपते हुए जीsssss बस इतना ही बोलता है कि प्रिया को समझ आता है कि उसने क्या बोल इसलिए अपनी बात पलटते हुए प्रिया आगे बोलती है।
प्रिया: मेरा मतलब काफी बड़ा हो गया। काफी अच्छी हेल्थ बना ली है। अच्छा खासा मोटा भी हो गया है।
प्रिया बोलते हुए राज को पीठ देकर अपनी जीभ दांतों के बीच दबा लेती है। दरअसल प्रिया फिलहाल जो कुछ भी बोल रही थी सब का सब डबल मीनिंग जा रहा था। प्रिया राज के शारीरिक विकास के बारे में बोल रही थी लेकिन इनडाइरेक्टली उसकी बात राज के लन्ड के लिए जा रही थी।
राज प्रिया की बातें सुन कर बुरी तरह से झेंप जाता है और बहुत एम्बरसिंग मेहसूस करता है।
प्रिया : चलो मुझे टेस्ट करने दो...
राज एक दम से डर कर अपने दोनो हाथ अपने लन्ड पर रख लेता है और जोर-जोर से गर्दन हिला कर मना करता है।
प्रिया को भी एहसास हो जाता है कि वो फिलहाल कुछ भी बोल रही हो सीधा सीधा डबल मीनिंग ही जा रहा है। ये परिस्थिति खुद प्रिया के लिए भी एम्बरसिंग थी। अचानक से प्रिया की नज़र राज के भोले से चेहरे पर पड़ती जिसे देख कर प्रिया मुस्कुराने लगती है। प्रिया राज को टीज़ करने के मूड में आ गयी थी।
प्रिया: चलो अपनी पेंट उतारो...
राज प्रिया के मुह से इतना सुनते ही शर्मसार हो जाता है। राज ना में गर्दन करता है कि प्रिया की नज़र घडी पर पड़ जाती है जो 6 बजने का संकेत दे रही थी।
अचानक से प्रिया खड़ी हो कर राज को घर कर देखने लगती है और राज से थोडा से गुस्सा दिखा कर पेंट उतारने को बोलती है।
प्रिया: लिसेन आई एम ए डॉक्टर ओके। और मुझे तुम्हारे टेस्ट करने ही पड़ेंगे। तो चुपचाप पेंट उतारो।
राज प्रिया के बदले व्यवहार से डर जाता है। राज बिना कुछ बोले अपनी पेंट उतार देता है। वैसे भी राज के पास इसके अलावा कोई और रास्ता भी नहीं था।
प्रिया राज का लन्ड एक इंच टेप से नापती है और जो रिजल्ट प्रिया के सामने आता है प्रिया थोड़ी सी चोंकती है फिर सोचती है शायद राज को मैंने कुछ ज्यादा ही डरा दिया इस लिए ये रिजल्ट आ रहा है।
जब प्रिया ने राज का लैंड इंच टेप से नापा तो राज का नार्मल लन्ड साइज़ 1.8 इंच के करीब आता है।
प्रिया राज के चेहरे की तरफ देखती है। राज आंखें बंद किये दूसरी और देख रहा था। प्रिया को राज की सिचुएशन समझ कर राज पर दया आ जाती है और वो राज को नार्मल बोल कर हॉस्पिटल से छुट्टी दे देती है।
हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद राज गिरधारी और सरिता के साथ गाड़ी में बैठ कर घर के लिए रवाना हो जाता है।
रास्ते भर गिरधारी सरिता से राज की प्रॉब्लम के बारे में पूछता रहता है। लेकिन सरिता गिरधारी को कोई भी जवाब नही देती सिर्फ इतना बोलती है घर चलो फिर बताती हूँ।
वही घर पर राज की दोनों बहनें रानी और सोनिया अपने माँ बाप का इंतजार कर रही थी।
दोनो घर के गेट के बाहर ही बैठी थी क्यों कि घर तो लॉक था। लगभग 10-15 मिनट में गिरधारी अपने बेटे और पत्नी के साथ घर पहुंच जाता है।
राज और उसका पूरा परिवार एक साथ घर में प्रवेश करता है।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html
[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html
Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
https://xossipy.com/thread-1515.html
[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html
Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750